पाशुपतास्त्र स्तोत्र (Pashupatastra Stotra)

पाशुपतास्त्र स्तोत्र (Pashupatastra Stotra) एक संस्कृत स्तोत्र है जो शिव और शनि देव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र अग्नि पुराण के 322वें अध्याय में वर्णित है। पाशुपतास्त्र स्तोत्र में शिव को सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी देवता के रूप में वर्णित किया गया है। उन्हें पाशुपतास्त्र का दाता भी कहा गया है, जो एक अत्यंत शक्तिशाली अस्त्र है। इस स्तोत्र में शनि देव को भी शिव का शिष्य और भक्त बताया गया है। उन्हें पाशुपतास्त्र का संरक्षक भी कहा गया है।

पाशुपतास्त्र स्तोत्र लिरिक्स (Pashupatastra Stotra Lyrics)

ॐ नमो भगवते महापाशु पतायातुल बलवीर्य पराक्रमाय
त्रिपन्चनय नाय नाना रुपाय नाना प्रहरणोद्यताय
सर्वांग डरक्ताय भिन्नांजनचय प्रख्याय श्मशान
वेताल प्रियाय सर्व विघ्न निकृन्तन रताय सर्व सिध्दि प्रदाय
भक्ता नुकम्पिने असंख्य वक्त्र भुजपादाय तस्मिन्
सिध्दाय वेतालवित्रासिने शाकिनी क्षोभ जनकाय
व्याधि निग्रहकारिणे पाप भन्जनाय सूर्य सोमाग्नित्राय
विष्णु कवचाय खडग वज्रहस्ताय यम दण्ड वरुणपाशाय
रूद्र शूलाय ज्वलज्जिह्राय सर्व रोग विद्रावणाय
ग्रह निग्रह कारिणे दुष्ट नागक्षय कारिणे ।

ॐ कृष्णपिंग्डलाय फट। हूंकारास्त्राय फट। वज्र हस्ताय फट ।
शक्तये फट। दण्डाय फट । यमाय फट ।
खडगाय फट। नैऋताय फट। वरुणाय फट ।
वज्राय फट। पाशाय फट। ध्वजाय फट ।
अंकुशाय फट। गदायै फट। कुबेराय फट ।
त्रिशूलाय फट। मुदगराय फट। चक्राय फट ।
पद्माय फट। नागास्त्राय फट। ईशानाय फट ।
खेटकास्त्राय फट। मुण्डाय फट । मुण्डास्त्राय फट ।
काड्कालास्त्राय फट। पिच्छिकास्त्राय फट । क्षुरिकास्त्राय फट ।


ब्रह्मास्त्राय फट। शक्त्यस्त्राय फट । गणास्त्राय फट ।
सिध्दास्त्राय फट । पिलिपिच्छास्त्राय फट । गंधर्वास्त्राय फट ।
पूर्वास्त्रायै फट । दक्षिणास्त्राय फट । वामास्त्राय फट ।
पश्चिमास्त्राय फट । मंत्रास्त्राय फट । शाकिन्यास्त्राय फट ।
योगिन्यस्त्राय फट । दण्डास्त्राय फट । महादण्डास्त्राय फट ।
नमोअस्त्राय फट । शिवास्त्राय फट । ईशानास्त्राय फट ।
पुरुषास्त्राय फट । अघोरास्त्राय फट । सद्योजातास्त्राय फट ।
हृदयास्त्राय फट । महास्त्राय फट । गरुडास्त्राय फट ।
राक्षसास्त्राय फट । दानवास्त्राय फट । क्षौ नरसिन्हास्त्राय फट ।


त्वष्ट्रास्त्राय फट । सर्वास्त्राय फट ।
नः फट । वः फट । पः फट । फः फट ।
मः फट । श्रीः फट । पेः फट । भूः फट ।
भुवः फट । स्वः फट । महः फट । जनः फट ।
तपः फट । सत्यं फट । सर्वलोक फट । सर्वपाताल फट ।
सर्वतत्व फट । सर्वप्राण फट । सर्वनाड़ी फट । सर्वकारण फट ।
सर्वदेव फट । ह्रीं फट । श्रीं फट । डूं फट । स्त्रुं फट । स्वां फट ।


लां फट । वैराग्याय फट । मायास्त्राय फट । कामास्त्राय फट ।
क्षेत्रपालास्त्राय फट । हुंकरास्त्राय फट । भास्करास्त्राय फट ।
चंद्रास्त्राय फट । विघ्नेश्वरास्त्राय फट । गौः गां फट । स्त्रों स्त्रौं फट ।
हौं हों फट । भ्रामय भ्रामय फट । संतापय संतापय फट । छादय छादय फट ।
उन्मूलय उन्मूलय फट । त्रासय त्रासय फट । संजीवय संजीवय फट ।
विद्रावय विद्रावय फट । सर्वदुरितं नाशय नाशय फट !!
!! पशुपतिनाथ स्त्रोत् सम्पूर्णं इति !!

