श्री ब्रह्मा चालीसा(Shri Bramha Chalisa) के पाठ के कई लाभ हो सकते हैं। यह चालीसा भगवान ब्रह्मा की प्रशंसा करती है और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने में सहायक हो सकती है। चालीसा जप का नियमित और निष्ठापूर्वक जीवन में उपायन करना आवश्यक है। इसके अलावा, श्रद्धा और भक्ति के साथ इसके पाठ को करने से इसके लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
विषय सूची
Shri Bramha Chalisa का पाठ करने के लाभ
- ब्रह्मा की कृपा: श्री ब्रह्मा चालीसा(Shri Bramha Chalisa) के पाठ से भगवान ब्रह्मा की कृपा प्राप्त हो सकती है, और उनके आशीर्वाद से आप जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
- ज्ञान प्राप्ति: ब्रह्मा देव ज्ञान के देवता हैं, इसलिए उनकी चालीसा के पाठ से आपको ज्ञान और बुद्धि में सुधार हो सकता है।
- संघर्षों का समाधान: ब्रह्मा चालीसा के पाठ से आपके संघर्षों और मुश्किलों का समाधान हो सकता है और आप उन्हें पार करने की शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
- ध्यान और धार्मिक उन्नति: इस चालीसा के पाठ से आपका ध्यान और धार्मिक उन्नति में सुधार हो सकता है, और आप अपने धार्मिक साधनाओं को सफलता के साथ पूर्ण कर सकते हैं।
- भविष्य में सुख-शांति: ब्रह्मा चालीसा(Shri Bramha Chalisa) के पाठ से आपके भविष्य में सुख और शांति का समाधान हो सकता है और आप अपने जीवन को समृद्धि और खुशियों से भर सकते हैं।
- संतान सुख: चालीसा के पाठ से संतान सुख में सुधार हो सकता है और संतानों के साथ खुशियों और समृद्धि का आनंद उठाया जा सकता है।
Shri Bramha Chalisa का वीडियो
श्री ब्रह्मा चालीसा लिरिक्स हिंदी में ( Shri Bramha Chalisa lyrics in Hindi)
॥ दोहा॥
जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू,
चतुरानन सुखमूल।
करहु कृपा निज दास पै,
रहहु सदा अनुकूल।
तुम सृजक ब्रह्माण्ड के,
अज विधि घाता नाम।
विश्वविधाता कीजिये,
जन पै कृपा ललाम।
॥ चौपाई ॥
जय जय कमलासान जगमूला,
रहहू सदा जनपै अनुकूला।
रुप चतुर्भुज परम सुहावन,
तुम्हें अहैं चतुर्दिक आनन।
रक्तवर्ण तव सुभग शरीरा,
मस्तक जटाजुट गंभीरा।
ताके ऊपर मुकुट विराजै,
दाढ़ी श्वेत महाछवि छाजै।
श्वेतवस्त्र धारे तुम सुन्दर,
है यज्ञोपवीत अति मनहर।
कानन कुण्डल सुभग विराजहिं,
गल मोतिन की माला राजहिं।
चारिहु वेद तुम्हीं प्रगटाये,
दिव्य ज्ञान त्रिभुवनहिं सिखाये।
ब्रह्मलोक शुभ धाम तुम्हारा,
अखिल भुवन महँ यश विस्तारा।
अर्द्धागिनि तव है सावित्री,
अपर नाम हिये गायत्री।
सरस्वती तब सुता मनोहर,
वीणा वादिनि सब विधि मुन्दर।
कमलासन पर रहे विराजे,
तुम हरिभक्ति साज सब साजे।
क्षीर सिन्धु सोवत सुरभूपा,
नाभि कमल भो प्रगट अनूपा।
तेहि पर तुम आसीन कृपाला,
