मंगल चण्डिका स्तोत्र (Mangal Chandika Stotra)

मंगल चंडिका स्तोत्र (Mangal Chandika Stotra) सबसे पवित्र हिंदू धार्मिक रचना है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका पाठ स्वयं भगवान शिव ने देवी चंडिका या चंडी देवी की पूजा करने और उनकी सहायता और आशीर्वाद पाने के लिए किया था। चंडिका माँ दुर्गा का एक भयानक रूप है इनकी पूजा नवरात्रि के समय की जाती है।

मंगल चण्डिका स्तोत्र लिरिक्स (Mangal Chandika Stotra Lyrics)

।। श्री मंगलचंडिकास्तोत्रम् ।।
ध्यान
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सर्वपूज्ये देवी मङ्गलचण्डिके I
ऐं क्रूं फट् स्वाहेत्येवं चाप्येकविन्शाक्षरो मनुः II

पूज्यः कल्पतरुश्चैव भक्तानां सर्वकामदः I
दशलक्षजपेनैव मन्त्रसिद्धिर्भवेन्नृणाम् II

मन्त्रसिद्धिर्भवेद् यस्य स विष्णुः सर्वकामदः I
ध्यानं च श्रूयतां ब्रह्मन् वेदोक्तं सर्व सम्मतम् II

देवीं षोडशवर्षीयां शश्वत्सुस्थिरयौवनाम् I
सर्वरूपगुणाढ्यां च कोमलाङ्गीं मनोहराम् II

श्वेतचम्पकवर्णाभां चन्द्रकोटिसमप्रभाम् I
वन्हिशुद्धांशुकाधानां रत्नभूषणभूषिताम् II

बिभ्रतीं कबरीभारं मल्लिकामाल्यभूषितम् I
बिम्बोष्टिं सुदतीं शुद्धां शरत्पद्मनिभाननाम् II

ईषद्धास्यप्रसन्नास्यां सुनीलोल्पललोचनाम् I
जगद्धात्रीं च दात्रीं च सर्वेभ्यः सर्वसंपदाम् II
संसारसागरे घोरे पोतरुपां वरां भजे II

देव्याश्च ध्यानमित्येवं स्तवनं श्रूयतां मुने I
प्रयतः संकटग्रस्तो येन तुष्टाव शंकरः II

|| शंकर उवाच ||
रक्ष रक्ष जगन्मातशंकर र्देवि मङ्गलचण्डिके I
हारिके विपदां राशेर्हर्षमङ्गलकारिके II

हर्षमङ्गलदक्षे च हर्षमङ्गलचण्डिके I
शुभे मङ्गलदक्षे च शुभमङ्गलचण्डिके II

मङ्गले मङ्गलार्हे च सर्व मङ्गलमङ्गले I
सतां मन्गलदे देवि सर्वेषां मन्गलालये II

पूज्या मङ्गलवारे च मङ्गलाभीष्टदैवते I
पूज्ये मङ्गलभूपस्य मनुवंशस्य संततम् II

मङ्गलाधिष्टातृदेवि मङ्गलानां च मङ्गले I
संसार मङ्गलाधारे मोक्षमङ्गलदायिनि II

सारे च मङ्गलाधारे पारे च सर्वकर्मणाम् I
प्रतिमङ्गलवारे च पूज्ये च मङ्गलप्रदे II

स्तोत्रेणानेन शम्भुश्च स्तुत्वा मङ्गलचण्डिकाम् I
प्रतिमङ्गलवारे च पूजां कृत्वा गतः शिवः II

देव्याश्च मङ्गलस्तोत्रं यः श्रुणोति समाहितः I
तन्मङ्गलं भवेच्छश्वन्न भवेत् तदमङ्गलम् II

इति श्री ब्रह्मवैवर्ते श्री मंगल चंडिका स्तोत्रम् संपूर्णम्

मंगल चण्डिका स्तोत्र अंग्रेजी में (Mangal Chandika Stotra Lyrics In English)

