हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु और भगवान शिव की एक साथ स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित है। हरिहर स्तोत्र एक शक्तिशाली स्तोत्र है। इस स्तोत्र में भगवान विष्णु और भगवान शिव की शक्ति, ज्ञान और करुणा की प्रशंसा की गयी है इस दोनों देवताओं को समस्त ब्रह्मांड का सृजनकर्ता, पालनहार और संहारक माना जाता हैं।
विषय सूची
हरिहर स्तोत्र लिरिक्स (Harihar Stotra Lyrics)
प्रथम जो लीजै गणपति का नाम।
तो होवें सभी काम पूरण तमाम।
करे विनती दास कर हर का ध्यान।
जो कृपा करि आप गिरधर हरि०।
मेरी बार क्यों देर इतनी करी।
ब्रम्हा विष्णु शिवजी हैं एकोस्वरूप।
हुए एक से रुप तीनों अनूप।
चौबीसों अवतारों की महिमा करी। हरि०।
शक्ति स्वरूपी और परमेश्वरी।
रक्खा अपना नाम महा ईश्वरी।
योगीश्वर मुनीश्वर तपीश्वर ऋषि।
तेरी जोट में लीन परमेश्वरी। हरि०।
तेरा नाम है दुःख हरण दीनानाथ।
जो बरसन लगा इन्द्र गुस्से के साथ।
रखा तुमने ग्वालो को देकर के हाथ।
वहां नाम अपना धरा गिरधारी। हरि०।
असुर ने जो बांधा था प्रहलाद को।
न छोड़ा भक्त ने तेरी याद को।
न किनी तब वकफ खड़े दाद को।
धरा रु नरसिंह पीड़ा हरि। हरि०।
नही छोड़ता था राम का जिकर।
जो गुस्से में बांधा था उसको पिदर।
कहा के करूँ मैं जुदा तन से सर।
तो खम्भ फाड़ निकले न देरी करी। हरि०।
चले जल्द आये प्रहलाद की बेर।
हिरणाकुश को मारा ना किनी थी देर।
किया रूप वामन ब्राम्हण का फेर।
बली के जो द्वारे आ ठाड़े हरि। हरि०।
था जलग्राह ने गज को घेर जभी।
ना लीन था नाम उसने तेरा कभी।
जो मुश्किल बनी शरण आया तभी।
हरि रूप होकर के पीड़ा हरि। हरि०।
अजामिल को तारा न किनी थी देर।
चखे प्रेम से झूठे भीलनी के बेर।
करि बहुत क्रिया जो गणिका की बेर।
अजामिल कहा कर सके हमसरी। हरि०।
अजामिल को तारा ना किनी थी देर।
चखे प्रेम से जूठे भीलनी के बेर।
करि बहुत कृपा जो गणिका की बेर।
अजामिल कहाँ कर सके हमसरी। हरि०।
जभी भक्त पे आके विपदा पड़ी।
सुदामा की थी पल में पीड़ा हरि।
है जिसने तेरे नाम की धुन धरि।
ना राखे तू मुशिकल किसी की घड़ी। हरि०।
नरसी भक्ति की हुण्डी भरी।
सांबल शास ऊपर थी उस उस लिख धरी।
ढूढ़त फिरे थी लगी थरथरी।
सांवल शास बो उसकी हुडी भरी। हरि०।
वक्रीदन्त ने जब सताई मही।
न सूझी बहुत कुछ आतुर भई।
सिरफ ओट तेरी मही ने लई।
कीना रूप वाराह रक्षा करी। हरि०।
जो सैयाद ने पंछी को था दुःख दिया।
वह आतुर भया नाम तेरा लिया।
तभी साँप सैयाद को डस गया।
छुड़ाया था पंछी को जो हरहरि। हरि०।
वा रावण असुर जो सिया ले गया।
निकट मौत आई वह अन्धा भया।
असुर मार राज विभीषण किया।
सिया लेके आए अयोध्या पूरी। हरि०।
जो गौतम ने अहिल्या को बद्दुआदई।
उसी वक्त अहिल्या शिला हो गई।
पड़ी थी वह रास्ते मे मुद्दत हुई।
लगाके चरण मुक्ति उसी की करी। हरि०।
जो संकट बना इकनॉमी को आ।
कहा बादशाह मेरी गौ दे जीवा।
तो नामें ने विनती तुम्हारी करी।
वहां नाथ नामे की पीड़ा हरि। हरि०।
शंखासुर असुर एक पैदा हुआ।
ब्रम्हा के वह वेद सब ले गया।
ब्रम्हा आपकी शरण आकर पडा।
मत्स्य रु हो वेद लाये हरी। हरि०।
यमला और अर्जुन किया जो हाव।
हुए जण जो उनको हुआ था श्राप।
