गणेश स्तुति मंत्र (Ganesh Stuti Mantra) गणपति, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता गणेश की प्रशंसा और आराधना के लिए उपयोग होने वाले मंत्रों में से एक है। गणेश स्तुति मंत्र एक वैदिक मंत्र है जो भगवान गणेश की आराधना करता है। यह मंत्र गणेश जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत ही प्रभावी मंत्र माना जाता है। इस मंत्र का जाप गणेश चतुर्थी के पर्व में इसके अलावा बुधवार के दिन भी कर सकते है।
विषय सूची
गणेश स्तुति मंत्र हिंदी में (Ganesh Stuti Mantra In Hindi)
नमामि ते गजाननं अनन्त मोद दायकम्
समस्त विघ्न हारकं समस्त अघ विनाशकम्
मुदाकरं सुखाकरं मम प्रिय गणाधिपम्
नमामि ते विनायकं हृद कमल निवासिनम्॥१॥
भुक्ति मुक्ति दायकं समस्त क्लेश वारकम्
बुद्धि बल प्रदायकं समस्त विघ्न हारकम्
धूम्रवर्ण शोभनं एक दन्त मोहनम्
भजामि ते कृपाकरं मम हृदय विहारिणम्॥२॥
गजवदन शोभितं मोदकं सदा प्रियम्
वक्रतुण्ड धारकं कृष्णपिच्छ मोहनम्
विकटरूप धारिणं देववृन्द वन्दितम्
स्मरामि विघ्नहारकं मम बन्ध मोचकम्॥३॥
सुराणां प्रधानं मूषक वाहनम्
रिद्धि सिद्धि संयुतं भालचन्द्र शोभनम्
ज्ञानिनां वरिष्ठं इष्ट फल प्रदायकम्
सदा भावयामि त्वां सगुण रूप धारिणम् ॥४॥
सर्व विघ्न हारकं समस्त विघ्न वर्जितम्
विकट रूप शोभनं मनोज दर्प मर्दनम्
*सगुण रूप मोहनं गुणत्रय अतीतम्
नमामि ते नमामि ते मम प्रिय गणेशम्॥५॥
गणेश स्तुति मंत्र अंग्रेजी में (Ganesh Stuti Mantra In English)
namaami te gajaananam anant mod daayakam
samast vighn haarakam samast agh vinaashakam
mudaakaram sukhaakaram mam priy gaṇaadhipam
namaami te vinaayakam hṛd kamal nivaasinam॥१॥
bhukti mukti daayakam samast klesh vaarakam
buddhi bal pradaayakam samast vighn haarakam
dhuumravarṇ shobhanam ek dant mohanam
bhajaami te kṛpaakaram mam hṛday vihaariṇam॥२॥
gajavadan shobhitam modakam sadaa priyam
vakratuṇḍ dhaarakam kṛshṇapichchh mohanam
vikaṭaruup dhaariṇam devavṛnd vanditam
smaraami vighnahaarakam mam bandh mochakam॥३॥
suraaṇaan pradhaanam muushak vaahanam
riddhi siddhi samyutam bhaalachandr shobhanam
jñaaninaan varishṭham ishṭ phal pradaayakam
sadaa bhaavayaami tvaan saguṇ ruup dhaariṇam ॥४॥
sarv vighn haarakam samast vighn varjitam
vikaṭ ruup shobhanam manoj darp mardanam
*saguṇ ruup mohanam guṇatray atiitam
namaami te namaami te mam priy gaṇesham॥५॥
गणेश स्तुति मंत्र वीडियो (Ganesh Stuti Mantra Video)
गणेश स्तुति मंत्र विधि सामग्री (Ganesh Stuti Mantra Vidhi Samagri)
स्थान का चयन: -एक शांत, पवित्र, और स्वच्छ स्थान का चयन करें, जहां आप अनुष्ठान कर सकते हैं।
पूजा सामग्री: – गणेश स्तुति मंत्र का अनुष्ठान करते समय आपको गणेश मूर्ति, फोटो का उपयोग कर सकते हैं। पूजा के लिए दीप, अगरबत्ती, धूप, गंध, पुष्प, और नैवेद्य की सामग्री की तैयारी करें।
पूजा की विधि:– गणेश मूर्ति के सामने बैठें या उसकी ओर मन को एकाग्र करें। पूजा सामग्री को उपयोग करके गणेश जी को समर्पित करें। धूप और दीप को जलाएं, अगरबत्ती बुझा दें, और मंत्र जप करने के लिए ध्यान केंद्रित करें।
गणेश स्तुति मंत्र का जप: – गणेश स्तुति मंत्रों का जप करें। मंत्र को ध्यानपूर्वक, श्रद्धा भाव से जपें, और गणेश जी के चरणों में अपनी इच्छाएं व्यक्त करें।
मन्त्र की संख्या: – आप मंत्र को स्थानांतरित करने के लिए एक माला का उपयोग कर सकते हैं। सामान्यतः, १०८ बार का जप किया जाता है।
प्रसाद – प्रसाद को गणेश जी को समर्पित करें और फिर उसे ब्राम्हण या गरीबों को दान करें।
आरती और प्रणाम: – आरती उतारें और गणेश जी को प्रणाम करें।
गणेश स्तुति मंत्र लाभ (Ganesh Stuti Mantra Benefit)
- आशीर्वाद प्राप्ति:
