लड्डू गोपाल की आरती (Laddu Gopal Ki Aarti) “आरती बालकृष्ण की कीजे” भगवान कृष्ण के बाल रूप को समर्पित एक आरती है , और इनके लिए विशेष आरतियां गाई जाती हैं। लड्डू गोपाल की आरती उनके भक्तों द्वारा प्रतिदिन की जाती है और उनके पूजा-अर्चना में इसका महत्वपूर्ण भाग होता है।
लड्डू गोपाल की आरती की भक्तों द्वारा विभिन्न रूपों में की जा सकती है, लेकिन एक सामान्य रूप में, आरती में लड्डू गोपाल की मूर्ति के सामने दिए जलाकर गाई जाती है, और भक्त इसके साथ गीत गाते हैं जो उनके प्रेम और भक्ति को व्यक्त करते हैं।
विषय सूची
Laddu Gopal Ki Aarti का वीडियो
आरती बालकृष्ण की कीजे ।
अपना जनम सफल करि लीजे ।।
श्री यशोदा का परम दुलारा ।
बाबा की अखियन का तारा ।।
गोपिन के प्राणन का प्यारा ।
इन पर प्राण निछावर कीजे ।।
आरती बालकृष्ण की कीजे ।
बलदाऊ का छोटा भैया।
कान्हा कहि कहि बोलत मैया ।।
परम मुदित मन लेत वलैया ।
यह छबि नैनन में भरि लीजे ।।
आरती बालकृष्ण की कीजे ।
श्री राधावर सुघर कन्हैया।
ब्रज जन का नवनीत खवैया।।
देखत ही मन नयन चुरैया ।
अपना सरबस इनको दीजे।।
आरती बालकृष्ण की कीजे।
तोतरि बोलनि मधुर सुहावे ।
सखन मधुर खेलत सुख पावे ।।
सोई सुकृति जो इनको ध्यावे।
अब इनको अपनो करि लीजे।।
आरती बालकृष्ण की कीजे ।
लड्डू गोपाल की आरती के लाभ (Laddu Gopal Ki Aarti Benefit):
लड्डू गोपाल की आरती भक्ति और आध्यात्मिकता की भावना को प्रकट करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक माध्यम होता है। यह आरती का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
- आंतरिक शांति और सुख:
लड्डू गोपाल की आरती का पाठ करने से आपकी आत्मा में शांति और सुख की भावना आती है। आरती के द्वारा आप अपने आंतरिक विकास की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। - भक्ति और प्रेम की भावना:
लड्डू गोपाल की आरती के पाठ से आप भगवान के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम की भावना को व्यक्त कर सकते हैं। - आध्यात्मिक उन्नति:
आरती के द्वारा आप अपने आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में प्रगति कर सकते हैं। यह आपको मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समृद्धि प्राप्त करने में मदद कर सकता है। - प्रार्थना की शक्ति:
आरती का पाठ करने से आपकी प्रार्थनाएँ भगवान के सामने पेश की जाती हैं और आपकी मनोकामनाएँ पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है। - आत्मा की शुद्धि:
लड्डू गोपाल की आरती के माध्यम से आप अपनी आत्मा की शुद्धि को प्राप्त कर सकते हैं। यह आपको अवगत कराता है कि आपकी आत्मा पवित्रता और सात्विकता की दिशा में कैसे बढ़ सकती है। - आत्मविश्वास और सकारात्मकता:
आरती का पाठ करने से आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और आपकी दैनिक जीवन में सकारात्मकता आती है।
लड्डू गोपाल की आरती का पाठ आपके मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक दृष्टिकोण से स्वास्थ्यपूर्ण और संतोषप्रद जीवन की दिशा में मदद कर सकता है।
Laddu Gopal Ki Aarti Pooja Vidhi (लड्डू गोपाल की आरती की पूजा विधि):
लड्डू गोपाल की आरती की पूजा विधि निम्नलिखित रूप से की जा सकती है:
सामग्री:
- लड्डू गोपाल की मूर्ति
- पूजा की थाली
- दीपक और दीपक की बत्ती
- आरती की थाली
- पुष्प (फूल)
- गुग्गुल, धूप
- अगरबत्ती
- कलश जल
- पांचमृत (दूध, दही, घी, शहद, शर्करा)
पूजा विधि:
- सबसे पहले अपने हाथ धोकर पूजा स्थल पर बैठें।
- लड्डू गोपाल की मूर्ति की ओर अपने मन में श्रद्धांजलि अर्पित करें।