ऊखल हो नाथ पहुचे जो आप।
ऊखल नाथ ही उनकी आपदा हरी। हरि०।
द्रोपदी के कौरव जुल्म जोर साथ।
किया याद द्रोपदी तुझे दीनानाथ।
रखी लाज उसकी नगत ना कर। हरि०।
वो है याद तुमको जो रुकमन की बार।
खबर देने आया था जुन्नार दार।
चढ़े नाथ रथ पर हुए थे सवार।
रुकम बांध रुकमन को लाये हरि। हरि०।
असुर ऐ दर ये सयावन लगा।
दसोदिश शिवा को फिरावन लगा।
धरन हाथ सिर शिव के इच्छा करी।
शक्ति रूप हो शिव की रक्षा करी। हरि०।
दुर्वासा गया शिष्य ले पांडवों के पास।
भोजन करन की जो किनी थी आस।
तो राजे छलक वन की इच्छा करी।
वहां नाथ पांडवों की आपदा हरि। हरि०।
जो धन्ने भक्त मांग ठाकुर लिया।
त्रिलोचन मिसर हंस बट्टा दिया।
भगत का जो दृढ़ निश्चय देखा हरि।
भोजन किया धरती हुई हरी भरी। हरि०।
युधिष्ठिर पी कोप कौरव हुआ।
की हर दो तरफ जंग आकर मचा।
तभी खून का सिंधु बहने लगा।
टटीरी के बच्चों की रक्षा करी। हरि०।
तेरे अन्त को कोई पावे कहाँ।
माधो दास को जाड़ा लगा जहाँ।
छप्पर बांधा होकर के पहुंचे वहा।
छप्पर बांधकर उसकी रक्षा करी। हरि०।
गरुड़ की सवारी पर अब तक रहा।
बड़ज्जुब ही आत है हमको भया।
कड़ाह गरम कर तेल वह जब चढ़ा।
सुधन्बा को आकार बचाया हरी। हरि०।
बड़ा राक्षसों का जुल्म था जहां।
अधीश्वर मुनीश्वर खराबी नशां।
मारें दैत्य सब ऋषि शादमा।
बड़ी। कृपा करी पीड़ा भगतां। हरि०।
भृवन सुखन माता का गोश कर।
चले घर से बाहर तेरी आस पर।
लगे भजन करने तब एक पाँव पर।
किया दास उसको गले ला हरी। हरि०।
तमाम उम्र कंश दुश्मन रहा।
पलक में तूने उसको उद्धारण किया।
अग्रसेन को राज मथुरा दिया।
सम्दीपन का बेटा जियाया हरी। हरि०।
लिखी बाप की उसकी चिट्ठी गयी।
नही एक पल दिल करनी पड़ी।
लइखी विषथीजा उसको विष्यकारी।
लिखी कुछ थी ईश्वर ने कब्जा करी। हरि०।
जो कब्जा से सन्दल लकया मुरलीधर।
लगे देखने लोग इधर और उधर।
तअज्जुब रहे देख कब्जा ऊपर।
रखा पाओ पर पाओ सीधी करि।हरी०।
राजा पकड़ जहर कातिल दोया।
जो पीवे तब उसको न छोड़े जियाया।
मीरा ने तेरा नाम लेकर पिया।
उसी विष भेजा उसको अमृत करी। हरि०।
ये अड़सठ के ऊपर चौबीस हजार।
रखे बहुत राजा जरासन्ध तार।
वहां भक्त संग जो किनी पुकार।
उसी वक्त उसकी जो आपदा हरि। हरि०।
दीनानाथ जो नाम तेरा भया।
वही नाम सुन दास शरणी पया।
अपने नाम की लाज राखो हरी।
मेरे सब दुःख काट राखो हरी। हरि०।
तू हैगा ब्रदर बलीराम का।
में राखूं भरोसा तेरे नाम का।
नहीं कोई दूजा तेरे नाम का।
तू है जगत रचा करती हरी। हरि०।
मेरे विनती को सुनो लाल जी।
यह गफलत का नहीं वक्त गोपालजी।
करो मुझेको दुनिया में खुशहाल जी।
तेरे बिना नहीं मेरा हैं दुःख हरी। हरि०।
न ही जगत बीच तारन तरन।
तू ही है सकल सृष्टि कारण करण।
विभीषण जो आया था तेरी शरण।
बख्शीश लंका थी उसको करि। हरि०।
कृष्णदास की विनती हर सुनी।
सर्व सुख दिए तूम सब्र के धनी।
आनन्द भया बहुत करुणा करि।
भक्त अपने की पदवी ऊंची करी। हरि०।
करी हर कृपा दरस दिया दिखाई।
अपनी जान संकट से लिया बचाई।
मन की मुराद सभी मिल आई।
पूर्ण कृपा कर लिया है हरी। हरि०।
हरिहर स्तोत्र लिरिक्स अंग्रेजी में (Harihar Stotra Lyrics In English)
Pratham Jo Lijai Ganapati Ka Nama.
