कोराडी माता मंदिर (koradi mata mandir) भारत के महाराष्ट्र राज्य के नागपुर शहर से लगभग 15 में दूर स्थित हैं। यह मंदिर हिंदू देवी जगदंबा के कोराडी माता रूप को समर्पित है ।यह मंदिर देश का एक लोकप्रिय धार्मिक स्थलो में से एक है , जहां दूर-दूर से श्रद्धालु देवी के दर्शन करने आते हैं । यह मंदिर कोराडी झील के तट पर स्थित है।
विषय सूची
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) की पौराणिक कथा
ऐसा कहा जाता है , कि कई सदियों पहले एक राजा के 7 पुत्र हुआ करते थे , पर उन्हें एक पुत्री की कामना थी वह उसके लिए तरस रहे थे , उन्होंने पूजा पाठ की जिससे उन्हें एक दैविक पुत्री को प्राप्त हुई,राजा को भी यह समझ भी आ गई थी कि यह कोई साधारण कन्या नहीं है ।
एक बार जब राजा जंग में गए थे तो उनकी पुत्री ने जंग में उनकी खूब सहायता की , जिस वजह से जंग को जीत कर राजा ने प्रसिद्धियों के शिखर को प्राप्त किया । एक दिन जंग से लौटते वक्त उस दैविक कन्या ने कहा की ” वह उसी स्थान पर रुक जाएगी , जहां सूर्यास्त होगा ” और कोराडी का झील वही स्थान है । जहां माता रुक गई थी । ऐसा माना जाता है , कि जहां माता रुकी वहां एक स्वयंभू मूर्ति प्रकट हो गई , यह इस मंदिर का सालों पुराना सबसे अधिक लोकप्रिय कथा है।
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) के निर्माण का इतिहास
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) के निर्माण के सही तारीख किसी को भी ज्ञात नहीं है । लेकिन यह बहु चर्चित कथनो औऱ पुरातत्व विभाग के अनुसार यह माना जाता है , कि 14 वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था , और कुछ वर्ष पहले ही पूरे मंदिर का नवीनीकरण भक्तों के सहयोग से करवाया गया था।
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) की वास्तुकला
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir)में हमें आधुनिक शैली एवं पुराने परंपरागत पद्धति की वास्तुकला का एक संतुलित मिश्रण देखने को मिलता है। मंदिर की शुरुआत एक भव्य द्वारा से होती है , जिसमें पौराणिक देवी , देवताओं की आकृतियां महिम नक्काशी के द्वारा उक्कीरी गई हैं । अगर हम गर्भ ग्रह के ऊपर नजर डालें तो , वहा काले पत्थरों से बनाया गया है ,जो 5 फीट की ऊंचाई पर है । गर्भगृह के अंदर जगमगाते दियो से एक रहस्यमई आभा उत्पन्न होती है । मूर्ति को विभिन्न पुष्प के मालाओं से और सोने चांदी के आभूषणों से सजाया गया है।
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) की विशेषता
भारत में यूं तो अनेकों चमत्कारिक मंदिर है , पर नागपुर में स्थित कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) में एक अद्भुत चमत्कार श्रद्धालुओं को देखने को मिलता है , इस मंदिर में एक अनोखी घटना होती है ।पिछले कुछ वर्षों में यह घटना कई बार हो चुकी है । कहा यह जाता है , कि कोराडी माता की मूर्ति का चेहरा दिन में तीन बार अपना रूप बदल लेता है ।
सुबह के समय मूर्ति एक चंचल बच्चे की तरह दिखाई पड़ता है , तो वहीं दोपहर होते ही यह मूर्ति एक युवा की तरह दिखाई देने लगता है , औऱ रात होते तक यह मूर्ति किसी वृद्ध महिला की तरह रूप ले लेता है । इतना ही नहीं मूर्ति पर झुर्रिया भी देखने का कई भक्तों ने दावा किया है । मूर्ति में हो रही यह परिवर्तन इस बात का प्रतीक माना जाता है की देवी अपने भक्तों पर आशीर्वाद बने हुए हैं, जो भी भक्त इन तीनों अवस्था को देख लेता है , उसे सौभाग्य और समृद्धि का वरदान माता देती है।
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) का आध्यात्मिक महत्व
हिंदू आस्था के अनुसार इस मंदिर में माता सती का दाहिना कंधा गिरा था , जिस वजह से इसे 51 शक्ति पीठ में से एक शक्तिपीठ माना जाता है । इस मंदिर को काफी सिद्ध और जागृत भी माना जाता है । मंदिर में प्रत्येक दिन भक्तों की भारी संख्या देखने को मिलती है , खासकर नवरात्र के दिनों में यहां तो श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है।
