कमल नेत्र स्तोत्रम् (Kamal Netra Stotram) भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है, जो भी भक्त इस स्तोत्र का पाठ गुरुवार के दिन भगवान श्री हरि विष्णु के पूजा अर्चना के समय किया जाता है, तो प्रभु श्री हरी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते है और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
विषय सूची
कमल नेत्र स्तोत्रम् (Kamal Netra Stotram)
श्री कमल नेत्र कटि पीताम्बर,
अधर मुरली गिरधरम ।
मुकुट कुण्डल कर लकुटिया,
सांवरे राधेवरम ॥1॥
कूल यमुना धेनु आगे,
सकल गोपयन के मन हरम ।
पीत वस्त्र गरुड़ वाहन,
चरण सुख नित सागरम ॥2॥
करत केल कलोल निश दिन,
कुंज भवन उजागरम ।
अजर अमर अडोल निश्चल,
पुरुषोत्तम अपरा परम ॥3॥
दीनानाथ दयाल गिरिधर,
कंस हिरणाकुश हरणम ।
गल फूल भाल विशाल लोचन,
अधिक सुन्दर केशवम ॥4॥
बंशीधर वासुदेव छइया,
बलि छल्यो श्री वामनम ।
जब डूबते गज राख लीनों,
लंक छेद्यो रावनम ॥5॥
सप्त दीप नवखण्ड चौदह,
भवन कीनों एक पदम ।
द्रोपदी की लाज राखी,
कहां लौ उपमा करम ॥6॥
दीनानाथ दयाल पूरण,
करुणा मय करुणा करम ।
कवित्तदास विलास निशदिन,
नाम जप नित नागरम ॥7॥
प्रथम गुरु के चरण बन्दों,
यस्य ज्ञान प्रकाशितम ।
आदि विष्णु जुगादि ब्रह्मा,
सेविते शिव संकरम ॥8॥
श्रीकृष्ण केशव कृष्ण केशव,
कृष्ण यदुपति केशवम ।
श्रीराम रघुवर, राम रघुवर,
राम रघुवर राघवम ॥9॥
श्रीराम कृष्ण गोविन्द माधव,
वासुदेव श्री वामनम ।
मच्छ-कच्छ वाराह नरसिंह,
पाहि रघुपति पावनम ॥10॥
मथुरा में केशवराय विराजे,
गोकुल बाल मुकुन्द जी ।
श्री वृन्दावन में मदन मोहन,
गोपीनाथ गोविन्द जी ॥11॥
धन्य मथुरा धन्य गोकुल,
जहाँ श्री पति अवतरे ।
धन्य यमुना नीर निर्मल,
ग्वाल बाल सखावरे ॥12॥
नवनीत नागर करत निरन्तर,
शिव विरंचि मन मोहितम ।
कालिन्दी तट करत क्रीड़ा,
बाल अदभुत सुन्दरम ॥13॥
ग्वाल बाल सब सखा विराजे,
संग राधे भामिनी ।
बंशी वट तट निकट यमुना,
मुरली की टेर सुहावनी ॥14॥
भज राघवेश रघुवंश उत्तम,
परम राजकुमार जी ।
सीता के पति भक्तन के गति,
जगत प्राण आधार जी ॥15॥
जनक राजा पनक राखी,
धनुष बाण चढ़ावहीं ।
सती सीता नाम जाके,
श्री रामचन्द्र प्रणामहीं ॥16॥
जन्म मथुरा खेल गोकुल,
नन्द के ह्रदि नन्दनम ।
बाल लीला पतित पावन,
देवकी वसुदेवकम ॥17॥
श्रीकृष्ण कलिमल हरण जाके,
जो भजे हरिचरण को ।
भक्ति अपनी देव माधव,
भवसागर के तरण को ॥18॥
जगन्नाथ जगदीश स्वामी,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम ।
द्वारिका के नाथ श्री पति,
केशवं प्रणमाम्यहम ॥19॥
श्रीकृष्ण अष्टपदपढ़तनिशदिन,
विष्णु लोक सगच्छतम ।
श्रीगुरु रामानन्द अवतार स्वामी,
कविदत्त दास समाप्ततम ॥20॥
कमल नेत्र स्तोत्रम् अंग्रेजी में (Kamal Netra Stotram In English)
Shri Kamal Netr Kati Peetambar,
Adhar Murali Giradharam ।
Mukut Kundal Kar Lakutiya,
Sanware Radhevaram ॥ 1 ॥
Kul Yamuna Dhenu Aage,
Sakal Gopayan Ke Man Haram ।
Peet Vastr Garud Vahan,
Charan Sukh Nit Sagaram ॥ 2 ॥
Karat Kel Kalol Nish Din,
Kunj Bhavan Ujagaram ।
Ajar Amar Adol Nishchal,
Purushottam Apara Param ॥ 3 ॥
Deenanath Dayal Giridhar,
Kans Hiranakush Haranam ।
Gal Phool Bhal Vishal Lochan,
Adhik Sundar Keshavam ॥ 4 ॥
Banshidhar Vasudev Chhiya,
Bali Chhalyo Shri Vamanam ।
Jab Doobte Gaj Rakh Linon,
Lank Chhedyo Ravnam .5.
