जनेऊ मंत्र (Janeu Mantra)

जनेऊ मंत्र, (Janeu Mantra) जिसे यज्ञोपवीत मंत्र भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में जनेऊ (यज्ञोपवीत) धारण करने के समय बोला जाने वाला एक मंत्र है। यह मंत्र तीन धागों वाले जनेऊ के पवित्र और शुद्ध होने का प्रतीक है। यह मंत्र जनेऊ धारण करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य, सदाचार और आध्यात्मिकता के जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

जनेऊ मंत्र हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक, यज्ञोपवीत संस्कार के दौरान बोला जाता है। इस संस्कार में, एक बालक को पहली बार जनेऊ धारण कराया जाता है। जनेऊ धारण करने के बाद, वह बालक एक यज्ञोपवीतधारी के रूप में जाना जाता है।

जनेऊ मंत्र (Janeu Mantra)

जनेऊ पहनने का मंत्र

यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्‌सहजं पुरस्तात्।

आयुष्यमग्रयं प्रतिमुञ्चशुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।

जनेऊ उतारने का मंत्र

एतावद्दिन पर्यन्तं ब्रह्म त्वं धारितं मया।
जीर्णत्वात्वत्परित्यागो गच्छ सूत्र यथा सुखम्।।

जनेऊ मंत्र वीडियो (Janeu Mantra Video)

जनेऊ मंत्र अंग्रेजी में (janeu Mantra In English)

yajñopaviitam paramam pavitram prajaapateryat‌sahajam purastaat.

aayushyamagrayam pratimuñchashubhram yajñopaviitam balamastu tejah.

etaavaddin paryantam brahm tvam dhaaritam mayaa.
jiirṇatvaatvatparityaago gachchh suutr yathaa sukham..

जनेऊ मंत्र का अर्थ (Meaning of janew Mantra)

पहनने के मंत्र का अर्थ

“हे प्रजापति! यह यज्ञोपवीत परम पवित्र है। मैं इसे अपने ऊपर धारण करता हूं। यह मुझे आयुष्य, बल और तेज प्रदान करे।”

जनेऊ क्या है (What is Janeu)

जनेऊ, जिसे यज्ञोपवीत भी कहा जाता है, एक पवित्र धागा है जिसे हिंदू धर्म में उपनयन संस्कार के दौरान एक लड़के को पहनाया जाता है। यह संस्कार एक लड़के के जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह उसे एक द्विज के रूप में पहचाना जाता है, जिसका अर्थ है “दूसरा जन्म”।

जनेऊ आमतौर पर सफेद, पीले या हरे रंग के सूत से बनता है। यह तीन धागों से बना होता है, जिन्हें तीन देवताओं, ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक के रूप में माना जाता है। जनेऊ को आमतौर पर बाएं कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे पहना जाता है।

यज्ञोपवीत को पहनने का उद्दीपन उपनयन संस्कार के साथ होता है, जो आमतौर पर ब्राह्मण पुरुषों को आठ से बारह वर्ष की आयु में मिलता है। यह संस्कार छात्र को वेदों का अध्ययन करने के लिए अधिकृत करता है और उसे ब्राह्मण धर्म, सामाजिक नैतिकता, और धार्मिक आदिकारिकता की शिक्षा देता है। जनेऊ एक सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है और इसका महत्वपूर्ण स्थान हिन्दू धर्म में है। यह धार्मिक और सामाजिक पहचान में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।

जनेऊ पहनने की विधि

  1. सबसे पहले, जनेऊ को साफ पानी से धो लें।
  2. जनेऊ को एक पवित्र स्थान पर रखें।
  3. अब अपने दाहिने हाथ में जनेऊ को पकड़ना चाहिए।
  4. फिर, वह जनेऊ को अपने बाएं कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे पहनना चाहिए।
  5. जनेऊ को पहनने के बाद, व्यक्ति को जनेऊ मंत्र बोलना चाहिए।

जनेऊ पहनने के नियम

  • जनेऊ को किसी भी अपवित्र वस्तु के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए।
  • जनेऊ को अशुद्ध होने पर उसे बदलना चाहिए।
  • जनेऊ को साफ और सुंदर रखना चाहिए।
  • जनेऊ को कभी भी टूटने या नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।

