श्री कृष्णाष्टकम् (Shri Krishnashtakam)

श्री कृष्णाष्टकम् (Shri Krishnashtakam) भगवान श्री कृष्ण को समर्पित मंत्र है जिसकी रचना आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा किया गया है। माना जाता है कि भक्ति और शुद्ध हृदय के साथ श्री कृष्णाष्टकम् (Shri Krishnashtakam) मंत्र का जाप करने से शांति, आध्यात्मिक विकास और भगवान कृष्ण के साथ जुड़ाव की भावना आती है। यह परमात्मा के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने और भगवान कृष्ण से जुड़े प्रेम और ज्ञान का अनुभव करने का एक तरीका है।

श्री कृष्णाष्टकम् (Shri Krishnashtakam) मंत्र भक्ति व्यक्त करने, सुरक्षा मांगने और आंतरिक शांति और आनंद का अनुभव करने के साधन के रूप में कार्य करता है। इस मंत्र का जाप श्री कृष्ण को अत्यधिक प्रिय है। जो भक्त भक्ति योग के मार्ग का अनुसरण करते हैं और भगवान कृष्ण के प्रति विशेष श्रद्धा रखते हैं, उन पर भगवान श्री कृष्ण की सदैव कृपा बनी रहती है।

श्री कृष्णाष्टकम् (Shri Krishnashtakam)

वसुदेव सुतं देवंकंस चाणूर मर्दनम् ।
देवकी परमानन्दंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥१॥

अतसी पुष्प सङ्काशम्हार नूपुर शोभितम् ।
रत्न कङ्कण केयूरंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥२॥

कुटिलालक संयुक्तंपूर्णचन्द्र निभाननम् ।
विलसत् कुण्डलधरंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥३॥

मन्दार गन्ध संयुक्तंचारुहासं चतुर्भुजम् ।
बर्हि पिञ्छाव चूडाङ्गंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥४॥

उत्फुल्ल पद्मपत्राक्षंनील जीमूत सन्निभम् ।
यादवानां शिरोरत्नंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥५॥

रुक्मिणी केलि संयुक्तंपीताम्बर सुशोभितम् ।
अवाप्त तुलसी गन्धंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥६॥

गोपिकानां कुचद्वन्द्वकुङ्कुमाङ्कित वक्षसम् ।
श्रीनिकेतं महेष्वासंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥७॥

श्रीवत्साङ्कं महोरस्कंवनमाला विराजितम् ।
शङ्खचक्रधरं देवंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥८॥

कृष्णाष्टक मिदं पुण्यंप्रातरुत्थाय यः पठेत् ।
कोटिजन्म कृतं पापंस्मरणेन विनश्यति ॥
॥ इति श्री कृष्णाष्टकम् सम्पूर्णम् ॥

श्री कृष्णाष्टकम् अंग्रेजी में (Shri Krishnashtakam In English)

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asudaiv Sutam Daivam Kans Chanoor Mardanam ।
Daivaki Paramanandam Krishnam Vandai Jagadgurum ॥ 1 ॥

Atasi Pushp Sankasham Har Nupur Shobhitam ।
Ratna Kankan Kaiyuram Krishnam Vandai Jagadgurum ॥ 2 ॥

Kutilalak Sayunktam Poornchandra Nibhananam ।
Vilsat Kundaladharam Krishnam Vandai Jagadguram ॥ 3 ॥

Mandar Gand Sanyukta Charuhasam Chaturbhujam ।
Barhi Pinchhava Chudangam Krishnam Vande Jagadgurum ॥ 4 ॥

Utphull Padmapatrakshan Neel Jimut Sannibham ।
Yadavanam Shiroratnam Krishnam Vandai Jagadgurum ॥ 5 ॥

Rukmini Kaili Sanyuktam Peetambar Sushobhitam ।
Avapt Tulasi Gandham Krishnam Vandai Jagadgurum ॥ 6 ॥

Gopikanam Kuchadvand Kunkumankit Vakshasam ।
Shrinikaitam Mahaishvasam Krishnam Vandai Jagadgurum ॥ 7 ॥

Shrivatsankam Mahoraskam Vanamala Virajitam ।
Shankhachakr Dharam Daivam Krishnam Vandai Jagadgurum ॥ 8 ॥

॥ Iti Shri Krishnashtakam ॥

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Updated on May 21, 2024

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