श्री सीता माता चालीसा (Shree Sita Mata Chalisa)

श्री सीता माता चालीसा (Shree Sita Mata Chalisa) “राम प्रिया रघुपति रघुराई सीता माता की चालीसा एक हिन्दू प्रार्थना है, जिसमें माता सीता की महिमा और महत्व का गुणगान किया जाता है। यह प्रार्थना माता सीता के भक्तों द्वारा पूजी जाती है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए पढ़ी जाती है।

Shree Sita Mata Chalisa Ke Fayde (श्री सीता माता चालीसा के फायदे )

  1. भक्ति और श्रद्धा की वृद्धि:
    सीता माता की चालीसा का पाठ करने से भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है। यह आपको दिव्यता की ओर बढ़ावा देता है और माँ सीता माता के प्रति आपकी अधिक भक्ति को बढ़ावा देता है।
  2. सुख और शांति:
    सीता माता की चालीसा का पाठ करने से सुख और शांति मिलती है। यह आपके जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में मदद कर सकता है |
  3. संतान सुख:
    सीता को संतान की देवी माना जाता है, और इसलिए उनकी चालीसा का पाठ करने से परिवार में संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।
  4. रोग निवारण:
    सीता माता की कृपा से रोग और बीमारियों का निवारण हो सकता है। चालीसा का पाठ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।
  5. आत्मिक विकास:
    सीता माता की चालीसा का पाठ आपके आत्मिक विकास को बढ़ावा देता है और आपको आत्मा के गहरे पहलुओं को समझने में मदद करता है।
  6. शुभ कार्यों की सफलता:
    सीता माता की कृपा से शुभ कार्यों में सफलता प्राप्त की जा सकती है। आपके जीवन में सफलता और समृद्धि की ओर एक कदम आगे बढ़ने में इस प्रार्थना का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।

Shree Sita Mata Chalisa ka video (श्री सीता माता चालीसा का वीडियो )

श्री सीता माता चालीसा लिरिक्स हिंदी में (Shree Sita Mata Chalisa lyrics in Hindi)

॥दोहा ॥

बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम ।
राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥
कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम ।
मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन सिया राम ॥

॥ चौपाई ॥

राम प्रिया रघुपति रघुराई । बैदेही की कीरत गाई ॥१॥
चरण कमल बन्दों सिर नाई । सिय सुरसरि सब पाप नसाई ॥२॥
जनक दुलारी राघव प्यारी । भरत लखन शत्रुहन वारी ॥३॥
दिव्या धरा सों उपजी सीता । मिथिलेश्वर भयो नेह अतीता ॥४॥

सिया रूप भायो मनवा अति । रच्यो स्वयंवर जनक महीपति ॥५॥
भारी शिव धनुष खींचै जोई । सिय जयमाल साजिहैं सोई ॥६॥
भूपति नरपति रावण संगा । नाहिं करि सके शिव धनु भंगा ॥७॥
जनक निराश भए लखि कारन । जनम्यो नाहिं अवनिमोहि तारन ॥८॥

यह सुन विश्वामित्र मुस्काए । राम लखन मुनि सीस नवाए ॥९॥
आज्ञा पाई उठे रघुराई । इष्ट देव गुरु हियहिं मनाई ॥१०॥
जनक सुता गौरी सिर नावा । राम रूप उनके हिय भावा ॥११॥
मारत पलक राम कर धनु लै । खंड खंड करि पटकिन भूपै ॥१२॥

जय जयकार हुई अति भारी । आनन्दित भए सबैं नर नारी ॥१३॥
सिय चली जयमाल सम्हाले । मुदित होय ग्रीवा में डाले ॥१४॥
मंगल बाज बजे चहुँ ओरा । परे राम संग सिया के फेरा ॥१५॥
लौटी बारात अवधपुर आई । तीनों मातु करैं नोराई ॥१६॥

कैकेई कनक भवन सिय दीन्हा । मातु सुमित्रा गोदहि लीन्हा ॥१७॥
कौशल्या सूत भेंट दियो सिय । हरख अपार हुए सीता हिय ॥१८॥
सब विधि बांटी बधाई । राजतिलक कई युक्ति सुनाई ॥१९॥
मंद मती मंथरा अडाइन । राम न भरत राजपद पाइन ॥२०॥

कैकेई कोप भवन मा गइली । वचन पति सों अपनेई गहिली ॥२१॥
चौदह बरस कोप बनवासा । भरत राजपद देहि दिलासा ॥२२॥
आज्ञा मानि चले रघुराई । संग जानकी लक्षमन भाई ॥२३॥
सिय श्री राम पथ पथ भटकैं । मृग मारीचि देखि मन अटकै ॥२४॥