To Hoven Sabhi Kam Puraṇ Tamama.
Kare Vinati Das Kar Har Ka Dhyana.
Jo Krpa Kari Aap Giradhar Hari.
Meri Bar Kyon Der Itani Kari.
Bramha Vishnu Shivaji Hain Ekosvarupa.
Hue Ek Se Rup Tinon Anupa.
Chowbison Avataron Ki Mahima Kari. Hari.
Shakti Svarupi Owr Parameshvari.
Rakha Apana Nam Maha Iishvari.
Yogishvar Munishvar Tapishvar Ṛshi.
Teri Joṭ Men Lin Parameshvari. Hari.
Tera Nam Hai Duahkh Haraṇ Dinanatha.
Jo Barasan Laga Indr Gusse Ke Satha.
Rakha Tumane Gvalo Ko Dekar Ke Hatha.
Vahan Nam Apana Dhara Giradhari. Hari.
Asur Ne Jo Bandha Tha Prahalad Ko.
N Chhodaa Bhakt Ne Teri Yad Ko.
N Kini Tab Vakaph Khade Dad Ko.
Dhara Ru Narasinh Pida Hari. Hari.
Nahi Chodata Tha Ram Ka Jikara.
Jo Gusse Men Bandha Tha Usako Pidara.
Kaha Ke Karun Main Juda Tan Se Sara.
To Khambh Phad Nikale N Deri Kari. Hari.
Chale Jald Aaye Prahalad Ki Bera.
Hiranakush Ko Mara Na Kini Thi Dera.
Kiya Rup Vaman Bramhaṇ Ka Phera.
Bali Ke Jo Dvare Aa Ṭhade Hari. Hari.
Tha Jalagrah Ne Gaj Ko Gher Jabhi.
Na Lin Tha Nam Usane Tera Kabhi.
Jo Mushkil Bani Sharaṇ Aaya Tabhi.
Hari Rup Hokar Ke Pida Hari. Hari.
Ajamil Ko Tara N Kini Thi Dera.
Chakhe Prem Se Jhuthe Bhilani Ke Bera.
Kari Bahut Kriya Jo GanIka Ki Bera.
Ajamil Kaha Kar Sake Hamasari. Hari.
Ajamil Ko Tara Na Kini Thi Dera.
Chakhe Prem Se Juthe Bhilani Ke Bera.
Kari Bahut Krpa Jo GanIka Ki Bera.
Ajamil Kahan Kar Sake Hamasari. Hari.
Jabhii Bhakt Pe Aake Vipada Padi.
Sudama Ki Thi Pal Men Pida Hari.
Hai Jisane Tere Nam Ki Dhun Dhari.
Na Rakhe Tu Mushikal Kisi Ki Ghadi. Hari.
Narasi Bhakti Ki HuṇḌIi Bhari.
Sanbal Shas Upar Tii Us Us Likh Dhari.
ḌHudhat Phire Thi Lagi Tharathari.
Sanval Shas Bo Usaki HudIi Bhari. Hari.
