दुःख दहन स्तोत्र (Dukh Dahan Stotra)

दुःख दहन स्तोत्र (Dukh Dahan Stotra) भगवान शिव को समर्पित है। यह संस्कृत भाषा में लिखा गया है। इस स्तोत्र को दुःख, कष्ट और पीड़ा को दूर करने के लिए पढ़ा जाता है। इस स्तोत्र को सुनने मात्रा से लोगो के दुःख दर्द पीड़ा दूर हो जाते है।स्तोत्र में, भगवान शिव से प्रार्थना में भक्त भगवान शिव से अपनी गरीबी को दूर कर सुख समृद्धि प्रदान करने की प्रार्थना करते है।

दुःख दहन स्तोत्र लिरिक्स (Dukh Dahan Stotra Lyrics)

विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणाय
कणामृताय शशिशेखरधारणाय ।
कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय
दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥१॥

गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय
कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्कणाय ।
गंगाधराय गजराजविमर्दनाय
दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥२॥

भक्तिप्रियाय भवरोगभयापहाय
उग्राय दुर्गभवसागरतारणाय ।
ज्योतिर्मयाय गुणनामसुनृत्यकाय
दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥३॥

चर्मम्बराय शवभस्मविलेपनाय
भालेक्षणाय मणिकुण्डलमण्डिताय ।
मंझीरपादयुगलाय जटाधराय
दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥४॥

पञ्चाननाय फणिराजविभूषणाय
हेमांशुकाय भुवनत्रयमण्डिताय ।
आनन्दभूमिवरदाय तमोमयाय
दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥५॥

भानुप्रियाय भवसागरतारणाय
कालान्तकाय कमलासनपूजिताय ।
नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय
दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥६॥

रामप्रियाय रघुनाथवरप्रदाय
नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय ।
पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरार्चिताय
दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥७॥

मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय
गीतप्रियाय वृषभेश्वरवाहनाय ।
मातङ्गचर्मवसनाय महेश्वराय
दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥८॥

वसिष्ठेन कृतं स्तोत्रं सर्वरोगनिवारणं ।
सर्वसंपत्करं शीघ्रं पुत्रपौत्रादिवर्धनम् ।
त्रिसंध्यं यः पठेन्नित्यं स हि स्वर्गमवाप्नुयात् ॥


॥ इति वसिष्ठ विरचितं दारिद्र्यदहनशिवस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

दुःख दहन स्तोत्र अंग्रेजी में (Dukh Dahan Stotra In English)

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vishveshvaraay narakaarṇav taaraṇaay
kaṇaamṛtaay shashishekharadhaaraṇaay .
karpuurakaantidhavalaay jaṭaadharaay
daaridry duahkhadahanaay namah shivaaya ॥१॥

gowriipriyaay rajaniishakalaadharaay
kaalaantakaay bhujagaadhipakaṅkaṇaay .
gangaadharaay gajaraajavimardanaay
daaridry duahkhadahanaay namah shivaay ॥२॥

bhaktipriyaay bhavarogabhayaapahaay
ugraay durgabhavasaagarataaraṇaay .
jyotirmayaay guṇanaamasunṛtyakaay
daaridry duahkhadahanaay namah shivaaya ॥३॥

charmambaraay shavabhasmavilepanaay
bhaalekshaṇaay maṇikuṇḍalamaṇḍitaay .
manjhiirapaadayugalaay jaṭaadharaay
daaridry duahkhadahanaay namah shivaay ॥४॥

pañchaananaay phaṇiraajavibhuushaṇaay
hemaanshukaay bhuvanatrayamaṇḍitaay .
aanandabhuumivaradaay tamomayaay
daaridry duahkhadahanaay namah shivaaya ॥५॥

bhaanupriyaay bhavasaagarataaraṇaay
kaalaantakaay kamalaasanapuujitaay .
netratrayaay shubhalakshaṇ lakshitaay
daaridry duahkhadahanaay namah shivaay ॥६॥

raamapriyaay raghunaathavarapradaay
naagapriyaay narakaarṇavataaraṇaay .
puṇyeshu puṇyabharitaay suraarchitaay
daaridry duahkhadahanaay namah shivaaya ॥७॥

mukteshvaraay phaladaay gaṇeshvaraay
giitapriyaay vṛshabheshvaravaahanaay .
maataṅgacharmavasanaay maheshvaraay
daaridry duahkhadahanaay namah shivaay ॥८॥

vasishṭhen kṛtam stotram sarvaroganivaaraṇam .
sarvasampatkaram shiighram putrapowtraadivardhanam .
trisandhyam yah paṭhennityam s hi svargamavaapnuyaat ॥

