रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने (Racha Hai Shrshti Ko Jis Prbhu Ne)

रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने (Racha Hai Shrshti Ko Jis Prbhu Ne) एक प्रसिद्ध लोकप्रिय भजन है, इस भजन के गीतकार पूज्य श्री देवेंद्र जी महाराज है, इस गीत के माध्यम से महाराज जी ने बताया है की ईश्वर ने ही इस संसार का निर्माण किया है और वो ही ईश्वर इस संसार को चला रहे है, जो कुछ भी इस संसार में होता है या होने वाला सब उन्ही की मर्जी से ही होता है।

यह भजन यूट्यूब के अलग-अलग चैनलों में 50 मिलियन से अधिक बार देखा जा चूका है, जिससे इस भजन की लोकप्रियता का पता चलता है। यह भजन सुनने में अत्यंत प्रिय लगता है, तो आप भी इस भजन को पढ़कर आनंद विभोर हो जाइये।

रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने – भजन (Racha Hai Shrshti Ko Jis Prbhu Ne – Bhajan) जानकारी

भजन के बोलरचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये श्रष्टि चला रहे है।
गीतकारपूज्य श्री देवेंद्र जी महाराज
लिरिक्सट्रेडिशनल
लेबलअम्बे

रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने – भजन (Racha Hai Shrshti Ko Jis Prbhu Ne – Bhajan) हिंदी में

रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने,
रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये श्रष्टि चला रहे है,
जो पेड़ हमने लगाया पहले,
उसी का फल हम अब पा रहे है,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये श्रष्टि चला रहे है।।

इसी धरा से शरीर पाए,
इसी धरा में फिर सब समाए,
है सत्य नियम यही धरा का,
है सत्य नियम यही धरा का,
एक आ रहे है एक जा रहे है,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये श्रष्टि चला रहे है।।

जिन्होने भेजा जगत में जाना,
तय कर दिया लौट के फिर से आना,
जो भेजने वाले है यहाँ पे,
जो भेजने वाले है यहाँ पे,
वही तो वापस बुला रहे है,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये श्रष्टि चला रहे है।।

बैठे है जो धान की बालियो में,
समाए मेहंदी की लालियो में,
हर डाल हर पत्ते में समाकर,
हर डाल हर पत्ते में समाकर,
गुल रंग बिरंगे खिला रहे है,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये श्रष्टि चला रहे है।।

रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये श्रष्टि चला रहे है,
जो पेड़ हमने लगाया पहले,
उसी का फल हम अब पा रहे है,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये श्रष्टि चला रहे है।।

रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने – भजन (Racha Hai Shrshti Ko Jis Prbhu Ne – Bhajan) अंग्रेजी में

Racha Hai Shrshti Ko Jis Prbhu Ne,
Vahi Ye Shrshti Chala Rahe Hai,
Jo Ped Hamane Lagaaya Pahale,
Usi Ka Phal Ham Ab Pa Rahe Hai,
Racha Hai Sarashti Ko Jis Prbhu Ne,
Vahi Ye Shrshti Chala Rahe Hai

Isi Dhara Se Shareer Paae,
Isi Dhara Me Phir Sab Samaae,
Hai Saty Niyam Yahi Dhara Ka,
Ek A Rahe Hai Ek Ja Rahe Hai,
Racha Hai Sarashti Ko Jis Prbhu Ne,
Vahi Ye Shrshti Chala Rahe Hai

Jinhone Bheja Jagat Me Jaana,
Tay Kar Diya Laut Ke Phir Se Aana,
Jo Bhejane Vaale Hai Yahaan Pe,
Vahi To Vaapas Bula Rahe Hai,
Racha Hai Sarashti Ko Jis Prbhu Ne,
Vahi Ye Shrshti Chala Rahe Hai

Baithe Hai Jo Dhaan Ki Baaliyo Me,
Samaae Mehandi Ki Laaliyo Me,
Har Daal Har Patte Me Samaakar,
Gul Rang Birange Khila Rahe Hai,
Racha Hai Sarashti Ko Jis Prbhu Ne,
Vahi Ye Shrshti Chala Rahe Hai

Racha Hai Shrshti Ko Jis Prbhu Ne,
Vahi Ye Shrshti Chala Rahe Hai,
Jo Ped Hamane Lagaaya Pahale,
Usi Ka Phal Ham Ab Pa Rahe Hai,
Racha Hai Sarashti Ko Jis Prbhu Ne,
Vahi Ye Shrshti Chala Rahe Hai.

रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने – भजन (Racha Hai Shrshti Ko Jis Prbhu Ne – Bhajan) पीडीएफ


यह गीत भी देखे


रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने – भजन (Racha Hai Shrshti Ko Jis Prbhu Ne – Bhajan) वीडियो

आज का हमारा लेख पढ़ने के लिए हम आपकी सराहना करते हैं। कृपया अपने अनुभव हमसे साझा करने के लिए हमारे facebook group पर जुड़े और हमारे facebook page को like करे। अगर आप इस लेख में कुछ सुधार चाहते है, तो कृपया comment के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है।

disclaimer

इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले।

Leave a Comment