गणेश भगवान का पूजन और स्तुति मंत्र का जप करने से व्यक्ति उनके आशीर्वाद प्राप्त होता है। गणेश विघ्नहर्ता है, और उनकी कृपा से विघ्न दूर होता है और कार्यों में सफलता मिलती है. - बुद्धि और विद्या में समर्थि:
गणेश को बुद्धि, विद्या, और विज्ञान के पत्रों के स्वामी माना जाता है। उनका स्तुति मंत्र बुद्धि को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है और विद्या में सफलता प्रदान कर सकता है। - आपत्तियों से मुक्ति:
गणेश विघ्ननाशक हैं, और उनका स्तुति मंत्र व्यक्ति को आपत्तियों और कठिनाइयों से मुक्ति प्रदान कर सकता है। - कार्यों में सहारा:
गणेश की पूजा और स्तुति मंत्र का जप करने से कार्यों में सहारा मिलता है, और सफलता प्राप्त होती है। - शांति और सुख:
गणेश की पूजा से मन शांति और सुख प्राप्त होता है। उनकी कृपा से जीवन में संतुलन बना रहता है। - संसारिक जीवन में समृद्धि:
गणेश की पूजा से व्यक्ति को संसारिक जीवन में समृद्धि और सफलता मिलती है। - आत्म-निर्भरता और आत्म-विकास:
गणेश का स्तुति मंत्र व्यक्ति को आत्म-निर्भरता की भावना और आत्म-विकास में मदद कर सकता है।
यह मंत्र भी देखे
गणेश स्तुति मंत्र पीडीएफ (Ganesh Stuti Mantra PDF)
गणेश स्तुति मंत्र से सबंधित प्रश्न (Ganesh Stuti Mantra FAQ)
गणेश स्तुति मंत्र क्या है?
गणेश स्तुति मंत्र (Ganesh Stuti Mantra) गणपति, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता गणेश की प्रशंसा और आराधना के लिए उपयोग होने वाले मंत्रों में से एक है। गणेश स्तुति मंत्र एक वैदिक मंत्र है जो भगवान गणेश की आराधना करता है।
गणेश स्तुति मंत्र का जाप कितने दिनों तक करें?
गणेश स्तुति मंत्र (Ganesh Stuti Mantra) का जाप कम से कम 40 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए। 40 दिनों के बाद आप अपनी इच्छानुसार जाप जारी रख सकते हैं।
गणेश स्तुति मंत्र का जाप करने से कोई नुकसान तो नहीं होगा?
गणेश स्तुति मंत्र (Ganesh Stuti Mantra) का जाप करने से कोई नुकसान नहीं होता है। यह मंत्र पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि, इस मंत्र का जाप करने से पहले किसी योग्य गुरु से दीक्षा लेना उचित होता है।
गणेश स्तुति मंत्र का जप कब करें?
गणेश स्तुति मंत्र (Ganesh Stuti Mantra) का जप विशेषकर बुद्धिजीवी, शिक्षार्थी, और कार्यक्षमता में वृद्धि के लिए किया जा सकता है। इसे प्रतिदिन सुबह-शाम या गणेश चतुर्थी जैसे विशेष अवसरों पर करना उत्तम होता है।
गणेश स्तुति मंत्र से कौन-कौन से लाभ हो सकते हैं?
गणेश स्तुति मंत्र (Ganesh Stuti Mantra) से बुद्धि, विद्या, कार्यक्षमता, और विघ्नों का नाश हो सकता है। इसका जप व्यक्ति को आत्म-निर्भरता और संतुलन प्रदान कर सकता है।
क्या गणेश स्तुति मंत्र का जप सभी कर सकते हैं?
हाँ, गणेश स्तुति मंत्र (Ganesh Stuti Mantra) का जप सभी व्यक्ति कर सकते हैं, विशेषकर जो बुद्धिमान और कार्यक्षम होना चाहते हैं।
गणेश स्तुति मंत्र का जाप करने से क्या लाभ होते हैं?
गणेश स्तुति मंत्र (Ganesh Stuti Mantra) का जाप करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:
सभी कार्यों में सफलता – गणेश स्तुति मंत्र का जाप करने से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
विघ्नों का नाश – गणेश स्तुति मंत्र का जाप करने से सभी विघ्नों का नाश होता है।
बुद्धि और विवेक की प्राप्त – गणेश स्तुति मंत्र का जाप करने से बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है।
विद्या और धन की प्राप्ति – गणेश स्तुति मंत्र का जाप करने से विद्या और धन की प्राप्ति होती है।
आरोग्य और सुख-समृद्धि – गणेश स्तुति मंत्र का जाप करने से आरोग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
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रेखा डनसेना इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर है और poojaaarti.com के मंदिर , त्यौहार और चालीसा के पोस्ट के अध्ययन और लेख में हमारा सहयोग करती है।