श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)

श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa) एक हिन्दू धार्मिक चालीसा है जो माँ नर्मदा की महिमा और महत्त्व की प्रशंसा करने के लिए गाया जाता है। यह गीत नर्मदा देवी के प्रति भक्ति और आदर करने के लिए गाया जाता है और उनकी कृपा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है। इस चालीसा को पढ़कर या गाकर भक्त नर्मदा माता से आशीर्वाद की कामना करते हैं।

श्री नर्मदा चालीसा के लाभ (Shree Narmada Chalisa Benefits)

  1. मानसिक शांति:
    श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa) के पाठ से मन की शांति, स्थिरता प्राप्त होती है।
  2. सफलता और समृद्धि:
    श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa) का पाठ करने से भक्तों को सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  3. रोगनिवारण:
    श्री नर्मदा को रोगनिवारक माना जाता है, इसलिए श्री नर्मदा चालीस का पाठ किया जाता है।
  4. संबंधों की मजबूती:
    श्री नर्मदा चालीसा(Shree Narmada Chalisa) परिवारिक और सामाजिक संबंधों में मजबूती और मेलमिलाप बढ़ती है।
  5. कर्मिक उन्नति:
    श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)के पाठ के माध्यम से भक्त अपने कर्मों में उन्नति करते हैं और अच्छे कर्मों की ओर बढ़ते हैं।
  6. दुखों का निवारण:
    श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)के पाठ से भक्तो को जीवन के दुखों का निवारण मिलता हैं और सुख-शांति की प्राप्ति होती है ।

श्री नर्मदा चालीसा का वीडियो (Shree Narmada Chalisa Ka Video)

श्री नर्मदा चालीसा लिरिक्स हिंदी में (Shree Narmada Chalisa Lyrics In Hindi)