राम गए माया मृग मारन । रावण साधु बन्यो सिय कारन ॥२५॥
भिक्षा कै मिस लै सिय भाग्यो । लंका जाई डरावन लाग्यो ॥२६॥
राम वियोग सों सिय अकुलानी । रावण सों कही कर्कश बानी ॥२७॥
हनुमान प्रभु लाए अंगूठी । सिय चूड़ामणि दिहिन अनूठी ॥२८॥

अष्ठसिद्धि नवनिधि वर पावा । महावीर सिय शीश नवावा ॥२९॥
सेतु बाँधी प्रभु लंका जीती । भक्त विभीषण सों करि प्रीती ॥३०॥
चढ़ि विमान सिय रघुपति आए । भरत भ्रात प्रभु चरण सुहाए ॥३१॥
अवध नरेश पाई राघव से । सिय महारानी देखि हिय हुलसे ॥३२॥

रजक बोल सुनी सिय वन भेजी । लखनलाल प्रभु बात सहेजी ॥३३॥
बाल्मीक मुनि आश्रय दीन्यो । लव-कुश जन्म वहाँ पै लीन्हो ॥३४॥
विविध भाँती गुण शिक्षा दीन्हीं । दोनुह रामचरित रट लीन्ही ॥३५॥
लरिकल कै सुनि सुमधुर बानी । रामसिया सुत दुई पहिचानी ॥३६॥

भूलमानि सिय वापस लाए । राम जानकी सबहि सुहाए ॥३७॥
सती प्रमाणिकता केहि कारन । बसुंधरा सिय के हिय धारन ॥३८॥
अवनि सुता अवनी मां सोई । राम जानकी यही विधि खोई ॥३९॥
पतिव्रता मर्यादित माता । सीता सती नवावों माथा ॥४०॥

॥ दोहा ॥

जनकसुता अवनिधिया राम प्रिया लव-कुश मात ।
चरणकमल जेहि उन बसै सीता सुमिरै प्रात ॥

श्री सीता माता चालीसा लिरिक्स अंग्रेजी में (Shree Sita Mata Chalisa lyrics in English)

Shree Sita Mata Chalisa image English

॥ dohaa ॥

bandow charaṇ saroj nij janak lalii sukh dhaam .
raama priy kirapaa karen sumirown aaṭhon dhaam ॥
kiirati gaathaa jo padhen sudharain sagare kaam .
man mandir baasaa karen duahkh bhanjan siyaa raama ॥

॥ chowpaaii ॥

raam priyaa raghupati raghuraaii . baidehii kii kiirat gaaii ॥१॥
charaṇ kamal bandon sir naaii . siy surasari sab paap nasaaii ॥२॥
janak dulaarii raaghav pyaarii . bharat lakhan shatruhan vaarii ॥३॥
divyaa dharaa son upajii siitaa . mithileshvar bhayo neh atiitaa ॥४॥

siyaa ruup bhaayo manavaa ati . rachyo svayamvar janak mahiipati ॥५॥
bhaarii shiva dhanush khiinchai joii . siy jayamaal saajihain soii ॥६॥
bhuupati narapati raavaṇ sangaa . naahin kari sake shiva dhanu bhangaa ॥७॥
janak niraash bhae lakhi kaaran . janamyo naahin avanimohi taaran ॥८॥

yah sun vishvaamitr muskaae . raam lakhan muni siis navaae ॥९॥
aajñaa paaii uṭhe raghuraaii . ishṭ dev guru hiyahin manaaii ॥१०॥
janak sutaa gowrii sir naavaa . raam ruup unake hiy bhaavaa ॥११॥
maarat palak raam kar dhanu lai . khanḍ khanḍ kari paṭakin bhuupai ॥१२॥

jay jayakaar huii ati bhaarii . aanandit bhae sabain nar naarii ॥१३॥
siy chalii jayamaal samhaale . mudit hoy griivaa men ḍaale ॥१४॥
mangal baaj baje chahun oraa . pare raam sang siyaa ke pheraa ॥१५॥
lowṭii baaraat avadhapur aaii . tiinon maatu karain noraaii ॥१६॥

kaikeii kanak bhavan siy diinhaa . maatu sumitraa godahi liinhaa ॥१७॥
kowshalyaa suut bhenṭ diyo siy . harakh apaar hue siitaa hiy ॥१८॥
sab vidhi baanṭii badhaaii . raajatilak kaii yukti sunaaii ॥१९॥
mand matii mantharaa aḍaain . raam n bharat raajapad paain ॥२०॥