सदा करहु सन्तन प्रतिपाला।
एक बार की कथा प्रचारी,
तुम कहँ मोह भयेउ मन भारी।
कमलासन लखि कीन्ह बिचारा,
और न कोउ अहै संसारा।
तब तुम कमलनाल गहि लीन्हा,
अन्त विलोकन कर प्रण कीन्हा।
कोटिक वर्ष गये यहि भांती,
भ्रमत भ्रमत बीते दिन राती।
पै तुम ताकर अन्त न पाये,
ह्वै निराश अतिशय दुःखियाये।
पुनि बिचार मन महँ यह कीन्हा
महापघ यह अति प्राचीन।
याको जन्म भयो को कारन,
तबहीं मोहि करयो यह धारन।
अखिल भुवन महँ कहँ कोई नाहीं,
सब कुछ अहै निहित मो माहीं।
यह निश्चय करि गरब बढ़ायो,
निज कहँ ब्रह्म मानि सुख पाये।
गगन गिरा तब भई गंभीरा,
ब्रह्मा वचन सुनहु धरि धीरा।
सकल सृष्टि कर स्वामी जोई,
ब्रह्म अनादि अलख है सोई।
निज इच्छा इन सब निरमाये,
ब्रह्मा विष्णु महेश बनाये।
सृष्टि लागि प्रगटे त्रयदेवा,
सब जग इनकी करिहै सेवा।
महापघ जो तुम्हरो आसन,
ता पै अहै विष्णु को शासन।
विष्णु नाभितें प्रगट्यो आई,
तुम कहँ सत्य दीन्ह समुझाई।
भैतहू जाई विष्णु हितमानी,
यह कहि बन्द भई नभवानी।
ताहि श्रवण कहि अचरज माना,
पुनि चतुरानन कीन्ह पयाना।
कमल नाल धरि नीचे आवा,
तहां विष्णु के दर्शन पावा।
शयन करत देखे सुरभूपा,
श्यायमवर्ण तनु परम अनूपा।
सोहत चतुर्भुजा अतिसुन्दर,
क्रीटमुकट राजत मस्तक पर।
गल बैजन्ती माल विराजै,
कोटि सूर्य की शोभा लाजै।
शंख चक्र अरु गदा मनोहर,
पघ नाग शय्या अति मनहर।
दिव्यरुप लखि कीन्ह प्रणामू,
हर्षित भे श्रीपति सुख धामू।
बहु विधि विनय कीन्ह चतुरानन,
तब लक्ष्मी पति कहेउ मुदित मन।
ब्रह्मा दूरि करहु अभिमाना,
ब्रह्मारुप हम दोउ समाना।
तीजे श्री शिवशंकर आहीं,
ब्रह्मरुप सब त्रिभुवन मांही।
तुम सों होई सृष्टि विस्तारा,
हम पालन करिहैं संसारा।
शिव संहार करहिं सब केरा,
हम तीनहुं कहँ काज घनेरा।
अगुणरुप श्री ब्रह्मा बखानहु,
निराकार तिनकहँ तुम जानहु।
हम साकार रुप त्रयदेवा,
करिहैं सदा ब्रह्म की सेवा।
यह सुनि ब्रह्मा परम सिहाये,
परब्रह्म के यश अति गाये।
सो सब विदित वेद के नामा,
मुक्ति रुप सो परम ललामा।
यहि विधि प्रभु भो जनम तुम्हारा,
पुनि तुम प्रगट कीन्ह संसारा।
नाम पितामह सुन्दर पायेउ,
जड़ चेतन सब कहँ निरमायेउ।
लीन्ह अनेक बार अवतारा,
सुन्दर सुयश जगत विस्तारा।
देवदनुज सब तुम कहँ ध्यावहिं,
मनवांछित तुम सन सब पावहिं।
जो कोउ ध्यान धरै नर नारी,
ताकी आस पुजावहु सारी।
पुष्कर तीर्थ परम सुखदाई,
तहँ तुम बसहु सदा सुरराई।
कुण्ड नहाइ करहि जो पूजन,
ता कर दूर होई सब दूषण।
॥ इति श्री ब्रह्मा चालीसा ॥
श्री ब्रह्मा चालीसा लिरिक्स अंग्रेजी में ( Shri Bramha Chalisa lyrics in English)
!! doha !!
jay brahma jay svayambhoo,
chaturaanan sukhamool.
karahu krpa nij daas pai,
rahahu sada anukool.
sa tumrjak brahmaand ke,
aj vidhi ghatata naam.
vishvavidhaata,
jan pai krpa lalaam.
