सावन सोमवार (Sawan Somwar)

सावन सोमवार (Sawan Somwar) हिन्दू पंचांग (कैलेंडर) के अनुसार, वो सोमवार होता है जो सावन मास (भाद्रपद मास के बाद का मास) में आता है। सावन सोमवार का विशेष महत्व है क्योंकि इसे भगवान शिव को समर्पित किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा व्रत रखी जाती है और श्रावण मास में हर सोमवार को भक्तगण शिवलिंग पर जल चढ़ाने जाते हैं।

यह पारंपरिक रूप से महिलाएं और पुरुष दोनों ही इस व्रत को मानते हैं और सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं। भगवान शिव के अलावा, इस दिन पार्वती माता का व्रत भी रखा जाता है।

सावन सोमवार(Sawan Somwar) के दौरान, भक्तगण शिवलिंग को दूध, बिल्वपत्र, गंगाजल, धातु के बेलन, धूप, दीप, चमकीले कपड़े, और पुष्प आदि से सजाकर पूजा करते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। यह व्रत विशेषकर उत्तर भारत में पॉप्युलर है और यह सावन मास के प्रत्येक सोमवार को मनाया जाता है।

Sawan Somwar व्रत पालन करने की विधि

  1. संकल्प: सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत की विधि में सबसे पहले संकल्प लेना होता है। इसमें व्रती व्यक्ति को व्रत की संकल्प लेनी होती है, जिसमें वह व्रत का पालन करने का निर्णय लेता है और भगवान शिव की कृपा की प्रार्थना करता है।
  2. स्नान: व्रत की शुरुआत में व्रती व्यक्ति को स्नान करना चाहिए। स्नान के लिए शुद्ध जल या गंगाजल का उपयोग करें। स्नान करते समय मन्त्र जाप करें और भगवान शिव की आराधना करें।
  3. शिवलिंग पूजा: सावन सोमवार के व्रत के दौरान व्रती व्यक्ति को शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग को जल, धूप, दीप और फूलों से सजाएं। मन्त्र जाप करते हुए शिवलिंग की पूजा करें और उन्हें भक्ति और समर्पण के साथ प्रणाम करें।
  4. व्रत कथा और कीर्तन: व्रती व्यक्ति को सावन सोमवार के दौरान व्रत कथा सुननी चाहिए। इसके साथ ही, भजन, कीर्तन और भगवान शिव के गुणों की महिमा का गान करें। यह आपको आध्यात्मिक उन्नति के पास ले जाएगा।
  5. व्रती आहार: सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत के दौरान व्रती व्यक्ति को सात्विक आहार लेना चाहिए। यह आहार ग्रीन लीफी सब्जियां, फल, दूध, दही, खीर, सबुदाना और फलों की मिठाई जैसे आहार को शामिल करता है। अन्न ग्रहण करते समय मन्त्र जाप करें और उदारता और धन्यवाद की भावना रखें।
  6. प्रार्थना और ध्यान: सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत के दौरान व्रती व्यक्ति को नियमित रूप से प्रार्थना और ध्यान करना चाहिए। भगवान शिव की कृपा के लिए प्रार्थना करें और अपने मन को शुद्ध करने के लिए ध्यान करें।

यहां दी गई है सावन सोमवार के व्रत की सामान्य विधि, हालांकि व्रत की विधि भक्ति और परंपरागत अनुसार भिन्न हो सकती है। इसलिए, व्रत पालन करने से पहले स्थानीय पंडित या धार्मिक आदर्शों का पालन करें और उनसे सलाह लें।

सावन सोमवार (Sawan Somwar) व्रत करने के लाभ

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  1. मानसिक शांति: सावन सोमवार(Sawan Somwar) का व्रत मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके द्वारा व्यक्ति तनाव, चिंता और मानसिक दुख से मुक्त होता है और मानसिक स्थिरता प्राप्त करता है।
  2. आध्यात्मिक उन्नति: सावन सोमवार के व्रत का पालन करने से व्यक्ति आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ता है। व्रत के द्वारा व्यक्ति भगवान शिव के प्रति अधिक संयम, भक्ति और समर्पण विकसित करता है।
  3. शारीरिक स्वास्थ्य: सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत के दौरान आहार-विहार पर विशेष ध्यान देने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। व्रत के दौरान सत्त्विक आहार का सेवन किया जाता है, जो शरीर को पोषण प्रदान करता है और उसकी ऊर्जा को बढ़ाता है।
  4. आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति: सावन सोमवार का व्रत व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति करने का मौका देता है। व्रत के दौरान भजन, कीर्तन और पूजा के माध्यम से व्यक्ति आध्यात्मिकता का अनुभव करता है और भगवान के प्रति अधिक समर्पण विकसित करता है।
  5. संयम और सामर्थ्य की प्राप्ति: सावन सोमवार के व्रत का पालन करने से व्यक्ति मन को संयमित करने की कला सीखता है और अपने आप को परिश्रम, धैर्य और समर्पण के माध्यम से सामर्थ्य का प्राप्त करता है।

