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शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra PDF) एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है और उनसे भक्तों की रक्षा करने की प्रार्थना करता है। यह स्तोत्र 12 श्लोकों में विभाजित है और भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का इस स्तोत्र में वर्णन किया गया है।
विषय सूची
Shiv Raksha Stotra PDF Detail
PDF Name | Shiv Raksha Stotra PDF |
PDF Size | 412 KB |
No.of Page | 2 |
Language | Sanskrit |
PDF Category | Hindu Books, Religion & Spirituality. |
शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra PDF)
शिव रक्षा स्तोत्र वीडियो (Shiv Raksha Stotra Video)
शिव रक्षा स्तोत्र विधि (Shiv Raksha Stotra Vidhi)
- शुद्धि: शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से पहले, स्नान आदि से शुद्धि कर लेना चाहिए।
- पूजा: शिव जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठें और उन्हें गंगाजल, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
- ध्यान: शिव जी का ध्यान करें और उनके पावन चरित्र का स्मरण करें।
- पाठ: शांत मन से शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
- प्रार्थना: पाठ के अंत में, भगवान शिव से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करनी चाहिए।
शिव रक्षा स्तोत्र लाभ (Shiv Raksha Stotra Benefit)
- शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। भगवान शिव सभी भक्तों के रक्षक हैं और वे उन्हें सभी प्रकार की विपत्तियों से बचाते हैं।
- शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को सभी प्रकार की विपत्तियों से सुरक्षा प्राप्त होती है। इसमें शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की विपत्तियाँ शामिल हैं। शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को रोग, शोक, दुर्घटना, शत्रुओं के डर आदि से मुक्ति मिलती है।
- शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों में आत्मविश्वास बढ़ता है। वे अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त महसूस करते हैं।
- शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वे अपने जीवन में खुशी, शांति और समृद्धि का अनुभव करते हैं।
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शिव रक्षा स्तोत्र से सबंधित प्रश्न (Shiv Raksha Stotra FAQ)
शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) का पाठ कब करना चाहिए?
शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) का पाठ करने के लिए कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं है। आप इसे किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन प्रदोष काल में इसका पाठ करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। प्रदोष काल शाम 6:00 बजे से 7:30 बजे के बीच का समय होता है।
शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) का पाठ कैसे करना चाहिए?
शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra PDF) का पाठ करने से पहले, स्नान आदि से शुद्धि कर लें। फिर, शिव जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठें और उन्हें गंगाजल, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें। इसके बाद, शिव जी का ध्यान करें और उनके पावन चरित्र का स्मरण करें। फिर, शांत मन से शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। पाठ के अंत में, भगवान शिव से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करें।
शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) में कितने श्लोक हैं?
शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) में 12 श्लोक है।
शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) को किस अवसर पर करना चाहिए?
यह स्तोत्र किसी भी समय पठा जा सकता है, लेकिन अधिकांश भक्त इसे महाशिवरात्रि, प्रदोष काल, और सोमवार को पठते हैं।
शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) का महत्व क्या है?
इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को भगवान शिव की कृपा, सुरक्षा और आशीर्वाद मिलता है, और उसे दुखों और कठिनाइयों से मुक्ति प्राप्त होती है।
शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra) क्या है?
शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotra PDF) एक पौराणिक श्लोक संग्रह है जो भगवान शिव की स्तुति, आराधना और सुरक्षा के लिए पठा जाता है।
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रेखा डनसेना इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर है और poojaaarti.com के मंदिर , त्यौहार और चालीसा के पोस्ट के अध्ययन और लेख में हमारा सहयोग करती है।