पाशुपतास्त्र स्तोत्र लिरिक्स अंग्रेजी में (Pashupatastra Stotra Lyrics In English)

Advertisement

om namo bhagavate mahaapaashupataayaatulabalaviiryaparaakramaay
tripanchanayanaay naanaarupaay naanaapraharaṇodyataay
sarvaangaḍaraktaay bhinnaanjanachayaprakhyaay shmashaan
vetaalapriyaay sarvavighnanikṛntan rataay sarvasidhdipradaay
bhaktaanukampine asankhyavaktrabhujapaadaay tasmin
sidhdaay vetaalavitraasine shaakiniikshobh janakaay
vyaadhinigrahakaariṇe paapabhanjanaay suuryasomaagnitraay
vishṇu kavachaay khaḍagavajrahastaay yamadaṇḍavaruṇapaashaay
ruudrashuulaay jvalajjihraay sarvarogavidraavaṇaay
grahanigrahakaariṇe dushṭanaagakshay kaariṇe .

om kṛshṇapingḍalaay phaṭ . huunkaaraastraay phaṭ . vajr hastaay phaṭ .
shaktaye phaṭ . daṇḍaay phaṭ . yamaay phaṭ .
khaḍagaay phaṭ . naiṛtaay phaṭ . varuṇaay phaṭ .
vajraay phaṭ . paashaay phaṭ . dhvajaay phaṭ .
amkushaay phaṭ . gadaayai phaṭ . kuberaay phaṭ .
trishuulaay phaṭ . mudagaraay phaṭ . chakraay phaṭ .
padmaay phaṭ . naagaastraay phaṭ . iishaanaay phaṭ .
kheṭakaastraay phaṭ . muṇḍaay phaṭ . muṇḍaastraay phaṭ .
kaaḍkaalaastraay phaṭ . pichchhikaastraay phaṭ . kshurikaastraay phaṭ .
brahmaastraay phaṭ . shaktyastraay phaṭ . gaṇaastraay phaṭ .
sidhdaastraay phaṭ . pilipichchhaastraay phaṭ . gandharvaastraay phaṭ .
puurvaastraayai phaṭ . dakshiṇaastraay phaṭ . vaamaastraay phaṭ .
pashchimaastraay phaṭ . mantraastraay phaṭ . shaakinyaastraay phaṭ .
yoginyastraay phaṭ . daṇḍaastraay phaṭ . mahaadaṇḍaastraay phaṭ .
namoastraay phaṭ . shivaastraay phaṭ . iishaanaastraay phaṭ .
purushaastraay phaṭ . aghoraastraay phaṭ . sadyojaataastraay phaṭ .
hṛdayaastraay phaṭ . mahaastraay phaṭ . garuḍaastraay phaṭ .
raakshasaastraay phaṭ . daanavaastraay phaṭ . kshow narasinhaastraay phaṭ .

tvashṭraastraay phaṭ . sarvaastraay phaṭ .
nah phaṭ . vah phaṭ . pah phaṭ . phah phaṭ .
mah phaṭ . shriiah phaṭ . peah phaṭ . bhuuah phaṭ .
bhuvah phaṭ . svah phaṭ . mahah phaṭ . janah phaṭ .
tapah phaṭ . satyam phaṭ . sarvalok phaṭ . sarvapaataal phaṭ .
sarvatatv phaṭ . sarvapraaṇ phaṭ . sarvanaadii phaṭ . sarvakaaraṇ phaṭ .
sarvadev phaṭ . hriin phaṭ . shriin phaṭ . ḍuun phaṭ . strun phaṭ . svaan phaṭ .
laan phaṭ . vairaagyaay phaṭ . maayaastraay phaṭ . kaamaastraay phaṭ .
kshetrapaalaastraay phaṭ . hunkaraastraay phaṭ . bhaaskaraastraay phaṭ .
chandraastraay phaṭ . vighneshvaraastraay phaṭ . gowah gaan phaṭ . stron strown phaṭ .
hown hon phaṭ . bhraamay bhraamay phaṭ . santaapay santaapay phaṭ . chhaaday chhaaday phaṭ .
unmuulay unmuulay phaṭ . traasay traasay phaṭ . sanjiivay sanjiivay phaṭ .
vidraavay vidraavay phaṭ . sarvaduritam naashay naashay phaṭ !!
!! pashupatinaath strot sampuurṇam iti !!