.. shrii mangalachanḍikaastotram ..
dhyaan
“om hriin shriin kliin sarvapuujye devii maṅgalachaṇḍike i
ain kruun phaṭ svaahetyevam chaapyekavinshaaksharo manuah ii

puujyah kalpatarushchaiv bhaktaanaan sarvakaamadah i
dashalakshajapenaiv mantrasiddhirbhavennṛṇaam ii

mantrasiddhirbhaved yasy s vishṇuah sarvakaamadah i
dhyaanam ch shruuyataan brahman vedoktam sarv sammatam ii

deviin shoḍashavarshiiyaan shashvatsusthirayowvanaam i
sarvaruupaguṇaaḍhyaan ch komalaaṅgiin manoharaam ii

shvetachampakavarṇaabhaan chandrakoṭisamaprabhaam i
vanhishuddhaanshukaadhaanaan ratnabhuushaṇabhuushitaam ii

bibhratiin kabariibhaaram mallikaamaalyabhuushitam i
bimboshṭin sudatiin shuddhaan sharatpadmanibhaananaam ii

iishaddhaasyaprasannaasyaan suniilolpalalochanaam i
jagaddhaatriin ch daatriin ch sarvebhyah sarvasampadaam ii
samsaarasaagare ghore potarupaan varaan bhaje ii

devyaashch dhyaanamityevam stavanam shruuyataan mune i
prayatah sankaṭagrasto yen tushṭaav shankarah ii

.. shankar uvaach ..
raksh raksh jaganmaatashankar rdevi maṅgalachaṇḍike i
haarike vipadaan raasherharshamaṅgalakaarike ii

harshamaṅgaladakshe ch harshamaṅgalachaṇḍike i
shubhe maṅgaladakshe ch shubhamaṅgalachaṇḍike ii

maṅgale maṅgalaarhe ch sarv maṅgalamaṅgale i
sataan mangalade devi sarveshaan mangalaalaye ii

puujyaa maṅgalavaare ch maṅgalaabhiishṭadaivate i
puujye maṅgalabhuupasy manuvamshasy santatam ii

maṅgalaadhishṭaatṛdevi maṅgalaanaan ch maṅgale i
samsaar maṅgalaadhaare mokshamaṅgaladaayini ii

saare ch maṅgalaadhaare paare ch sarvakarmaṇaam i
pratimaṅgalavaare ch puujye ch maṅgalaprade ii

stotreṇaanen shambhushch stutvaa maṅgalachaṇḍikaam i
pratimaṅgalavaare ch puujaan kṛtvaa gatah shivah ii

devyaashch maṅgalastotram yah shruṇoti samaahitah i
tanmaṅgalam bhavechchhashvann bhavet tadamaṅgalam ii

iti shrii brahmavaivarte shrii mangal chanḍikaa stotram sampuurṇam

मंगल चण्डिका स्तोत्र पीडीएफ (Mangal Chandika Stotra PDF)

मंगल चण्डिका स्तोत्र वीडियो (Mangal Chandika Stotra Video)

मंगल चण्डिका स्तोत्र विधि (Mangal Chandika Stotra Vidhi)

  1. प्रारम्भ में गणपति जी का स्मरण कर पूजा करें।
  2. ॐ क्रीं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विचे मंत्र का एक बार जप कर देवी का आह्वान करें।
  3. श्री मंगल चण्डिका स्तोत्र: स्तोत्र का धीमे स्वर में स्पष्ट शब्दों में पाठ करें।
  4. स्तोत्र को तीन, पांच, ग्यारह, अथवा २१ बार दोहराये।
  5. पूजा समापन स्तोत्र पूरा होने के बाद, देवी चामुंडा को फूल, चंदन, फल आदि का अर्पण करें।
  6. प्रार्थना देवी चामुंडा से अपने मन की इच्छाओं के लिए प्रार्थना करें।
  7. ॐ क्रीं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विचे मंत्र का एक बार जप कर देवी की पूजा विसर्जन करें।
  8. ॐ शान्ति शान्ति शान्ति मंत्र का तीन बार जप करें। अपने आसपास को शांत करें और मन को शांत अवस्था में ले आएं।

