पितृ स्तोत्र (Pitru Stotra)

पितृ स्तोत्र (Pitru Stotra) एक संस्कृत स्तोत्र है जो पितरों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष के दौरान पढ़ा जाता है, जो पितरों की आत्माओं को प्रसन्न करने और उन्हें तृप्त करने का समय होता है। पितृ स्तोत्र का पाठ करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है और उनके आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। यह स्तोत्र पारिवारिक सुख-समृद्धि और समृद्धि के लिए भी लाभकारी माना जाता है।

पितृ स्तोत्र लिरिक्स (Pitru Stotra Lyrics)

रुचिरुवाच
अर्चितनाममूर्त्तानां पितृणां दीप्ततेजसां |
नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम(तेजसां)||

इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा |
सप्तर्षीणां तथान्येषां ताँ नमस्यामि कामदान ||

मन्वादीनां मुनीन्द्राणां सूर्याचन्द्रमसोस्तथा |
ताँ नमस्याम्यहं सर्वान पितृनप्सूदधावपि ||

नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा |
द्यावापृथिव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलिः ||

देवर्षीणां जनितॄंश्च सर्वलोकनमस्कृतान |
अक्षय्यस्य सदा द्दातृन नमस्येहं कृताञ्जलिः ||

प्रजापतेः कश्यपाय सोमाय वरुणाय च |
योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलिः ||

नमोगणेभ्यः सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु |
स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुसे ||

सोमाधारान पितृगणान योगमूर्त्तिधरांस्तथा |
नमस्यामि तथा सोमं पितरं जागतामहम ||

अग्निरूपांस्तथैवान्यान नमस्यामि पितॄनहम |
अग्नीषोममयं विश्वं यत एतदशेषतः ||

ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्निमूर्तयः |
जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरुपिणः ||

तेभ्योऽखिलेभ्यो योगिभ्यः पितृभ्यो यतमानसः |
नमो नमो नमस्ते में प्रसीदन्तु स्वधाभुजः ||

पितृ स्तोत्र लिरिक्स अंग्रेजी में (Pitru Stotra Lyrics in English)

ruchiruvaach
architanaamamuurttaanaan pitṛṇaan diiptatejasaan .
namasyaami sadaa teshaan dhyaaninaan divyachakshushaama(tejasaan)..

indraadiinaan ch netaaro dakshamaariichayostathaa .
saptarshiiṇaan tathaanyeshaan taan namasyaami kaamadaan ..

manvaadiinaan muniindraaṇaan suuryaachandramasostathaa .
taan namasyaamyaham sarvaan pitṛnapsuudadhaavapi ..

nakshatraaṇaan grahaaṇaan ch vaayvagnyornabhasastathaa .
dyaavaapṛthivyoshch tathaa namasyaami kṛtaañjaliah ..

devarshiiṇaan janitaॄamshch sarvalokanamaskṛtaan .
akshayyasy sadaa ddaatṛn namasyeham kṛtaañjaliah ..

prajaapateah kashyapaay somaay varuṇaay ch .
yogeshvarebhyashch sadaa namasyaami kṛtaañjaliah ..

namogaṇebhyah saptabhyastathaa lokeshu saptasu .
svayambhuve namasyaami brahmaṇe yogachakshuse ..

somaadhaaraan pitṛgaṇaan yogamuurttidharaanstathaa .
namasyaami tathaa somam pitaram jaagataamaham ..

agniruupaanstathaivaanyaan namasyaami pitaॄnaham .
agniishomamayam vishvam yat etadasheshatah ..

ye tu tejasi ye chaite somasuuryaagnimuurtayah .
jagatsvaruupiṇashchaiv tathaa brahmasvarupiṇah ..

tebhyoऽkhilebhyo yogibhyah pitṛbhyo yatamaanasah .
namo namo namaste men prasiidantu svadhaabhujah ..

