Shree Kali Mata Chalisa (श्री काली माता चालीसा)

Shree Kali Mata Chalisa का पाठ करने से नकारात्मक शक्तियों और बुरी नज़र से मुक्ति मिलती है और मानसिक चिंताओं से छुटकारा मिलता है। भक्तजन माँ काली की चालीसा काली माँ के आशीर्वाद और कृपा प्राप्ति के लिए करते है।

काली माता चालीसा(Shree Kali Mata Chalisa) के लाभ

  1. दुष्टता और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा: मां काली की चालीसा का पाठ करने से बुरी नजर और नकारात्मकता से सुरक्षा मिल सकती है। मां काली नकारात्मकता को नष्ट करने और शुभता को स्थापित करने की शक्ति रखती हैं।
  2. मानसिक शांति: मां काली की चालीसा का पाठ करने से मानसिक तनाव और चिंताओं का समाधान हो सकता है। यह चालीसा मां काली की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए की जाती है।
  3. संकटों से मुक्ति: श्री काली माता चालीसा का पाठ करने से भक्त को संकटों और मुसीबतों से मुक्ति मिल सकती है। मां काली सभी दुःखों और कष्टों को दूर करने की शक्ति रखती हैं।
  4. भक्ति का विकास: मां काली माता चालीसा का पाठ करने से भक्ति का विकास होता है। यह चालीसा मां काली की प्रशंसा, पूजा, और आराधना के लिए समर्पित है और भक्त को उनके समृद्ध और कृपालु आस्थान के प्रतीक के रूप में मां काली की ओर आकर्षित करती है।
  5. सुख, समृद्धि और सफलता: मां काली की चालीसा का पाठ करने से सुख, समृद्धि, और सफलता प्राप्त की जा सकती है। मां काली की कृपा से भरी हुई यह चालीसा भक्त को स्थायी और संपूर्ण समृद्धि और सफलता प्रदान करने में सहायता कर सकती है।

Shree Kali Mata Chalisa का वीडियो

श्री काली माता चालीसा लिरिक्स हिंदी में (Shree Kali Mata Chalisa lyrics in Hindi)

॥दोहा॥
जयकाली कलिमलहरण,
महिमा अगम अपार ।
महिष मर्दिनी कालिका,
देहु अभय अपार ॥
॥ चौपाई ॥
अरि मद मान मिटावन हारी ।
मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥

अष्टभुजी सुखदायक माता ।
दुष्टदलन जग में विख्याता ॥

भाल विशाल मुकुट छवि छाजै ।
कर में शीश शत्रु का साजै ॥

दूजे हाथ लिए मधु प्याला ।
हाथ तीसरे सोहत भाला ॥4॥

चौथे खप्पर खड्ग कर पांचे ।
छठे त्रिशूल शत्रु बल जांचे ॥

सप्तम करदमकत असि प्यारी ।
शोभा अद्भुत मात तुम्हारी ॥

अष्टम कर भक्तन वर दाता ।
जग मनहरण रूप ये माता ॥

भक्तन में अनुरक्त भवानी ।
निशदिन रटें ॠषी-मुनि ज्ञानी ॥8॥

महशक्ति अति प्रबल पुनीता ।
तू ही काली तू ही सीता ॥

पतित तारिणी हे जग पालक ।
कल्याणी पापी कुल घालक ॥

शेष सुरेश न पावत पारा ।
गौरी रूप धर्यो इक बारा ॥

तुम समान दाता नहिं दूजा ।
विधिवत करें भक्तजन पूजा ॥12॥

रूप भयंकर जब तुम धारा ।
दुष्टदलन कीन्हेहु संहारा ॥

नाम अनेकन मात तुम्हारे ।
भक्तजनों के संकट टारे ॥

कलि के कष्ट कलेशन हरनी ।
भव भय मोचन मंगल करनी ॥

महिमा अगम वेद यश गावैं ।
नारद शारद पार न पावैं ॥16॥

भू पर भार बढ्यौ जब भारी ।
तब तब तुम प्रकटीं महतारी ॥

आदि अनादि अभय वरदाता ।
विश्वविदित भव संकट त्राता ॥

कुसमय नाम तुम्हारौ लीन्हा ।
उसको सदा अभय वर दीन्हा ॥

ध्यान धरें श्रुति शेष सुरेशा ।
काल रूप लखि तुमरो भेषा ॥20॥

कलुआ भैंरों संग तुम्हारे ।
अरि हित रूप भयानक धारे ॥

सेवक लांगुर रहत अगारी ।
चौसठ जोगन आज्ञाकारी ॥

त्रेता में रघुवर हित आई ।
दशकंधर की सैन नसाई ॥

खेला रण का खेल निराला ।
भरा मांस-मज्जा से प्याला ॥24॥

रौद्र रूप लखि दानव भागे ।
कियौ गवन भवन निज त्यागे ॥

तब ऐसौ तामस चढ़ आयो ।
स्वजन विजन को भेद भुलायो ॥

ये बालक लखि शंकर आए ।
राह रोक चरनन में धाए ॥

तब मुख जीभ निकर जो आई ।
यही रूप प्रचलित है माई ॥28॥

बाढ्यो महिषासुर मद भारी ।
पीड़ित किए सकल नर-नारी ॥

करूण पुकार सुनी भक्तन की ।
पीर मिटावन हित जन-जन की ॥15॥

तब प्रगटी निज सैन समेता ।
नाम पड़ा मां महिष विजेता ॥

शुंभ निशुंभ हने छन माहीं ।
तुम सम जग दूसर कोउ नाहीं ॥32॥

मान मथनहारी खल दल के ।
सदा सहायक भक्त विकल के ॥

दीन विहीन करैं नित सेवा ।
पावैं मनवांछित फल मेवा ॥17॥

संकट में जो सुमिरन करहीं ।
उनके कष्ट मातु तुम हरहीं ॥

प्रेम सहित जो कीरति गावैं ।
भव बन्धन सों मुक्ती पावैं ॥36॥

काली चालीसा जो पढ़हीं ।
स्वर्गलोक बिनु बंधन चढ़हीं ॥

दया दृष्टि हेरौ जगदम्बा ।
केहि कारण मां कियौ विलम्बा ॥

करहु मातु भक्तन रखवाली ।
जयति जयति काली कंकाली ॥

सेवक दीन अनाथ अनारी ।
भक्तिभाव युति शरण तुम्हारी ॥40॥

॥दोहा॥
प्रेम सहित जो करे,
काली चालीसा पाठ ।
तिनकी पूरन कामना,
होय सकल जग ठाठ ॥

श्री काली माता चालीसा लिरिक्स इंग्लिश में (Shree Kali Mata Chalisa lyrics in English)

Shree kali Mata ki Photo

॥Dohaa॥
jayakaalii kalimalaharaṇ,
mahimaa agam apaar .
mahish mardinii kaalikaa,
dehu abhay apaar ॥
॥ Chowpaaii ॥
ari mad maan miṭaavan haarii .
muṇḍamaal gal sohat pyaarii ॥

