घोर कष्ट स्तोत्र (Ghor Kashta Stotra PDF)

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घोर कष्ट स्तोत्र (Ghor Kashta Stotra) एक हिंदू स्तोत्र है जो भगवान दत्तात्रेय की स्तुति करता है। भगवान दत्तात्रेय हिंदू धर्म के देवताओं में से एक हैं। घोर कष्ट स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को अपने जीवन में आने वाली सभी प्रकार की कठिनाइयों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। घोर कष्ट स्तोत्र का पाठ आमतौर पर गुरुवार के दिन करना शुभ माना जाता है।

Ghor Kashta Stotra PDF Details

PDF NameGhor Kashta Stotra PDF
No. of Page3
PDF Size 309 KB
LanguageSanskrit
PDF CategoryHindu Books, Religion & Spirituality. 

घोर कष्ट स्तोत्र (Ghor Kashta Stotra PDF )

घोर कष्ट स्तोत्र वीडियो (Ghor Kashta Stotra )

घोर कष्ट स्तोत्र विधि (Ghor Kashta Stotra Vidhi)

  • स्तोत्र शुरू करने से पहले एक साफ और शांत स्थान पर बैठना चाहिए।
  • अपने सामने भगवान दत्तात्रेय की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करे।
  • अगर तस्वीर या मूर्ति नहीं है, तो आप अपने मन में भगवान दत्तात्रेय का ध्यान करें।
  • अपने हाथों को जोड़कर भगवान दत्तात्रेय का ध्यान करना चाहिए।
  • इस स्तोत्र का पाठ गुरुवार को करना शुभ माना जाता है
  • स्तोत्र का पाठ करते समय, अपने मन को एकाग्र रखें और भगवान दत्तात्रेय की आराधना करें।
  • स्तोत्र का पाठ सुबह या शाम किसी भी समय किया जा सकता है।
  • इस स्तोत्र का पाठ कम से कम 11 बार करना चाहिए।

घोर कष्ट स्तोत्र (Ghor Kashta Stotra Benefi )

  1. इस स्तोत्र के पाठ करने से जीवन में आने वाली सभी परेशनियों से मुक्ति मिल जाती है।
  2. इस स्तोत्र के नियमित पाठ करने से सभी प्रकार के दुःख दर्द पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
  3. स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक शान्ति और संतुलन मिल सकता है।
  4. स्तोत्र का पाठ करने से भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है।
  5. स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन के कठिनाईयों का सामना करने की ताकत मिल सकती है।
  6. स्तोत्र का पाठ गुरुवार के दिन 11 बार करने से बहुत की शुभ फल प्राप्त होते है।

घोर कष्ट स्तोत्र से सबंधित प्रश्न (Ghor Kashta Stotra FAQ)

घोर कष्ट स्तोत्र क्या है?

घोर कष्ट स्तोत्र (Ghor Kashta Stotra) एक हिंदू स्तोत्र है जो भगवान दत्तात्रेय की स्तुति करता है। भगवान दत्तात्रेय हिंदू धर्म के देवताओं में से एक हैं। उन्हें ज्ञान, ऋद्धि-सिद्धि और मोक्ष के दाता के रूप में जाना जाता है। घोर कष्ट स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को अपने जीवन में आने वाली सभी प्रकार की कठिनाइयों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। घोर कष्ट स्तोत्र का पाठ आमतौर पर गुरुवार के दिन किया जाता है।

घोर कष्ट स्तोत्र का पाठ कब करना चाहिए?

घोर कष्ट स्तोत्र (Ghor Kashta Stotra) का पाठ आप किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन गुरुवार के दिन इसका पाठ करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

घोर कष्ट स्तोत्र के रचयिता कौन है ?

घोर कष्ट स्तोत्र (Ghor Kashta Stotra) के रचयिता श्री वासुदेवानंद सरस्वती जी है।

घोर कष्ट स्तोत्र किसको समर्पित है ?

घोर कष्ट स्तोत्र (Ghor Kashta Stotra) भगवान श्री दत्तात्रेय के पहले अवतार प्रभु श्रीपाद श्रीवल्लभ को समर्पित है।

घोर कष्ट स्तोत्र को कितनी बार करे ?

घोर कष्ट स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन 11 बार करना चाहिए।

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