॥ दोहा॥

देवि पूजित, नर्मदा,
महिमा बड़ी अपार ।
चालीसा वर्णन करत,
कवि अरु भक्त उदार॥

इनकी सेवा से सदा,
मिटते पाप महान ।
तट पर कर जप दान नर,
पाते हैं नित ज्ञान ॥

॥ चौपाई ॥

जय-जय-जय नर्मदा भवानी,
तुम्हरी महिमा सब जग जानी ।

अमरकण्ठ से निकली माता,
सर्व सिद्धि नव निधि की दाता ।

कन्या रूप सकल गुण खानी,
जब प्रकटीं नर्मदा भवानी ।

सप्तमी सुर्य मकर रविवारा,
अश्वनि माघ मास अवतारा ॥4

वाहन मकर आपको साजैं,
कमल पुष्प पर आप विराजैं ।

ब्रह्मा हरि हर तुमको ध्यावैं,
तब ही मनवांछित फल पावैं ।

दर्शन करत पाप कटि जाते,
कोटि भक्त गण नित्य नहाते ।

जो नर तुमको नित ही ध्यावै,
वह नर रुद्र लोक को जावैं ॥8

मगरमच्छा तुम में सुख पावैं,
अंतिम समय परमपद पावैं ।

मस्तक मुकुट सदा ही साजैं,
पांव पैंजनी नित ही राजैं ।

कल-कल ध्वनि करती हो माता,
पाप ताप हरती हो माता ।

पूरब से पश्चिम की ओरा,
बहतीं माता नाचत मोरा ॥12

शौनक ऋषि तुम्हरौ गुण गावैं,
सूत आदि तुम्हरौं यश गावैं ।

शिव गणेश भी तेरे गुण गवैं,
सकल देव गण तुमको ध्यावैं ।

कोटि तीर्थ नर्मदा किनारे,
ये सब कहलाते दु:ख हारे ।

मनोकमना पूरण करती,
सर्व दु:ख माँ नित ही हरतीं ॥16

कनखल में गंगा की महिमा,
कुरुक्षेत्र में सरस्वती महिमा ।

पर नर्मदा ग्राम जंगल में,
नित रहती माता मंगल में ।

एक बार कर के स्नाना,
तरत पिढ़ी है नर नारा ।

मेकल कन्या तुम ही रेवा,
तुम्हरी भजन करें नित देवा ॥20

जटा शंकरी नाम तुम्हारा,
तुमने कोटि जनों को है तारा ।

समोद्भवा नर्मदा तुम हो,
पाप मोचनी रेवा तुम हो ।

तुम्हरी महिमा कहि नहीं जाई,
करत न बनती मातु बड़ाई ।

जल प्रताप तुममें अति माता,
जो रमणीय तथा सुख दाता ॥24

चाल सर्पिणी सम है तुम्हारी,
महिमा अति अपार है तुम्हारी ।

तुम में पड़ी अस्थि भी भारी,
छुवत पाषाण होत वर वारि ।

यमुना मे जो मनुज नहाता,
सात दिनों में वह फल पाता ।

सरस्वती तीन दीनों में देती,
गंगा तुरत बाद हीं देती ॥28

पर रेवा का दर्शन करके
मानव फल पाता मन भर के ।

तुम्हरी महिमा है अति भारी,
जिसको गाते हैं नर-नारी ।

जो नर तुम में नित्य नहाता,
रुद्र लोक मे पूजा जाता ।

जड़ी बूटियां तट पर राजें,
मोहक दृश्य सदा हीं साजें ॥32

वायु सुगंधित चलती तीरा,
जो हरती नर तन की पीरा ।

घाट-घाट की महिमा भारी,
कवि भी गा नहिं सकते सारी ।

नहिं जानूँ मैं तुम्हरी पूजा,
और सहारा नहीं मम दूजा ।

हो प्रसन्न ऊपर मम माता,
तुम ही मातु मोक्ष की दाता ॥35

जो मानव यह नित है पढ़ता,
उसका मान सदा ही बढ़ता ।

जो शत बार इसे है गाता,
वह विद्या धन दौलत पाता ।

अगणित बार पढ़ै जो कोई,
पूरण मनोकामना होई ।

सबके उर में बसत नर्मदा,
यहां वहां सर्वत्र नर्मदा ॥40

॥ दोहा ॥

भक्ति भाव उर आनि के,
जो करता है जाप ।

माता जी की कृपा से,
दूर होत संताप॥

श्री नर्मदा चालीसा लिरिक्स अंग्रेजी में (Shree Narmada Chalisa Lyrics In English)

Shree Narmada Chalisa

॥ Doha ॥

Devi Poojit, Narmada,
Mahima Badi Apaar ।
Chalisa Varnan Karat,
Kavi Aru Bhakt Udaar ॥

Inki Seva Se Sada,
Mitate Paap Mahaan ।
Tat Par Kar Jap Daan Nar,
Paate Hain Nit Gyaan ॥