Vakridant Ne Jab Satai Mahi.
N Sujhi Bahut Kuch Aatur Bhai.
Siraph Oṭ Teri Mahi Ne Lai.
Kina Rup Varah Raksha Kari. Hari.
Jo Saiyad Ne Panchhi Ko Tha Duahkh Diya.
Vah Aatur Bhaya Nam Tera Liya.
Tabhi Sanp Saiyad Ko Ḍas Gaya.
Chhudaya Tha Panchhi Ko Jo Harahari. Hari.
Va Ravaṇ Asur Jo Siya Le Gaya.
Nikaṭ Mowt Aai Vah Andha Bhaya.
Asur Mar Raj Vibhishaṇ Kiya.
Siya Leke Aae Ayodhya Puri. Hari.
Jo Gowtam Ne Ahilya Ko Baduadai.
Usi Vakt Ahilya Shila Ho Gai.
Padi Thi Vah Raste Me Muddat Hui.
Lagake Charaṇ Mukti Usi Ki Kari. Hari.
Jo Sankaṭ Bana Ikanami Ko Aa.
Kaha Badashah Meri Gow De Jiva.
To Namen Ne Vinati Tumhari Kari.
Vahan Nath Name Ki Pida Hari. Hari.
Shankhasur Asur Ek Paida Hua.
Bramha Ke Vah Ved Sab Le Gaya.
Bramha Aapaki Sharaṇ Aakar Pada.
Matsy Ru Ho Ved Laye Hari. Hari.
Yamala Owr Arjun Kiya Jo Hava.
Hue Jaṇ Jo Unako Huaa Tha Shrapa.
Ukhal Ho Nath Pahuche Jo Aapa.
Ukhal Nath Hi Unaki Aapada Hari. Hari.
Dropadi Ke Kowrav Julm Jor Satha.
Kiya Yad Dropadi Tujhe Dinanatha.
Rakhi Laj Usaki Nagat Na Kara. Hari
Vo Hai Yad Tumako Jo Rukaman Ki Bara.
Khabar Dene Aaya Tha Junar Dara.
Chadhe Nath Rath Par Hue The Savara.
Rukam Bandh Rukaman Ko Laye Hari. Hari.
Asur Ai Dar Ye Sayavan Laga.
Dasodish Shivaa Ko Phiravan Laga.
Dharan Hath Sir Shiv Ke Ichchha Kari.
Shakti Rup Ho Shiv Ki Raksha Kari. Hari.
Durvasa Gaya Shishy Le Pandavon Ke Pasa.
Bhojan Karan Ki Jo Kini Thi Aasa.
To Raje Chhalak Van Ki Ichchha Kari.
Vahan Nath Pandavon Ki Aapada Hari. Hari.
Jo Dhanne Bhakt Mang Ṭhakur Liya.
Trilochan Misar Hams Bata Diya.
Bhagat Ka Jo Dedh Nishchay Dekha Hari.
Bhojan Kiyaa Dharati Hui Hari Bhari. Hari
Yudhishthir Pi Kop Kowrav Hua.
Ki Har Do Taraph Jang Aakar Macha.
Tabhi Khun Kaa Sindhu Bahane Laga.
ṬatIri Ke Bachchon Ki Raksha Kari. Hari.
Tere Ant Ko Koi Pave Kahan.
Madho Das Ko Jada Laga Jahan.
Chhapar Bandha Hokar Ke Pahunche Vaha.
Chhapar Bandhakar Usaki Raksha Kari. Hari.
Garud Ki Savari Par Ab Tak Raha.
Badajub Hi Aat Hai Hamako Bhaya.
Kadah Garam Kar Tel Vah Jab Chadha.
Sudhanba Ko Aakar Bachaya Hari. Hari.
Bada Rakshason Ka Julm Tha Jahan.
Adhishvar Munishvar Kharabi Nashan.
Maren Daity Sab Ṛshi Shadama.
Badi. Krpa Kari Pida Bhagatan. Hari.
Bhrvan Sukhan Mata Ka Gosh Kara.
Chale Ghar Se Bahar Teri Aas Para.
Lage Bhajan Karane Tab Ek Panv Para.
Kiya Das Usako Gale La Hari. Hari.
Tamam Umr Kamsh Dushman Raha.
Palak Men Tune Usako Uddharaṇ Kiya.
