अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र (Ashtalakshmi Kuber Mantra)

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र (Ashtalakshmi Kuber Mantra) “ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥” हिंदू धर्म में धन-संपत्ति और समृद्धि की देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर को समर्पित एक मंत्र है। यह मंत्र अष्ट लक्ष्मी मंत्र और कुबेर मंत्र का संयोजन है। यह मंत्र धन, वैभव, ऐश्वर्य, ज्ञान, शक्ति, सौभाग्य, संतान आदि सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति करता है। माता लक्ष्मी को धन वैभव और ऐश्वर्य की के देवी के रूप में पूजा जाता है साथ में ही कुबेर जी को धन का देवता खा जाता है इस मंत्र का जाप दिवाली के दिन करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र (Ashtalakshmi Kuber Mantra)

ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र अर्थ (Ashtalakshmi Kuber Mantra Meaning)

– ईश्वर का प्रणाम करने के लिए प्रथम बीज मंत्र।

ह्रीं – माया और लक्ष्मी देवी का बीज मंत्र, यह शक्ति को प्रस्तुत करता है।

श्रीं -लक्ष्मी देवी का बीज मंत्र, धन, ऐश्वर्य, और समृद्धि का प्रतीक।

क्रीं -कार्य सिद्धि के लिए उपयुक्त बीज मंत्र।

कुबेराय – धन के देवता कुबेर को स्तुति करने के लिए।

अष्ट-लक्ष्मी – अष्टलक्ष्मी देवियों का संबोधन, जो धन, समृद्धि, और ऐश्वर्य की प्रतिष्ठा की जाती हैं।

मम -मेरे लिए।

गृहे -घर में।

धनं – धन को।

पुरय – पूरा करें।

नमः – नमस्कार करता हूँ, आदर करता हूँ।

हे कुबेर भगवान! हे अष्टलक्ष्मी! मेरे घर में धन की पूर्ति हो इसके लिये मै आपको नमस्कार करता हूँ।

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र वीडियो (Ashtalakshmi Kuber Mantra Video)

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र विधि (Ashtalakshmi Kuber Mantra Vidhi)

  1. सुबह उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
  2. एक स्वच्छ स्थान पर बैठकर कुबेर और लक्ष्मी माता की भगवान का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
  3. माला को गंगाजल से पवित्र करें।
  4. लाल चंदन से माला को तिलक करें।
  5. कुबेर तथा लक्ष्मी भगवान को गुलाब के फूल चढ़ाएं।
  6. हाथ जोड़कर कुबेर भगवान और माता लक्ष्मी से प्रार्थना करें कि वे आपको धन-धान्य, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि प्रदान करें।
  7. अब, अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र का जाप करें।
  8. अष्टलक्ष्मी मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
  9. मंत्र का जाप करते समय मन को एकाग्र रखें और कुबेर भगवान की आराधना करें।

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र लाभ (Ashtalakshmi Kuber Mantra Benefit)

  1. ऐश्वर्य समृद्धि:
    इस मंत्र के जाप से ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है, जिससे व्यक्ति की जीवनस्तर में सुधार हो सकता है।
  2. आत्मिक शांति:
    मंत्र जाप करने से मानव की आत्मिक शांति बनी रहती है और उसे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
  3. धन-धान्य की प्राप्ति: 
    अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र के जाप से धन-धान्य, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इस मंत्र के जाप से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
  4. व्यापार में लाभ: 
    अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र के जाप से व्यापार में लाभ होता है। इस मंत्र के जाप से व्यापार में वृद्धि होती है और व्यापार में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
  5. नौकरी में तरक्की: 
    अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र के जाप से नौकरी में तरक्की मिलती है। इस मंत्र के जाप से नौकरी में सफलता मिलती है और नौकरी में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
  6. आर्थिक समस्याओं का समाधान: 
    अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र के जाप से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है। इस मंत्र के जाप से कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक तंगी दूर होती है।
  7. सुख-समृद्धि की प्राप्ति: 
    अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र के जाप से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस मंत्र के जाप से घर में खुशहाली और शांति बनी रहती है।

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से इन सभी लाभों को प्राप्त किया जा सकता है।

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र के नियम (Ashtalakshmi Kuber Mantra Rules)

  1. शुद्धि और सात्त्विकता:
    मंत्र जाप करने से पहले शरीर, मन, और आत्मा को शुद्ध और सात्त्विक बनाए रखना चाहिए। इसके लिए नियमित रूप से सात्त्विक आहार लेना, योग और ध्यान का अभ्यास करना उपयुक्त होता है।
  2. स्थिर और शुद्ध स्थान:
    मंत्र जाप के लिए एक स्थिर और शुद्ध स्थान का चयन करें। यह ध्यान को सहारा प्रदान करेगा और मंत्र जाप में लीन होने में मदद करेगा।
  3. समय:
    मंत्र जाप का समय नियत करें और उस समय को नियमित रूप से पालन करें। विशेषकर सुबह और शाम में मंत्र जाप करना उत्तम होता है।
  4. ध्यानपूर्वक मंत्र जाप:
    मंत्र जाप करते समय माता लक्ष्मी और कुबेर का ध्यान करना उपयुक्त है। उनकी आराधना और पूजा करना भी लाभकारी हो सकता है।
  5. विश्वास और भक्ति:
    मंत्र जाप में विश्वास रखना और भक्ति के साथ जाप करना महत्वपूर्ण है। यह साधक को मंत्र के प्रभाव को अधिक महसूस करने में मदद करता है।
  6. नियमितता:
    मंत्र जाप को नियमित रूप से करें और यह सुनिश्चित करें कि आप अनुशासन में रहते हैं।

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अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र से सम्बंधित कुछ प्रश्न (Ashtalakshmi Kuber Mantra FAQ)

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र (Ashtalakshmi Kuber Mantra) क्या है?

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो धन-धान्य, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि प्रदान करने के लिए जाना जाता है। यह मंत्र कुबेर भगवान और अष्टलक्ष्मी की आराधना करता है।

क्या अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र (Ashtalakshmi Kuber Mantra) सभी को जपना चाहिए?

हाँ, अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र का जाप सभी व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है, जो धन, समृद्धि, और ऐश्वर्य की प्राप्ति की कामना करते हैं।

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र (Ashtalakshmi Kuber Mantra) जाप कब और कैसे करना चाहिए?

मंत्र जाप को सुबह और शाम में स्थिर समय पर करना उत्तम है। एक स्थिर और शुद्ध स्थान पर बैठकर, माता लक्ष्मी और कुबेर का ध्यान करते हुए, मंत्र का 108 बार जाप करें। दिवाली के दिन इस मंत्र का जाप करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र (Ashtalakshmi Kuber Mantra) धन संबंधित समस्याओं में मदद कर सकता है?

इस मंत्र का जाप करने से धन, समृद्धि, और ऐश्वर्य में सुधार हो सकता है। यह व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं का समाधान प्रदान कर सकता है

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र (Ashtalakshmi Kuber Mantra) जाप के साथ पूजा भी करनी चाहिए?

हाँ अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र जाप के साथ माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा भी कर सकते हैं।

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