॥ iti vasishṭh virachitam daaridryadahanashivastotram sampuurṇam ॥

दुःख दहन स्तोत्र पीडीएफ (Dukh Dahan Stotra PDF)

दुःख दहन स्तोत्र वीडियो (Dukh Dahan Stotra Video)

दुःख दहन स्तोत्र विधि (Dukh Dahan Stotra Vidhi)

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  1. स्तोत्र का पाठ करने से पहले, योग्यता बनाए रखना चाहिए।
  2. उसके बाद शिव का ध्यान लगाकर पाठ शुरू करे।
  3. शांत माहौल में मन को एकाग्रित करके पाठ को करना चाहिए।
  4. पाठ को शुरू करने से पहले शिव मंत्रो का जाप कर लेना चाहिए।
  5. स्तोत्र का जाप कम से कम 108 बार करे।
  6. स्तोत्र पठने के बाद, भगवान शिव की आरती करे।

दुःख दहन स्तोत्र लाभ (Dukh Dahan Stotra Benefit)

  1. दुःख से मुक्ति: दुःख दहन स्तोत्र (Dukh Dahan Stotra)का पाठ करने से व्यक्ति को शांति, सुख, और आनंद की प्राप्ति होती है। इसका पाठ करने से मानव जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होता है।
  2. मानसिक शांति: ध्यानपूर्वक और भावना सहित स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक चिंता और अशांति का समाप्त हो जाती है। यह लोगो को आत्मिक शांति और आत्मा के साथ संबंध स्थापित करती है।
  3. आत्म-विकास: दुःख दहन स्तोत्र (Dukh Dahan Stotra) का पाठ करने से आत्म-विकास और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह व्यक्ति को अपनी आत्मा की साक्षात्कार की दिशा में आगे बढ़ने में सहायक होता है।
  4. भक्ति और समर्पणा:दुःख दहन स्तोत्र (Dukh Dahan Stotra) का पाठ करने से भक्ति और समर्पण की भावना उत्पन्न होती है, जिससे व्यक्ति ईश्वर के प्रति अपने संबंध को मजबूत करने में सहायता मिलती है।
  5. कष्टों का सामना: दुःख दहन स्तोत्र (Dukh Dahan Stotra)का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन के कष्टों और संघर्षों का सामना करने के लिए साहस मिलता है।
  6. सकारात्मक ऊर्जा का संचार:दुःख दहन स्तोत्र (Dukh Dahan Stotra) का पाठ करने से आत्मा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो व्यक्ति को सकारात्मक दृष्टिकोण और सोचने की क्षमता प्रदान करती है।

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दुःख दहन स्तोत्र से सबंधित प्रश्न उत्तर (Dukh Dahan Stotra FAQ)

दुःख दहन स्तोत्र क्या है?

दुःख दहन स्तोत्र (Dukh Dahan Stotra) भगवान शिव को समर्पित है। यह संस्कृत भाषा में लिखा गया है। इस स्तोत्र को दुःख, कष्ट और पीड़ा को दूर करने के लिए पढ़ा जाता है। इस स्तोत्र को सुनने मात्रा से लोगो के दुःख दर्द पीड़ा दूर हो जाते है।स्तोत्र में, भगवान शिव से प्रार्थना में भक्त भगवान शिव से अपनी गरीबी को दूर कर सुख समृद्धि प्रदान करने की प्रार्थना करते है।

दुःख दहन स्तोत्र पाठ कैसे किया जाता है?

स्तोत्र का पाठ ध्यान, भक्ति, और श्रद्धा के साथ किया जाता है। यह आध्यात्मिक साधना के साथ मिलाकर किया जाता है, जिससे व्यक्ति अध्यात्मिक उन्नति की दिशा में आगे बढ़ता है।

दुःख दहन स्तोत्र पठन से क्या लाभ होता है?

“दुःख दहन स्तोत्र (Dukh Dahan Stotra)” के पाठ से दुःखों का समाप्त होने, मानसिक शांति, आत्म-विकास, और भक्ति में वृद्धि हो सकती है।

दुःख दहन स्तोत्र को किसी विशेष समय या अवस्था में पठना चाहिए?

इसे प्रातः और सायंकाल, या किसी भी साधना या पूजा सत्र के दौरान पठा जा सकता है। यह व्यक्ति की सुरक्षा, शांति, और आनंद के लिए होने वाली प्रार्थना को समर्थन करता है।

क्या दुःख दहन स्तोत्र स्तोत्र व्यक्ति को सांसारिक समस्याओं से मुक्ति प्रदान कर सकता है?

हाँ, इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को सांसारिक समस्याओं से मुक्ति हो सकती है, लेकिन यह निर्भर करता है कि व्यक्ति इसे ईमानदारी से और नियमित रूप से प्राप्त करता है या नहीं।

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Updated on May 11, 2024

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