वीरभद्र मंत्र (Veerbhadra Mantra) वीरभद्र को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है। यह मंत्र भक्तों को वीरभद्र की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है इस मंत्र का जाप हमें हमारे जीवन की कठिनाइओं से निकलने में मदद करता है। वीरभद्र शिव की जटा से उत्त्पन्न हुए थे इन्हे रूद्र का प्रथम अवतार माना जाता है। वीरभद्र के इस मंत्र का जाप निरंतर करते रहने से भक्तों को सुरक्षा, शक्ति, सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
विषय सूची
कौन है वीरभद्र ?
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार वीरभद्र भगवान शिव के जटा से उत्पन्न हुए थे। इन्हे रूद्र का प्रथम अवतार भी कहा जाता है। वीरभद्र जी ने ही शिव जी के कहने पर दक्ष प्रजापति का सिर धड़ से काट दिये थे। एक बार अपने यज्ञ के दौरान दक्ष ने सभी देवी देवताओं को निमंत्रित किया और भगवान शिव अपनी पुत्री सती को निमंत्रण नहीं किया। सती वह बिना बुलाये पहुंच गयी। वहां जाकर उन्होंने देखा उनके पति के आलावा वह सभी का आदर सत्कार किया जा रहा है यह सब देखकर सती को अपमानित महसूस हुआ और यज्ञ कुंड के अग्नि से स्वयं को भस्म कर डाला।
यह समाचार सुनकर भगवान शिव क्रोधित हुये। उन्होंने अपनी जटा वीरभद्र को उत्पन्न किया वीरभद्र रूद्र के प्रथम स्वरुप थे। राजा दक्ष के यज्ञ में अपने गण के साथ पहुंचकर पुरे अग्निकुंड को तहस – नहस कर दिया और क्रोध से दक्ष के सर को धड़ से अलग करके उसी अंगीकुंड में जला डाला। यह सब देखकर ब्रम्हा जी के अनुग्रह करने पर दक्ष को पुनर्जिवित करने के लिए उनके सर को बकरे के सर से जोड़कर उन्हें पुनः जीवित किया और यज्ञ कार्य को पूर्ण किया।
वीरभद्र का विवाह भद्रकाली के साथ हुआ था। वीरभद्र के 6 पुत्र हुए पोनभद्र, क्ल्हनभद्र ,अतिसुरभद्र ,जखभद्र, ब्रह्मभद्र, दहीभद्र ये इनके नाम थे।
वीरभद्र मंत्र (Veerbhadra Mantra)
॥ॐ वीरभद्राय नमः॥
॥ om veerbhadraye namah ॥
वीरभद्र मूल मंत्र
ॐ ह्रौं हूं वं वीरभद्राय नमः
ॐ ह्रौं हुं वं वीरभद्राय नमः
वीरभद्र मंत्र का अर्थ (Veerbhadra Mantra Meaning)
हे वीरभद्र भगवान आपको नमस्कार है।
वीरभद्र मंत्र वीडियो (Veerbhadra Mantra Video)
वीरभद्र मंत्र विधि (Veerbhadra Mantra Vidhi)
- मंत्र का जाप करने से पहले शुद्धता का विशेष ध्यान चाहिए।
- वीरभद्र मंत्र का जाप सूर्योदय के समय या सूर्यास्त के पहले करना चाहिए।
- वीरभद्र मंत्र क्क जाप दक्षिण दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।
- मंत्र शुरू करने से पूर्व गणेश जी की पूजा अवश्य करें
- मंत्र का जाप करते समय घी का दीपक जलना चाहिए।
- मन में वीरभद्र की छवि बनाकर मंत्र का जाप करना चाहिए।
- अपने सुविधानुसार आसन में बैठकर मंत्र का जाप करें।
- मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की 108 मोती वाली माला का उपयोग करे।
- मंत्र का जाप दिन में 108 बार अवश्य करें।
- मंत्र पूर्ण हो जाने के बाद बकरी को भोजन अवश्य खिलाये।
वीरभद्र मंत्र लाभ (Veerbhadra Mantra Benefit)
- सुरक्षा और संरक्षण:
वीरभद्र एक शक्तिशाली योद्धा हैं और वे अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए जाने जाते हैं। वीरभद्र मंत्र का नियमित रूप से जप करने से भक्तों को बुरी आत्माओं, नकारात्मक ऊर्जा और अन्य हानिकारक प्रभावों से सुरक्षा प्राप्त हो सकती है। - शक्ति और साहस:
वीरभद्र साहस और शक्ति के प्रतीक हैं। वीरभद्र मंत्र का नियमित रूप से जप करने से भक्तों में साहस और शक्ति का विकास हो सकता है। यह उन्हें अपने जीवन में चुनौतियों का सामना करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। - सफलता और समृद्धि:
वीरभद्र सफलता और समृद्धि के देवता हैं। वीरभद्र मंत्र का नियमित रूप से जप करने से भक्तों को अपने जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त हो सकती है। - बुराई और शत्रुओं पर विजय:
वीरभद्र बुराई और शत्रुओं के विनाश के देवता हैं। वीरभद्र मंत्र का नियमित रूप से जप करने से भक्तों को बुराई और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
यह मंत्र भी देखे
वीरभद्र मंत्र विधि (Veerbhadra Mantra PDF)
वीरभद्र मंत्र से सबंधित कुछ प्रश्न (Veerbhadra Mantra FAQ)
वीरभद्र मंत्र का जप कब करना चाहिए?
वीरभद्र मंत्र (Veerbhadra Mantra) का जप किसी भी समय किया जा सकता है। हालांकि, सुबह के समय या शाम के समय जप करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है
वीरभद्र मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?
वीरभद्र मंत्र (Veerbhadra Mantra) का जप 108 बार करना सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि, आप अपनी सुविधानुसार भी जप कर सकते हैं।
वीरभद्र मंत्र का जप करते समय क्या ध्यान रखना चाहिए?
एक शांत स्थान पर बैठें।
अपने सामने एक दीपक जलाएं।
अपने हाथों को नमस्कार मुद्रा में रखें।
मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और ध्यान से करें।
मंत्र का जप करते समय भगवान शिव और वीरभद्र की छवि पर ध्यान केंद्रित करें।
वीरभद्र मंत्र का जप करने से क्या लाभ होते हैं?
सुरक्षा और संरक्षण
शक्ति और साहस
सफलता और समृद्धि
बुराई और शत्रुओं पर विजय
वीरभद्र मंत्र का जप करने से पहले क्या ध्यान रखना चाहिए?
वीरभद्र मंत्र (Veerbhadra Mantra) का जप करने से पहले, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपका मन शांत और केंद्रित हो। आप मंत्र का जप करते समय भगवान शिव और वीरभद्र की छवि पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
वीरभद्र मंत्र के जप के लिए कोई विशेष नियम या अनुष्ठान है?
वीरभद्र मंत्र (Veerbhadra Mantra)के जप के लिए कोई विशेष नियम या अनुष्ठान नहीं है। आप किसी भी समय और किसी भी स्थान पर मंत्र का जप कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप नियमित रूप से मंत्र का जप करना चाहते हैं, तो आप एक निश्चित समय और स्थान निर्धारित कर सकते हैं।
वीरभद्र मंत्र क्या है ?
वीरभद्र मंत्र वीरभद्र को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है। यह मंत्र भक्तों को वीरभद्र की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है इस मंत्र का जाप हमें हमारे जीवन की कठिनाइओं से निकलने में मदद करता है।
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रेखा डनसेना इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर है और poojaaarti.com के मंदिर , त्यौहार और चालीसा के पोस्ट के अध्ययन और लेख में हमारा सहयोग करती है।