Agrasen Ko Raj Mathura Diya.
Samdipan Ka Beta Jiyaya Hari. Hari.
Likhi Bap Ki Usaki Chithi Gayi.
Nahi Ek Pal Dil Karani Padi.
Laikhi Vishathija Usako Vishyakari.
Likhi Kuchh Thi Iishvar Ne Kabja Kari. Hari.
Jo Kabja Se Sandal Lakaya Muralidhara.
Lage Dekhane Log Idhar Owr Udhara.
Tajub Rahe Dekh Kabja Upara.
Rakha Pao Par Pao Sidhi Kari.Hari.
Raja Pakad Jahar Katil Doya.
Jo Pive Tab Usako N Chhode Jiyaya.
Mira Ne Tera Nam Lekar Piyaa.
Usi Vish Bheja Usako Amrt Kari. Hari.
Ye Adasath Ke Upar Chowbis Hajara.
Rakhe Bahut Raja Jarasandh Tara.
Vahan Bhakt Sang Jo Kini Pukara.
Usi Vakt Usaki Jo Aapada Hari. Hari.
Dinanath Jo Nam Tera Bhaya.
Vahi Nam Sun Das SharaṆi Paya.
Apane Nam Ki Laj Rakho Hari.
Mere Sab Duahkh Kaṭ Rakho Hari. Hari.
Tu Haiga Bradar Baliram Kaa
Men Rakhun Bharosa Tere Nam Ka.
Nahin Koi Duja Tere Nam Ka.
Tu Hai Jagat Racha Karati Hari. Hari.
Mere Vinati Ko Suno Lal Ji.
Yah Gaphalat Ka Nahin Vakt Gopalaji.
Karo Mujheko Duniya Men Khushahal Ji.
Tere Bina Nahin Mera Hain Duahkh Hari. Hari.
N Hii Jagat Bich Taran Tarana.
Tu Hi Hai Sakal SeshtI Karaṇ Karana.
Vibhishaṇ Jo Aaya Tha Teri Sharana
Bakhshish Lanka Thi Usako Kari. Hari.
Krshnadas Ki Vinati Har Suni.
Sarv Sukh Die Tum Sabr Ke Dhani.
Aanand Bhaya Bahut Karuna Kari.
Bhakt Apane Ki Padavi Uunchi Kari. Hari.
Kari Har Krpa Daras Diya Dikhai.
Apani Jan Sankaṭ Se Liya Bachai.
Man Ki Murad Sabhi Mil Aai.
Purṇ Krpaa Kar Liyaa Hai Hari. Hari.
हरिहर स्तोत्र वीडियो (Harihar Stotra Video)
हरिहर स्तोत्र विधि (Harihar Stotra Vidhi)
- एक स्वच्छ स्थान पर बैठना चाहिए।
- भगवान विष्णु और भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर को सामने रखे।
- हाथों को जोड़कर भगवान विष्णु और भगवान शिव को प्रणाम करें।
- उसके बाद हरिहर स्तोत्र का पाठ शुरू करना चाहिए।
- हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) का पाठ करते समय मन शांत होना चाहिए।
- हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) का पाठ धीरे-धीरे और स्पष्ट करना चाहिए। ।
- स्तोत्र का पाठ करने के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव से अपनी प्रार्थना करे।
हरिहर स्तोत्र लाभ (Harihar Stotra Benefits)
- हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) का पाठ करने से भगवान विष्णु और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- इस स्तोत्र के पाठ से जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
- हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) का पाठ करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं।
- हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) के पाठ सेआध्यात्मिक विकास होता है।
- इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
हरिहर स्तोत्र पीडीएफ (Harihar Stotra PDF)
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हरिहर स्तोत्र से जुड़े कुछ प्रश्न (Harihar Stotra FAQ)
हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) किसको समर्पित है ?
हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित है।
हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) के पाठ से क्या लाभ प्राप्त हैं?
हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) के पाठ से कई लाभ हैं।भगवान विष्णु और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन में शांति और समृद्धि आती है। सभी बाधाएं दूर होती है। मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) का पाठ करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
हरिहर स्तोत्र (Harihar Stotra) का पाठ करने का सबसे अच्छा समय सुबह का समय होता है।
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