सूर्य जल अर्पण मंत्र (Surya Jal Arpan Mantra)

सूर्य देवता को जल अर्पण करते हुए सूर्य जल अर्पण मंत्र (Surya Jal Arpan Mantra) का प्रयोग किया जाता है तथा सूर्य नमस्कार (Surya नमस्कार) किया जाता है, हिंदू धर्म में सूर्य को एक देवता के रूप में पूजा जाता है। सूर्य नवग्रहों में से एक ग्रह है और उसे सभी जीवन और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। सूर्य स्वास्थ्य, धन और समृद्धि से भी जुड़ा है। और सूर्य को जल अर्पित करते हुए करना पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में सूर्य की भूमिका के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है। सूर्य को जल चढ़ाना परमात्मा से जुड़ने का एक तरीका है। यह सूर्य के प्रति सम्मान और भक्ति दिखाने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका है।

हिंदू धर्म में सूर्य को जल चढ़ाने के साथ – साथ सूर्य जल अर्पण मंत्र (Surya Jal Arpan Mantra)का प्रयोग भी किया जाता है इसके कई कारण हैं। इसका एक कारण यह है कि जल को एक पवित्र पदार्थ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है और आशीर्वाद और सौभाग्य लाता है। इसके अतिरिक्त, पानी जीवन के लिए आवश्यक है।

सूर्य को जल चढ़ाने का एक अन्य कारण यह भी है कि इसमें उपचारात्मक गुण होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सूर्य की किरणें हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को मारने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में सक्षम हैं। सूर्य को जल चढ़ाना इन उपचार गुणों को शरीर में अवशोषित करने का एक तरीका है।

विषय सूची

सूर्य जल अर्पण मंत्र (Surya Jal Arpan Mantra)

सूर्य को जल चढ़ाने के साथ – साथ मुख्यतः सूर्य जल अर्पण मंत्र (Surya Jal Arpan Mantra) का उपयोग किया है –

ॐ सूर्याय नमः

इस मंत्र का अर्थ है “मैं सूर्य को नमस्कार करता हूं।” आप इसे दिन के किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन इसे सुबह-सुबह करना विशेष रूप से फायदेमंद होता है, जब सूर्य उग रहा होता है।

इसके अलावा सूर्य को जल अर्पण करने के लिए अन्य कई मंत्र हैं, जिनमे से कुछ सबसे लोकप्रिय मंत्र हैं:

  • ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नमः
  • ओम भास्कराय नमः
  • ओम आदित्याय नमः
  • ओम दिवाकराय नमः

इन मंत्रों का अर्थ निम्नलिखित है:

  • ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नमः: मैं सूर्य के तेज, प्रकाश, और ऊर्जा को नमन करता हूं।
  • ओम भास्कराय नमः: मैं सूर्य को, जो प्रकाश और ऊर्जा का देवता है, नमन करता हूं।
  • ओम आदित्याय नमः: मैं सूर्य को, जो आदित्यों का देवता है, नमन करता हूं।
  • ओम दिवाकराय नमः: मैं सूर्य को, जो दिन का प्रकाश देने वाला है, नमन करता हूं।

सूर्य जल अर्पण मंत्रों (Surya Jal Arpan Mantra) को किसी भी शुद्ध स्थान पर, सुबह के समय, सूर्योदय के बाद किया जा सकता है। सूर्य को जल अर्पण करने के लिए, एक तांबे के लोटे में जल लें और उसमें कुछ लाल फूल और काले तिल मिलाएं। फिर, सूर्य की ओर मुख करके, मंत्र का जाप करते हुए, जल को सूर्य को अर्पित करें।

सूर्य जल अर्पण मंत्र के लाभ (Benefit of Surya Jal Arpan Mantra)

Advertisement

सूर्य को जल अर्पण करने से कई लाभ होते हैं। यह स्वास्थ्य, धन, और समृद्धि को बढ़ावा देता है। यह मानसिक और आध्यात्मिक विकास में भी मदद करता है।

  • बेहतर स्वास्थ्य:
    कहा जाता है कि सूर्य को जल चढ़ाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है, प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ती है और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।
  • मानसिक लाभ:
     सूर्य को जल अर्पण करने से मानसिक शांति प्रप्त होती है। यह मन को एकाग्र करता है और आत्म-ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।
  • समृद्धि में वृद्धि:
    कहा जाता है कि सूर्य को जल चढ़ाने से आर्थिक समृद्धि सहित आशीर्वाद और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
  • आध्यात्मिक विकास:
    कहा जाता है कि सूर्य को जल चढ़ाने से आत्मा शुद्ध होती है और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
  • परमात्मा से जुड़ाव:
    सूर्य को जल चढ़ाना परमात्मा से जुड़ने और सूर्य के प्रति सम्मान और भक्ति दिखाने का एक तरीका है।


हिंदू धर्म में सूर्य को जल अर्पित करने के लिए, बस एक कप या गिलास पानी लें और सूर्य जल अर्पण मंत्र (Surya Jal Arpan Mantra) का उच्चारण करते हुए इसे सूर्य की ओर डालें:

सूर्य जल अर्पण मंत्र विधि (Surya Jal Arpan Mantra Vidhi)

  1. किसी भी शुद्ध स्थान पर, पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।
  2. एक तांबे के लोटे में जल लें और उसमें कुछ लाल फूल और काले तिल मिलाएं।
  3. सूर्य की ओर मुख करके, सूर्य जल अर्पण मंत्र (Surya Jal Arpan Mantra) का जाप करते हुए, जल को सूर्य को अर्पित करें।
  4. जल को अर्पित करने के बाद, सूर्य का ध्यान करें और सूर्य को प्रणाम करें।