जनेऊ मंत्र के लाभ (Janeu Mantra Benefit)

  1. आध्यात्मिक पहचान:
    यज्ञोपवीत का पहनना और जनेऊ मंत्र का उच्चारण करना एक व्यक्ति को आध्यात्मिकता की ओर प्रवृत्ति कर सकता है और उसे धार्मिक साधना में मदद कर सकता है।
  2. धार्मिक शिक्षा:
    जनेऊ संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह एक व्यक्ति को धार्मिक शिक्षा और आदर्शों का अध्ययन करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
  3. सामाजिक दायित्व:
    यज्ञोपवीत का पहनना व्यक्ति को सामाजिक दायित्व का आभास करा सकता है और उसे समाज में अपनी जिम्मेदारियों का सही समर्पण करने का प्रेरणा दे सकता है।
  4. समर्थन और समाधान:
    यह एक समुदाय में सदस्यता का एक चिह्न भी हो सकता है और व्यक्ति को समर्थन और समाधान के लिए समुदाय के साथ जुड़ा रहने का अवसर प्रदान कर सकता है।

जनेऊ मंत्र पीडीएफ (Janeu Mantra PDF)


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जनेऊ मंत्र से सम्बंधित प्रश्न (Janeu Mantra FAQ)

जनेऊ मंत्र (Janeu Mantra) क्या है?

जनेऊ मंत्र (Janeu Mantra) एक संस्कृत मंत्र है जिसका उपयोग जनेऊ धारण करने के दौरान किया जाता है। यह मंत्र जनेऊ के महत्व और उसके द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले मूल्यों को दर्शाता है।

जनेऊ क्या है?

जनेऊ या यज्ञोपवीत हिंदू धर्म में एक पवित्र धागा है जिसे हिंदू धर्म के पुरुषों द्वारा धारण किया जाता है। इसे “उपनयन संस्कार” के दौरान धारण किया जाता है, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण समारोह है जो व्यक्ति को एक यज्ञोपवीत व्यक्ति या “ब्राह्मचारी” बनाता है। जनेऊ धारण करने से व्यक्ति को हिंदू धर्म के आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को अपनाने के लिए कहता है।

जनेऊ के तीन धागे क्या दर्शाते हैं?

सत्य: यह धागा सत्य के मार्ग पर चलने के लिए एक व्यक्ति को प्रेरित करता है।
अहिंसा: यह धागा अहिंसा और शांति के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए एक व्यक्ति को प्रेरित करता है।
ब्रह्मचर्य: यह धागा ब्रह्मचर्य के जीवन का पालन करने के लिए एक व्यक्ति को प्रेरित करता है।

जनेऊ को कैसे धारण किया जाता है?

जनेऊ को आमतौर पर दाहिनी बांह के नीचे से होकर बाईं ओर लपेटा जाता है। इसे आमतौर पर एक त्रिकोण के आकार में पहना जाता है, जिसमें ऊपरी धागा छाती के बीच में होता है। जनेऊ को कभी भी नीचे नहीं गिरने दिया जाना चाहिए, और इसे हमेशा सम्मान से पहना जाना चाहिए।

जनेऊ मंत्र का क्या महत्व है?

जनेऊ मंत्र (Janeu Mantra) जनेऊ के महत्व और उसके द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले मूल्यों को दर्शाता है। यह मंत्र जनेऊ धारण करने वाले व्यक्ति को याद दिलाता है कि उसे सत्य, अहिंसा और ब्रह्मचर्य के मार्ग पर चलना चाहिए।

जनेऊ मंत्र (Janeu Mantra) कब बोला जाता है?

जनेऊ मंत्र (Janeu Mantra) जनेऊ धारण करने के दौरान बोला जाता है। इसे जनेऊ धारण करने से पहले और बाद में भी बोला जा सकता है।

जनेऊ मंत्र (Janeu Mantra) का जाप कैसे किया जाता है?

जनेऊ मंत्र का जाप ध्यानपूर्वक और शांत मन से किया जाना चाहिए। मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और स्पष्ट होना चाहिए। जनेऊ मंत्र का जाप करने से पहले, हाथों को धो लें और एक शांत स्थान पर बैठ जाएं। फिर, मंत्र का जाप करें, प्रत्येक शब्द पर ध्यान केंद्रित करें।

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