प्रभु श्री राम के अनेक मंदिरों के बारे में आपको जानते होंगे पर आज हम आपको बताएंगे भगवान श्री राम की माता कौशल्या देवी मंदिर (Kaushalya Mata mandir) के बारे में यह अपनी एक मात्र मंदिर है। जो केवल भगवान श्री राम की माता कौशल्या को समर्पित है। छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर चंदखुरी नाम गांव में स्थित है या मंदिर। हिन्दू मान्यता के अनुसार त्रिदेव ब्रम्हा , विष्णु ,महेश में से विष्णु के अवतर श्री राम की माता कौशल्या विवाह से पहले इसी गांव की बेटी थी।इसका प्रमाण हमे छत्तीसगढ़ राज्य के पुराने नाम मे मिलता है,छत्तीसगढ़ का पुराना नाम दक्षिण कौशल था,जो कौशल्या माता को समर्पित था।
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कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir) में राम का बिता था बचपन
भगवान कृष्ण के बाल्य के दर्शन तो हमे कई स्थानों पर हो जाते है,पर हो जाते है,पर प्रभु श्री राम के बल रूप के दर्शन कुछ ही स्थानो पर संभव है, जिनमे से एक है कौशल्य माता का यह प्रचीन मंदिर इस स्थान पर प्रभु श्री राम ने ना सिर्फ अपना बचपन बल्कि वनवास काल का भी एक लंबा बिताया था। कौशल्या माता (Kaushalya Mata mandir) के इस मंदिर की प्रसिद्धि न सिर्फ भारत बल्कि समुचे विश्व में वियाप्त है। राम की महिमा और शौर्य गाथा का प्रमाण तो पूरा भारत है, पर प्रभु के बाल रूप का प्रमाण केवल छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में मिलता है,यह का एक एक कण कण भगवान राम के उस रूप का साक्षि है।
कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir)वीडियो
कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir) का इतिहास
यह मंदिर वैसे तो काफी प्राचीन है। पर विशेषज्ञों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में सोमवंश के राजाओं द्वारा करवाया गया था। रामायण की कथा से जुड़े इस प्रमुख स्थान आस्था का प्रमाण है,और आस्था के उन प्रमुख प्रमाणों का साक्षी है। जो हिंदू धर्म ग्रन्थों में उल्लेखित है।
इस मंदिर को कई सारे आक्रमण कार्यों द्वारा कई बार क्षतिग्रस्त किया गया, क्षतिग्रस्त होने के बाद राम भक्तों ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया सन 1973 में इस मंदिर को एक नया रूप स्थानीय निवासियों और प्रशासन के सहयोग से दिया गया, और अभी वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राम वन गमन पथ योजना के तहत इस स्थान को धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया गया है।
कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir) का हनुमान पुल
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 22 से 26 किलोमीटर दूरी पर स्थित यह मंदिर रामायण कालीन इतिहास से जुड़ा हुआ है। माता कौशल्या का यह मंदिर (Kaushalya Mata mandir) चंदखुरी गांव के एक स्थान पर जलसेन तालाब से घिरा हुआ अत्यंत मनोरम प्रतीत होता है। तालाब से गिरे होने की वजह से इस मंदिर तक पहुंचाने के लिए हनुमान फुल नामक एक पुल को पार करना पड़ता है। जिसके ऊपर एक विशाल हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है।
