नाग पंचमी (Nagpanchami Tyohar)

हिन्दू धर्म में नाग पंचमी (Nagpanchami Tyohar) एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सांपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है और वे भक्तों को उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

नाग पंचमी के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और साफ कपड़े पहनते हैं। फिर, वे नाग देवता की पूजा करते हैं। पूजा में उन्हें दूध, फूल, चंदन, अक्षत और अन्य प्रसाद अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद, लोग सांपों को दूध पिलाते हैं।

Nagpanchami Tyohar की पौराणिक कथा

प्राचीन काल में, महाभारत काल के दौरान एक बार बृहद्रथा राज्य में राजा परीक्षित नामक शासक राज्य का राजा था। राजा परीक्षित बड़े धर्मी और न्यायप्रिय राजा थे, जिनका प्रजा के प्रति बहुत प्यार था।

एक बार, राजा परीक्षित अपने राज्य के वन्य भाग में एक अभिशाप की चिंता में पड़ गए। राजा परीक्षित को उस वक्त के विद्वानों ने बताया कि एक तपस्वी ब्राह्मण ने उन्हें अभिशाप दिया है। अभिशाप के अनुसार, सात दिनों के भीतर एक विषैले सर्प नामक नाग राजा परीक्षित को काटेगा और उससे वह मृत्यु के घातक विष से पीड़ित हो जाएगा।

राजा परीक्षित ने इस अभिशाप को निभाने के लिए समय बचाने का निर्णय किया और उन्होंने शास्त्रों से सलाह ली। विद्वानों ने उन्हें बताया कि वे राजा बृहद्रथा के युवा पुत्र सूत नामक ब्राह्मण के पास जाएं और उनकी सहायता से अभिशाप से बचने की कोशिश करें।

राजा परीक्षित ने विद्वानों की सलाह स्वीकार की और उन्होंने सूत ब्राह्मण के पास जाकर अपनी परिस्थिति का बयान किया। सूत ब्राह्मण ने राजा परीक्षित की समस्या को सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि वह उन्हें अभिशाप से बचाएंगे।

सूत ब्राह्मण ने कहा, “भगवान शेषनाग, विष्णु भगवान के एक अवतार के रूप में जाना जाता है, जो विष पीकर भी अमरता प्राप्त करते हैं। मैं आपको उनकी पूजा करने का विधान बता सकता हूँ, जिससे आप अभिशाप से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।”

राजा परीक्षित ने सूत ब्राह्मण के बताए गए विधान का पालन किया और नाग पंचमी के दिन भगवान शेषनाग की पूजा अनुसार की। उन्होंने श्रद्धा भाव से नाग पंचमी को मनाया और भगवान शेषनाग को अपनी पूजा अर्पित की।

भगवान शेषनाग ने राजा परीक्षित की पूजा स्वीकार की और उन्हें वरदान दिया कि वे नाग पंचमी के दिन काटेंगे, लेकिन उन्हें विष का कोई प्रभाव नहीं होगा। इस प्रकार, भगवान शेषनाग ने राजा परीक्षित को अभिशाप से बचाया और उन्हें सुरक्षित रूप से राज्य का शासक बनाया।

इसी घटना को याद करते हुए लोग नाग पंचमी को मनाने लगे और इस त्योहार के दिन भगवान शेषनाग की पूजा-अर्चना की जाती है तथा नागराजों को दूध, दूध की मिठाई, फल, फूल, सिंदूर, बेल पत्र आदि से अर्चना की जाती है। इस दिन भगवान शेषनाग के अवतार का भक्त उनकी पूजा करते हैं और नागराजों की कृपा के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।

Nagpanchmi Tyohar कैसे मनाया जाता है

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नाग पंचमी त्योहार को भारत में विभिन्न राज्यों में धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से मनाया जाता है। इस त्योहार के दिन भगवान शेषनाग (नागराज) की पूजा और अर्चना की जाती है, जिससे उनके अवतार की स्मृति की जाती है। यह त्योहार नागों के सम्मान में मनाया जाता है और लोग नागराजों की कृपा के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।

