महादेव गायत्री मंत्र (Mahadev Gayatri Mantra)

महादेव गायत्री मंत्र (Mahadev Gayatri Mantra) भगवान महादेव को समर्पित एक पवित्र मंत्र है। जो हिंदी देवताओं के प्रमुख देवताओं में से एक है। इसका जाप भगवान शिव के आशीर्वाद और उनके आह्वान के लिए किया जाता जाता है। जो दिव्य चेतना परिवर्तन और आध्यात्मिक मुक्ति के अवतार के रूप में प्रतिष्ठित है। महादेव गायत्री मंत्र का गहरा आध्यात्मिक महत्व है और माना जाता है इसके कई शक्तिशाली प्रभाव है।

महादेव गायत्री मंत्र (Mahadev Gayatri Mantra)

 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे,

महादेवाय धीमहि,

तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।

om tatpurushaay vidmahe,

mahaadevaay dhiimahi,

tanno ruudr prachodayaat.

महादेव गायत्री मंत्र का अर्थ (Mahadev Gayatri Mantra Meaning)

हे तत्पुरुष स्वरुप, हे महादेव, हमें ज्ञान प्रदान कीजिये। हे रुद्र, हमें प्रेरणा प्रदान कीजिये।

महादेव गायत्री मंत्र विधि (Mahadev Gayatri Mantra Vidhi)

  1. शुद्धि:
    • श्नान करके स्वयं को शुद्ध करे और शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. आसन:
    • योगासन या पूजा के लिए स्थिर अपने सुविधा के अनुसार आसन में बैठें।
  3. मंत्र जाप:
    • ध्यान करते हुए आत्मा को उच्च और शुद्धता की दिशा में लेकर महादेव गायत्री मंत्र का जाप करें:
  4. माला का उपयोग:
    • मंत्र का जाप करते समय माला का उपयोग करें, जिसमें 108 मोतियों की माला होनी चाहिए।
    • हर बार मंत्र को एक मोती पर पढ़ें और फिर माला को एक मोती आगे बढ़ाएं और गिनते जाये।
  5. ध्यान:
    • मंत्र जाप के दौरान महादेव की ध्यान में रहें और सच्चे मनसे भगवान से आशीर्वाद मांगें।
  6. समापन:
    • मंत्र जाप के बाद, महादेव की पूजा करें और आशीर्वाद मांगें।
    • धन्यवाद अर्पित करें और शांति से अपने आद्यात्मिक साधना को समाप्त करें।

महादेव गायत्री मंत्र लाभ (Mahadev Gayatri Mantra Benefit)

आध्यात्मिक जागृति – महादेव गायत्री मंत्र का भक्ति और ईमानदारी से जाप करने से आध्यात्मिक जागृति होती है। और जप करने वले व्यक्ति का आध्यात्मिक संबंध गहरा होता है। ऐसा भी माना जाता है कि व्यक्तियों को चेतना की उच्च अवस्था प्राप्त करने और अपने अंदर दिव्य भक्ति कि उपस्थिति को अनुभव कराने में हमारी मदद करता है।

बाधाओं से सुरक्षा ओर निवारण – नकारात्मक ऊर्जाओं के सुरक्षा पाने और जीवन में बाधाओं से चुनौतिओं को दूर करने के लिए अक्सर इस मंत्र का जाप किया जाता है। इस मंत्र का जाप करने से अभ्यासकर्ता के चारो ओर एक सुरक्षा कवच बन जाता है जिससे में आने वाली सारी बाधाओं और समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।

आंतरिक शांति और संतुलन – महादेव गायत्री मंत्र का कंपन और पाठ मन को शांत करके तनाव को कम करने और आंतरिक शक्ति लाने में मदद करता है इस मंत्र का जाप करने से मन शुद्ध हो जाता है। और व्यक्ति सामाजिक मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं के बीच में अच्छा संतुलन बनाने में मदद करता है।

परिवर्तन और मुक्ति – महादेव भगवान को अज्ञानता का विनाशक और परिवर्तन लाने वाले के रूप में जाना जाता है। महादेव गायत्री मंत्र का पाठ करने से आशक्ति से मुक्त तथा साथ में ही नकारात्मक ऊर्जाओं से भी मुक्ति मिलती है। इस मंत्र को आध्यात्म मुक्ति और आत्म प्राप्ति के मार्ग के रूप में देखा जाता है।

महादेव का आशीर्वाद – मंत्र भगवान महादेव के दिव्य आर्शीवाद और कृपा का आह्वान करने का एक तरीका है। इस मंत्र का भक्तिपूर्वक जाप करने से व्यक्ति का कल्याण , आध्यात्मिक विकास और इच्छाओ की पूर्ति के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद मांग सकता है।

महादेव गायत्री मंत्र वीडियो (Mahadev Gayatri Mantra Video)

महादेव गायत्री मंत्र पीडीएफ (Mahadev Gayatri Mantra PDF)


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महादेव गायत्री मंत्र से सम्बंधित प्रश्न (Mahadev Gayatri Mantra FAQ)

महादेव गायत्री मंत्र क्या है?

महादेव गायत्री मंत्र (Mahadev Gayatri Mantra) भगवान महादेव को समर्पित एक पवित्र मंत्र है। जो हिंदी देवताओं के प्रमुख देवताओं में से एक है। इसका जाप भगवान शिव के आशीर्वाद और उनके आह्वान के लिए किया जाता जाता है।

महादेव गायत्री मंत्र का जाप करने का सबसे अच्छा समय क्या है?

महादेव गायत्री मंत्र का जाप करने का सबसे अच्छा समय सुबह जल्दी या शाम को सूर्यास्त के बाद है। इस समय वातावरण शांत होता है और मन एकाग्र होता है।

महादेव गायत्री मंत्र का उच्चारण कब और कैसे करें?

शुद्ध मन और शरीर के साथ योगासन में बैठकर, आत्मा को महादेव की ओर ध्यान करते हुए मंत्र का उच्चारण करें।

गायत्री मंत्र का जाप कितनी बार करें?

सामान्यत: 108 बार का जाप किया जाता है, जिसे एक माला कहा जाता है। यहां ध्यान रखें कि व्यक्ति किसी भी संख्या में जाप कर सकता है, लेकिन सबसे सामान्य रूप से 108 का जाप किया जाता है।

महादेव गायत्री मंत्र की सामग्री क्या हैं?

सामग्री में शुद्ध जल, फूल, चन्दन, कुंकुम, धूप, दीप, नैवेद्य (फल और मिठाई) का उपयोग किया जा सकता है।

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