ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम् (Rinmukti Shri Ganesha Stotram) गणेश जी का एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जैसा की इस स्त्रोत के नाम से स्पष्ट है। इस स्त्रोत का उपयोग प्रातः काल में व्यक्ति द्वारा 06 माह तक लगातार कर्ज से मुक्ति के लिए किया जाता है, इससे मन को शांति मिलती है और व्यक्ति क़र्ज़ से मुक्त होकर धनवान बनता है।
विषय सूची
ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम् विधि (Rinmukti Shri Ganesha Stotram Vidhi)
- ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम् का पाठ शुक्ल पक्ष के बुधवार से शुरू शुभ माना जाता है।
- इसके पाठ करने से पहले पाठ करने वाले को शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- स्तोत्र का पठन के लिए स्वच्छ कपडे ही पहने।
- गणेश जी की मूर्ति या फिर उनके फोटो का उपयोग कर सकते है।
- गणेश जी को दूर्वा (दूब घास ) जरूर अर्पित करे।
- गणेश जी को भोग के लिए फल और मिठाई अर्पित करे।
- इसका जाप करने के लिए आपको पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें क्योंकि यह शुभ माना जाता है।
- इस मंत्र का जाप अपने सुविधानुसार आसन में बैठकर करे।
- मंत्र का जाप 06 माह तक अवश्य करना चाहिए जिससे इसका लाभ आपको अवश्य देखने को मिलेगा।
- इस स्तोत्र जा जाप करने के बाद गणेश जी का आरती के साथ पूजा करे।
- इसके बाद अपने परिवार के सुख शांति समृद्धि के लिए भगवान गणेश से आशीर्वाद मांगे।
- फिर भगवान को लगाए हुए भोग को परिवार में बाँट दे।
ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम् (Rinmukti Shri Ganesha Stotram)
॥ विनियोग ॥
ॐ अस्य श्रीऋणविमोचनमहागणपति-स्तोत्रमन्त्रस्य
शुक्राचार्य ऋषिः ऋणविमोचनमहागणपतिर्देवता
अनुष्टुप् छन्दः ऋणविमोचनमहागणपतिप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः।
॥ स्तोत्र पाठ ॥
ॐ स्मरामि देवदेवेशंवक्रतुण्डं महाबलम्।
षडक्षरं कृपासिन्धुंनमामि ऋणमुक्तये॥1॥
महागणपतिं वन्देमहासेतुं महाबलम्।
एकमेवाद्वितीयं तुनमामि ऋणमुक्तये॥2॥
एकाक्षरं त्वेकदन्तमेकंब्रह्म सनातनम्।
महाविघ्नहरं देवंनमामि ऋणमुक्तये॥3॥
शुक्लाम्बरं शुक्लवर्णंशुक्लगन्धानुलेपनम्।
सर्वशुक्लमयं देवंनमामि ऋणमुक्तये॥4॥
रक्ताम्बरं रक्तवर्णंरक्तगन्धानुलेपनम्।
रक्तपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥5॥
कृष्णाम्बरं कृष्णवर्णंकृष्णगन्धानुलेपनम्।
कृष्णयज्ञोपवीतं चनमामि ऋणमुक्तये॥6॥
पीताम्बरं पीतवर्णपीतगन्धानुलेपनम्।
पीतपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥7॥
सर्वात्मकं सर्ववर्णंसर्वगन्धानुलेपनम्।
सर्वपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥8॥
एतद् ऋणहरं स्तोत्रंत्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।
षण्मासाभ्यन्तरे तस्यऋणच्छेदो न संशयः॥9॥
सहस्रदशकं कृत्वाऋणमुक्तो धनी भवेत्॥
॥ इति रुद्रयामले ऋणमुक्ति श्री गणेशस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम् अंग्रेजी में (Rinmukti Shri Ganesha Stotram In English)
॥ Viniyoga ॥
Om Asya ShririnavimochanaMahaganapati-Stotramantrasya
Shukracharya Rishih RinavimochanaMahaganapatirdevata
Anushtup Chhandah RinavimochanaMahaganapati-prityarthe Jape Viniyogah।
॥ Stotra Patha ॥
Om Smarami DevadeveshamVakratundam Mahabalam।
Shadaksharam KripasindhumNamami Rinamuktaye॥1॥
Mahaganapatim VandeMahasetum Mahabalam।
Ekamevadvitiyam TuNamami Rinamuktaye॥2॥
Ekaksharam TvekadantamekamBrahma Sanatanam।
Mahavighnaharam DevamNamami Rinamuktaye॥3॥
Shuklambaram ShuklavarnamShuklagandhanulepanam।
Sarvashuklamayam DevamNamami Rinamuktaye॥4॥
Raktambaram RaktavarnamRaktagandhanulepanam।
Raktapushpaih PujyamanamNamami Rinamuktaye॥5॥
Krishnambaram KrishnavarnamKrishnagandhanulepanam।
Krishnayajnopavitam ChaNamami Rinamuktaye॥6॥
Pitambaram PitavarnaPitagandhanulepanam।
Pitapushpaih PujyamanamNamami Rinamuktaye॥7॥
Sarvatmakam SarvavarnamSarvagandhanulepanam।
Sarvapushpaih PujyamanamNamami Rinamuktaye॥8॥
Etad Rinaharam StotramTrisandhyam Yah Pathennarah।
Shanmasabhyantare TasyaRinachchhedo Na Sanshayah॥9॥
Sahasradashakam KritvaRinamukto Dhani Bhavet॥
॥ Iti Rudrayamale Rinamukti Shri Ganeshastotram Sampurnam ॥
ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम् के लाभ (Benefit Of Rinmukti Shri Ganesha Stotram)
- कर्ज से मुक्ति: इस स्त्रोत का उपयोग प्रातः काल में व्यक्ति द्वारा 06 माह तक लगातार कर्ज से मुक्ति के लिए किया जाता है, इससे मन को शांति मिलती है और व्यक्ति क़र्ज़ से मुक्त होकर धनवान बनता है।
- संकटों का नाश: स्तोत्र के पाठ से संकटों और मुश्किलों का नाश हो सकता है। भक्तिभाव से गणेश भगवान की प्रार्थना करने से अनेक समस्याएँ हल हो सकती हैं।
- सुख-शांति: स्तोत्र के पाठ से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है जो जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का कारण बनता है।
- बुद्धि और विद्या की वृद्धि: गणेश भगवान को बुद्धि का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस स्तोत्र के पाठ से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।
- साधना में सहायता: यह स्तोत्र भक्तों को आत्मविकास और आध्यात्मिक साधना में सहायक होता है, क्योंकि गणेश भगवान को ज्ञान का दाता माना जाता है।
- धार्मिक साधना में उत्साह: इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों में धार्मिक साधना में और भगवान के प्रति भक्ति में वृद्धि होती है।
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