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) में दर्शन का समय
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) वैसे तो साल के प्रत्येक दिन खुला रहता है । पर यहां भक्तों की भीड़ नवरात्र पर अधिक देखने को मिलती है । आम दिनों पर यह मंदिर सुबह 6:00 से रात के 9:00 तक भक्तों के लिए खुला रहता है । इस समय के बीच किसी भी वक्त भक्त जाकर माता के दर्शन कर सकते हैं।
कोराडी माता मंदिर में दर्शन के लिए कब जाए
साल के सभी दिन कोराडी माता मंदिर में भक्त की भीड़ लगी रहती है , माता से जुडी आस्था भक्तो को अपने पास बुला ही लेती है। पर कोराडी माता के दर्शन का सबसे सही वक्त नवरात्र के दिनों को माना जाता है। कहा जाता है , की इन दिनों में माता का जागृत स्वरूप भक्तो को देखने मिलता है।
नवरात्र के नव दिनों में भक्त सच्चे मन से कोराडी माता से जो भी मांगते है , माता उनकी मनोकामना पूर्ण करती है। इस लिए नवरात्र के इन नव दिनों में कोराडी माता मंदिर ( Koradi mata mandir ) में भक्तो की सबसे अधिक भीड़ देखने को मिलती है , इन दिनों में देश – विदेश माता पर आस्था रखने वाले श्रद्धालु देवी इस अतभुत स्वरूप करा दर्शन करे मंदिर में आते है।
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) जाने पर कहा रुके
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) देश के प्रसिद्ध मंदिरो में से एक है ,यहाँ महाराष्ट्र समेत पुरे देश से श्रद्धालु दर्शन करने आते है, हिन्दू आस्था से जुड़े माता के इस धाम में भक्तों के रुकने की पर्याप्त व्यवस्थ उपलब्ध है। कोराडी क्षेत्र में विभिन्न धर्मशाला उपलब्ध है । नागपुर से लगे होने की वजह से सस्ती दरों पर होटलो और धर्मशालाओं में कमरे उपलब्ध है,जहा 500 से 2000 रूपए सर्वसुविधा युक्त फैमली रूम उपलब्ध है।
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir)के आस पास उपलब्ध भोजन
कोराडी माता मंदिर के आस पास विभिनं किस्म के भोजन काम कीमतों में उपलब्ध है। जहा शुद्ध शाकाहारी भोजन छोटे – बड़े सभी होटल और रेस्टोरेंट में मिल जाता है ,जो काफी सस्ती दरों में मिल जाते है, मंदिर परिसर के कुछ दूर पर नॉन वेज भोजन भी कम कीमतों में मिल जाते है , यहाँ आने वाले श्रद्धालु महराष्ट्र के लोक व्यंजनों का भी लुप्त यहाँ के छोटी-छोटी गलियों के ठेलो वालो के पास जा कर उठा सकते है।
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) कैसे पहुंचे
नागपुर से लगभग 15 किलोमीटर दूर कोराडी में स्थित यह मंदिर सड़क मार्ग रेल मार्ग और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। अब देश के किसी भी कोने से इस मंदिर तक आसानी से किसी भी परिवहन के साधन से पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग
जो कोई भी श्रद्धालु कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) आना चाहते हैं वह नागपुर के बाबा साहेब अंबेडकर इंटरनेशनल हवाई अड्डे से यहां पहुंच सकते हैं जहां से मंदिर की दूरी केवल 18 किलोमीटर है बस यह टैक्सी के माध्यम से यहां पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन नागपुर रेलवे स्टेशन है जो मंदिर से करीब 14 किलोमीटर दूर है रेलवे स्टेशन से मंदिर तक जाने के लिए ऑटो या टैक्सी का उपयोग किया जा सकता है।
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir)आप पास घूमने की जगह
दीक्षाभूमि स्तूप
बलुआ पत्थर , संगमरमर और ग्रेनाइट से बना हुआ नागपुर मौजूद है , दीक्षा भूमि स्तूप जो बौद्ध धर्म का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्मारकों में से एक है। इसे एशिया का सबसे बड़ा स्तूप भी कहा जाता है इसकी ऊंचाई 120 फिट है। कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) आने के बाद देखने लायक सबसे अच्छी जगह में से एक दीक्षाभूमि स्तूप है।
