शुद्धि मंत्र (Shuddhi Mantra) “ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा। यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः।।”भगवान विष्णु को समर्पित है। जो कोई भी भगवान विष्णु का ध्यान करता है, वह बाहर और अंदर से शुद्ध हो जाता है। शुद्धि मंत्र एक ऐसा मंत्र है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को अशुद्धता से मुक्त करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र अक्सर पूजा या अनुष्ठानों की शुरुआत में किया जाता है ताकि व्यक्ति या स्थान और वस्तु को शुद्ध और पवित्र बनाया जा सके।
विषय सूची
शुद्धि मंत्र (Shuddhi Mantra)
ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपिवा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्यात् भ्यन्तर: शुचि: ।।
om apavitrh pavitro vaa sarvaavasthaan gatopivaa.
yh smaret puṇḍariikaaksham sh baahyaat bhyantar: shuchi ||
शुद्धि मंत्र अर्थ (Shuddhi Mantra Meaning)
कोई भी मनुष्य जो पवित्र हो, अपवित्र हो या किसी भी स्थिति को प्राप्त क्यों न हो, जो भगवान पुण्डरीकाक्ष का स्मरण करता है, वह बाहर-भीतर से पवित्र हो जाता है।
शुद्धि मंत्र विधि (Shuddhi Mantra Vidhi)
- शुद्धि मंत्र का जाप करने के लिए एक स्वच्छ स्थान और एक शांत वातावरण होना आवश्यक है। इससे आपका ध्यान मंत्र पर केंद्रित रहेगा।
- मंत्र का जाप करने से पहले अपने हाथों को धो लें। इससे आपके हाथ शुद्ध हो जाएंगे और मंत्र का प्रभाव अधिक होगा।
- शुद्धि मंत्र का जाप करने के लिए एक आरामदायक मुद्रा में बैठें। इससे आपका ध्यान मंत्र पर केंद्रित रहेगा।
- शुद्धि मंत्र का जाप करते समय एक दीपक जलाना चाहिए। इससे वातावरण पवित्र हो जाता है और मंत्र का प्रभाव अधिक होता है।
- मंत्र का जाप करते समय भगवान विष्णु का ध्यान करें। इससे आपका ध्यान मंत्र पर केंद्रित रहेगा और मंत्र का प्रभाव अधिक होगा।
शुद्धि मंत्र विधि बहुत ही सरल है। इसके लिए आपको बस एक स्वच्छ स्थान और एक शांत वातावरण की आवश्यकता है। सबसे पहले, अपने हाथों को धो लें और एक आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। फिर, अपने सामने एक दीपक जलाएं और शुद्धि मंत्र का जाप करना शुरू करें। मंत्र का जाप करते समय, अपनी आंखें बंद करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें। मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
शुद्धि मंत्र लाभ (Shuddhi Mantra Benefit)
- शुद्धि मंत्र का जाप करने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं। इससे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और मानसिक शांति मिलती है।
- शुद्धि मंत्र का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा का विनाश होता है। इससे जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि आती है।
- शुद्धि मंत्र का जाप करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है। इससे मन को एकाग्रता और ध्यान में मदद मिलती है।
- पूजा या अनुष्ठानों की शुरुआत में शुद्धि मंत्र का जाप करने से व्यक्ति या स्थान को अशुद्धता से मुक्त किया जाता है। इससे पूजा या अनुष्ठान अधिक प्रभावी होते हैं।
- किसी व्यक्ति को अशुद्धता से मुक्त करने के लिए शुद्धि मंत्र का जाप किया जा सकता है। इससे व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- किसी स्थान को अशुद्धता से मुक्त करने के लिए शुद्धि मंत्र का जाप किया जा सकता है। इससे स्थान में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- किसी वस्तु को अशुद्धता से मुक्त करने के लिए शुद्धि मंत्र का जाप किया जा सकता है। इससे वस्तु की पवित्रता बढ़ती है।
यह मंत्र भी देखे
शुद्धि मंत्र वीडियो (Shuddhi Mantra Video)
शुद्धि मंत्र PDF
शुद्धि मंत्र FAQ
शुद्धि मंत्र क्या है?
शुद्धि मंत्र (Shuddhi Mantra)भगवान विष्णु को समर्पित है। जो कोई भी भगवान विष्णु का ध्यान करता है, वह बाहर और अंदर से शुद्ध हो जाता है। शुद्धि मंत्र एक ऐसा मंत्र है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को अशुद्धता से मुक्त करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र अक्सर पूजा या अनुष्ठानों की शुरुआत में किया जाता है ताकि व्यक्ति या स्थान और वस्तु को शुद्ध और पवित्र बनाया जा सके।
शुद्धि मंत्र का जाप कैसे किया जाता है?
शुद्धि मंत्र (Shuddhi Mantra) विधि बहुत ही सरल है। इसके लिए आपको बस एक स्वच्छ स्थान और एक शांत वातावरण की आवश्यकता है। सबसे पहले, अपने हाथों को धो लें और एक आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। फिर, अपने सामने एक दीपक जलाएं और शुद्धि मंत्र का जाप करना शुरू करें। मंत्र का जाप करते समय, अपनी आंखें बंद करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें। मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
शुद्धि मंत्र का नियमित अभ्यास करने से क्या लाभ होता है?
शुद्धि मंत्र (Shuddhi Mantra) का नियमित अभ्यास करने से व्यक्ति को शांति, सद्भाव और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त हो सकती है। यह मंत्र व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करता है। यह व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करता है और उसे सकारात्मकता और समृद्धि प्रदान करता है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से विकसित करने में मदद करता है।
शुद्धि मंत्र का जाप करने के लिए कौन सा समय सबसे अच्छा है?
शुद्धि मंत्र (Shuddhi Mantra) का जाप करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है। सुबह का समय शुद्धता और शांति का समय होता है। इस समय शुद्धि मंत्र का जाप करने से इसका प्रभाव अधिक होता है।
शुद्धि मंत्र का जाप करते समय क्या ध्यान रखना चाहिए?
शुद्ध स्थान और वातावरण में जाप करें।
स्वच्छता का ध्यान रखें।
आरामदायक मुद्रा में बैठें।
मंत्र का जाप स्पष्ट और ध्यान से करें।
मंत्र का जाप करते समय भगवान विष्णु का ध्यान करें।
शुद्धि मंत्र का जाप करने से कौन से दोष दूर होते हैं?
शुद्धि मंत्र (Shuddhi Mantra) का जाप करने से दोष और अशुद्धता दोनों दूर होते हैं। शुद्धि मंत्र का जाप करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध हो जाता है।
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रेखा डनसेना इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर है और poojaaarti.com के मंदिर , त्यौहार और चालीसा के पोस्ट के अध्ययन और लेख में हमारा सहयोग करती है।