इस प्रतिमा को पार करने के पश्चात ही मंदिर तक पहुंचा जा सकता है । कहा जाता है,भगवान हनुमान उनके प्रभु श्री राम की माता कौशल्या के इस धाम की रक्षा करते हैं। इस मंदिर से जुड़ी आस्था यह भी है, कि हनुमान पुल पर शिस नवा कर ही इस मंदिर के अंदर जाया जा सकता है,अन्यथा यात्रा असफल मानी जाती है।
कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir) का स्वरूप
माता कौशल्या (Kaushalya Mata mandir) के जन्म भूमि का दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को चंदखुरी गांव में सबसे पहले एक भव्य स्वर्ग द्वार देखने को मिलेगा । इस द्वार के पास आते ही भव्य प्रभु श्री राम की प्रतिमा दिखाई पड़ती है,द्वार के भीतर घुसते ही हमें श्री राम की प्रतिमा के बगल से एक अद्भुत तरह का पुल दिखेगा इस पल में खंभे नहीं है बल्कि खाबो को हथेलियां का शक्ल दिया गया है ।तालाब के बीच में मंदिर के बने होने की वजह से पुल के माध्यम से होते हुए ही मंदिर तक जाया जा सकता है ।
माता कौशल्या का मंदिर बेहद ही सुंदर छोटे-छोटे उद्यानों से सजाया गया है। तालाब के बीच में समुद्र मंथन और सयन मुद्रा में विष्णु की प्रतिमाएं स्थापित की गई है, जो एक अलौकिक रूप इस स्थल को देती है, मंदिर के ऊपर भगवान शिव और उनके वाहन नंदी की भी प्रतिमा स्थापित की गई है,मंदिर के अंदर माता कौशल्या की मूर्ति प्रभु श्री राम को अपने गोद में लिए हुए दिखाई पड़ती हैं । जिनके बगल में कान्हा और राम की बाल रूप मूर्तियां भी मौजूद है , इन सभी चीजों की वजह से यह मंदिर आत्यंतिक सुंदर और अलौकिक प्रति होता है।
कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir) में दर्शन का समय
माता कौशल्या (Kaushalya Mata mandir) का यह मंदिर भक्तों के लिए साल के सभी दिन खुला रहता है । भक्त किसी भी दिन इस मंदिर में आ सकते हैं। मंदिर के खुलने का समय सुबह 6:00 बजे है सुबह 6:00 बजे मंदिर के खुलते ही यहां पर भक्तों की भीड़ लगना शुरू हो जाता है, तो वही रात के 10:00 बजे इस मंदिर के द्वार भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते हैं । दूर-दूर से आने वाले भक्त यहां पर आकार न सिर्फ माता और प्रभु श्री राम के दर्शन करते है,बल्कि इस स्थान के सुंदर दृश्य का आनंद भी लेते हैं।
कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir) में होने वाले आयोजन
आम तौर पर इस मंदिर में प्रत्येक दिन भक्तों की भारी भीड़ रहती है। पर इस मंदिर में नवरात्र के दिन भक्तों की संख्या बढ़ जाती है ,इसके अलावा रामनवमी के दिन इस मंदिर में भव्य आयोजन करवाए जाते हैं । इस दिन प्रभु श्री राम का जन्म दिवस उनके ननिहाल में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। भक्ति यहां तरह-तरह के भोग भंडारे प्रभु को चढ़ाते हैं, तो वहीं विभिन्न कार्यक्रम और भजन कीर्तन इस मंदिर प्रांगण में किए जाते हैं । साथ ही एक भव्य यज्ञ भी इस मंदिर में रामनवमी के दिन आयोजित किया जाता है। (Kaushalya Mata mandir)
कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir)जाने पर कहां रुके
यदि आप भी प्रभु श्री राम के ननिहाल चंदखुरी के कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir) जाना चाहते हैं , तो आपको यह बता दे कि यह मंदिर गांव में स्थित होने की वजह से यहां रुकने की खास व्यवस्था नहीं है, किंतु रायपुर से समीप होने की वजह से रायपुर में सस्ते और महंगे दोनों ही दरों पर सर्व सुविधायुक्त रूम उपलब्ध हो जाते हैं। इसके अलावा रायपुर के वी आई पी रोड स्थित राम मंदिर के धर्मशाला में कम पैसा देकर भी रुक जा सकता है। अगर आपको अधिक सुविधा वाला रूम चाहिए तो रायपुर में ही कई बड़े होटल मैजूद है ,जहां ज्यादा पैसे देकर अधिक सुविधा वाले कमरों में रुक जा सकता है।
कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir) में भोजन व्यवस्था
यह मंदिर पूरे देश में इकलौता प्रभु श्री राम के माता कौशल्या का मंदिर (Kaushalya Mata mandir) है । यदि आप इस मंदिर परिसर में जाना चाहते हैं,तो मंदिर में भोजन के लिए छोटे दुकान और ठेले मौजूद है। जहां पर आप चाट, गुपचुप,पान, गुटका इत्यादि खरीद सकते हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर में ही श्रद्धालुओं के लिए भोग ,चढ़ावा, प्रसाद आदि का सामान उपलब्ध हो जाते हैं।
रास्ते में कई छोटे-छोटे होटल और ढाबे भी मौजूद है ।जहां पर आपको विभिन्न प्रकार के भजन आसानी से मिल जाते हैं , यदि आपको थोड़ी अच्छी क्वालिटी का होटल में भोजन करना है ,तो आप रायपुर जा सकते हैं यहां आपको अच्छी भोजन उचित मूल्य पर मिल जाएंगे।
कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir)के आस पास घूमने की जगह
रायपुर शहर अपने आप में एक रोचक और खूबसूरत शहर है छत्तीसगढ़ की राजधानी बनने से पहले ही रायपुर का मध्य प्रदेश में जुड़े होने इस समय से स्थापित था उसे समय भी यहां पर ऐसे ऐसे लोक भवन पर्यटन स्थल मौजूद थे लोगों को अपनी और आकर्षित करते थे परंतु राजधानी के बनने के साथ शहर का विकास स्मार्ट सिटी के तर्ज पर किया जाए लगा जिससे रायपुर भारत के सबसे विकसित शहरों में से एक बन गया। रायपुर में घूमने की विभिन्न स्थान मौजूद है जैसे
नंदनवन जंगल सफारी
नया रायपुर के समीप स्थित नंदनवन जंगल सफारी भारत के सबसे बड़े जंगल सफारी में से एक है जहां विभिन्न प्रकार के पक्षियों और जानवरों को देखा जा सकता है । यहां पर जंगल सफारी का आनंद परिवार औऱ दोस्तो के लिया जा सकता है। जंगल सफारी के माध्यम से बच्चे या जानते हैं, कि जंगली जानवर जंगल में किस तरह अपना जीवन व्यतीत करते हैं। नंदनवन में एक बड़ी सी झील भी मौजूद है जहां पर वोटिंग का मजा भी सब परिवार लिया जा सकता है।
इसके अलावा यहां एक बड़ा सा म्यूज़ियम घर मौजूद है, जिसमें जानवरों और पक्षियों के बारे में सारी जानकारियां दी गई है , साथ ही छत्तीसगढ़ के कौन-कौन से वन्य जीव पाए जाते हैं, उनके बारे में भी बताया गया है । नंदनकानन का सबसे बड़ा आकर्षण यहां का जंगल सफारी ही माना जाता है ।यह सफारी पार्क 800 एकड़ में फैला हुआ है ।जंगल सफारी का सफर करने के लिए पूरा एक दिन लगता है। जहां आपका परिवार अरब दोस्तो के जाकर खूब आनंद के साथ सफर का मजा ले सकते हैं।
पुरखौती मुकतांगन
छत्तीसगढ़ के आदिवासी परंपरा, शैली और संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए इस उद्यान का निर्माण करवाया गया था । जिसका उद्घाटन ए पी जे अब्दुल कलाम के द्वारा छत्तीसगढ़ के उज्जवल भविष्य बनाए रखने के लिए किया गया था । पुरखौती मुक्तांगन रायपुर के सबसे अधिक पर्यटक को अपनी आकर्षित करने वाले स्थान में से एक है । क्योंकि यहां आदिवासी,जनजातियों को प्रदर्शित करते हुए विभिन्न नृत्य,मुद्राएं सहन-सहन को प्रदर्शित करते हुए मूर्तियां स्थापित की गई है।