ड्रेगन पैलेस मंदिर
महाराष्ट्र के नागपुर शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर , हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करने वाला यह बौद्ध मंदिर , कम्पी नामक स्थान पर स्थित है।
ड्रैगन पैलेस बौद्ध मंदिर को नागपुर नहीं महाराष्ट्र का गोल्डन टेंपल भी कहा जाता है । इस मंदिर के स्थापना 1999 में की गई थी । जिसे जापान के ओगावा समाज द्वारा दान में दिया गया था।
अक्षरधाम मंदिर , नागपुर
पार्किंग, विशाल रसोई घर और बच्चों के लिए खेलने के स्थानो से सुसज्जित नवनिर्मित अक्षरधाम मंदिर नागपुर के रिंग रोड में स्थित है । यह मंदिर स्वामीनारायण को समर्पित है । मंदिर के अंदर विभिन्न प्रकार के पौधे एवं फूल लगाए गए हैं , जो पर्यावरण के एक सकारात्मक छवि को हमारे सामने दिखाते हैं , साथ ही सीढ़ियों और दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी लोगों का मन मोह लेती है । मंदिर में जगमगाते लाइट भी लगाए गए हैं जिसे देख कर एक सुखद अनुभव मिलता है।
लता मंगेशकर म्यूजिकल गार्डन
यह गार्डन भारतीय गायिका लता मंगेशकर को समर्पित है । इस गार्डन में लगभग 2,500 लोगों के बैठने की सुविधा उपलब्ध है । पार्क में गीतों की धुन पर पानी का फवारा , रंग बिरंगी लाइटों के साथ थिरकता हुआ नजर आता है , जो काफी खूबसूरत दिखाई देता है । यहां खूबसूरत फूलों की बागवानी भी की गई है , जिसे देखते ही लोग का मन मोहित हो जाते हैं । नागपुर के सबसे सुंदर जगह में से एक इस जगह को माना जाता है।
रामटेक किला
एक पहाड़ी की चोटी पर शहर के भी बड़ा से दूर स्थित है , यह सुप्रसिद्ध पौराणिक समृद्धियों को समेटे हुए रामटेक किला , इस मंदिर को रामायण युग से जोड़ा कर जाता है । कहा जाता है , कि भगवान राम ने यहां एक रात गुजारी थी , इसलिए इसे दैविक आस्था के नजरिया से भी एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है , वर्त्तमान में यहा पिकनिक मनाने और घूमने के लिए एक अच्छा विकल्प लोगों के लिए रहता है।
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कोराडी माता मंदिर से सम्बंधित कुछ प्रश्न FAQ
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) कहा स्तिथ है ?
कोराडी माता मंदिर (Koradi mata mandir) महाराष्ट्र राज्य के नागपुर जिले से 15 किलोमीटर की दूरी पर कोराडी तालाब के तट पर स्थित है।
कोराडी माता कौन है ?
देवी महालक्ष्मी जगदम्बा माता के 51 शक्तिपीठो में से एक कोरडी में स्तिथ है। कोराडी माता देवी महालक्ष्मी जगदम्बा का दूसरा रूप है।
कोराडी माता मंदिर में कौन सा चमत्कार होता है ?
कोराडी माता के मंदिर में देवी माता की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है। सुबह के समय मूर्ति चंचल कन्या के रूप में दिखाई प्रतीति होता है दोपहर में किसी युवा की तरह और रात होते होते मूर्ति का रूप किसी बुजुर्ग महिला की तरह हो जाता है।
नागपुर से कोराडी माता मंदिर की दुरी कितनी है ?
नागपुर शहर से कोराडी माता मंदिर की दुरी लगभल 15 किलोमीटर है ,यहाँ बस यह टेक्सी से जाया जा सकता है।
कोराडी माता मंदिर में सबसे अधिक भीड़ कब होती है ?
हिंदू आस्था का केंद्र होने की वजह से कोराडी माता के मंदिर में साल के सभी दिन भक्तो की भरी भीड़ रहती है , पर नवरात्र के दिनों में यहाँ सबसे ज्यादा संख्या में भक्त माता का दर्शनं करने मंदिर में आते है।
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गौरव का रुझान मंदिरो और कथाओ में है, वे अनेक स्थलों में भ्रमण करके हमारे लिए इन विषयों पर विश्लेषण करते है , और इन विषयो के लेखन में poojaaarti.com में हमारा सहयोग करते है।