अर्धनारीश्वर स्तोत्र (Ardhanarishwara Stotram)

अर्धनारीश्वर स्तोत्र (Ardhanarishwara Stotram) भगवान शिव और पार्वती के संयुक्त स्वरूप अर्धनारीश्वर की स्तुति में लिखा गया एक स्तोत्र है। यह स्तोत्र संस्कृत में रचित है और इसे आदि शंकराचार्य द्वारा लिखा गया है। स्तोत्र में, शंकराचार्य अर्धनारीश्वर की महिमा का वर्णन करते हैं, उन्हें सृष्टि के सृजनकर्ता, संहारक और पालनकर्ता के रूप में स्वीकार करते हैं। स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को भगवान शिव और पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभदायक है जो एक सुखी और समृद्ध जीवन जीना चाहते हैं।

अर्धनारीश्वर स्तोत्र हिंदी में (Ardhanarishwara Stotram In Hindi)

चाम्पॆयगौरार्धशरीरकायै  कर्पूरगौरार्धशरीरकाय ।

 धम्मिल्लकायै च जटाधराय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ 1 ॥

 कस्तूरिकाकुङ्कुमचर्चितायै  चितारजःपुञ्ज विचर्चिताय ।

 कृतस्मरायै विकृतस्मराय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ 2 ॥

 झणत्क्वणत्कङ्कणनूपुरायै  पादाब्जराजत्फणिनूपुराय ।

 हॆमाङ्गदायै भुजगाङ्गदाय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ 3 ॥

 विशालनीलॊत्पललॊचनायै विकासिपङ्कॆरुहलॊचनाय ।

 समॆक्षणायै विषमॆक्षणाय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ 4 ॥

 मन्दारमालाकलितालकायै कपालमालाङ्कितकन्धराय ।

 दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ 5 ॥

 अम्भॊधरश्यामलकुन्तलायै  तटित्प्रभाताम्रजटाधराय ।

 निरीश्वरायै निखिलॆश्वराय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ 6 ॥

 प्रपञ्चसृष्ट्युन्मुखलास्यकायै  समस्तसंहारकताण्डवाय ।

 जगज्जनन्यै जगदॆकपित्रॆ नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ 7 ॥

 प्रदीप्तरत्नॊज्ज्वलकुण्डलायै स्फुरन्महापन्नगभूषणाय ।

 शिवान्वितायै च शिवान्विताय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ 8 ॥

 ऎतत्पठॆदष्टकमिष्टदं यॊ भक्त्या स मान्यॊ भुवि दीर्घजीवी ।

 प्राप्नॊति सौभाग्यमनन्तकालं भूयात्सदा तस्य समस्तसिद्धिः ॥

इत्ति श्री आदिशंकर भगवत्पदा विरचितम अर्धनारीश्वर स्तोत्रम सम्पूरणम् |

अर्धनारीश्वर स्तोत्र अंग्रेजी में (Ardhanarishwara Stotram In English)

Advertisement

chaampaॆyagowraardhashariirakaayai  karpuuragowraardhashariirakaay .

 dhammillakaayai ch jaṭaadharaaya namah shivaayai ch namah shivaay ॥ 1 ॥

 kastuurikaakuṅkumacharchitaayai  chitaarajahpuñj vicharchitaay .

 kṛtasmaraayai vikṛtasmaraay namah shivaayai ch namah shivaay ॥ 2 ॥

 jhaṇatkvaṇatkaṅkaṇanuupuraayai  paadaabjaraajatphaṇinuupuraay .

 haॆmaaṅgadaayai bhujagaaṅgadaay namah shivaayai ch namah shivaay ॥ 3 ॥

 vishaalaniilaॊtpalalaॊchanaayai vikaasipaṅkaॆruhalaॊchanaay .

 samaॆkshaṇaayai vishamaॆkshaṇaay namah shivaayai ch namah shivaay ॥ 4 ॥

 mandaaramaalaakalitaalakaayai kapaalamaalaaṅkitakandharaay .

divyaambaraayai ch digambaraay namah shivaayai ch namah shivaay ॥ 5 ॥

 ambhaॊdharashyaamalakuntalaayai  taṭitprabhaataamrajaṭaadharaay .

 niriishvaraayai nikhilaॆshvaraay namah shivaayai ch namah shivaay ॥ 6 ॥

 prapañchasṛshṭyunmukhalaasyakaayai  samastasamhaarakataaṇḍavaay .

 jagajjananyai jagadaॆkapitraॆ namah shivaayai ch namah shivaay ॥ 7 ॥

 pradiiptaratnaॊjjvalakuṇḍalaayai sphuranmahaapannagabhuushaṇaay .

 shivaanvitaayai ch shivaanvitaaya namah shivaayai ch namah shivaay ॥ 8 ॥

 ऎtatpaṭhaॆdashṭakamishṭadam yaॊ bhaktyaa s maanyaॊ bhuvi diirghajiivii .

 praapnaॊti sowbhaagyamanantakaalam bhuuyaatsadaa tasy samastasiddhiah ॥

itti shrii aadishankar bhagavatpadaa virachitam ardhanaariishvar stotram sampuuraṇam .

