हवन मंत्र (Hawan Mantra)

हमारे हिन्दू धर्म में हवन का विशेष महत्व है, कोई भी धार्मिक अनुष्ठान करने पर हवन किया जाता है, हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करने के बाद उसमे पूजा की हवन सामग्रियों की आहुति दी जाती है और हवन मंत्र (Hawan Mantra) विशिष्ट मंत्रों का उच्चारण करते हुए अग्नि में द्रव्यों का अर्पण किया जाता है, ऐसा करने से समस्त देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

हवन मंत्र विधि (Hawan Mantra Vidhi)

सबसे पहले आप अपने मन में संकलप ले ले, फिर स्नान कर ले, उसके बाद किसी ज्ञानी पंडित से हवन करवाने हेतु आमंत्रित करे, पंडित के बातये अनुसार हवन में उपयोग होने वाली सामग्रियों की व्यवस्था कर ले, इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको सामान्य हवन अथवा हवन मंत्र (Hawan Mantra) विधि बताने जा रहे है –

सामग्री:

  1. हवन कुंड: ईंटो से बना या बाजार में उपलब्ध यह एक छोटा सा हवन कुंड उपयोग में ला सकते है, जिसमें हवन करने के लिए द्रव्यों को अर्पित किया जाता है।
  2. हवन सामग्री: पान, सुपारी, लौंग, इलायची, जायफल, गट्टा सिंदूर, रोली, मौली, सरसों, शहद, नारियल, गोला, गिलोय,आम-पीपल-बेर-बरगद-आक-गूलर-समी-चिड़चिड़ा-खैर-पलास की लकड़ी, सराई, आम के पत्ते, दूबी (हरी घास), दिया, चावल आटा, हल्दी, दूध, तेल, कपूर, केले, सेव, मिठाई, लाल कपड़ा, चुन्नी, केसर, सफ़ेद चंदन, चंदन, घी, जौ, चावल, तिल आदि।
  3. अग्नि: अग्नि को जलाने के लिए दीपक या अन्य उपकरण।
  4. मंत्र: हवन के लिए उच्चारित किए जाने वाले मंत्र।

कैसे करे :

  1. हवन कुंड की तैयारी: हवन कुंड बनाने के लिए एक गहरी गड्ढा खोदें और उसमें ईंटों या लोहे की बरीक जाली डालें अथवा बाजार में उपलब्ध यह एक छोटा सा हवन कुंड उपयोग में ला सकते है।
  2. अग्नि की उत्पत्ति: हवन कुंड में अग्नि कपूर या अन्य किसी उपकरण से जलाएं।
  3. सभी द्रव्यों की तैयारी: ऊपर के आर्टिकल हवन सामग्री में लेख किया गया है
  4. मंत्रों का उच्चारण: अग्नि के सामने बैठकर मंत्रों का उच्चारण करें। पंडित या वहाँ उपस्थित सज्जन जो हवन करा रहा हो, उसे मंत्रों की ठीक से जानकारी होनी चाहिए और उन्हें सही ढंग से उच्चारित करनी चाहिए।
  5. द्रव्यों को अग्नि में डालना: मंत्रों के उच्चारण के साथ ही एक-एक करके द्रव्यों को अग्नि में डालें।
  6. समापन: हवन का समापन करते समय अंतिम हवन मंत्र (Hawan Mantra) का उच्चारण करें फिर हवन कुंड में अर्पित कर दें।

हवन करते समय सावधानियाँ रखें और अगर आपको हवन मंत्र (Hawan Mantra) या प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं है तो किसी पंडित या ज्ञानी व्यक्ति की मदद लें।

हवन मंत्र (Hawan Mantra)

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हवन से पहले शुद्धि मंत्र- ॐ अपवित्र: पवित्रो सर्वावस्थां गतोपिवा य: स्मरेत पुण्डरीकाक्ष स: वाह्यभ्यतरे: शुचि:|

अब आप हवन कुंड में अग्नि प्रज्वल करने का मंत्र पढ़ते हुए कपूर से अग्नि को प्रज्वलित कर लेना है|

अग्नि प्रज्वल करने का मंत्र:- चंद्रमा मनसो जात: तच्चक्षो: सूर्यअजायत श्रोताद्वायुप्राणश्च मुखादार्गिनजायत| 

अब आप सभी देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश जी को इस मंत्र के साथ आहुति दें –