॥ Chaupai ॥

Jai-jai-jai Narmada Bhavani,
Tumhari Mahima Sab Jag Jaani ।

Amarkanth Se Nikli Mata,
Sarv Siddhi Nav Nidhi Ki Data ।

Kanya Roop Sakal Gun Khani,
Jab Praktin Narmada Bhavani ।

Saptami Sury Makar Ravivara,
Ashwani Maagh Maas Avtara ।

Vahan Makar Aapko Saajain,
Kamal Pushp Par Aap Virajain ।

Hari Har Tuako Dhyavain,
Tab Hi Manvanchhit Phal Pavain ।

Darshan Karat Paap Kati Jaate,
Koti Bhakt Gan Nitya Nahate

Jo Nar Tumko Nit Hi Dhyavai,
Vah Nar Rudr Lok Ko Jaavain ।

Magarmachchha Tum Mein Sukh Paavain,
Antim Samay Parampad Paavain ।

Mastak Mukut Sada Hi Saajain,
Paanv Painjani Nit Hi Raajain ।

Kal-kal Dhvani Karati Ho Mata,
Paap Taap Harati Ho Mata ।

Poorab Se Pashchim Ki Ora,
Bahatin Mata Naachat Mora ।

Shaunak Rishi Tumhrau Gun Gaavain,
Soot Aadi Tumharaun Yash Gaavain ।

Shiv Ganesh Bhi Tere Gun Gavain,
Sakal Dev Gan Tumako Dhyavain ।

Koti Teerth Narmada Kinare,
Ye Sab Kahalate Du:kh Haare ।

Manokamna Pooran Karati,
Sarv Du:kh Maan Nit Hi Haratin ।

Kankhal Mein Ganga Ki Mahima,
Kurukshetr Mein Saraswati Mahima ।

Par Narmada Graam Jangal Mein,
Nit Rahati Mata Mangal Mein ।

Ek Baar Kar Ke Snaana ,
Tarat Pidhi Hai Nar Naara ।

Mekal Kanya Tum Hi Reva,
Tumhari Bhajan Karen Nit Deva ।

Jata Shankari Naam Tumhara,
Tumne Koti Janon Ko Hai Tara ।

Samodbhava Narmada Tum Ho,
Paap Mochani Reva Tum Ho ।

Tumhari Mahima Kahi Nahin Jai,
Karat Na Banati Maatu Badai ।

Jal Pratap Tumamen Ati Mata,
Jo Ramaniy Tatha Sukh Daata ।

Chaal Sarpini Sam Hai Tumhaari,
Mahima Ati Apaar Hai Tumhaari ।

Tum Mein Padi Asthi Bhi Bhaari,
Chhuvat Paashaan Hot Var Vari ।

Yamuna Me Jo Manuj Nahata,
Saat Dinon Mein Vah Phal Paata ।

Saraswati Teen Deenon Mein Deti,
Ganga Turat Baad Heen Deti ।

Par Reva Ka Darshan Karke
Maanav Phal Pata Man Bhar Ke ।

Tumhari Mahima Hai Ati Bhaari,
Jisko Gaate Hain Nar-naari ।

Jo Nar Tum Mein Nity Nahata,
Rudr Lok Me Pooja Jaata

Jadi Bootiyan Tat Par Raajen,
Mohak Drishy Sada Heen Saajen ।

Vaayu Sugandhit Chalati Teera,
Jo Harati Nar Tan Ki Peera ।

Ghaat-ghaat Ki Mahima Bhari,
Kavi Bhi Ga Nahin Sakte Saari ।

Nahin Jaanoon Main Tumhari Pooja,
Aur Sahara Nahin Mam Dooja ।

Ho Prasann Oopar Mam Mata,
Tum Hi Maatu Moksh Ki Data ।

Jo Manav Yah Nit Hai Padhta,
Uska Maan Sada Hi Badhata ।

Jo Shat Baar Ise Hai Gata,
Vah Vidya Dhan Daulat Paata ।

Aganit Baar Padhai Jo Koi,
Pooran Manokamna Hoi ।

Sabke Ur Mein Basat Narmada,
Yahan Wahaan Sarvatra Narmada ।

॥ Doha ॥

Bhakti Bhaav Ur Aani Ke,
Jo Karta Hai Jaap ।

Mata Ji Ki Kripa Se,
Door Hot Santaap ॥

श्री नर्मदा चालीसा लिरिक्स पीडीएफ (Shree Narmada Chalisa Lyrics PDF)


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Shree Narmada Chalisa से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न FAQ

श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)क्या है?

श्री नर्मदा चालीसा(Shree Narmada Chalisa) एक हिन्दू धार्मिक चालीसा है, जो माँ नर्मदा की महिमा और महत्त्व की प्रशंसा करने के लिए गाया जाता है। यह चालीसा नर्मदा देवी के प्रति भक्ति और आदर प्रकट करता है।

श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa) को कब और कैसे पढ़ना चाहिए?

श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)को बजरंग बाण, दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, और अन्य पूजा पाठ के साथ पढ़ा जाता है। इसे सुबह या शाम के समय पढ़ना अच्छा माना जाता है।

श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)के क्या महत्व हैं?

श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)का पाठ भक्तों को माँ नर्मदा के प्रति भक्ति और आदर का अभिवादन करने में मदद करता है और उनके आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करता है। श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)का पाठ करने से सफलता, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

क्या श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)का पाठ किसी विशेष अवसर पर किया जाता है?

श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)का पाठ किसी भी धार्मिक अवसर पर किया जा सकता है, लेकिन यह विशेष रूप से नर्मदा जयंती और नर्मदा पर्व जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक अवसरों पर श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa) का पाठ किया जाता है।

क्या श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa) का पाठ किसी विशेष विधि से करना चाहिए?

श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa) को श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ना चाहिए। कोई विशेष विधि की आवश्यकता नहीं होती है।

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