मयूरेश स्तोत्र (Mayuresh Stotra)


मयूरेश स्तोत्र (Mayuresh Stotra) भगवान गणेश जी को समर्पित एक स्तोत्र है, जो उन्हें उनके कई रूपों और दिव्य गुणों की स्तुति करते हुए प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। यह प्रसिद्ध स्तोत्रों में से एक है और इसे हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले गणेश पूजा की जाती है ,और इस स्तोत्र का पाठ किया जाता है जिससे हमें गणेश जी का आर्शीवाद प्राप्त होता है।

मयूरेश स्तोत्र लिरिक्स (Mayuresh Stotra Lyrics)

ब्रह्मोवाच

पुराणपुरुषं देवं नानाक्रीडाकरं मुदा ।
मायाविनं दुर्विभाव्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥ १ ॥


परात्परं चिदानन्दं निर्विकारं हृदि स्थितम् ।
गुणातीतं गुनमयं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥ २ ॥


सृजन्तं पालयन्तं च संहरन्तं निजेच्छया ।
सर्वविघ्नहरं देवं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥ ३ ॥


नानादैत्यनिहन्तारं नानारुपाणि बिभ्रतम् ।
नानायुधधरं भक्त्या मयूरेशं नमाम्यहम् ॥ ४ ॥


इन्द्रादिदेवतावृन्दैरभिष्टुतमहर्निशम् ।
सदसद्व्यक्तमव्यक्तं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥ ५ ॥


सर्वशक्तिमयं देवं सर्वरुपधरं विभुम् ।
सर्वविद्याप्रवक्तारं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥ ६ ॥


पार्वतीनन्दनं शम्भोरानन्दपरिवर्धनम् ।
भक्तानन्दकरं नित्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥ ७ ॥


मुनिध्येयं मुनिनुतं मुनिकामप्रपुरकम् ।
समष्टिव्यष्टिरुपं त्वां मयूरेशं नमाम्यहम् ॥ ८ ॥


सर्वाज्ञाननिहन्तारं सर्वज्ञानकरं शुचिम् ।
सत्यज्ञानमयं सत्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥ ९ ॥


अनेककोटिब्रह्माण्डनायकं जगदीश्र्वरम् ।
अनन्तविभवं विष्णुं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥ १० ॥


मयूरेश उवाच
इदं ब्रह्मकरं स्तोत्रं सर्वपापप्रनाशनम् ।
सर्वकामप्रदं नृणां सर्वोपद्रवनाशनम् ॥ ११ ।


कारागृहगतानां च मोचनं दिनसप्तकात् ।
आधिव्याधिहरं चैव भुक्तिमुक्तिप्रदं शुभम् ॥ १२॥


॥ इति श्रीमयूरेशस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

मयूरेश स्तोत्र लिरिक्स अंग्रेजी में (Mayuresh Stotra Lyrics In English)

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Brahmovaach

puraaṇapurusham devam naanaakriiḍaakaram mudaa .
maayaavinam durvibhaavyam mayuuresham namaamyaham ॥ १ ॥

paraatparam chidaanandam nirvikaaram hṛdi sthitam .
guṇaatiitam gunamayam mayuuresham namaamyaham ॥ २ ॥

sṛjantam paalayantam ch samharantam nijechchhayaa .
sarvavighnaharam devam mayuuresham namaamyaham ॥ ३ ॥

naanaadaityanihantaaram naanaarupaaṇi bibhratam .
naanaayudhadharam bhaktyaa mayuuresham namaamyaham ॥ ४ ॥

indraadidevataavṛndairabhishṭutamaharnisham .
sadasadvyaktamavyaktam mayuuresham namaamyaham ॥ ५ ॥

sarvashaktimayam devam sarvarupadharam vibhum .
sarvavidyaapravaktaaram mayuuresham namaamyaham ॥ ६ ॥

paarvatiinandanam shambhoraanandaparivardhanam .
bhaktaanandakaram nityam mayuuresham namaamyaham ॥ ७ ॥

munidhyeyam muninutam munikaamaprapurakam .
samashṭivyashṭirupam tvaan mayuuresham namaamyaham ॥ ८ ॥

sarvaajñaananihantaaram sarvajñaanakaram shuchim .
satyajñaanamayam satyam mayuuresham namaamyaham ॥ ९ ॥

anekakoṭibrahmaaṇḍanaayakam jagadiishrvaram .
anantavibhavam vishṇun mayuuresham namaamyaham ॥ १० ॥

Mayuuresh Uvaach
idam brahmakaram stotram sarvapaapapranaashanam .
sarvakaamapradam nṛṇaan sarvopadravanaashanam ॥ ११ .

