परमट मंदिर कानपुर (Parmat mandir kanpur)

उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर सेंट्रल से 6 किलोमीटर दूरी सिविल लाइन में गंगा नदी के तट पर स्थित है , पौराणिक परमट मंदिर कानपुर (Parmat mandir kanpur) इस मंदिर का निर्माण पूरा पौराणिक काल में किया गया था , जिसका पुनर्निर्माण 18वीं सदी में करवाया गया था। यह मंदिर आनंदेश्वर मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है , जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर कानपुर का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है । जहां प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में भक्त भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं।

Parmat mandir kanpur

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परमट मंदिर कानपुर (Parmat mandir kanpur) का पौराणिक इतिहास

परमट मंदिर कानपुर (Parmat mandir kanpur)
की सबसे पुरानी पौराणिक कथा यह है, कि इस स्थान पर एक टीला हुआ करता था जहा महाभारत काल में कर्ण गंगा स्नान के बाद प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा कर अंतर ध्यान हो जाते थे , इसके बाद उसी स्थान पर आनंदी नाम की एक गया वहां बैठकर अपने सारा दूध गिरा देती थी।

क्षेत्र के राजा को जब इसकी जानकारी मिली तो राजा ने उसे स्थान को खोदने का आदेश दिया , कई दिन की खुदाई के बाद वहां एक शिवलिंग मिला जिसके बाद राजा और प्रजा द्वारा उसी स्थान पर एक मंदिर का निर्माण करवाया गया,आनंदी गाय के अपने सारे दूध को इस जगह पर गिरा देने की वजह से इस धाम का नाम आनंदेश्वर धाम पड़ा।

परमट मंदिर कानपुर (Parmat mandir kanpur) वीडियो

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परमट मंदिर (Parmat mandir kanpur) नाम कैसे मिल

18 वीं सदी में निर्मित या मंदिर कानपुर के गंगा नदी किनारे स्थित है। कहा जाता है, कि आजादी से पहले अंग्रेज इस स्थान पर जाने के लिए गंगा नदी को पार करने हेतु एक परमिट देते थे , जिनके पास परमिट होता था उसे इस नदी को पार करके मंदिर तक जाने दिया जाता था। समय के साथ-साथ परमिट की जगह या शब्द परमट में तब्दील हो गया और इस स्थान को परमट मंदिर के नाम से जाना जाने लगा। क्षेत्र के लोगों की जोड़ी अपार आस्था की वजह से इस मंदिर में प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में भक्ति पहुँचते हैं।

परमट मंदिर (Parmat mandir kanpur) की वास्तुकला

गंगा नदी के तट पर स्थित तीन एकड़ में फैला या मंदिर लाल और सफेद पत्थरों से बनवाया गया है । मंदिर के अंदर मुख्य गर्भगृह में उत्तर दिशा पर स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है,यह शिवलिंग पूर्णता प्राकृतिक होने की वजह से सारे शिवालयों में से अपनी तरह का एक अनोखा शिवलिंग माना जाता है ।

Parmat mandir kanpur

मंदिर के दीवारों और खंबो में विभिन्न हिंदू देवी – देवताओं की आकृतियां उकेरी गई है । जिसमें भगवान गणेश , माता पार्वती,भगवान शिवा , देवी काली , अन्नपूर्णा ,भैरव बाबा समेत विभिन्न कई देवताओं और उनकी गड़ो की आकृतियां मौजूद हैं। मंदिर की संरचना पुरानी होने के साथ-साथ अत्यंत ऐतिहासिक प्रतीत होती है ।

परमट मंदिर कानपुर (Parmat mandir kanpur) में दर्शन का समय

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कानपुर के गंगा तट में स्थित यह मंदिर साल की प्रत्येक दिन भक्तों का तांता रहता है , प्रत्येक दिन इस मंदिर में कोई ना कोई भक्त भंडारे का आयोजन करवाता रहता है। मंदिर भक्तों के लिए सुबह 6:00 से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है । इस बीच किसी भी समय भक्त मंदिर में आकर अपने आराध्य की पूजा अर्चना कर सकते हैं, त्योहारों के दिन खासकर महाशिवरात्रि और सावन के महीना में मंदिर में दर्शन के समय को बढ़ा कर सुबह 3:00 बजे से रात के 12:00 तक भक्तों के सुविधाओं को देखते हुए कर दिया जाता है ।

परमट मंदिर कानपुर (Parmat mandir kanpur) आरती का समय

आनंदेश्वर मंदिर में चार बार आरती की जाती है । पहली मंगल आरती सुबह 5:00 बजे से 5:30 तक की जाती है , दूसरी भोग आरती 12:00 बजे से 12:30 बजे तक की जाती है , शाम की आरती 7:30 से 9:00 तक की जाती है और रात की शायन आरती 11:00 से 12:00 तक की जाती है।