पितृ स्तोत्र PDF (Pitru Stotra PDF)

पितृ स्तोत्र वीडियो (Pitru Stotra Video)

पितृ स्तोत्र विधि (Pitru Stotra Vidhi)

  • सबसे पहले, एक शुद्ध स्थान पर एक चौकी स्थापित करें।
  • चौकी पर एक पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • चौकी के बीच में एक जल कलश रखें।
  • कलश के चारों ओर दीप, धूप, और फूल अर्पित करें।
  • एक थाली में चावल, रोटी, सब्जी, फल, और मिठाई रखें।
  • अब, अपने पितरों को प्रणाम करें और उनका आशीर्वाद मांगें।
  • फिर, पितृ स्तोत्र का पाठ करें।
  • पाठ करते समय, अपने पितरों की तस्वीर या चित्र सामने रख सकते हैं।
  • पितृ स्तोत्र का पाठ करने के बाद, पितरों को भोजन अर्पित करें।
  • भोजन अर्पित करने के बाद, पितरों को जल चढ़ाएं और उन्हें नमस्कार करें।

पितृ स्तोत्र लाभ (Pitru Stotra Benefit)

  • पितरों को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। पितृ स्तोत्र में पितरों की स्तुति की जाती है। पितृ स्तोत्र का पाठ करने से पितरों को प्रसन्न होता है और वे अपने वंशजों का आशीर्वाद देते हैं। पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, आरोग्य, और सफलता प्राप्त होती है।
  • पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पितृ दोष एक प्रकार का ग्रह दोष है जो पितरों की आत्मा से जुड़ा हुआ होता है। पितृ दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पितृ स्तोत्र का पाठ करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  • धन-धान्य, सुख-समृद्धि, और आरोग्य की प्राप्ति होती है। पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होने से व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य, सुख-समृद्धि, और आरोग्य की प्राप्ति होती है। पितृ स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
  • पितृ स्तोत्र का पाठ करने से पितृलोक में अपने पूर्वजों को शांति मिलती है, जिससे उनकी आत्मा को आनंदित होता है और वह सुकूप में रहती है।
  • पितृ स्तोत्र के पाठ से परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद मिलता है और उनका कल्याण होता है।

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पितृ स्तोत्र से सबंधित प्रश्न FAQ

पितृ स्तोत्र क्या है ?

पितृ स्तोत्र (Pitru Stotra)एक शक्तिशाली मंत्र है जो हमारे पितरों को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए जपा जाता है। यह मंत्र संस्कृत में है , पितृ गायत्री मंत्र का जप श्राद्ध पक्ष में विशेष रूप से किया जाता है।

पितृ स्तोत्र का जप करने के लाभ क्या हैं?

पितृ स्तोत्र के लाभों में निम्नलिखित शामिल हैं:
पितरों की आत्मा की शांति
पितरों का आशीर्वाद
सुख-समृद्धि
सफलता
पितृ दोष का निवारण
नकारात्मक ऊर्जा का निवारण
मन की शांति
एकाग्रता में वृद्धि

पितृ स्तोत्र का जप कब करना चाहिए?

पितृ स्तोत्र (Pitru Stotra) का जप विशेष रूप से पितृ पक्ष में किया जाता है। पितृ पक्ष में, हम अपने पितरों को श्रद्धांजलि देते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। पितृ गायत्री मंत्र का जप करने से हमारे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे हमारे ऊपर कृपा करते हैं।

पितृ स्तोत्र जाप का महत्व क्या है?

पितृ स्तोत्र (Pitru Stotra) जाप से पितृगणों की कृपा प्राप्त होती है और उनकी आशीर्वाद से जीवन में शांति और सुख मिलता है।

पितृ स्तोत्र को बिना गुरु के जाप किया जा सकता है?

सर्वप्रथम, गुरु के मार्गदर्शन में जाप करना हमेशा उत्तम होता है, लेकिन कुछ लोग स्वयंसिद्ध स्तोत्र का जाप कर सकते हैं। फिर भी, यह बेहतर होता है कि स्तोत्र का उच्चारण और जाप गुरु के मार्गदर्शन में किया जाए।

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