समुद्र वसने देवी मंत्र (Samudra Vasane Devi Mantra)

समुद्र वसने देवी मंत्र (Samudra Vasane Devi Mantra) प्रातः काल में किय जाने वाला मंत्र है। जिसे पृथ्वी क्षमा मंत्र भी कहते है। इस मंत्र का जाप सुबह उठकर किया जाता है और माता पृथ्वी से क्षमा याचना की जाती है। इस मंत्र का जप करने से हमें इस बात का अहसास होता है कि हम पृथ्वी माता पर निर्भर हैं। हम पृथ्वी से अन्न, जल, औषधियां, फल-फूल, वस्त्र एवं घर सब इन्ही से प्राप्त है। इसलिए हमें पृथ्वी माता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए और उनसे क्षमा मांगनी चाहिए। इस जप करने से हम पृथ्वी माता के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

समुद्र वसने देवी मंत्र (Samudra Vasane Devi Mantra)

समुद्र वसने देवी, पर्वत स्तन मंडिते।

विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं, पाद स्पर्शं क्षमस्व मे॥

Samudr Vasane Devii, Parvat Stan ManIte.

Vishnu Patnii Namastubhyam, Paad Sparsham Kshamasv Me॥

समुद्र वसने देवी मंत्र अर्थ (Samudra Vasane Devi Mantra Meaning)

हे समुद्र में निवास करने वाली देवी, हे पर्वतों की चोटियों पर विराजमान होने वाली देवी, हे विष्णु की पत्नी, मैं आपको प्रणाम करता हूं मेरे पैर आपको स्पर्श कर रहे है आप मुझे क्षमा कीजिये।

समुद्र वसने देवी मंत्र विधि (Samudra Vasane Devi Mantra Vidhi)

  1. यह प्रातः काल में किया जाने वाला एक क्षमा याचना मंत्र है जो माता पृथ्वी माता से क्षमा मांगने के लिए किया जाता है।
  2. सुबह उठकर स्नान आदि के बाद एक साफ-सुथरी जगह पर बैठ जाएं।
  3. इस मंत्र की शुरुवात के लिए सबसे पहने अपने दोनों हथेली के दर्शन करे इसके बाद अपने दोनों पैर को धरती माँ में स्पर्श करे।
  4. इसके बाद अपने दोनों हाथो को भी धरती माँ के ऊपर स्पर्श करके इस मंत्र का जाप करे।
  5. मंत्र जप करते समय अपने मन को शांत रखें और ध्यान केंद्रित करें।
  6. मंत्र जप करते समय अपने मन में पृथ्वी माता के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना रखें।
  7. मंत्र जप करते समय अपने मन में पृथ्वी माता से क्षमा मांगने की भावना रखें।
  8. मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।

समुद्र वसने देवी मंत्र लाभ (Samudra Vasane Devi Mantra Benefit)

  • पृथ्वी माता के प्रति कृतज्ञता:
    इस मंत्र के जप से हमें इस बात का अहसास होता है कि हम पृथ्वी माता पर निर्भर हैं। हम पृथ्वी से अन्न, जल, औषधियां, फल-फूल, वस्त्र एवं आश्रय आदि प्राप्त करते हैं। इसलिए हमें पृथ्वी माता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।
  • पृथ्वी माता का आशीर्वाद :
    पृथ्वी माता एक शक्तिशाली देवता हैं। जब हम उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनसे क्षमा मांगते हैं, तो वे हमें अपना आशीर्वाद देते हैं। इससे हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  • सुख-शांति और समृद्धि :
    पृथ्वी माता के आशीर्वाद से हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। हम सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त हो जाते हैं और हमारे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
  • मानसिक शांति :
    पृथ्वी क्षमा याचना मंत्र का जप करने से मन शांत होता है और संतोष प्राप्त होता है। हम अपने जीवन के उद्देश्य को समझ पाते हैं और अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होते हैं।
  • आध्यात्मिक विकास:
    पृथ्वी क्षमा याचना मंत्र का जप करने से आध्यात्मिक विकास होता है। हम ईश्वर के प्रति अधिक समीप आते हैं और हमारे मन में ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति बढ़ती है।
  • सामाजिक जिम्मेदारी:
    यह मंत्र व्यक्ति को उदारशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना से भरपूर बना सकता है, जिससे वह अपने समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को समझता है।
  • प्राकृतिक संतुलन:
    इस मंत्र के जाप से, व्यक्ति प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने की क्षमता प्राप्त कर सकता है और पृथ्वी के साथ संतुलन बनाने में मदद करता है।

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समुद्र वसने देवी मंत्र पीडीएफ (Samudra Vasane Devi Mantra PDF)

समुद्र वसने देवी मंत्र वीडियो (Samudra Vasane Devi Mantra Video)

समुद्र वसने देवी मंत्र से सबंधित कुछ प्रश्न (Samudra Vasane Devi Mantra FAQ)

समुद्र वसने देवी मंत्र क्या है?

समुद्र वसने देवी मंत्र (Samudra Vasane Devi Mantra) प्रातः काल में किय जाने वाला मंत्र है। जिसे पृथ्वी क्षमा मंत्र भी कहते है। इस मंत्र का जाप सुबह उठकर किया जाता है और माता पृथ्वी से क्षमा याचना की जाती है। इस मंत्र का जप करने से हमें इस बात का अहसास होता है कि हम पृथ्वी माता पर निर्भर हैं।

समुद्र वसने देवी मंत्र का अर्थ क्या है?

हे समुद्र में निवास करने वाली देवी, हे पर्वतों की चोटियों पर विराजमान होने वाली देवी, हे विष्णु की पत्नी, मैं आपको प्रणाम करता हूं मेरे पैर आपको स्पर्श कर रहे है आप मुझे क्षमा कीजिये।

समुद्र वसने देवी मंत्र का जप कब और कैसे करना चाहिए?

समुद्र वसने देवी मंत्र (Samudra Vasane Devi Mantra) का जप सुबह उठकर स्नान आदि के बाद किया जाता है। इस मंत्र का जप कम से कम 108 बार करना चाहिए।

समुद्र वसने देवी मंत्र के जप का प्रभाव कब दिखाई देता है?

समुद्र वसने देवी मंत्र (Samudra Vasane Devi Mantra) के जप का प्रभाव व्यक्ति की श्रद्धा और निष्ठा पर निर्भर करता है। यदि व्यक्ति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से इस मंत्र का जप करता है, तो उसे शीघ्र ही इसके लाभ प्राप्त होने लगते हैं।

समुद्र वसने देवी मंत्र का जाप कोई भी कर सकता है

समुद्र वसने देवी मंत्र का जाप कोई भी व्यक्ति कर सकता है क्योंकि यह एक प्रकार का क्षमा याचना मंत्र है जो पृथ्वी के लिए किया जाता है।

समुद्र वसने देवी मंत्र का को और किस नाम से जाना जाता है ?

समुद्र वसने देवी मंत्र को पृथ्वी क्षमा याचना मंत्र के नाम से भी जाना जाता है।

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