बेलपत्र मंत्र (Belpatra Mantra)

बेलपत्र मंत्र (Belpatra Mantra) भगवान शिव को अर्पित किया जाता है, यह मुख्यतः सोमवार, पशुपतिनाथ व्रत एवं महाशिवरात्रि के दिन चढ़ाया जाता है, भगवान शिव पर बेलपत्र अर्पित का मुख्य कारण भगवान का शीश शीतल रहता है, जिससे भोलेनाथ प्रसन्न होते है और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते है।

बेलपत्र अर्पित करने की विधि (Method of Belpatra Mantra)

  • बेलपत्र को सोमवार के दिन, शिवरात्रि के दिन, अमावस्या के दिन और संक्रांति, चतुर्थी,अष्टमी, नवमी आदि तिथियों कभी नहीं तोड़ना चाहिए।
  • पेड़ को प्रणाम कर बेलपत्र को तोड़ना चाहिए, याद रखे की बेलपत्र तीन पत्तियों वाला ही हो और कटे फटे न हो।
  • शिव जी को प्रणाम कर उन पर चढ़े हुए बेलपत्र को साफ करके पुनः शिवलिंग पर चढ़ा सकते है।
  • शिव जी ध्यान करके बेलपत्र को 3 से लेकर 11 बेलपत्र चढ़ा सकते है, याद रखे बेलपत्र के सतही भाग (पत्ती का चिकना हिस्सा) को ही शिवलिंग पर स्पर्श कराये।

बेलपत्र मंत्र (Belpatra Mantra)

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नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥

दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम् पापनाशनम्।
अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्।।

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्।
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥

अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्।
कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्॥

गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर।
सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय॥

 बेलपत्र अर्पित करने के लाभ (Benefits of offering Belpatra)

शिवजी को बेलपत्र अर्पण करने से शिवजी प्रसन्न होते है और उनकी कृपा से भक्तों से सारे दुःख हर लेते है, जिससे निम्नानुसार लाभ प्राप्त होते है-

शांति और एकाग्रता:
बेलपत्र अर्पित करने से मन शांत और एकाग्र होता है।

आध्यात्मिक ज्ञान:
हमें आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।

नकारात्मक ऊर्जा:
नकारात्मक ऊर्जा को दूर चला जाता है।

सुख शांति:
हमारे जीवन में सुख शांति बनी रहती है

मनोकामना की पूर्ति:
मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

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Updated on May 15, 2024

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