पाशुपतास्त्र स्तोत्र पीडीएफ (Pashupatastra Stotra PDF)

पाशुपतास्त्र स्तोत्र वीडियो (Pashupatastra Stotra Video)

पाशुपतास्त्र स्तोत्र विधि (Pashupatastra Stotra Vidhi)

Advertisement

साधना सामग्री

  • शिव और शनि देव की तस्वीर या प्रतिमा
  • धूप, दीप, नैवेद्य
  • चंदन, रोली, फूल
  • गंगाजल
  • माला

साधना विधि

  • सबसे पहले, एक शुद्ध स्थान पर बैठ जाएं।
  • फिर, अपने सामने शिव और शनि देव की तस्वीर या प्रतिमा रखें।
  • अब, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजा करें।
  • फिर, शिव और शनि देव का ध्यान करें।
  • अब, पाशुपतास्त्र स्तोत्र का पाठ करें।
  • पाठ करते समय, अपने मन को एकाग्र रखें और शिव और शनि देव से अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।

पाशुपतास्त्र स्तोत्र लाभ (Pashupatastra Stotra Benefit)

  1. शिव भक्ति में वृद्धि: पाशुपतास्त्र स्तोत्र (Pashupatastra Stotra) का पाठ करने से शिव भक्ति में वृद्धि होती है और व्यक्ति शिव के प्रति अधिक प्रेम और समर्पण भाव विकसित कर सकता है।
  2. मानसिक शांति: इस स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है, जो आत्मा को एकाग्रचित्तता की अनुभूति करने में मदद करता है।
  3. अध्यात्मिक सुधार: पाशुपतास्त्र स्तोत्र का पाठ करने से अध्यात्मिक सुधार होता है, जो व्यक्ति को आत्मा की पहचान की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
  4. भय मुक्ति: इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को भय मुक्ति मिलती है और वह शिव के शरण में सुरक्षित महसूस करता है।
  5. संसारिक संबंधों का त्याग: पाशुपतास्त्र स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को संसारिक संबंधों का त्याग करने की भावना होती है और वह आत्मा की मुक्ति की दिशा में प्रयासरत होता है।

यह स्तोत्र भी देखे


पाशुपतास्त्र स्तोत्र से सबंधित प्रश्न (Pashupatastra Stotra FAQ)

पाशुपतास्त्र स्तोत्र क्या है?

पाशुपतास्त्र स्तोत्र (Pashupatastra Stotra) एक संस्कृत स्तोत्र है जो शिव और शनि देव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र अग्नि पुराण के 322वें अध्याय में वर्णित है। इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त होते हैं

पाशुपतास्त्र स्तोत्र का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

पाशुपतास्त्र स्तोत्र (Pashupatastra Stotra) का पाठ कम से कम एक बार करना चाहिए। यदि आप इस स्तोत्र के अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप इसे 108 बार या 1008 बार भी कर सकते हैं।

पाशुपतास्त्र स्तोत्र का पाठ करने का सबसे अच्छा समय क्या है?

पाशुपतास्त्र स्तोत्र (Pashupatastra Stotra) का पाठ करने का सबसे अच्छा समय श्रावण मास है। श्रावण मास में शिव और शनि देव की पूजा करने का विशेष महत्व होता है।

पाशुपतास्त्र स्तोत्र का पाठ करने के बाद क्या करें?

पाशुपतास्त्र स्तोत्र (Pashupatastra Stotra) का पाठ करने के बाद, आपको शिव और शनि देव को काले तिल, घी, गंध और फूल अर्पित करने चाहिए।

आज का हमारा लेख पढ़ने के लिए हम आपकी सराहना करते हैं। कृपया अपने अनुभव हमसे साझा करने के लिए हमारे facebook group पर जुड़े और हमारे facebook page को like करे। अगर आप इस लेख में कुछ सुधार चाहते है, तो कृपया comment के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है।

disclaimer

इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 11, 2024

Advertisement

Leave a Comment