संकट मोचन स्तोत्र (Sankat Mochan Stotra)

संकट मोचन स्तोत्र (Sankat Mochan Stotra) एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की स्तुति करता है। इसे तुलसी दास जी ने लिखा था। इस स्तोत्र में भगवान हनुमान को संकटों से मुक्ति दिलाने वाला बताया गया है। संकट मोचन स्तोत्र का पाठ किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है, लेकिन इसे विशेष रूप से मंगलवार, शनिवार और हनुमान जयंती के अवसर पर पढ़ना शुभ माना जाता है।

संकट मोचन स्तोत्र लिरिक्स (Sankat Mochan Stotra Lyrics In English)

बाल समय रवि भक्ष लियो तब। तीनहुं लोक भयो अंधियारो
ताहि सो त्रास भयो जगको। यह संकट काहु सो जात न टारो।
देवन आनि करी बिनती तब। छांडि़ दियो रवि कष्ट निवारो
को नहिं जानत है जग में। कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।

बालि की त्रास कपीस बसै। गिरि जात महा प्रभु पंथ निहारो
चूंकि महा मुनि श्राप दियो। तब चाहिय कौन बिचार बिचारो।
कै द्विजरूप लिवाय महाप्रभु। सो तुम दास के शोक निवारो
को नहिं जानत है जग में। कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।

अंगद के संग लेन गये सिय। खोज कपीश यह बैन उचारो
जीवत ना बचिहौं हमसों जु। बिना सुधि लाए इहां पगु धारो।
हेरि थके तट सिन्धु सबै तब। लाय सिया सुधि प्राण उबारो
को नहिं जानत है जग में। कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।

रावण त्रास दई सिय को तब। राक्षसि सोकहि शोक निवारो
ताहि समय हनुमान महा प्रभु। जाय महा रजनीचर मारो।
चाहत सीय अशोक सो आगिसु। दै प्रभु मुद्रिका शोक निवारो
को नहिं जानत है जग में। कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।

बाण लग्यो उर लक्ष्मण के तब। प्राण तजो सुत रावण मारो
लै गृह बैद्य सुखेन समेत। तबै गिरि द्रोण सुबीर उपारो।
लाय संजीवन हाथ दई तब। लक्ष्मण के तुम प्राण उबारो
को नहिं जानत है जग में। कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।

रावण युद्ध अजान कियो तब। नाग कि फाँस सबै सिर डारो
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल। मोह भयो यह संकट भारो।
आनि खगेस तबै हनुमान जु। बन्धन काटि सुत्रास निवारो
को नहिं जानत है जग में। कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।

बन्धु समेत जबै अहिरावण। लै रघुनाथ पताल सिधारो
देबिहि पूजि भली बिधि सौ बलि। देउ सबै मिलि मंत्र विचारो।
जाय सहाय भयो तबहीं। अहिरावण सैन्य समेत संहारो
को नहिं जानत है जग में। कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।

काज कियो बड़ देवन के तुम। वीर महाप्रभु देखि बिचारो
कौन सो संकट मोर गरीब को। जो तुमसो नहिं जात है टारो।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु। जो कछु संकट होय हमारो
को नहिं जानत है जग में। कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।

लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
बज्रदेह दानव दलन, जय जय जय कपिशूर ।।

संकट मोचन स्तोत्र अंग्रेजी में (Sankat Mochan Stotra Lyrics In English)

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baal samay ravi bhaksh liyo taba. tiinahun lok bhayo amdhiyaaro
taahi so traas bhayo jagako. yah sankaṭ kaahu so jaat n ṭaaro.
devan aani karii binatii taba. chhaanḍi diyo ravi kashṭ nivaaro
ko nahin jaanat hai jag men. kapi sankaṭamochan naam tihaaro..

baali kii traas kapiis basai. giri jaat mahaa prabhu panth nihaaro
chuunki mahaa muni shraap diyo. tab chaahiy kown bichaar bichaaro.
kai dvijaruup livaay mahaaprabhu. so tum daas ke shok nivaaro
ko nahin jaanat hai jag men. kapi sankaṭamochan naam tihaaro..