जो छत्तीसगढ़ के विभिन्न कौन हो में फैली विविध जातियों की संस्कृति को प्रदर्शित कर रहा है। इसे मनोरंजन और शिक्षा के रूप से एक मुख्य पर्यटन स्थल माना जाता है ।यहा कई सारे सुंदर बगीचे बनाए गए है जिनमे विभिन्न पेड़ पौधे लगाए गए हैं। इस उद्यान में छत्तीसगढ़ के संस्कृति की विभिन्न झांकियां भी मौजूद है, पुरातत्व खोजो में मिले कई खोजो के भव्य रूप यहां स्थापित किए गए हैं। इस उद्यान के खुलने का समय सुबह 8:00 से शाम 6:00 बजे तक है।
स्वामी विवेकानंद सरोवर
सबसे अधिक लोकप्रिय पर्यटक के केंद्रों में से एक है।स्वामी विवेकानंद सरोवर अपने शांत वातावरण और खूबसूरत दृश्य की वजह से यहां स्थान इस सूची में अपनी जगह बनता है। रायपुर में कई सारे घूमने योग्य जगह है पर सबको एक साथ घूमने संभव नहीं है।पर फिर भी समय निकाल कर एक बार स्वामी विवेकानंद सरोवर जरूर आए, यह प्रसिद्ध स्थान कई सारे खूबसूरत हर ताड़ के पेड़ों से गिरा हुआ है और विभिन्न खाने पीने की स्टॉल्स सरोवर के द्वार पर लगे लगे हुए हैं।
स्वामी विवेकानंद सरोवर के आसपास शांत वातावरण और अच्छी ऊर्जा का संचार की वजह से काफी प्रसिद्ध है ।यहां सुबह 6:00 से 9:00 तक दोपहर के 3:00 से रात के 8:00 तक खुल राहत है इसी बीच भ्रमण करने के लिए जाया जा सकता है।
कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir) कैसे पहुंचे
कौशल्या माता मंदिर (Kaushalya Mata mandir) चंदखुरी तक पहुंचने से पहले रायपुर पहुंचना होगा,मंदिर परिसर से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा रायपुर में स्थित है। यहाँ शहर छत्तीसगढ़ की राजधानी होने की वजह से यहाँ से देश के सभी बड़े शहरो से कनेक्टिविटी भी अच्छी है। रायपुर से मंदिर की दुरी लगभग 25 किलोमीटर है।
हवाई मार्ग
स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट केंद्र भारत के मुख्यतम हवाई अड्डों में से एक है ,इस एयरपोर्ट से कई शहरो के लिए सीधी हवाई मार्ग से रायपुर पंहुचा जा सकता है।
रेल मार्ग
रायपुर जंक्शन छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि भारत में एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है ,रायपुर जंक्शन छत्तीसगढ़ को पुरे भारत के विभिन्न हिस्सों से जोड़ता है। आप ट्रेनों की उपलब्धता की जांच कर सकते हैं और रायपुर जंक्शन के लिए टिकट बुक कर सकते हैं।
सड़क मार्ग
रायपुर शहर छत्तीसगढ़ की राजधानी होने की वजह से राष्ट्रीय राजमार्गो से जुड़े होने की वजह से देश के किसी भी कोने से रायपुर पंहुचा जा सकता है। विभिन बस कई शहरो से रायपुर के लिए चलती जिनके उपयोग से रायपुर आसानी से पंहुचा जा सकता है।
यह मंदिर भी देखे
कौशल्या माता मंदिर कहा स्थित है ?
कौशल्या माता मंदिर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 25 किलोमीटर दूर चन्दखुरी नामक गावो में स्थित है।
कौशल्या किसकी माता थी ?
कौशल्या भगवन श्री राम की माता थी।
कौशल्या माता मंदिर कैसे पहुंचे ?
कौशल्या माता मंदिर जाने के सबसे पहले रायपुर पहुंचना होगा वह से बस या टेक्सी के से कौशल्या माता मंदिर पंहुचा जा सकता है।
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गौरव का रुझान मंदिरो और कथाओ में है, वे अनेक स्थलों में भ्रमण करके हमारे लिए इन विषयों पर विश्लेषण करते है , और इन विषयो के लेखन में poojaaarti.com में हमारा सहयोग करते है।