पितृ गायत्री मंत्र (Pitra Gayatri Mantra) “ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्। एक शक्तिशाली मंत्र है जो हमारे पितरों को प्रसन्न करने एवं उनकी कृपा पाने के लिए जपा जाता है। यह मंत्र संस्कृत में है , पितृ गायत्री मंत्र का जप श्राद्ध पक्ष में विशेष रूप से किया जाता है। श्राद्ध पक्ष में, हम अपने पितरों को श्रद्धांजलि देते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। पितृ गायत्री मंत्र का जप करने से हमारे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे हमारे ऊपर कृपा करते हैं।
विषय सूची
पितृ गायत्री मंत्र (Pitra Gayatri Mantra)
1
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी
धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
2
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च।
नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।
3
ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि।
शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।
पितृ गायत्री मंत्र का अर्थ (Pitra Gayatri Mantra Meaning)
1
ॐ: पवित्र ध्वनि जो ब्रम्हांड का प्रतीक है।
पितृगणाय: पितरों का गण।
विद्महे: जानना
जगत धारिणी: संसार का पालन करने वाली।
धीमहि: ध्यान करना।
तन्नो: हमारे लिए।
पितृो: पितर।
प्रचोदयात्: प्रेरित करें
“हम पितृगणों के लिए जगत की पालन करने वाली को जानते हैं और हम उन्हें ध्यान में रखते हैं। हमें पितृदेवता हमें जीवन में कार्यों के सफलता के लिए प्रेरित करें।
2
पितृगणों, महायोगियों, और स्वाहा तथा स्वधा देवियों से कृपा प्राप्त के लिए मेरा हमेशा नमस्कार है।”
3
“हम उस प्राचीन, सर्वप्रथम, सबका आदि रूप में शिव-शक्ति स्वरूप, जिसकी सेवा हम सभी के द्वारा की जाती है, वे शक्ति के रूप में पितृ देवता हमारा मार्गदर्शन करे और हमे अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित करे।
पितृ गायत्री मंत्र विधि (Pitra Gayatri Mantra Vidhi)
- आसन स्थापना:
एक साफ और शुद्ध स्थान पर आसन बिछाएं और उस पर बैठें। - कलश स्थापना:
एक कलश को स्थान पर रखें और उसमें गंगा जल या स्वच्छ पानी भरें। उसमें कुछ धान्य, फूल, रोली, चंदन और कुमकुम डालें। - पितृ गायत्री मंत्र जप:
पितृ गायत्री मंत्र (Pitra Gayatri Mantra) को ध्यान से मन में रखें और १०८ बार जप करें। मंत्र है: “ओम् अमृतेश्वराय विद्महे मृत्युपुत्राय धीमहि तन्नो यम: प्रचोदयात्।” - पितृ तर्पण:
मंत्र जप के बाद पितृ तर्पण करें। एक थाली पर गंगा जल रखें और उसमें तिल, बार्ली, अर्पी, जौ, चावल, मूंग दाल, मशूर दाल, गुड़ और घी मिला कर रखें। इसके बाद पितृ गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए पितृ देवताओं को तर्पण दे। - मंत्र जाप:
अब पितृ गायत्री मंत्र का १०८ बार जाप करें। इसके दौरान, मानसिक रूप से पितृदेवता को स्मरण करें। - प्रदक्षिणा और पुष्पांजलि:
कलश के चारों ओर प्रदक्षिणा करें और पुष्पांजलि अर्पित करें। - प्रार्थना और धन्यवाद:
पितृदेवता से आशीर्वाद मांगें और उनको धन्यवाद दें। - पूजा समाप्ति:
तर्पण के बाद पूजा को समाप्त करें, और प्रसाद बांटें।
पितृ गायत्री मंत्र लाभ (Pitra Gayatri Mantra Benefit)
पितरों की आत्मा की शांति
पितृ गायत्री मंत्र का जप करने से हमारे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। पितृ पक्ष में विशेष रूप से इस मंत्र का जप करने से पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पितरों का आशीर्वाद