परमट मंदिर कानपुर (Parmat mandir kanpur) होने वाले आयोजन

मंदिर में प्रत्येक सोमवार भक्तों की काफी भीड़ रहती है , इस दिन जिन भक्तों की मुरादे पूरी होती है , वह यहा भंडारे का आयोजन करते हैं। इसके अलावा सावन महीने में यहां प्रत्येक दिन मेला लगा रहता है । जहां भक्त कावड़ में जल लेकर भगवान शिव पर अर्पित करते हैं ।सावन के महीने में भक्तों द्वारा भव्य धार्मिक आयोजन किए जाता है जिसमें आयोजन में भंडारे और सुबह शाम की आरती का समावेश रहता है। महाशिवरात्रि के दिन भी यहां पर एक भव्य जनसैलाब देखने को मिलता है मंदिर परिसर भक्तों का मेला लगता है।

परमट मंदिर कैसे पहुँचे

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परमट मंदिर कानपुर से लगे होने की वजह से यहां पर विभिन्न परिवहन साधन मौजूद है भक्त यहां रेल मार्ग हवाई मार्ग और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं।

हवाई मार्ग

परमत मंदिर से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा कानपुर एयरपोर्ट है , जो मंदिर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. हवाई अड्डे से मंदिर तक बस,टैक्सी या ऑटो से पहुंचा जा सकता है।

रेल मार्ग

यह मंदिर रेल परिवहन से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। देश के किसी भी कोने से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। परमट मंदिर से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन है, इसके अलावा यहां और कई सारी विभिन्न रेलवे स्टेशन से जिनके माध्यम से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। जैसे पनकी रेलवे स्टेशन , कल्यानपुर रेलवे स्टेशन , अनवरगंज रेलवे स्टेशन। कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से परमट मंदिर की दूरी लगभग 7 किलोमीटर है।

सड़क मार्ग


सड़क मार्ग से अच्छी कनेक्टिविटी की वजह से देश के किसी भी स्थान से यहां तक सीधे सड़क मार्ग के द्वारा पहुंचा जा सकता है।मंदिर में आने वाले श्रद्धालु किसी भी बड़े शहर से कानपुर के लिए बस में भी आ सकते हैं । कानपुर के मुख्य बस स्टेशन है झकरकटी बस डिपो, विकास नगर बस डिपो , चुन्नी गंज बस डिपो, फजलगंज बस डिपो, इसके अलावा आप सड़क मार्ग से प्राइवेट कार या टैक्सी से भी सीधा परमट मंदिर पहुंच सकते हैं ।इसके लिए आपको पहले कानपुर मुख्यालय पहुंचना होगा कानपुर मुख्यालय से परमट मंदिर की दूरी 6 किलोमीटर है।

परमट मंदिर जाने पर कहा रुके

परमट मंदिर जाने पर कानपुर के सिविल लाइन में रुकने के लिए काफी व्यवस्थाएं मौजूद है। जहां सस्ते दरों पर अच्छे रूम मिल जाते हैं। पर और भी अच्छी व्यवस्था कानपुर शहर में मौजूद है। औद्योगिक नगर होने की वजह से यहां सैलानियों के लिए काफी अच्छी व्यवस्था उपलब्ध है। कानपूर में विभिन्न धर्मशालाओं के अलावा यहां पर कई सारे सस्ते और महंगे लॉज और होटल उपलब्ध हैं। जिनमें आप एक से दो कमर यह एक बड़ा हॉल भी बुक कर सकते हैं,जो सस्ते दरों पर यहां रूम मिल जाते हैं।

परमट मंदिर के आसपास उपलब्ध भोजन

परमट मंदिर परिसर में प्रत्येक सोमवार को भंडारे का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा मंदिर के आसपास कई सारे छोटे होटल, रेस्टोरेंट मौजूद है। अगर मंदिर से थोड़ी दूरी पर जाए तो बड़े-बड़े अच्छे रेस्टोरेंट भी मिल जाते हैं। इसके अलावा कानपुर शहर में अलग-अलग किस्म के खान-पान की सुविधा उपलब्ध है। जहां आप लोग व्यंजनों के साथ विभिन्न प्रकार के मिष्ठानो का मजा भी ले सकते हैं।

परमट मंदिर के आसपास घूमने की जगह

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कानपुर ऐतिहासिक नगरी है, जो अपने उद्योग और सभ्यता की वजह से सारे देश में मशहूर है ,यहां पर कई सारी ऐसी जगह है, जो लोगों का मन मोह लेती है। ऐतिहासिक मंदिरों के अलावा खूबसूरत और प्राकृतिक काफी नजारे भी यहां पर मौजूद है।