इन सभी लाभों के अलावा, सावन सोमवार(Sawan Somwar) का व्रत व्यक्ति को सामाजिक एकता, प्रेम और समाज सेवा के महत्व को समझाता है। इस व्रत के द्वारा व्यक्ति सामाजिक संबंधों को मजबूत और प्रेमपूर्ण बनाता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाता है।

सावन सोमवार(Sawan Somwar) में व्रत के दौरान यह करने से बचे

  1. अनाहार और अविवेकपूर्ण आहार: सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत में व्रती व्यक्ति को अनाहार आहार (व्रत के नियमों के विपरीत खाना) नहीं खाना चाहिए। भोजन को सात्विकता और पवित्रता के साथ रखें।
  2. निंदा और अश्लील भाषा: सावन सोमवार के दिन निंदा, कटु वचन और अश्लील भाषा से बचना चाहिए। इससे मन को शुद्ध रखें और शिव की कृपा प्राप्त करें।
  3. लिंगाभिषेक और विवाह: सावन सोमवार के दिन लिंगाभिषेक और विवाह के कार्यों से बचें। इन कार्यों को अनुचित माना जाता है और उनके प्रभाव में व्रत का महत्व घट सकता है।
  4. अशुभ कार्य: सावन सोमवार के दिन किसी भी अशुभ कार्य जैसे अपमान, क्रोध, चोरी, जूता चुराई, आपसी विवाद आदि से बचें। व्रत के दिन मानसिक शुद्धता और धार्मिकता का पालन करें।
  5. अनुचित विचार: सावन सोमवार के दिन अनुचित विचारों को दूर रखें। नकारात्मकता, आत्मसम्मान की कमी और दूसरों के प्रति अहमियत की अनदेखी करने से बचें।

सावन सोमवार (Sawan Somwar) मनाने का कारण

sawan somwar

सावन महीने में सोमवार के व्रत का महत्व हिन्दू धर्म में विशेष मान्यता रखा जाता है। सावन मास ग्रीष्म ऋतु के अंत में आता है और बारिश की विशेष प्रकृति को दर्शाता है। हिन्दू परंपरा में इसे भगवान शिव का मास माना जाता है और सोमवार को भगवान शिव का दिन समझा जाता है।

भगवान शिव के भक्त इस मास में सोमवार के व्रत का पालन करते हैं और भगवान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का इंतजार करते हैं। सोमवार के दिन शिव मंदिरों में शिवलिंग पर जल अर्पित किया जाता है और विभिन्न पूजा-अर्चना की जाती है। व्रती लोग शिवलिंग के आसपास पूजा करते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं।

इस व्रत के माध्यम से लोग मान्यता से मानते हैं कि वे भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान हो और उन्हें सुख-शांति मिले। इस व्रत के द्वारा लोग शिव भक्ति में समर्पित होते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की कामना करते हैं।

सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत का पालन करने से भक्त को मान्यता से आनंद, सुख, समृद्धि, और अच्छी स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इसे धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग साथ मिलकर व्रत का पालन करते हैं और एक-दूसरे के साथ भक्ति और शिवलिंग की पूजा का आनंद लेते हैं।

इसके अलावा, सावन सोमवार का महीना हिन्दू धर्म में प्रेम और विशेष मान्यता का प्रतीक है। इस महीने में विवाहित महिलाएं और कन्याएं भगवान शिव की कृपा को प्राप्त करने के लिए सावन सोमवार के व्रत का पालन करती हैं। वे शिव पूजा और व्रत के द्वारा सुख, सौभाग्य और सुंदर संतान की कामना करती हैं।

सावन सोमवार के दौरान, भगवान शिव की गाथाएं, भजन और कीर्तन सुने जाते हैं और शिवालयों में ध्यान और भक्ति का माहौल बनता है। व्रती लोग सदाचार, त्याग, और ध्यान की महत्वपूर्णता को समझते हैं और नेम संयम और सादगी के साथ व्रत का पालन करते हैं। इसके अलावा, व्रती लोगों के द्वारा दान, चरित्र निर्माण, और मानवीय सेवा के कार्य भी अधिकता से किए जाते हैं।

सावन सोमवार का महीना भक्ति, पवित्रता, और आत्मशुद्धि का महीना माना जाता है। लोग इस मास में अपने मन, शरीर, और आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास करते हैं और भगवान शिव की आराधना करके उनके पास समर्प

