गणपतिपुरा का गणेश मंदिर (Ganpatpura koth ganesh mandir) भक्तो में काफी प्रचलित है , और इस मंदिर के पीछे बहुत सारी कहानिया और मान्यताए है। कहा जाता है की इस मंदिर की मूर्ति कोथ में खुदाई के दौरान मिली थी जो की सोने की पायल, कुण्डल और मुकुट पहने हुए मिली थी। इस पोस्ट में हम इस मंदिर के निर्माण के पीछे छिपी हुई कहानियो, मंदिर के आस पास घूमने लायक स्थानों और मंदिर तक पहुंचने के तरीको के बारे में चर्चा करेंगे।
विषय सूची
गणेश मंदिर (Ganpatpura koth ganesh mandir) का निर्माण
विक्रम संवत 933 आषाढ़ वद 4 तारीख को रविवार के दिन हथेल में जब पेड़ो और झाड़ियों के पास जमीन की खुदाई हो रही थी, तभी उस खुदाई के दौरान गणेश जी की एक मूर्ति मिली। उस मूर्ति के बारे में कहा जाता है की वह सोने की पायल और सर पर मुकुट के साथ प्रकट हुई थी और साथ में उनके कानो में कुण्डल था और कमर पर कंदोरा। इस घटना को सुनकर कोठ के आस पास के गांव रोजका और बंकूटास के नेताओ के बीच इस बात पर बहस हुई की मंदिर को कोण रखेगा।
उन्होंने संयुक्त रूप से यह फैसला किया की मंदिर को बिना बैल की गाड़ी में रखा जाए जहाँ प्रभु की इच्छा होगी वो वह चले जाएंगे। गणपतिपुरा में ही एक ग्वाले ‘डुडो’ ने गोकुल में शक्तिमाता की स्थापना की थी वह बैलगाड़ी ठीक वही आकर रुकी और मूर्ति स्वयं ही गाडी से निचे उतर गयी। तब से उस भूमि का नाम गणपतिपुरा पड़ गया।
![गणपतिपुरा का गणेश मंदिर (Ganpatpura koth ganesh mandir) 2 ganpatipura temple](https://poojaaarti.com/wp-content/uploads/2023/08/ganpatipura-temple-1024x576.jpg)
तीर्थयात्रियों को ट्रस्टी की ओर से प्रदत्त सुविधाए
- ट्रस्ट प्रतिदिन सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.00 बजे के बीच तीर्थयात्रियों को मुफ्त भोजन प्रदान करता है। इसमें गणेश चतुर्थी (वड़) पर “फलाहार” (फैशनेबल भोजन) प्रदान करने की व्यवस्था है।
- ट्रस्ट प्रतिदिन सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक तीर्थयात्रियों को चाय उपलब्ध कराता है।
- ट्रस्ट के पास मंदिर परिसर में तीर्थयात्रियों को रात्रि प्रवास या अस्थायी प्रवास/विश्राम के लिए स्वच्छता सुविधा वाले 15 कमरे हैं जो तीर्थयात्रियों को निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं।
- मंदिर के परिसर में भगवान गणेश की पूजा/हवन आदि के लिए अलग स्थान है। मंदिर मंडल तीर्थयात्रियों की पसंद के अनुसार पूजा की आवश्यक व्यवस्था करता है।
- प्रसाद के रूप में भगवान गणेश का पसंदीदा “लड्डू” अन्य प्रसादो के साथ उपलब्ध कराया जाता है।
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गणपतिपुरा गणेश मंदिर (Ganpatpura koth ganesh mandir) कैसे पहुंचे?
अगर आपके पास स्वयं का वाहन है तो आप गणेश मंदिर आराम से बिना किसी परेशानी के पहुंच सकते है , अन्यथा अहमदाबाद में हर जगह से यहाँ पहुंचने के लिए टैक्सी की सुविधाएं उपलब्ध है।
निकटतम रेलवे स्टेशन : अहमदाबाद रेलवे स्टेशन
निकटतम हवाई अड्डा : सरदार वल्लभभाई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा , अहमदाबाद
गणपतिपुरा गणेश मंदिर की तस्वीरें
![गणपतिपुरा का गणेश मंदिर (Ganpatpura koth ganesh mandir) 3 Ganesh temple entrance line photo](https://poojaaarti.com/wp-content/uploads/2023/08/Ganesh-templ2-1024x576.jpg)
![गणपतिपुरा का गणेश मंदिर (Ganpatpura koth ganesh mandir) 4 Ganpatpura ganesh temple murty](https://poojaaarti.com/wp-content/uploads/2023/08/Ganesh1-1-1024x576.jpg)
![गणपतिपुरा का गणेश मंदिर (Ganpatpura koth ganesh mandir) 5 Ganesh temple right side view](https://poojaaarti.com/wp-content/uploads/2023/08/Ganesh3-1-1024x576.jpg)
![गणपतिपुरा का गणेश मंदिर (Ganpatpura koth ganesh mandir) 6 ganesh temple ki anya murtiya](https://poojaaarti.com/wp-content/uploads/2023/08/PoojaAarti1-1024x576.jpg)
![गणपतिपुरा का गणेश मंदिर (Ganpatpura koth ganesh mandir) 7 Ganesh temple ki chhat](https://poojaaarti.com/wp-content/uploads/2023/08/Madir-ki-chhat-1024x576.jpg)
![गणपतिपुरा का गणेश मंदिर (Ganpatpura koth ganesh mandir) 8 Ganesh temple mukhya pravesh dwar](https://poojaaarti.com/wp-content/uploads/2023/08/mukhya-line-1024x576.jpg)
गणपतिपुरा गणेश मदिर वीडियो
सामान्य प्रश्न :
मंदिर खुलने का समय क्या है?
सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक।
यह मंदिर किस भगवान् को समर्पित है?
यह मंदिर श्री गणेश भगवान् को समर्पित है।
मंदिर में प्रवेश का शुल्क कितना है ?
यहाँ प्रवेश का कोई शुल्क नहीं है।
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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले।
![गणपतिपुरा का गणेश मंदिर (Ganpatpura koth ganesh mandir) 9 DSC 0151](https://poojaaarti.com/wp-content/uploads/2023/08/DSC_0151.jpg)
संजय इज़ारदार का रुझान बचपन से ही अध्यात्म की ओर रहा है। वे poojaaarti.com में मंदिरो और त्योहारों के पोस्ट में हमारा सहयोग करते है और हमसे शुरुआत से ही जुड़े हुए है।