ॐ गं गणपतये नम: स्वाहा

अब आप नवग्रहों को आहूत देते हुए हवन कुंड में अर्पित करे –

1. ॐ सूर्याय नम: स्वाहा

2. ॐ सोमाय नम: स्वाहा

3. ॐ भोमाय नम: स्वाहा

4. ॐ बुधाय नम: स्वाहा

5. ॐ गुरवे नम: स्वाहा

6. ॐ भृगवे नम: स्वाहा

7. ॐ शनिश्चराये नम: स्वाहा

8. ॐ राहवे नम: स्वाहा

9. ॐ केतवे नम: स्वाहा

अब इन मंत्रो का उच्चारण करते हुए हवन कुंड में अर्पित करे –

आग्नेय नम: स्वाहा –
“हे अग्नि देवता, आपको नमस्कार।” यह मंत्र अग्नि देवता को समर्पित है। अग्नि देवता को देवताओं का दूत माना जाता है। वे देवताओं से मनुष्यों तक और मनुष्यों से देवताओं तक संदेश पहुंचाते हैं। अग्नि देवता को हवन के लिए भी आवश्यक माना जाता है।

गणेशाय नम: स्वाहा –
“हे गणेश जी, आपको नमस्कार।” यह मंत्र गणेश जी को समर्पित है। गणेश जी को बुद्धि और ज्ञान के देवता माना जाता है। वे सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक माने जाते हैं।

गौरियाय नम: स्वाहा –
“हे गौरी देवी, आपको नमस्कार।” यह मंत्र गौरी देवी को समर्पित है। गौरी देवी को मां दुर्गा का एक रूप माना जाता है। वे शुभता, मंगल और सुख-समृद्धि की देवी हैं।

नवग्रहाय नम: स्वाहा –
“हे नवग्रहों, आपको नमस्कार।” यह मंत्र नवग्रहों को समर्पित है। नवग्रहों को ज्योतिष में बहुत महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि नवग्रहों की स्थिति से मनुष्य के जीवन पर प्रभाव पड़ता है।

दुर्गाय नम: स्वाहा –
“हे मां दुर्गा, आपको नमस्कार।” यह मंत्र मां दुर्गा को समर्पित है। मां दुर्गा को शक्ति और भक्ति की देवी माना जाता है। वे सभी प्रकार के कष्टों और बाधाओं को दूर करने वाली देवी हैं।

हवन मंत्र के लाभ (Benefit of Hawan Mantra)

  • हवन करने से उसमे से निकलने वाला औषधि युक्त धुँवा आस-पास में स्थित हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है और वातावरण को शुद्ध करता है, शुद्ध वातावरण में रहने से बीमारी फैलना काफी हद तक कम हो जाता है साथ ही साथ नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
  • हवन करते हुए हवन मंत्र (Hawan Mantra) के उच्चारण करने से व्यक्ति अपनी आत्मा को शुद्ध करता है और धार्मिकता का अनुभव करता है।
  • हवन का अनुष्ठान करने से घर में शांति का माहौल की उत्त्पत्ति होती है और व्यक्ति को समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • हवन मंत्र (Hawan Mantra) के उच्चारण से ध्यान और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  • हवन का अनुष्ठान करने से समस्त देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


यह मन्त्र भी जाने


हवन मंत्र (Hawan Mantra) Pdf

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हवन मंत्र (Hawan Mantra) FAQ

हवन क्या है?

हवन एक प्राचीन भारतीय अनुष्ठान है जिसमें अग्नि में हवन सामग्री डाली जाती है। हवन को यज्ञ या होम भी कहा जाता है। हवन को एक पवित्र अनुष्ठान माना जाता है जो मनुष्य को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से लाभ प्रदान करता है।

हवन मंत्र क्या है?

हवन मंत्र (Hawan Mantra) उन मंत्रों को कहते हैं जो हवन के समय उच्चारित किए जाते हैं। इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए अग्नि में हवन सामग्री डाली जाती है। माना जाता है कि इससे अग्नि देवता, गणेश जी, गौरी देवी, नवग्रह और मां दुर्गा के साथ-साथ समस्त देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

हवन के लाभ क्या हैं?

देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मन की शांति और एकाग्रता बढ़ती है।
कामनाएं पूर्ण होती हैं।
शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

हवन में कौन-सी सामग्री प्रयोग में लायी जाती है?

लकड़ी: आम-पीपल-बेर-बरगद-आक-गूलर-समी-चिड़चिड़ा-खैर-पलास की लकड़ी, आदि
घी: शुद्ध घी
हवन सामग्री: चावल, जौ, तिल, गेहूं, फूल, मेवा, आदि
इत्र: अगरबत्ती, धूप, आदि

हवन क्यों किया जाता है?

देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए
कामनाओं की पूर्ति के लिए
शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए
धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए
वातावरण को शुद्ध करने के लिए
रोगाणु और विषाणुओं को नष्ट करने के लिए
मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
तनाव और चिंता को कम करने के लिए
मनुष्य में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 10, 2024

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