!! chaupaee !!
jay jay kamalaasan jagamoola,
rahahu sada janapai anukoola.
roop chaturbhuj param suhaavan,
prshthabhaag achaturdik mitr.
raktavarn tav subhag shareera,
mastak jataajoot gambheerata.
taake oopar mukut viraajai,
eke shvet mahaachhavi chhaajai.
shvetavastr dhaare tum sundar,
yagyopaveet ati manahar.
kaanan kundal subhag viraajahin,
gal motin kee mangal raajahin.
chaarihu ved tumheen pragataye,
divy gyaan tribhuvanahin sikhaaye.
brahmalok shubh dhaam,
akhil bhuvan mahan yash vistaar.
aadheemaaginee tav hai soniya,
apar naam hyayegaayatree.
sarasvatee tab suta manohar,
veena vaadinee sab vidhi mundar.
kamalaasan par rahe viraaje,
tum haribhakti saaj sab saaje.
ksheer sindhu sovat surabhoopa,
naabhi kamal bho pragat soopa.
tehi par tum aisee hee krpa karo,
sada karahu santan pratipaala.
ek baar kee katha prachaaree,
tum kahoon moh bhayeu man bhaaree.
kamalaasan lakhi kinh bichaara,
aur na kooo ahai sansaara.
tab tum kamalanaal gahi leenha,
ant vilokan kar praan keenha.
kotik gaya saal yahee bhaantee,
bhramat bhramat gantavy din raatri.
pai tum taakar ant na pao,
hvai niraash atishay duhkhiyaaye.
puni bichaar man mahan yah keenha
mahaapagh yah ati praacheen hai.
yaako janm bhayo ko karan,
tabahin mohi karayo yah dhaaran.
akhil bhuvan mahan kahan koee nahin,
sab kuchh ahai nihit mo maaheen.
yah nishchit karo garab badhaayo,
nij kahan brahm mani sukh paaya.
gagan gira tab bhaee gambheera,
brahma vachan sunahu dhari dheera.
sakal srshti kar svaamee joee,
brahm anaadi alakh hai soee.
nij chaahat in sab niraamaaye,
brahma vishnu mahesh banaayen.
srshti laagi pragate trayadeva,
sab jag upayogee karihai seva.
mahaapagh jo tummharo aasan,
ta pai ahai vishnu ko shaasan.
vishnu naabhiten pragatyo ai,
tum kahan saty deenh samajhai.
bhayahui vishnu hitaayani,
yah kahi band bhaee nabhavaanee.
taahi shravan kahi acharaj maana,
puni chaturaanan keenh payaana.
kamal naal dhari neeche aava,
tahaan vishnu ke darshan paava.
shayan karat dekh surabhoopa,
shyaamavarn tanu param sooryopa.
sohat chaturbhuja atisundar,
krtamukt raajat mastak par.
gal basantee maal viraaje,
ko sooryati kee shobha laajai.
shankh chakr aru gada manohar,
pag naag say ati manahar.
divyaroop laakhi kinh pramu,
harshit bhe shripati sukh dhaamoo.
bahu vidhi keenh chaturaanan,
tab lakshmee pati kaheu mudit man.
brahma doori karahu abhimaan,
brahmaaroop ham dooo samaana.
teeje shri shivashankar ahi,
brahmaroop sab tribhuvan maanhee.
son tum hoee srshti vistaar,
ham paalan karihain sansaara.
shiv sanhaar karahin sab kera,
ham teenahoon kahan kaaj ghanera.
agun shri brahma bakhaanahu,
niraakaar tinakahan tum jaanahu.
ham saakaar roop trayadeva,
karihen sada brahm kee seva.
yah suni brahma param sihaaye,
paramabrahm ke yash ati gaaye.
so sab vidit ved ke naama,
mukti roop so param lalaama.
yah vidhi prabhu bho janm krpa,
puni tum pragat keenh sansaara.
naam pitaamah sundar paayeu,
jadavat chetan sab kahan niraamaayeu.
leenh anek baar avataar,
sundar suyash jagat vistaar.
devadanuj sab tum kahan dhyaavahin,
manavaanchhit tum san sab paavahin.
jo kou dhyaan dharai nar naaree,
taakee as pujaavahu saaree.
teerthayaatra param sukhadaee,
tahan tum basahu sada suraee.
kund nahin karahi jo pooja,
ta kar door hoee sab dooshan.