यह मंत्र का भी जाप करें


सूर्य जल अर्पण मंत्र के नियम (Surya Jal Arpan Mantra Rules)

Advertisement

  • सूर्य को जल अर्पण हमेशा सुबह के समय, सूर्योदय के बाद करें।
  • सूर्य को जल अर्पित करते समय, सूर्य की ओर मुख करें।
  • जल को अर्पित करने के बाद, सूर्य का ध्यान करें और सूर्य को प्रणाम करते हुए सूर्य जल अर्पण मंत्र (Surya Jal Arpan Mantra) का प्रयोग करें।

सूर्य को जल अर्पण करने का एक और तरीका है, जिसमें मंत्र का जाप नहीं किया जाता है। इस विधि में, बस सूर्योदय के बाद, तांबे के लोटे में जल लेकर, सूर्य को अर्पित करें।

सूर्य को जल अर्पण करने से कई लाभ होते हैं। यह स्वास्थ्य, धन, और समृद्धि को बढ़ावा देता है। यह मानसिक और आध्यात्मिक विकास में भी मदद करता है।

सूर्य जल अर्पण मंत्र वीडियो (Surya Jal Arpan Mantra Video)

सूर्य जल अर्पण मंत्र (Surya Jal Arpan Mantra) FAQ

सूर्य जल अर्पण क्या है?

सूर्य जल अर्पण एक हिंदू अनुष्ठान है जिसमें सूर्य देव को जल अर्पित किया जाता है। यह आमतौर पर सूर्योदय के दौरान सूर्य द्वारा प्रदान की गई जीवनदायी ऊर्जा और प्रकाश के लिए पूजा और आभार व्यक्त करने के रूप में किया जाता है।

सूर्य जल अर्पण क्यों किया जाता है?

यह अनुष्ठान सूर्य देव से आशीर्वाद, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मन और आत्मा को शुद्ध करता है और अक्सर पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में सूर्य की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति कृतज्ञता की अभिव्यक्ति के रूप में किया जाता है।

सूर्य जल अर्पण कैसे किया जाता है?

यह अनुष्ठान सूर्य देव से आशीर्वाद, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मन और आत्मा को शुद्ध करता है और अक्सर पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में सूर्य की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति कृतज्ञता की अभिव्यक्ति के रूप में किया जाता है

क्या मैं घर पर सूर्य जल अर्पण कर सकता हूँ?

हां, आप यह अनुष्ठान घर पर भी कर सकते हैं। यह एक सरल अभ्यास है जिसे सूर्योदय के समय अपनी छत, बालकनी या अपने आंगन में किया जा सकता है। आपको विस्तृत व्यवस्था की आवश्यकता नहीं है.

सूर्य जल अर्पण के क्या फायदे हैं?

ऐसा माना जाता है कि सूर्य जल अर्पण करने से अच्छे स्वास्थ्य, जीवन शक्ति और मानसिक स्पष्टता का आशीर्वाद मिल सकता है। इसे किसी के कर्म को सुधारने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ाने का एक तरीका भी माना जाता है।

क्या सूर्य जल अर्पण के लिए कोई विशेष मंत्र हैं?

इस अनुष्ठान के लिए कोई एक सार्वभौमिक मंत्र नहीं है। पहले उल्लिखित मंत्र, “ओम सूर्याय नमः,” एक आम पसंद है, लेकिन आप कोई भी मंत्र या प्रार्थना चुन सकते हैं जो आपके अनुरूप हो और सूर्य देव के प्रति आपकी भक्ति व्यक्त करता हो।

क्या मैं किसी भी दिन सूर्य जल अर्पण कर सकता हूँ?

हालाँकि यह आमतौर पर सूर्योदय के दौरान प्रतिदिन किया जाता है, आप सूर्य जल अर्पण किसी भी दिन कर सकते हैं जो आपके लिए सुविधाजनक हो। यह रविवार को विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि सप्ताह के इस दिन से सूर्य जुड़ा होता है।

क्या मुझे किसी विशिष्ट अनुष्ठान या सावधानियों का पालन करने की आवश्यकता है?

हालांकि अनुष्ठान अपेक्षाकृत सरल है, इसे ईमानदारी और भक्ति के साथ किया जाना चाहिए। अनुष्ठान करने से पहले स्नान करना या अपने हाथ और पैर धोना एक अच्छा अभ्यास है। भेंट के दौरान सम्मानजनक और केंद्रित रहें।

क्या सूर्य जल अर्पण का संबंध किसी विशेष त्यौहार से है?

हालाँकि यह दैनिक रूप से किया जा सकता है, यह अनुष्ठान छठ पूजा, मकर संक्रांति और रथ सप्तमी जैसे त्योहारों के दौरान विशेष महत्व रखता है जब भक्त सूर्य देव को विशेष श्रद्धांजलि देते हैं।

आज का हमारा लेख पढ़ने के लिए हम आपकी सराहना करते हैं। कृपया अपने अनुभव हमसे साझा करने के लिए हमारे facebook group पर जुड़े और हमारे facebook page को like करे। अगर आप इस लेख में कुछ सुधार चाहते है, तो कृपया comment के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है।

disclaimer

इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 11, 2024

Advertisement

Leave a Comment