पितृ गायत्री मंत्र का जप करने से हमारे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सुख-समृद्धि
पितृ गायत्री मंत्र का जप करने से हमारे जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस मंत्र के जप से हमारे जीवन में धन, संपत्ति, स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
सफलता
पितृ गायत्री मंत्र का जप करने से हमारे जीवन में सफलता मिलती है। इस मंत्र के जप से हमारे कार्यों में सफलता मिलती है और हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं।
पितृ दोष का निवारण
पितृ दोष एक प्रकार का ग्रह दोष है जो हमारे जीवन में कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है। पितृ गायत्री मंत्र का जप करने से पितृ दोष का निवारण होता है और हमारे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
नकारात्मक ऊर्जा का निवारण
पितृ गायत्री मंत्र का जप करने से हमारे जीवन से नकारात्मक ऊर्जा का निवारण होता है। इस मंत्र के जप से हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हम खुशहाल और सफल जीवन जीते हैं।
मन की शांति
पितृ गायत्री मंत्र का जप करने से हमारे मन को शांति मिलती है। इस मंत्र के जप से हमारे मन को एकाग्रता मिलती है और हम अपने कार्यों में अधिक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
एकाग्रता में वृद्धि
पितृ गायत्री मंत्र का जप करने से हमारी एकाग्रता में वृद्धि होती है। इस मंत्र के जप से हमारा मन शांत और एकाग्र होता है और हम अपने कार्यों में अधिक सफल होते हैं।
यह मंत्र भी देखे
पितृ गायत्री मंत्र वीडियो (Pitra Gayatri Mantra Video)
पितृ गायत्री मंत्र पीडीएफ (Pitra Gayatri Mantra PDF)
पितृ गायत्री मंत्र से सबंधित कुछ प्रश्न (Pitra Gayatri Mantra FAQ)
पितृ गायत्री मंत्र क्या है?
पितृ गायत्री मंत्र (Pitra Gayatri Mantra) एक शक्तिशाली मंत्र है जो हमारे पितरों को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए जपा जाता है। यह मंत्र संस्कृत में है , पितृ गायत्री मंत्र का जप श्राद्ध पक्ष में विशेष रूप से किया जाता है।
पितृ गायत्री मंत्र का जप करने के लाभ क्या हैं?
पितृ गायत्री मंत्र (Pitra Gayatri Mantra) के लाभों में निम्नलिखित शामिल हैं:
पितरों की आत्मा की शांति
पितरों का आशीर्वाद
सुख-समृद्धि
सफलता
पितृ दोष का निवारण
नकारात्मक ऊर्जा का निवारण
मन की शांति
एकाग्रता में वृद्धि
पितृ गायत्री मंत्र का जप कब करना चाहिए?
पितृ गायत्री मंत्र (Pitra Gayatri Mantra) का जप विशेष रूप से पितृ पक्ष में किया जाता है। पितृ पक्ष में, हम अपने पितरों को श्रद्धांजलि देते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। पितृ गायत्री मंत्र का जप करने से हमारे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे हमारे ऊपर कृपा करते हैं।
पितृ गायत्री मंत्र के जाप का महत्व क्या है?
इस मंत्र के जाप से पितृगणों की कृपा प्राप्त होती है और उनकी आशीर्वाद से जीवन में शांति और सुख मिलता है।
क्या इस मंत्र को बिना गुरु के जाप किया जा सकता है?
सर्वप्रथम, गुरु के मार्गदर्शन में जाप करना हमेशा उत्तम होता है, लेकिन कुछ लोग स्वयंसिद्ध मंत्रों को जाप कर सकते हैं। फिर भी, यह बेहतर होता है कि मंत्र का उच्चारण और जाप गुरु के मार्गदर्शन में किया जाए।
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रेखा डनसेना इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर है और poojaaarti.com के मंदिर , त्यौहार और चालीसा के पोस्ट के अध्ययन और लेख में हमारा सहयोग करती है।