. iti shri brahma chalisa .
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Shri Bramha Chalisa lyrics pdf
Shri Bramha Chalisa सम्बंधित सामान्य प्रश्न
श्री ब्रह्मा चालीसा क्या है?
श्री ब्रह्मा चालीसा(Shri Bramha Chalisa) एक भक्तिपूर्ण श्लोक है जो भगवान ब्रह्मा की स्तुति करता है। यह चालीसा 40 श्लोकों से बनी है, और इसे रोजाना पढ़ने से भक्तों को शांति, खुशी और समृद्धि प्राप्त होती है।
श्री ब्रह्मा चालीसा किसने लिखी?
श्री ब्रह्मा चालीसा(Shri Bramha Chalisa) के लेखक अज्ञात हैं। यह चालीसा प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म में प्रचलित है।
श्री ब्रह्मा चालीसा का पाठ कब और कैसे करें?
श्री ब्रह्मा चालीसा(Shri Bramha Chalisa) का पाठ सुबह के समय करना सबसे अच्छा होता है। इसे किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सुबह के समय इसका विशेष महत्व है। श्री ब्रह्मा चालीसा का पाठ करने से पहले स्नान करना और साफ कपड़े पहनना चाहिए। एक स्वच्छ स्थान पर बैठें और ध्यान केंद्रित करें। फिर, श्री ब्रह्मा चालीसा का पाठ करें।
श्री ब्रह्मा चालीसा के पाठ से क्या लाभ होते हैं?
श्री ब्रह्मा चालीसा(Shri Bramha Chalisa) का पाठ करने से भक्तों को कई लाभ होते हैं। इनमें शामिल हैं:
शांति और समृद्धि
ज्ञान और बुद्धि का विकास
पापों से मुक्ति
मोक्ष की प्राप्ति
श्री ब्रह्मा चालीसा के पाठ के लिए कोई विशेष नियम या अनुष्ठान हैं?
श्री ब्रह्मा चालीसा(Shri Bramha Chalisa) का पाठ करने के लिए कोई विशेष नियम या अनुष्ठान नहीं हैं। इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। हालांकि, सुबह के समय इसका पाठ करना सबसे अच्छा माना जाता है।
श्री ब्रह्मा चालीसा(Shri Bramha Chalisa) के पाठ का तरीका
श्री ब्रह्मा चालीसा (Shri Bramha Chalisa) का पाठ करने के लिए, सबसे पहले किसी स्वच्छ स्थान पर बैठें और ध्यान केंद्रित करें। फिर, श्री ब्रह्मा चालीसा का पाठ करें। चालीसा का पाठ करते समय, भगवान ब्रह्मा की आराधना करें और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
श्री ब्रह्मा चालीसा(Shri Bramha Chalisa) का पाठ करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- पाठ करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- एक धूपबत्ती जलाएं और भगवान ब्रह्मा को फूल अर्पित करें।
- चालीसा का पाठ करते समय, भगवान ब्रह्मा के चित्र या मूर्ति के सामने बैठें।
- चालीसा का पाठ ध्यानपूर्वक करें और अर्थ समझें।
श्री ब्रह्मा चालीसा(Shri Bramha Chalisa) का पाठ करने से भक्तों को कई लाभ होते हैं। यह चालीसा भक्तों को शांति, समृद्धि, ज्ञान, बुद्धि और मोक्ष प्राप्त करने में मदद करती है।
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संजय इज़ारदार का रुझान बचपन से ही अध्यात्म की ओर रहा है। वे poojaaarti.com में मंदिरो और त्योहारों के पोस्ट में हमारा सहयोग करते है और हमसे शुरुआत से ही जुड़े हुए है।