इस दिन लोग नाग-नागिनों के मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। विशेष रूप से, नाग मंदिरों और शिव मंदिरों में पूजा की जाती है क्योंकि शिव भगवान के गले पर नागराज शेषनाग का वास होता है। इस दिन नाग-नागिनों के लिए दूध, दूध की मिठाई, फल, फूल, सिंदूर, बेल पत्र आदि से अर्चना की जाती है।

अनुयायियों ने नागराज के अवतार की पूजा करके उनके धार्मिकता, न्यायप्रियता, और त्याग की महिमा को याद करते हुए इस त्योहार को सम्मानित किया जाता है। भारत में यह त्योहार विशेष रूप से नागपुर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, असम, तेलंगाना, ओडिशा, गुजरात और केरल जैसे राज्यों में मनाया जाता है।

नाग पंचमी त्योहार को धार्मिक एवं सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाने से लोग नागराजों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का प्रयास करते हैं और उनके धार्मिकता और न्यायप्रियता की महिमा को स्मृति में रखते हैं।

Nagpanchami Tyohar मनाने की विधि

नाग पंचमी त्योहार को हिंदू कैलेंडर के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से मनाया जाता है और नागराजों की पूजा की जाती है। इस दिन नाग-नागिनों के मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

Nagpanchmi tyohar ki pooja vidhi (नाग पंचमी त्यौहार की पूजा की विधि) :

  1. नाग पंचमी के दिन उठने के बाद, स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. नागराजों के मंदिर या पुराने पीपल वृक्षों के निचे जाएं।
  3. वहां पहुंचकर धूप, दीप और फूल लेकर नागराज की मूर्ति के समक्ष बैठें।
  4. अब शांति मंत्र और नाग मंत्र का जाप करें। नाग मंत्र: “ॐ नाग देवताय विद्महे, कारग्रीवाय धीमहि। तन्नो नाग प्रचोदयात्।”
  5. मंत्र जाप के बाद, नागराज को धूप, दीप और फूल से अर्चना करें।
  6. इसके बाद, मिठाई, दूध और फलों से नागराज को भोग लगाएं।
  7. नागराज को विशेष मान देकर उन्हें दूध और फलों से अर्चना करें।
  8. नाग पंचमी की पूजा करते समय अपने मन में भक्ति और श्रद्धा के साथ भगवान नागराज को समर्पित करें।
  9. नाग पंचमी की पूजा के बाद, शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा भी कर सकते हैं, क्योंकि भगवान शिव के गले पर नागराज शेषनाग का वास होता है।

इस रूप से, नाग पंचमी त्योहार को धार्मिक एवं सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाने के लिए नागराजों की पूजा करते हुए लोग उनके समर्थ राजसभायिकों से अच्छे संबंध बनाए रख सकते हैं और उनके धार्मिकता, न्यायप्रियता और त्याग की महिमा को स्मरण कर सकते हैं।

Nagpanchami Tyohar

Nagpanchami Tyohar मनाने के लाभ

  1. नागराजों के सम्मान में: नाग पंचमी त्योहार को धार्मिक रूप से मनाने से नागराजों का सम्मान होता है। नागराज शेषनाग भगवान विष्णु के अवतार के रूप में माने जाते हैं और उनके सम्मान में नाग पंचमी का उत्सव मनाने से भगवान की कृपा मिलती है।
  2. धार्मिकता और शुभकामनाएं: नाग पंचमी त्योहार को मनाने से लोग अपने धर्म और संस्कृति के प्रति समर्पण दिखाते हैं। इस त्योहार को मनाकर लोग भगवान नागराज की कृपा के लिए शुभकामनाएं करते हैं।
  3. रोग निवारण: नाग पंचमी को नागराजों की पूजा करने से रोग और दुर्भाग्य का निवारण होता है। नागराजों को भगवान के दूसरे अवतार के रूप में माना जाता है, जो रोगों के नाशक रूप में जाने जाते हैं।
  4. संपत्ति और समृद्धि: नाग पंचमी को मनाने से धन, संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। नागराजों की पूजा से बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति को धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  5. परिवार में शांति: नाग पंचमी को परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर मनाने से परिवार में शांति और समरसता बनी रहती है। इस त्योहार को मनाकर परिवार के सभी सदस्यों को संबंधों को मजबूत बनाया जा सकता है।
  6. वृद्धि और विकास: नाग पंचमी को मनाने से व्यक्ति को वृद्धि और विकास की प्राप्ति होती है। नागराजों की कृपा से व्यक्ति के जीवन में सफलता और प्रगति होती है।
  7. नागराजों की कृपा: नाग पंचमी को मनाने से नागराजों की कृपा मिलती है और व्यक्ति के सभी कार्यों में सफलता होती है।

