सिद्ध मंगल स्तोत्र (Shiddh Mangal Stotra)


सिद्ध मंगल स्तोत्र (Shiddh Mangal Stotra) एक संस्कृत भाषा का स्तोत्र है। हिन्दू सनातन धर्म में भगवान की पूजा, अर्चना, स्तुति के लिए विविध स्तोत्रों का पठन किया जाता है। सिद्धमंगल स्तोत्र भगवान दत्तात्रेय का प्रथम अवतार श्रीपाद वल्लभ की स्तुति में गाया जाता है। सिद्धमंगल स्तोत्र का पठन करने से मनुष्य के सभी दुख, कष्ट दूर होते हैं, उसे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, और वह सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करता है।

सिद्ध मंगल स्तोत्र लिरिक्स (Shiddh Mangal Stotra Lyrics)

श्रीमदनन्त श्रीविभूषित अप्पललक्ष्मीनरसिंहराज ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ १॥

श्रीविद्याधरी राधासुरेखा श्रीराखीधर श्रीपाद ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ २॥

माता सुमती वात्सल्यामृत परिपोषित जय श्रीपाद ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ३॥

सत्यऋषिश्वर दुहितानन्दन बापनार्यनुत श्रीचरण ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ४॥

सवितृकाठकचयनपुण्यफल भारद्वाजऋषिगोत्रसम्भव ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ५॥

दो चौपाती देव लक्ष्मिगणसङ्ख्याबोधित श्रीचरण ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ६॥

पुण्यरूपिणी राजमाम्बसुतगर्भपुण्यफलसञ्जात ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ७॥

सुमतीनन्दन नरहरीनन्दन दत्तदेव प्रभु श्रीपाद ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ८॥

पीठिकापुर-नित्यविहारा मधुमतीदत्ता मङ्गलरूपा ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ९॥

इति श्रीसिद्धमङ्गलस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।

सिद्ध मंगल स्तोत्र लिरिक्स अंग्रेजी में (Shiddh Mangal Stotra Lyrics In English)

shriimadanant shriivibhuushit appalalakshmiinarasinharaaj .
jay vijayii bhav digvijayii bhav shriimadakhaṇḍ shriivijayii bhav ॥ १॥

shriividyaadharii raadhaasurekhaa shriiraakhiidhar shriipaad .
jay vijayii bhav digvijayii bhav shriimadakhaṇḍ shriivijayii bhav ॥ २॥

maataa sumatii vaatsalyaamṛt pariposhit jay shriipaad .
jay vijayii bhav digvijayii bhav shriimadakhaṇḍ shriivijayii bhav ॥ ३॥

satyaṛshishvar duhitaanandan baapanaaryanut shriicharaṇ .
jay vijayii bhav digvijayii bhav shriimadakhaṇḍ shriivijayii bhav ॥ ४॥

savitṛkaaṭhakachayanapuṇyaphal bhaaradvaajaṛshigotrasambhav .
jay vijayii bhav digvijayii bhav shriimadakhaṇḍ shriivijayii bhav ॥ ५॥

do chowpaatii dev lakshmigaṇasaṅkhyaabodhit shriicharaṇ .
jay vijayii bhav digvijayii bhav shriimadakhaṇḍ shriivijayii bhav ॥ ६॥

puṇyaruupiṇii raajamaambasutagarbhapuṇyaphalasañjaat .
jay vijayii bhav digvijayii bhav shriimadakhaṇḍ shriivijayii bhav ॥ ७॥

sumatiinandan narahariinandan dattadev prabhu shriipaad .
jay vijayii bhav digvijayii bhav shriimadakhaṇḍ shriivijayii bhav ॥ ८॥

piiṭhikaapur-nityavihaaraa madhumatiidattaa maṅgalaruupaa .
jay vijayii bhav digvijayii bhav shriimadakhaṇḍ shriivijayii bhav ॥ ९॥

iti shriisiddhamaṅgalastotram sampuurṇam .

सिद्ध मंगल स्तोत्र पीडीएफ (Shiddh Mangal Stotra PDF)

सिद्ध मंगल स्तोत्र वीडियो (Shiddh Mangal Stotra Video)

सिद्ध मंगल स्तोत्र विधि (Shiddh Mangal Stotra Vidhi)

  • प्रातःकाल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
  • एकांत स्थान पर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठ जाएं और धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  • भगवान दत्तात्रेय को नमस्कार करें और सिद्धमंगल स्तोत्र का पाठ करें।
  • पाठ के बाद, भगवान दत्तात्रेय से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।

सिद्ध मंगल स्तोत्र लाभ (Shiddh Mangal Stotra Benefit)

  • सभी दुख, कष्ट दूर होते हैं।
  • सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
  • सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  • मन की शांति प्राप्त होती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  • दैवीय शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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सिद्ध मंगल स्तोत्र से सबंधित प्रश्न (Shiddh Mangal Stotra FAQ)

सिद्ध मंगल स्तोत्र का पाठ करने से क्या लाभ होता है?

सिद्ध मंगल स्तोत्र (Shiddh Mangal Stotra) का पाठ करने से मनुष्य के सभी दुख, कष्ट दूर होते हैं, उसे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, और वह सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करता है। इसके अतिरिक्त, सिद्ध मंगल स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य को दैवीय शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

सिद्ध मंगल स्तोत्र का पाठ करने की विधि क्या है?

सिद्ध मंगल स्तोत्र का पाठ करने के लिए कोई विशेष विधि नहीं है। इसे किसी भी समय, किसी भी स्थान पर, किसी भी मुद्रा में पढ़ा जा सकता है। हालांकि, यदि आप सिद्ध मंगल स्तोत्र का अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित विधि का पालन कर सकते हैं

सिद्ध मंगल स्तोत्र का पाठ करने का सबसे अच्छा समय क्या है?

सिद्ध मंगल स्तोत्र का पाठ करने का सबसे अच्छा समय प्रातःकाल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करके करना चाहिए।

सिद्ध मंगल स्तोत्र क्या है?

सिद्ध मंगल स्तोत्र (Shiddh Mangal Stotra) एक संस्कृत भाषा का स्तोत्र है। हिन्दू सनातन धर्म में भगवान की पूजा, अर्चना, स्तुति के लिए विविध स्तोत्रों का पठन किया जाता है। सिद्धमंगल स्तोत्र भगवान दत्तात्रेय का प्रथम अवतार श्रीपाद वल्लभ की स्तुति में गाया जाता है। सिद्धमंगल स्तोत्र का पठन करने से मनुष्य के सभी दुख, कष्ट दूर होते हैं, उसे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, और वह सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करता है।

सिद्ध मंगल स्तोत्र किस भाषा में लिखा गया है ?

सिद्ध मंगल स्तोत्र को संस्कृत भाषा में लिखा गया है।

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