मंगल चण्डिका स्तोत्र के लाभ (Mangal Chandika Stotra Benefit)

1. सुख-समृद्धि और सफलता: मंगल चण्डिका देवी को विघ्नहर्ता और आशीर्वाद देने वाली मानी जाती हैं। उनके स्तोत्र का नियमित पाठ करने से जीवन में बाधाओं का नाश होता है, भाग्य का उदय होता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

2. शक्ति और साहस: उनके स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों में मानसिक और आत्मिक शक्ति का संचार होता है। यह साहस बढ़ाता है, आत्मविश्वास जगाता है और कठिन परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता प्रदान करता है।

3. रोग और बाधाओं का नाश: माना जाता है कि मंगल चण्डिका स्तोत्र का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायक हो सकता है। साथ ही, जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाओं को दूर करने में भी इसे कारगर माना जाता है।

4. मोक्ष और आत्मज्ञान: देवी चण्डिका अपने दिव्य रूप में सर्वशक्तिमान हैं। उनके स्तोत्र का निष्ठापूर्वक पाठ करने से भक्तों को आध्यात्मिक विकास का मार्ग मिलता है। यह मन को पवित्र करता है, नकारात्मक विचारों को दूर करता है और मोक्ष की प्राप्ति के लिए साधना में सहायक होता है।

5. विशिष्ट समस्याओं का समाधान: मंगल चण्डिका स्तोत्र को कुछ विशिष्ट समस्याओं के समाधान के लिए भी प्रभावी माना जाता है। उदाहरण के लिए, अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम करने, विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने, धन की प्राप्ति या शत्रुओं पर विजय के लिए भी इसका पाठ किया जाता है।


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मंगल चण्डिका स्तोत्र से सबंधित प्रश्न उत्त्तर (Mangal Chandika Stotra FAQ)

मंगल चण्डिका स्तोत्र का पाठ कैसे करें?

मंगल चण्डिका स्तोत्र (Mangal Chandika Stotra) को नियमित और मन को एकाग्र करके करना चाहिए। नवरात्रि के समय इसका पाठ करना शुभ माना जाता है।

मंगल चण्डिका स्तोत्र के क्या लाभ हैं?

मंगल चण्डिका स्तोत्र (Mangal Chandika Stotra) का पाठ करने से भक्त मां दुर्गा की कृपा, शक्ति, और सुरक्षा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करता है। यह शत्रुनाश, समृद्धि, और सुख-शांति की प्राप्ति में सहायक हो सकता है।

मंगल चण्डिका स्तोत्र का पाठ किस तारीख और समय में किया जा सकता है?

मंगल चण्डिका स्तोत्र (Mangal Chandika Stotra) किसी भी समय पढ़ा जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान और मां दुर्गा के पूजा महोत्सवों में इसका पाठ बड़े आनंद के साथ किया जाता है।

मंगल चण्डिका स्तोत्र का पाठ बच्चों और परिवार की सुरक्षा के लिए किया जा सकता है?

हां, मंगल चण्डिका स्तोत्र (Mangal Chandika Stotra) का पाठ बच्चों और परिवार की सुरक्षा के लिए अच्छा होता है, क्योंकि इसमें मां दुर्गा की कृपा और सुरक्षा के लिए प्रार्थना होती है।

मंगल चण्डिका स्तोत्र किसको समर्पित है ?

मंगल चण्डिका स्तोत्र (Mangal Chandika Stotra) माँ दुर्गा की चंडिका रूप को समर्पित है।

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