इस तरह, नाग पंचमी त्योहार को मनाकर व्यक्ति को धार्मिक, आध्यात्मिक, और सामाजिक लाभ होता है। यह त्योहार नागराजों की पूजा का एक महत्वपूर्ण अवसर है जो लोग भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाते हैं।

नाग पंचमी की आरती (Nagpanchami Tyohar Ki Aarti)

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जय जय नागराजा, भगवान विष्णुकी अवतारा।

 त्रिपुरारि भगवान शंकर, तुम हो सर्वभोगोंका सारा।।

धन्य धन्य वरदायक नागराज, तुम समस्तलोकोंकी राजा।

अनंतकालीन तुम्हारी महिमा, जगतजननीका हो विस्तारा।।

कालिया नागकी कथा याद दिलाती है, भगवान श्रीकृष्ण की लीला, तुम्हें गुणगान करती है।।

जटामुकुट महाराज, शंकरी करते विलास। बजरंगी जिसके रूप में, दिखते भगवान हनुमान, धरतीपर।।

कुण्डल हैं शोभित करते, कटिभूषण मैय्या नागरानी।

 दर्शन के मात्रे से भवबंधन मुक्ति होती जन्मजन्मान्तरको छुड़ती निज नागपंचमी।।

आप सभी लोगोंको नागपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं!।।

जय जय नागराजा, भगवान विष्णुकी अवतारा। त्रिपुरारि भगवान शंकर, तुम हो सर्वभोगोंका सारा।।

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Nagpanchami Tyohar Ki Aarti pdf


Nagpanchami Tyohar के बारे में कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नाग पंचमी क्या है?

नाग पंचमी(Nagpanchami Tyohar) हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक त्योहार है। यह श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सांपों की पूजा की जाती है।

नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है?

नाग पंचमी(Nagpanchami Tyohar) को मनाने के कई कारण हैं। एक कारण यह है कि हिंदू धर्म में सांपों को पवित्र माना जाता है। वे भगवान शिव के साथ जुड़े हुए हैं, जो हिंदू धर्म में देवताओं के देवता हैं।

नाग पंचमी पर क्या किया जाता है?

नाग पंचमी(Nagpanchami Tyohar) पर लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और साफ कपड़े पहनते हैं। फिर, वे नाग देवता की पूजा करते हैं। पूजा में उन्हें दूध, फूल, चंदन, अक्षत और अन्य प्रसाद अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद, लोग सांपों को दूध पिलाते हैं। कुछ लोग नाग पंचमी के दिन सपेरों को दूध और पैसे भी देते हैं। वे सपेरों से सांपों को दूध पिलाते हैं और उनके आशीर्वाद लेते हैं।

नाग पंचमी के कुछ रीति-रिवाज क्या हैं?

नाग पंचमी(Nagpanchami Tyohar) के कुछ रीति-रिवाज निम्नलिखित हैं:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करना और साफ कपड़े पहनना
नाग देवता की पूजा करना
दूध, फूल, चंदन, अक्षत और अन्य प्रसाद अर्पित करना
सांपों को दूध पिलाना
सपेरों को दूध और पैसे देना

नाग पंचमी के कुछ मान्यताएं क्या हैं?

नाग पंचमी(Nagpanchami Tyohar) के कुछ मान्यताएं निम्नलिखित हैं:
नाग देवता की पूजा करने से भक्तों को उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नाग पंचमी को एक शुभ दिन माना जाता है।
नाग पंचमी को मनाने से सांपों से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।

नाग पंचमी के कुछ लाभ क्या हैं?

नाग पंचमी(Nagpanchami Tyohar) के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:
शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
पापों से मुक्ति मिलती है।
संकटों से बचाव होता है।
मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले। 

Updated on May 11, 2024

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