- पूजा की थाली पर पूजा सामग्री रखें।
- दीपक को दीपक की बत्ती से जलाएं और उसे पूजा स्थल पर रखें।
- अगरबत्ती को जलाएं और धूप की बत्ती को जलाकर उसे पूजा स्थल पर रखें।
- पांचमृत की मिश्रण की थाली को लड्डू गोपाल की मूर्ति के सामने रखें।
- अब आरती की थाली को ले लें और उसमें पुष्प डालें।
- आरती की थाली को देवी के चक्कर में घुमाएं, आरती की आवृत्ति के साथ।
- इसके बाद आरती की थाली को लड्डू गोपाल की मूर्ति की दिशा में ले जाएं और उनके सामने घुमाएं।
- आरती गाने के दौरान आप अपने मन में भगवान की आराधना करें और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
- आरती के बाद प्रसाद को लड्डू गोपाल की मूर्ति के चारणों में रखें और फिर उसे सभी प्रेमी और भक्तों के बीच बांटें।
इस रूप में, आप लड्डू गोपाल की आरती की पूजा कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद का आनंद उठा सकते हैं। यदि आपके पास किसी पूजा पंडित की मार्गदर्शन या सहायता हो सकती है तो आप उनकी सलाह भी ले सकते हैं।
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Laddu Gopal Ki Aarti Pdf (लड्डू गोपाल की आरती पीडीएफ)
Laddu Gopal (लड्डू गोपाल) FAQ
लड्डू गोपाल कौन हैं?
लड्डू गोपाल भगवान कृष्ण के बचपन के रूप को प्रतिष्ठित करने वाली मूर्तियों को कहा जाता है। वे बचपनी लीलाओं में भगवान कृष्ण के रूप में पूजे जाते हैं।
लड्डू गोपाल की पूजा कैसे की जाती है?
लड्डू गोपाल की पूजा में आरती, पूजा, भजन और प्रसाद की विधियाँ शामिल होती हैं। पूजा के लिए मूर्ति को सजाकर आरती की जाती है और फिर प्रसाद बांटा जाता है।
लड्डू गोपाल का महत्व क्या है?
लड्डू गोपाल को बचपनी लीलाओं में भगवान कृष्ण के आदर्श प्रतिष्ठित किया जाता है और उनकी पूजा से विश्वासियों को आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
लड्डू गोपाल की मूर्तियाँ कहां मिलती हैं?
लड्डू गोपाल की मूर्तियाँ मंदिरों, पूजा दुकानों और आराधना केंद्रों में उपलब्ध होती हैं।
लड्डू गोपाल को कैसे पूजा जाता है?
लड्डू गोपाल की पूजा में मूर्ति को सजाकर, आरती करके, भजन गाकर और प्रसाद बांटकर उनकी आराधना की जाती है।
लड्डू गोपाल के स्वरूप क्या होते हैं?
लड्डू गोपाल के स्वरूप में वे बचपनी और खिलखिलाते रूप में दिखाए जाते हैं, जिनसे भगवान कृष्ण की खेलने की लीलाएँ याद आती हैं।
लड्डू गोपाल की पूजा क्यों की जाती है?
लड्डू गोपाल की पूजा से आध्यात्मिक संबंध बनता है, और इसके माध्यम से श्रद्धा, प्रेम और भक्ति की भावना व्यक्त होती है।
लड्डू गोपाल के पूजा समय क्या होता है?
लड्डू गोपाल की पूजा सुबह या शाम की आरती के समय की जा सकती है। यह आपकी पसंद और आराध्य की विशेषताओं पर निर्भर करता है।
लड्डू गोपाल की पूजा में क्या खास बातें होती हैं?
लड्डू गोपाल की पूजा में उनके बचपनी और प्रेमपूर्ण रूप की खास आराधना होती है, जो उनकी दिव्य लीलाओं को याद दिलाती है।
लड्डू गोपाल की पूजा कैसे शुरू करें?
लड्डू गोपाल की पूजा को आदरपूर्वक और श्रद्धापूर्वक शुरू करें, मूर्ति को सजाकर, आरती करके और प्रसाद बांटकर।
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इस पोस्ट में लिखी गयी सारी जानकारियां धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है, कृपया इसे विशेषग्य की सलाह न समझे एवं poojaaarti.com किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है और किसी भी आरती, भजन या कथा को करवाने की विधियों के लिए अपने नजदीकी विशेषग्य की राय ले।
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