ashṭabhujii sukhadaayak maataa .
dushṭadalan jag men vikhyaataa ॥

bhaal vishaal mukuṭ chhavi chhaajai .
kar men shiish shatru kaa saajai ॥

duuje haath lie madhu pyaalaa .
haath tiisare sohat bhaalaa ॥4॥

chowthe khappar khaḍg kar paanche .
chhaṭhe trishuul shatru bal jaanche ॥

saptam karadamakat asi pyaarii .
shobhaa adbhut maat tumhaarii ॥

ashṭam kar bhaktan var daataa .
jag manaharaṇ ruup ye maataa ॥

bhaktan men anurakt bhavaanii .
nishadin raṭen ॠshii-muni jñaanii ॥8॥

mahashakti ati prabal puniitaa .
tuu hii kaalii tuu hii siitaa ॥

patit taariṇii he jag paalak .
kalyaaṇii paapii kul ghaalak ॥

shesh suresh n paavat paaraa .
gowrii ruup dharyo ik baaraa ॥

tum samaan daataa nahin duujaa .
vidhivat karen bhaktajan puujaa ॥12॥

ruup bhayankar jab tum dhaaraa .
dushṭadalan kiinhehu samhaaraa ॥

naam anekan maat tumhaare .
bhaktajanon ke sankaṭ ṭaare ॥

kali ke kashṭ kaleshan haranii .
bhav bhay mochan mangal karanii ॥

mahimaa agam ved yash gaavain .
naarad shaarad paar n paavain ॥16॥

bhuu par bhaar baḍhyow jab bhaarii .
tab tab tum prakaṭiin mahataarii ॥

aadi anaadi abhay varadaataa .
vishvavidit bhav sankaṭ traataa ॥

kusamay naam tumhaarow liinhaa .
usako sadaa abhay var diinhaa ॥

dhyaan dharen shruti shesh sureshaa .
kaal ruup lakhi tumaro bheshaa ॥20॥

kaluaa bhainron sang tumhaare .
ari hit ruup bhayaanak dhaare ॥

sevak laangur rahat agaarii .
chowsaṭh jogan aajñaakaarii ॥

tretaa men raghuvar hit aaii .
dashakandhar kii sain nasaaii ॥

khelaa raṇ kaa khel niraalaa .
bharaa maans-majjaa se pyaalaa ॥24॥

rowdr ruup lakhi daanav bhaage .
kiyow gavan bhavan nij tyaage ॥

tab aisow taamas chadh aayo .
svajan vijan ko bhed bhulaayo ॥

ye baalak lakhi shankar aae .
raah rok charanan men dhaae ॥

tab mukh jiibh nikar jo aaii .
yahii ruup prachalit hai maaii ॥28॥

baaḍhyo mahishaasur mad bhaarii .
piidit kie sakal nar-naarii ॥

karuuṇ pukaar sunii bhaktan kii .
piir miṭaavan hit jan-jan kii ॥

tab pragaṭii nij sain sametaa .
naam padaa maan mahish vijetaa ॥

shunbh nishunbh hane chhan maahiin .
tum sam jag duusar kou naahiin ॥32॥

maan mathanahaarii khal dal ke .
sadaa sahaayak bhakt vikal ke ॥

diin vihiin karain nit sevaa .
paavain manavaanchhit phal mevaa ॥

sankaṭ men jo sumiran karahiin .
unake kashṭ maatu tum harahiin ॥

prem sahit jo kiirati gaavain .
bhav bandhan son muktii paavain ॥36॥

kaalii chaaliisaa jo padhahiin .
svargalok binu bandhan chadhahiin ॥

dayaa dṛshṭi herow jagadambaa .
kehi kaaraṇ maan kiyow vilambaa ॥

karahu maatu bhaktan rakhavaalii .
jayati jayati kaalii kankaalii ॥

sevak diin anaath anaarii .
bhaktibhaav yuti sharaṇ tumhaarii ॥40॥

॥dohaa॥
prem sahit jo kare,
kaalii chaaliisaa paaṭh .
tinakii puuran kaamanaa,
hoy sakal jag ṭhaaṭh ॥

माता की यह चालीसा पढ़े



Shree Kali Mata Chalisa pdf

Shree Kali Mata Chalisa से जुड़े सामान्य प्रश्न

श्री काली माता चालीसा क्या है?

श्री काली माता चालीसा(Shree Kali Mata Chalisa) देवी काली को समर्पित एक भक्ति भजन या प्रार्थना है। यह हिंदू भक्तों के बीच पूजा का एक लोकप्रिय रूप है।

देवी काली कौन हैं?

देवी काली हिंदू देवी का एक शक्तिशाली और उग्र रूप है, जिसे अक्सर विनाश, समय और परिवर्तन से जोड़ा जाता है। उन्हें मातृ प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक भी माना जाता है।

श्री काली माता चालीसा(Shree Kali Mata Chalisa) का पाठ करने का उद्देश्य क्या है?

Shree Kali Mata Chalisa का पाठ करने का प्राथमिक उद्देश्य देवी काली का आशीर्वाद और सुरक्षा प्राप्त करना है। भक्त आध्यात्मिक विकास, बाधाओं को दूर करने और मार्गदर्शन प्राप्त करने सहित विभिन्न कारणों से इसका पाठ कर सकते हैं।

श्री काली माता चालीसा का पाठ कैसे किया जाता है?

श्री काली माता चालीसा(Shree Kali Mata Chalisa) का पाठ आमतौर पर भक्तिपूर्ण माहौल में किया जाता है। भक्त अक्सर देवी काली की छवि या मूर्ति के सामने बैठते हैं, दीपक या धूप जलाते हैं और भक्तिपूर्वक चालीसा का पाठ करते हैं। इसका जाप 108 बार या 9 के गुणक में करने की प्रथा है।

क्या कोई श्री काली माता चालीसा(Shree Kali Mata Chalisa) का पाठ कर सकता है?

हाँ, कोई भी Shree Kali Mata Chalisa का पाठ कर सकता है, चाहे उसकी उम्र, लिंग या पृष्ठभूमि कुछ भी हो। यह भक्ति और प्रार्थना का एक रूप है जो सभी के लिए खुला है।

क्या श्री काली माता चालीसा से जुड़े कोई विशेष अवसर या त्यौहार हैं?

भक्त अक्सर देवी काली को समर्पित त्योहारों, जैसे काली पूजा या नवरात्रि के दौरान चालीसा का पाठ करते हैं। कुछ लोग इसका पाठ मंगलवार या शुक्रवार को भी करते हैं, जो उनकी पूजा के लिए शुभ दिन माने जाते हैं।

क्या श्री काली माता चालीसा(Shree Kali Mata Chalisa) का पाठ करने के लिए दिन का कोई विशेष समय है?

हालाँकि Shree Kali Mata Chalisa का पाठ करने के लिए दिन के समय के संबंध में कोई सख्त नियम नहीं है, कई भक्त अपनी दैनिक पूजा दिनचर्या के हिस्से के रूप में सुबह या शाम को ऐसा करना चुनते हैं।

क्या श्री काली माता चालीसा(Shree Kali Mata Chalisa) का पाठ किसी भी भाषा में किया जा सकता है?

हाँ, Shree Kali Mata Chalisa का पाठ किसी भी भाषा में किया जा सकता है जिसमें भक्त सहज हो। हालाँकि, इसका पाठ सबसे अधिक हिंदी या संस्कृत में किया जाता है।

श्री काली माता चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?

भक्तों का मानना है कि भक्तिपूर्वक Shree Kali Mata Chalisa का पाठ करने से आशीर्वाद, सुरक्षा और आध्यात्मिक विकास हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह जीवन में बाधाओं और कष्टों पर नियंत्रण में भी मदद करता है।

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