जाते हैं। इस मास में सावन सोमवार के व्रत का पालन करने से व्यक्ति मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए संचार करता है। व्रत के द्वारा मन को शांति मिलती है और व्यक्ति भगवान शिव के साथ अधिक संयोग बनाने का प्रयास करता है। इसके साथ ही, यह एक माध्यम होता है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने आप को विषयों से और मायावी मोह से परे करता है और भगवान की ओर दिशा बदलता है।

सावन सोमवार (Sawan Somwar)के व्रत का पालन करने से शिव-भक्तों को आत्मविश्वास बढ़ता है और उनकी शक्ति और सामर्थ्य में वृद्धि होती है। व्रत के दौरान शिवलिंग के चारों ओर बेल पत्र, धूप, दीप, धातु के कलश, फूल, अर्क, गंगाजल आदि की पूजा की जाती है। इसके साथ ही, मन्त्र जाप, शिवाजी के गुणों का गान, भजन और कीर्तन करके उनकी महिमा का गुणगान किया जाता है।

सावन सोमवार के व्रत का महत्वपूर्ण उद्देश्य है व्यक्ति को नियमितता, संयम, त्याग, और ध्यान की महत्वता सिखाना। यह एक अवसर है जब लोग अपने जीवन में आवश्यक संयम और सावधानी का अभ्यास करते हैं। सावन सोमवार के व्रत के द्वारा व्यक्ति मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक तत्वों को समझता है और अपने मन को नियंत्रित करने की कला सीखता है।

सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत को मनाने से व्यक्ति की आशा, भक्ति और समर्पण भगवान शिव के प्रति दृढ़ होती है। यह एक उपासना का अवसर है जब व्यक्ति अपने आप को भगवान के चरणों में समर्पित करता है और उनसे अपनी मनोकामनाएं मांगता है।

इस व्रत के माध्यम से व्यक्ति का मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य सुधरता है। व्रत के दौरान आहार-विहार पर विशेष ध्यान दिया जाता है और सत्त्विक आहार का सेवन किया जाता है। यह शरीर को शुद्ध करके उसकी प्राकृतिक ऊर्जा को बढ़ाता है और अच्छे स्वास्थ्य का लाभ प्रदान करता है।

इसके अलावा, सावन सोमवार के व्रत सामाजिक एकता और समाज की भावना को बढ़ाते हैं। इस महीने में लोग साथ मिलकर सावन सोमवार के व्रत का पालन करते हैं और एक-दूसरे का साथ देते हैं। व्रती लोग मंदिरों में जाकर शिवलिंग की पूजा करते हैं, भजन कीर्तन करते हैं और शिव पर्वती की कथाएं सुनते हैं। इससे भक्ति और आध्यात्मिकता की भावना में वृद्धि होती है।

सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत का पालन करने से धार्मिकता और आध्यात्मिक संबंधों में स्थायित्व आता है। व्रत के द्वारा व्यक्ति अपनी आत्मा को भगवान के प्रति संबंधित रखता है और उनकी कृपा को प्राप्त करता है। इसके अलावा, यह एक साधना का अवसर है जहां व्यक्ति अपनी चिंताओं, कष्टों और संकटों को भगवान के सामर्थ्य में समर्पित करता है और उनकी मदद के लिए प्रार्थना करता है।

सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत को मनाने से व्यक्ति की आत्मिक संतुलन और शांति में सुधार होता है। व्रत के दौरान व्यक्ति मन को शुद्ध करने के लिए ध्यान, मन्त्र जाप और मेधावी गतिविधियों का अभ्यास करता है। इससे मन की चंचलता दूर होती है और व्यक्ति आत्म की अंतर्दृष्टि को प्राप्त करता है। सावन सोमवार के व्रत के द्वारा व्यक्ति मन के संयम, ध्यान और स्वाध्याय की महत्वपूर्णता को समझता है। यह उन्हें स्वयं को जागृत और सच्चे आत्म-अभिमानी बनाने की प्रेरणा देता है।

सावन सोमवार(Sawan Somwar) का व्रत संयम, सादगी, विश्राम और आनंद का संकेत है। इसे मनाने से व्यक्ति अपने जीवन में स्वस्थ और समृद्धि की प्राप्ति के लिए आवश्यक गुणों का विकास करता है। यह व्रत व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का अवसर देता है और उनकी आशीर्वाद से उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

इस प्रकार, सावन सोमवार(Sawan Somwar) का व्रत हिन्दू धर्म में भगवान शिव की आराधना, भक्ति और आध्यात्मिकता का महान उत्सव है। इसके द्वारा व्यक्ति अपने मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है और भगवान की कृपा, सुख, समृद्धि और समाधान को प्राप्त करता है। सावन सोमवार के व्रत का पालन करने से व्यक्ति का जीवन सुखमय, शांतिपूर्ण और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण होता है।