मोती झील


कानपुर  बेनझाबर इलाके में मोती झील स्थित है। यह एक खूबसूरत मनोरंजन का स्थल है। ब्रिटिश शासन काल में इस झील को अंग्रेजों द्वारा शहर में पानी आपूर्ति के लिए बनाया गया था। समय के साथ-साथ इस झील को बच्चों के लिए मनोरंजन पार्क के रूप में विकसित किया गया। इस पार्क में विभिन्न फूड स्टॉल के साथ कई प्रकार के झूले और फन एक्टिविटीज मौजूद है। यहां बोटिंग के साथ-साथ घूमने का मजा भी लिया जा सकता है, यहां पर कई किस्मत की पक्षी और जानवर भी मौजूद हैं। यहां घूमने के लिए सुबह 5:00 से रात के 9:00 तक आप किसी भी समय आ सकते हैं।

कांच का मंदिर

जैन धर्म को समर्पित जैन क्लास मंदिर कानपुर के प्रमुख जैन मंदिरों में से एक है शहर के माहेश्वरी मोहल्ले में स्थित है 23 जैन मुनियों की प्रतिमा के साथ भगवान महावीर की यहां प्रतिमा स्थापित है जो जैन आस्था का केंद्र बना हुआ है यहां विभिन्न हस्त निर्मित मूर्तियां और नाजुक कहां से बने हुए दीवाल और काम भी लोगों अपनी और आकर्षित करते हैं जैन इतिहास और परंपरा को सहज हुए यह मंदिर कानपुर में एक महत्वपूर्ण स्थल है इस मंदिर के अंदर एक खूबसूरत फूलों का बगीचा भी मौजूद है जिसमें जैन देवी देवताओं की मूर्तियां लगी हुई है यहां स्थानीय निवासी और बाहर से पर्यटक काफी संख्या में प्रतिदिन भ्रमण करने आते हैं।

इस्कॉन मंदिर


भगवान कृष्ण को समर्पित अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थापक कौन कानपुर से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी मथुरा रोड के मोती मार्ग पर स्थित है जिसकी खूबसूरत ही देखते ही बनती है यह सफेद मंदिर आंखों को सुकून देता नजर आता है इसकी खूबसूरती देखने के लिए मंदिर के अंदर कुछ समय शांत बैठकर ध्यान लगाना होता है मंदिर के अंदर एक खान की जगह मौजूद है जहां शांत बैठकर पौष्टिक और शाकाहारी भोजन श्रद्धालुओं के परोसा जाता है मंदिर परिसर के अंदर सफेद मार्बल पत्थरों से देवी देवताओं की मूर्तियां तारा राशि गई है जिन मूर्तियों को देखकर विद्यार्थी अनुभव मंदिर परिसर में होता है उसके अलावा इस मंदिर में म्यूजिकल फाउंटेन का तालाब और खूबसूरत बगीचे भी बनाए गए हैं।

श्री राधा कृष्ण मंदिर

कानपुर शहर के सूर्योदय नगर के गोविंद नगर रोड पर स्थित जी के मंदिर (जुग्गीलाल कम्पलापत मंदिर) या श्री राधा कृष्ण मंदिर कहा जाता है । इस में मंदिर आधुनिक और प्राचीन दोनों ही वस्तु कलाओ का मिश्रण देखने को मिलता है। इस मंदिर का निर्माण सिंघानिया परिवार द्वारा 1953 में करवाया गया था। यह मंदिर हिंदू देवी देवता कृष्ण और राधा को समर्पित है । यह मंदिर हरी-भरी हरियाली वाली बगियाओं और झीलों से घिरा हुआ है। मंदिर के विभिन्न टावरों में छोटे-छोटे मंदिर बनाए गए हैं। मुख्य मंदिर भगवान राधा कृष्ण को समर्पित है, जबकि अन्य मंदिरों में अर्धनारीश्वर, नामदेवेश्वर, लक्ष्मीनारायण और हनुमान जी की मूर्तियां मौजूद हैं।

कानपुर मेमोरियल चर्च

ब्रिटिश नागरिकों को समर्पित कानपुर मैमोरियल चर्च का निर्माण 1875 में किया गया था। यह चर्च कानपुर के एक खूनी अध्यायों में से एक है जहां खेल कर क्रांतिकारियों को खून की होली खिलवाई गई थी चर्च की वास्तुकला हारतालिकोटि शैली से बनी हुई है जो दूर से आने वाले पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है इस चर्च के निर्माण में इस्तेमाल ललित वास्तुकला डिजाइन में ली गई है जो 19वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में प्रमुख वस्तु सामग्री थी चर्च के बगल में एक और आकर्षक उद्यान बनाया गया है।


यह मंदिर भी देखे


परमट मंदिर कानपुर (Parmat mandir kanpur) से सम्बंधित FAQ

परमट मंदिर कहा स्थित है ?

परमट मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के कानपूर जिले में स्थित है।

आनंदेश्वर परमट मंदिर कानपूर से कितनी दुरी पर स्थित है ?

आनंदेश्वर परमट मंदिर कानपूर शहर से लगभग 6 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।

आनंदेश्वर परमट मंदिर में दर्शन का समय क्या है ?

आनंदेश्वर मंदिर में दर्शन का सुबह 06 : 00 से रात 09 : 00 बजे तक किया जा सकता है ?

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 10, 2024

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