श्री जगन्नाथ चालीसा (Shri Jagannath Chalisa)

श्री जगन्नाथ चालीसा(Shri Jagannath Chalisa) के पाठ के बहुत से लाभ और फायदे होते हैं। यह चालीसा भगवान जगन्नाथ की स्तुति और भक्ति का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इसके पाठ से अनेक भावनाएं जागृत होती हैं और इससे जीवन में आनंद, शांति, समृद्धि, और सकारात्मकता आती है। इस तरह, श्री जगन्नाथ चालीसा(Shri Jagannath Chalisa) का पाठ करने से भक्त को अनेक शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। यह चालीसा भक्त के जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि, और आनंद का स्रोत बनती है। इसे नियमित रूप से पाठ करने से भक्त को भगवान के साथ साक्षात्कार का अनुभव होता है.

श्री जगन्नाथ चालीसा (Shri Jagannath Chalisa) पाठ के लाभ

  1. आत्मशक्ति एवं शक्तिशाली बनाता है: श्री जगन्नाथ चालीसा के पाठ से जीवन में आत्मविश्वास और शक्ति की भावना जागृत होती है। यह चालीसा भक्त को संयमित और सामर्थ्यशाली बनाती है।
  2. दुःखों का नाश: श्री जगन्नाथ चालीसा के पाठ से दुःखों का नाश होता है और भक्त का मन सुख और शांति से भर जाता है।
  3. संतुष्टि और शुभाशय संप्राप्ति: चालीसा के पाठ से भक्त को संतुष्टि की अनुभूति होती है और उन्हें शुभाशय संप्राप्त होती है।
  4. कष्टों का निवारण: यह चालीसा भक्त को कष्टों और संकटों से रक्षा करती है और उन्हें सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
  5. सफलता की प्राप्ति: श्री जगन्नाथ चालीसा के पाठ से भक्त के कार्यों में सफलता मिलती है और उन्हें सर्वांगीण समृद्धि मिलती है।
  6. मनोविश्राम और ध्यान: यह चालीसा भक्त को मनोविश्राम और ध्यान की अनुभूति कराती है, जिससे उनका मानसिक चंचलता दूर होती है।
  7. दृढ़ता और उत्साह: श्री जगन्नाथ चालीसा के पाठ से भक्त को अपने कामों में दृढ़ता और उत्साह मिलता है और उन्हें अपने लक्ष्य की प्राप्ति होती है।
  8. धर्मिक उन्नति: चालीसा के पाठ से भक्त की धार्मिक उन्नति होती है और उन्हें भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति बढ़ती है।

श्री जगन्नाथ चालीसा (Shri Jagannath Chalisa) का वीडियो

श्री जगन्नाथ चालीसा लिरिक्स हिंदी में (Shri Jagannath Chalisa)

॥दोहा॥

जय जगन्नाथ स्वामी जय बलभद्र संभाव। जय सुबद्रा ताई अग्या करैं सब काज॥

॥चालीसा॥

जय जगन्नाथ दयालु दया निधान। करुणा रस सिन्धु नयन अन्धकार।।

कटकट धनुस विराजत शंखाधार। मुख में कमल नैनन में चकार।।१।।

कनकमय शीश नव चारु चंद्र भाला। नख सिखर छवि गंजित सोहे बाला।।२।।

अरुणांचल मुकुट श्रिया सोहत नूप। मुख में मुरली बनमाल अजरे।।३।।

शंख बाजे मृदुँग बाजत ताल। वज्रांकुश गदा शुभ बदन काल।।४।।

रक्त अंग वस्त्र बिभूषण बाजत। प्रतीत शोभित नील विशाल जाजत।।५।।

आवत धावत तब जू तार गृहवत। कारज सर्व करैं सुधीर बुधवत।।६।।

शची जब भय भए सागर पार। रामदास कहैं बेद बिख्यात।।७।।

श्री जगन्नाथ चालीसा जो कोई। गावैं पाठ करैं कलेश नखटाई।।८।।

जो यह पाठ करे मन लाई। तेस ही कृपा करहु जगदीश।।९।।

॥दोहा॥ पवन तनय संकट हरण गोसाई। कृपा द्रिष्टि तुम्हारी करहु विलासा।।

श्री जगन्नाथ चालीसा लिरिक्स अंग्रेजी में (Shri Jagannath Chalisa in English)

Shri Jagannath Chalisa image1

॥Dohaa॥

jay jagannaath svaamii jay balabhadr sambhaava. jay subadraa taaii agyaa karain sab kaaja॥

॥chaaliisaa॥

jay jagannaath dayaalu dayaa nidhaana. karuṇaa ras sindhu nayan andhakaara..

kaṭakaṭ dhanus viraajat shankhaadhaara. mukh men kamal nainan men chakaara..१..

kanakamay shiish nav chaaru chandr bhaalaa. nakh sikhar chhavi ganjit sohe baalaa..२..

aruṇaanchal mukuṭ shriyaa sohat nuupa. mukh men muralii banamaal ajare..३..

shankh baaje mṛdung baajat taala. vajraankush gadaa shubh badan kaala..४..

rakt amg vastr bibhuushaṇ baajata. pratiit shobhit niil vishaal jaajata..५..

aavat dhaavat tab juu taar gṛhavata. kaaraj sarv karain sudhiir budhavata..६..

shachii jab bhay bhae saagar paara. raamadaas kahain bed bikhyaata..७..

shrii jagannaath chaaliisaa jo koii. gaavain paaṭh karain kalesh nakhaṭaaii..८..

jo yah paaṭh kare man laaii. tes hii kṛpaa karahu jagadiisha..९..

॥dohaa॥ pavan tanay sankaṭ haraṇ gosaaii. kṛpaa drishṭi tumhaarii karahu vilaasaa..

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Shri Jagannath Chalisa lyrics pdf

श्री जगन्नाथ चालीसा (Shri Jagannath Chalisa) से जुड़े प्रश्न


श्री जगन्नाथ चालीसा एक भक्तिपूर्ण गीत है जो भगवान जगन्नाथ की स्तुति में गाया जाता है। यह चालीसा हिंदी में है और इसे अक्सर ओडिशा के पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ के मंदिर में गाया जाता है।

“श्री जगन्नाथ चालीसा(Shri Jagannath Chalisa)” का अर्थ क्या है?

इस चालीसा का अर्थ है, “भगवान जगन्नाथ की चालीसा(Shri Jagannath Chalisa)” चालीसा एक प्रकार का भक्तिपूर्ण गीत है जो आमतौर पर 40 श्लोकों में होता है।

इस चालीसा में किन-किन देवताओं की स्तुति की गई है?

इस चालीसा में भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और उनके भाई बलराम की स्तुति की गई है। भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलराम को भगवान विष्णु के अवतार माना जाता है।

इस चालीसा को कब गाया जाता है?

इस चालीसा को अक्सर ओडिशा के पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ के मंदिर में गाया जाता है। यह चालीसा भगवान जगन्नाथ के जन्मोत्सव, रथ यात्रा और अन्य धार्मिक समारोहों के दौरान भी गाया जाता है।

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