अर्धनारीश्वर स्तोत्र वीडियो (Ardhanarishwara Stotram Video)

अर्धनारीश्वर स्तोत्र विधि (Ardhanarishwara Stotram Vidhi)

  1. अर्धनारीश्वर स्तोत्र (Ardhanarishwara Stotram) का पाठ करने के लिए सबसे पहले एक स्वच्छ जगह पर बैठ जाएं। अपने सामने एक अर्धनारीश्वर की प्रतिमा स्थापित करें। अपनी दोनों आंखें बंद करें और अपने मन को शांत करें। भगवान शिव और पार्वती को अपने मन में ध्यान करें।
  2. अर्धनारीश्वर स्तोत्र (Ardhanarishwara Stotram) के श्लोकों को एक-एक करके ध्यान से पढ़ें। प्रत्येक श्लोक को पढ़ने के बाद, भगवान शिव और पार्वती के प्रति अपने मन में श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करें।
  3. स्तोत्र का पाठ करने के लिए कोई निश्चित समय नहीं है। आप इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर कर सकते हैं। हालांकि, सुबह के समय या शाम के समय का पाठ करना अधिक लाभदायक माना जाता है।
  4. अर्धनारीश्वर स्तोत्र (Ardhanarishwara Stotram) का पाठ करने के लिए आप शांत और एकांत स्थान का चयन करें। जहां आप किसी भी तरह की विघ्न से परेशान न हों। आप किसी मंदिर में भी स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।
  5. अर्धनारीश्वर स्तोत्र (Ardhanarishwara Stotram) का पाठ करते समय, आप शिवलिंग या अर्धनारीश्वर की प्रतिमा के सामने धूप, दीप, फूल और प्रसाद अर्पित कर सकते हैं।

अर्धनारीश्वर स्तोत्र लाभ (Ardhanarishwara Stotram Benefit)

Advertisement
  1. स्तोत्र के माध्यम से, भक्त शिव और पार्वती के एकात्मक स्वरूप को महसूस करता है, जिससे आत्मा में शान्ति और एकता का अनुभव होता है।
  2. स्तोत्र का पाठ करने से भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है, जो आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मदद करता है।
  3. अर्धनारीश्वर स्तोत्र का पाठ करने से प्राप्त होने वाली कृपा से, भक्त आत्मा को सुख की प्राप्ति के साथ-साथ लौकिक जीवन में भी सुख-शांति का अनुभव कर सकता है।
  4. इस स्तोत्र का पाठ करने से मानवीय गुण जैसे कि करुणा, दया, धैर्य, शांति, और समर्पण में सुधार होता है।
  5. भक्ति और आराधना के माध्यम से व्यक्ति को आत्मिक और प्राकृतिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
  6. अर्धनारीश्वर स्तोत्र का पाठ करने से जीवन की छोटी बड़ी समस्याओं का समाधान हो सकता है और व्यक्ति जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है।

यह मंत्र भी देखे


अर्धनारीश्वर स्तोत्र लिरिक्स PDF

अर्धनारीश्वर स्तोत्र FAQ

अर्धनारीश्वर स्तोत्र का उद्देश्य क्या है?

अर्धनारीश्वर स्तोत्र (Ardhanarishwara Stotram) का उद्देश्य शिव और पार्वती के मिलन का गुणगान करना है। यह स्तोत्र यह भी बताता है कि कैसे शिव और पार्वती एक ही हैं, लेकिन अलग-अलग रूपों में प्रकट होते हैं।

अर्धनारीश्वर स्तोत्र का महत्व क्या है?

अर्धनारीश्वर स्तोत्र एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक ग्रंथ है। यह स्तोत्र शिव और पार्वती के मिलन के रहस्य को प्रकट करता है। यह स्तोत्र भक्तों को शिव और पार्वती की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

अर्धनारीश्वर स्तोत्र का पाठ कैसे करें?

अर्धनारीश्वर स्तोत्र (Ardhanarishwara Stotram)का पाठ करने के लिए, किसी शांत स्थान पर बैठें और अपने सामने एक शिवलिंग या अर्धनारीश्वर की मूर्ति रखें। फिर, स्तोत्र का पाठ करें, प्रत्येक श्लोक के बाद शिवलिंग या मूर्ति को प्रणाम करें। स्तोत्र का पाठ करने से पहले और बाद में, कुछ मंत्रों का जाप करना भी शुभ माना जाता है।

अर्धनारीश्वर स्तोत्र का पाठ करने के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?

अर्धनारीश्वर स्तोत्र का पाठ करने के लिए सबसे अच्छा समय प्रातःकाल या शाम का समय है। इस समय, वातावरण शांत होता है और ध्यान करना आसान होता है।

अर्धनारीश्वर स्तोत्र का पाठ करने के लिए सबसे अच्छा स्थान क्या है?

अर्धनारीश्वर स्तोत्र का पाठ करने के लिए सबसे अच्छा स्थान कोई शांत स्थान है। यह स्थान एक मंदिर, पूजा का कमरा, या कोई अन्य ऐसा स्थान हो सकता है जहां आप ध्यान केंद्रित कर सकें।

आज का हमारा लेख पढ़ने के लिए हम आपकी सराहना करते हैं। कृपया अपने अनुभव हमसे साझा करने के लिए हमारे facebook group पर जुड़े और हमारे facebook page को like करे। अगर आप इस लेख में कुछ सुधार चाहते है, तो कृपया comment के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है।

disclaimer

इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 10, 2024

Advertisement

Leave a Comment