kaikeii kop bhavan maa gailii . vachan pati son apaneii gahilii ॥२१॥
chowdah baras kop banavaasaa . bharat raajapad dehi dilaasaa ॥२२॥
aajñaa maani chale raghuraaii . sang jaanakii lakshaman bhaaii ॥२३॥
siy shrii raam path path bhaṭakain . mṛg maariichi dekhi man aṭakai ॥२४॥

raam gae maayaa mṛg maaran . raavaṇ saadhu banyo siy kaaran ॥२५॥
bhikshaa kai mis lai siy bhaagyo . lankaa jaaii ḍaraavan laagyo ॥२६॥
raam viyog son siy akulaanii . raavaṇ son kahii karkash baanii ॥२७॥
hanumaana prabhu laae amguuṭhii . siy chuudaamaṇi dihin anuuṭhii ॥२८॥

ashṭhasiddhi navanidhi var paavaa . mahaaviira siy shiish navaavaa ॥२९॥
setu baandhii prabhu lankaa jiitii . bhakt vibhiishaṇ son kari priitii ॥३०॥
chadhi vimaan siy raghupati aae . bharat bhraat prabhu charaṇ suhaae ॥३१॥
avadh naresh paaii raaghav se . siy mahaaraanii dekhi hiy hulase ॥३२॥

rajak bol sunii siy van bhejii . lakhanalaal prabhu baat sahejii ॥३३॥
baalmiik muni aashray diinyo . lav-kush janm vahaan pai liinho ॥३४॥
vividh bhaantii guṇ shikshaa diinhiin . donuh raamacharit raṭ liinhii ॥३५॥
larikal kai suni sumadhur baanii . raamasiyaa sut duii pahichaanii ॥३६॥

bhuulamaani siy vaapas laae . raam jaanakii sabahi suhaae ॥३७॥
satii pramaaṇikataa kehi kaaran . basundharaa siy ke hiy dhaaran ॥३८॥
avani sutaa avanii maan soii . raam jaanakii yahii vidhi khoii ॥३९॥
pativrataa maryaadit maataa . siitaa satii navaavon maathaa ॥४०॥

॥ dohaa ॥

janakasutaa avanidhiyaa raam priyaa lav-kush maat .
charaṇakamal jehi un basai siitaa sumirai praat ॥

श्री सीता माता चालीसा लिरिक्स पीडीएफ (Shree Sita Mata Chalisa Lyrics PDf)

यह चालीसा भी पढ़े



Shree Sita Mata Chalisa से सम्बंधित सामान्य प्रश्न FAQ

सीता माता के चालीसा क्या है?

श्री सीता माता चालीसा (Shree Sita Mata Chalisa) एक धार्मिक हिन्दू भजन है, जो माता सीता के महिमा और गुणगान को गाता है। यह चालीसा भक्ति से किया जाता है।

चालीसा का महत्व क्या है?

श्री सीता माता चालीसा (Shree Sita Mata Chalisa) का पाठ करने से भक्त उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह चालीसा भक्तों को दुःखों से राहत दिलाती हैं।

श्री सीता माता चालीसा का पाठ कब और कैसे किया जाता है?

श्री सीता माता चालीसा (Shree Sita Mata Chalisa) का पाठ प्रात: और संध्या काल में किया जा सकता है। यह आप विशेष अवसरों पर भी कर सकते हैं, जैसे कि नवरात्री या जन्मोत्सव।

चालीसा के पाठ के फायदे क्या हैं?

चालीसा के पाठ से भक्त आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति प्राप्त करते हैं। यह दुखों को दूर करता है और मां सीता की कृपा को आकर्षित करता है।

क्या चालीसा का पाठ केवल विशेष अवसरों पर होता है?

चालीसा का पाठ रोजाना भक्ति के एक हिस्से के रूप में भी किया जा सकता है। यह आपके जीवन को आध्यात्मिकता और शांति से भर देता है।

क्या चालीसा का पाठ किसी विशेष व्रत या उपवास के साथ किया जाता है?

चालीसा का पाठ किसी विशेष व्रत या उपवास के साथ किया जा सकता है, लेकिन यह खुद में एक अलग भक्ति प्रक्रिया होती है और उपयोगकर्ता की इच्छा पर निर्भर करती है।

आज का हमारा लेख पढ़ने के लिए हम आपकी सराहना करते हैं। कृपया अपने अनुभव हमसे साझा करने के लिए हमारे facebook group पर जुड़े और हमारे facebook page को like करे। अगर आप इस लेख में कुछ सुधार चाहते है, तो कृपया comment के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है।

disclaimer

इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Leave a Comment