kaaraagṛhagataanaan ch mochanam dinasaptakaat .
aadhivyaadhiharam chaiv bhuktimuktipradam shubham ॥ १२॥

॥ iti shriimayuureshastotram sampuurṇam ॥

मयूरेश स्तोत्र वीडियो (Mayuresh Stotra Video)

मयूरेश स्तोत्र विधि (Mayuresh Stotra Vidhi)

  1. इस स्तोत्र का पाठ करने के लिए शुद्धता का ध्यान रखना बहुत की आवश्यक है।
  2. स्तोत्र शुरू करने से पहले भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो को स्थापित करें।
  3. भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करें।
  4. इसके बाद गणेश जी के स्तोत्र का पाठ करना शुरू करें।
  5. गणेश जी को भोग लगाने के लिए लड्डू ,फल ,मिठाई का उपयोग कर सकते है।

मयूरेश स्तोत्र लाभ (Mayuresh Stotra Benefit)

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  • मयूरेश स्तोत्र (Mayuresh Stotra) का पाठ करने से जीवन में आने वाले विघ्नों को दूर करने का विश्वास किया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है और मयूरेश स्तोत्र उनके इस गुण को जगाता है।
  • इस स्तोत्र के पाठ से मनोकामनाओं की पूर्ति और प्रयासों में सफलता प्राप्त होती है। भगवान गणेश को ज्ञान और बुद्धि का स्वामी माना जाता है और मयूरेश स्तोत्र उनके आशीर्वाद का मार्ग प्रशस्त करता है।
  • मयूरेश स्तोत्र (Mayuresh Stotra) का पाठ मन को शांत और ध्यान केंद्रित करने में सहायता करता है। यह आध्यात्मिक विकास की ओर अग्रसर होने में भी सहायक होता है।

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मयूरेश स्तोत्र PDF

मयूरेश स्तोत्र FAQ

मयूरेश स्तोत्र क्या है?

मयूरेश स्तोत्र (Mayuresh Stotra) भगवान गणेश जी को समर्पित एक स्तोत्र है, जो उन्हें उनके कई रूपों और दिव्य गुणों की स्तुति करते हुए प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। यह प्रसिद्ध स्तोत्रों में से एक है और इसे हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले गणेश पूजा की जाती है ,और इस स्तोत्र का पाठ किया जाता है जिससे हमें गणेश जी का आर्शीवाद प्राप्त होता है।

मयूरेश स्तोत्र का पाठ करने की विधि क्या है?

मयूरेश स्तोत्र (Mayuresh Stotra) का पाठ किसी भी शुभ समय पर किया जा सकता है, लेकिन सुबह और शाम के समय इसे करना अति उत्तम माना जाता है। पाठ करने से पहले स्नान या कम से कम हाथ-पैर धोकर स्वच्छ हो लेना चाहिए। शांत और पवित्र वातावरण में बैठकर, भगवान गणेश का स्मरण करते हुए श्रद्धा और भक्तिभाव से धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से स्तोत्र का उच्चारण करें।

मयूरेश स्तोत्र का पाठ करने के लाभ क्या हैं?

मयूरेश स्तोत्र (Mayuresh Stotra) का पाठ करने से जीवन में आने वाले विघ्नों को दूर करने का विश्वास किया जाता है। इस स्तोत्र के पाठ से मनोकामनाओं की पूर्ति और प्रयासों में सफलता प्राप्त होती है। मयूरेश स्तोत्र का पाठ मन को शांत और ध्यान केंद्रित करने में सहायता करता है। यह आध्यात्मिक विकास की ओर अग्रसर होने में भी सहायक होता है। इस स्तोत्र का नियमित पाठ व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

मयूरेश स्तोत्र का पाठ करते समय कौन-सी सावधानियां रखनी चाहिए?

स्तोत्र का पाठ धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से करें।
स्तोत्र का पाठ करते समय मन को भगवान गणेश पर केंद्रित रखें।
स्तोत्र का पाठ करते समय किसी भी प्रकार की अशुद्ध भावनाओं से दूर रहें।

मयूरेश स्तोत्र का पाठ कब किया जाना चाहिए?

मयूरेश स्तोत्र (Mayuresh Stotra) का पाठ किसी भी शुभ समय पर किया जा सकता है, लेकिन सुबह और शाम के समय इसे करना अति उत्तम माना जाता है। सुबह के समय पाठ करने से दिन भर के कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और शाम के समय पाठ करने से मन शांत और प्रसन्न रहता है।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 11, 2024

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