amgad ke sang len gaye siya. khoj kapiish yah bain uchaaro
jiivat naa bachihown hamason ju. binaa sudhi laae ihaan pagu dhaaro.
heri thake taṭ sindhu sabai taba. laay siyaa sudhi praaṇ ubaaro
ko nahin jaanat hai jag men. kapi sankaṭamochan naam tihaaro..

raavaṇ traas daii siy ko taba. raakshasi sokahi shok nivaaro
taahi samay hanumaan mahaa prabhu. jaay mahaa rajaniichar maaro.
chaahat siiy ashok so aagisu. dai prabhu mudrikaa shok nivaaro
ko nahin jaanat hai jag men. kapi sankaṭamochan naam tihaaro..

baaṇ lagyo ur lakshmaṇ ke taba. praaṇ tajo sut raavaṇ maaro
lai gṛh baidy sukhen sameta. tabai giri droṇ subiir upaaro.
laay sanjiivan haath daii taba. lakshmaṇ ke tum praaṇ ubaaro
ko nahin jaanat hai jag men. kapi sankaṭamochan naam tihaaro..

raavaṇ yuddh ajaan kiyo taba. naag ki phaans sabai sir ḍaaro
shriiraghunaath samet sabai dala. moh bhayo yah sankaṭ bhaaro.
aani khages tabai hanumaan ju. bandhan kaaṭi sutraas nivaaro
ko nahin jaanat hai jag men. kapi sankaṭamochan naam tihaaro..

bandhu samet jabai ahiraavaṇa. lai raghunaath pataal sidhaaro
debihi puuji bhalii bidhi sow bali. deu sabai mili mantr vichaaro.
jaay sahaay bhayo tabahiin. ahiraavaṇ sainy samet samhaaro
ko nahin jaanat hai jag men. kapi sankaṭamochan naam tihaaro..

kaaj kiyo bad devan ke tuma. viir mahaaprabhu dekhi bichaaro
kown so sankaṭ mor gariib ko. jo tumaso nahin jaat hai ṭaaro.
begi haro hanumaan mahaaprabhu. jo kachhu sankaṭ hoy hamaaro
ko nahin jaanat hai jag men. kapi sankaṭamochan naam tihaaro..

laal deh laalii lase, aru dhari laal languura.
bajradeh daanav dalan, jay jay jay kapishuur ..


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संकट मोचन स्तोत्र पीडीएफ (Sankat Mochan Stotra PDF)

संकट मोचन स्तोत्र वीडियो (Sankat Mochan Stotra Video)

संकट मोचन स्तोत्र विधि (Sankat Mochan Stotra Vidhi)

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  1. पूर्वाभ्यास (प्रारंभिक तैयारी): सबसे पहले आपको संकट मोचन स्तोत्र का पूर्वाभ्यास करना चाहिए।
  2. शुद्धि की प्रक्रिया: स्तोत्र का पठन करने से पहले, आपको शुद्धि की प्रक्रिया करनी चाहिए। इसमें हाथ धोना, मुख धोना, वस्त्र बदलना आदि शामिल होता है।
  3. ध्यान स्थापना: एक नियमित स्थान पर बैठकर, ध्यान केंद्रित करें और मन को शांत रखें।
  4. मंत्र स्तुति: स्तोत्र का प्रारंभ करने से पहले, मंत्र जाप करें।
  5. संकट मोचन स्तोत्र का पाठ: स्तोत्र का पाठ शुरू करें। ध्यान से हर शब्द को सुनें और अर्थ समझें। अगर आप चाहें, तो स्तोत्र का पाठ रोज़ाना एक निश्चित समय में करें।
  6. भक्ति भाव: मन, विचार, और भावना को स्तोत्र के माध्यम से देवता की ओर ध्यानित करें। अपनी पूर्वाभ्यास और ध्यान की सहायता से, आप संकट मोचन के द्वारा आपके जीवन के संकटों को दूर करने के लिए आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
  7. पूजा और आराधना: स्तोत्र पठन के बाद आप पूजा और आराधना कर सकते हैं।