इन त्योहारों के बारे में भी जाने



सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत में यह गाँये

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भोले बाबा के द्वारे – भोले बाबा के द्वारे यह भजन सुन्दरता का गान करता है और भगवान शिव की महिमा को स्तुति करता है।
भोले बाबा के द्वारे, भोले बाबा के द्वारे,
आए हैं आपके द्वारे, जो सबका हैं उद्धारे।
मंगल सूरज की किरण, बसे हैं आपकी शरण,
भक्तों की रक्षा करें, भोले बाबा के द्वारे॥

शिव आराधना – इस भजन में भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं और उनकी महिमा को गान करते हैं।
जय जय शिव शम्भू, हर हर महादेव।
त्रिपुरारी त्रिलोचन, अनंतकारी अनंतनाथ।
हे गंगाधर गणेश, नीलकंठ विभूषण॥

इन भजनों को गाकर और भगवान शिव की आराधना करके सावन सोमवार का आनंद लें।

आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में लिरिक्स हिंदी में (aaj bhole baabaa milenge satsang men song lyrics)

आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में,
आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में,
मिलेंगे सत्संग में, मिलेंगे सत्संग में,
आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में…

घर का ताला खुले चाबी से,
मन का ताला खुले सत्संग में,
आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में,
आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में…

घी का दीपक जले मंदिर में,
मन का दीपक जले सत्संग से,
आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में,
आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में….

कमल का फूल खिले कीचड़ में,
मन का फूल खिले सत्संग में,
आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में,
आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में….

तन का मैल धुले साबुन से,
मन का मैल धुले सत्संग में,
आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में,
आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में….

आज भोले बाबा मिलेंगे सत्संग में लिरिक्स अंग्रेजी में (aaj bhole baabaa milenge satsang men song lyrics)

aaj bhole baabaa milenge satsang men,
aaj bhole baabaa milenge satsang men,
milenge satsang men, milenge satsang men,
aaj bhole baabaa milenge satsang men…

ghar kaa taalaa khule chaabii se,
man kaa taalaa khule satsang men,
aaj bhole baabaa milenge satsang men,
aaj bhole baabaa milenge satsang men…

ghii kaa diipak jale mandir men,
man kaa diipak jale satsang se,
aaj bhole baabaa milenge satsang men,
aaj bhole baabaa milenge satsang men….

kamal kaa phuul khile kiichad men,
man kaa phuul khile satsang men,
aaj bhole baabaa milenge satsang men,
aaj bhole baabaa milenge satsang men….

tan kaa mail dhule saabun se,
man kaa mail dhule satsang men,
aaj bhole baabaa milenge satsang men,
aaj bhole baabaa milenge satsang men….

सावन सोमवार (Sawan Somwar) से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

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सावन सोमवार क्या है?

उत्तर:है। यह महीना हिंदू कैलेंडर में तीसरा महीना होता है, और इस दौरान शिव भक्त व्रत रखते हैं और शिवलिंग की पूजा करते हैं। सावन सोमवार के दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, और इस दिन भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

सावन सोमवार की पूजा विधि क्या है?

सावन सोमवार(Sawan Somwar) की पूजा विधि निम्नलिखित है:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं।
बिल्वपत्र, धतूरा, बेर, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री आदि से शिवलिंग की पूजा करें।
शिव चालीसा, शिव स्तुति आदि का पाठ करें।
शिव मंत्रों का जाप करें।
अंत में, प्रसाद बांटें और भोलेनाथ से प्रार्थना करें।

सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत के लाभ क्या हैं?

सावन सोमवार(Sawan Somwar) के व्रत के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
पापों से मुक्ति मिलती है।
जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
स्वास्थ्य लाभ होता है।

सावन सोमवार(Sawan Somwar) के दिन क्या करें और क्या न करें?

सावन सोमवार के दिन निम्नलिखित कार्य करने चाहिए:
भगवान शिव की पूजा करें।
शिव मंत्रों का जाप करें।
शिव चालीसा, शिव स्तुति आदि का पाठ करें।
सात्विक भोजन करें।
दूसरों की मदद करें।

सावन सोमवार(Sawan Somwar) के दिन निम्नलिखित कार्य नहीं करने चाहिए:
मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन आदि का सेवन न करें।
किसी को भी कष्ट न दें।
झूठ न बोलें।
क्रोध न करें।

सावन सोमवार के लिए कुछ विशेष उपाय क्या हैं?

सावन सोमवार(Sawan Somwar) के लिए कुछ विशेष उपाय निम्नलिखित हैं:
सावन सोमवार के दिन 108 बार “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें।
सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं।
सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें।
सावन सोमवार के दिन शिव मंदिर में दान करें।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 11, 2024