Sapt Deep Navakhand Chaudah,
Bhavan Keenon Ek Padam ।
Dropadi Ki Laaj Rakhi,
Kahan Lau Upma Karam ॥ 6 ॥
Deenanath Dayal Puran,
Karuna May Karuna Karam ।
Kavittadas Vilas Nishdin,
Naam Jap Nit Nagaram ॥ 7 ॥
Pratham Guru Ke Charan Bandon,
Yasy Gyan Prakashitam ।
Aadi Vishnu Jugadi Brahma,
Sevite Shiv Sankaram ॥ 8 ॥
Shrikrshn Keshav Krshn Keshav,
Krshn Yadupati Keshavam ।
Shriram Raghuvar, Ram Raghuvar,
Ram Raghuvar Raghavam ॥ 9 ॥
Shriram Krshn Govind Madhav,
Vasudev Shri Vamanam ।
Machchh-kachchh Varah Narasinh,
Paahi Raghupati Pavanam ॥ 10 ॥
Mathura Mein Keshavray Viraje,
Gokul Bal Mukund Ji ।
Shri Vrndavan Mein Madan Mohan,
Gopinath Govind Ji ॥ 11 ॥
Dhany Mathura Dhany Gokul,
Jahan Shri Pati Avtare ।
Dhany Yamuna Neer Nirmal,
Gwal Baal Sakhavare ॥ 12 ॥
Navneet Nagar Karat Nirantar,
Shiv Viranchi Man Mohitam ।
Kalindi Tat Karat Krida,
Baal Adabhut Sundaram .13.
Gwal Baal Sab Sakha Viraje,
Sang Radhe Bhamini ।
Banshi Vat Tat Nikat Yamuna,
Murali Ki Ter Suhavani ॥ 14 ॥
Bhaj Raghavesh Raghuvansh Uttam,
Param Rajkumar Ji ।
Sita Ke Pati Bhaktan Ke Gati,
Jagat Pran Aadhar Ji ॥ 15 ॥
Janak Raja Panak Rakhi,
Dhanush Baan Chadhavahin ।
Sati Sita Naam Jake,
Shri Ramchandr Pranamahin ॥ 16 ॥
Janm Mathura Khel Gokul,
Nand Ke Hradi Nandanam ।
Baal Leela Patit Pavan,
Devki Vasudevakam ॥ 17 ॥
Shrikrshn Kalimal Haran Jake,
Jo Bhaje Haricharan Ko ।
Bhakti Apni Dev Madhav,
Bhavsagar Ke Taran Ko ॥ 18 ॥
Jagannath Jagdeesh Swami,
Shri Badreenaath Vishwambharam ।
Dvaarika Ke Naath Shri Pati,
Keshavan Pranamaamyaham ॥ 19 ॥
Shrikrshn Ashtapadapadhatanishadin,
Vishnu Lok Sagachchhatam ।
Shriguru Ramanand Avtar Swami,
Kavidatt Daas Samaptatam ॥ 20 ॥
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