संकट मोचन स्तोत्र लाभ (Sankat Mochan Stotra Benefit)

  • संकटों से मुक्ति: संकट मोचन स्तोत्र (Sankat Mochan Stotra)का नियमित पाठ करने से भक्तों के जीवन के सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। यह स्तोत्र भक्तों को सभी प्रकार के भय और परेशानियों से मुक्त करता है।
  • पापों से मुक्ति: संकट मोचन स्तोत्र (Sankat Mochan Stotra) का पाठ करने से भक्तों के पिछले जन्मों और वर्तमान जीवन के पापों से मुक्ति मिलती है। यह स्तोत्र भक्तों के मन को शुद्ध और पवित्र करता है।
  • मोक्ष की प्राप्ति: संकट मोचन स्तोत्र का नियमित पाठ करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति में मदद मिलती है। यह स्तोत्र भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान और मोक्ष प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।
  • आध्यात्मिक विकास: संकट मोचन स्तोत्र (Sankat Mochan Stotra) का पाठ करने से भक्तों का आध्यात्मिक विकास होता है। यह स्तोत्र भक्तों को ईश्वर के प्रति समर्पण और भक्ति की भावना विकसित करने में मदद करता है।
  • रोग निवारण: संकट मोचन स्तोत्र का प्रतिदिन नियमित पाठ करने से आपको शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। हनुमान जी की कृपा से रोगों का निवारण हो सकता है और आपका शारीरिक क्षमता में वृद्धि हो सकती है।
  • मानसिक शांति: संकट मोचन स्तोत्र (Sankat Mochan Stotra) का पठन करने से मानसिक शांति मिल सकती है। यह स्तोत्र मन को प्रेरित करता है और उसे प्रसन्नता की भावना देता है, जिससे स्थितियों को सहनशीलता से प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है।
  • धार्मिक उन्नति: संकट मोचन स्तोत्र का प्रतिदिन नियमित पाठ करने से आप धार्मिक उन्नति में भी सकारात्मक परिणाम देख सकते हैं। यह आपको नीति, धर्म, और शुद्धता के मार्ग पर चलने में मदद कर सकता है।

संकट मोचन स्तोत्र से सबंधित प्रश्न (Sankat Mochan Stotra FAQ)

संकट मोचन स्तोत्र का क्या महत्व है?

संकटमोचन स्तोत्र (Sankat Mochan Stotra) भगवान हनुमान को भगवान श्रीराम के एक महत्वपूर्ण भक्त और संकट मोचन (संकट से मुक्ति दिलाने वाले) रूप में प्रदर्शित करता है।

संकट मोचन स्तोत्र का क्या प्रमुख उद्देश्य है?

संकट मोचन स्तोत्र (Sankat Mochan Stotra) का प्रमुख उद्देश्य संकटों और कठिनाइयों से मुक्ति प्राप्त करना है और भगवान हनुमान की कृपा और संरक्षण को प्राप्त करना है।

संकट मोचन स्तोत्र का क्या फल है?

संकट मोचन स्तोत्र (Sankat Mochan Stotra) का पाठ करने से भक्त को संकटों से मुक्ति मिलती है और भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है।

संकट मोचन स्तोत्र कब पढ़ना चाहिए?

संकट मोचन स्तोत्र (Sankat Mochan Stotra) कठिन समयों, संकटों, और आपत्तियों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। विशेषकर हनुमान जयंती और शनिवार को इसे पढ़ना अधिक पुण्यकारी माना जाता है।

संकट मोचन स्तोत्र क्या है ?

संकट मोचन स्तोत्र (Sankat Mochan Stotra) एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की स्तुति करता है। इसे तुलसी दास जी ने लिखा था। इस स्तोत्र में भगवान हनुमान को संकटों से मुक्ति दिलाने वाला बताया गया है। संकट मोचन स्तोत्र का पाठ किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है, लेकिन इसे विशेष रूप से मंगलवार, शनिवार और हनुमान जयंती के अवसर पर पढ़ने की सलाह दी जाती है।

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Updated on May 11, 2024

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