शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram) एक संस्कृत स्तोत्रम् है, जिसमें भगवान शिव के तांडव नृत्य का वर्णन है। और इसे शिव के सबसे शक्तिशाली स्तोत्रों में से एक माना जाता है।
विषय सूची
शिव तांडव स्तोत्रम् वीडियो (Shiv Tandav Stotram Video)
शिव तांडव स्तोत्रम् लिरिक्स हिंदी में (Shiv Tandav Stotram Lyrics in Hindi)
जटाओ से है जिनके जल प्रवाह मात गंग का,
गले में जिन के सज रहा है हार विष भुजंग का
डमड्ड मड्ड मड्ड डमरु कह रहा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
सजल लहर भी हो गयी चपल चपल ललाट पर
धधक रहा है स्वर्ण सा अनल सकल ललाट पर
ललाट से ही अर्ध चंद्र कह उठा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
जो नंन्दनी के वंदनीय,नंन्दनी स्वरूप है,
वे तीन लोक के पिता,स्वरूप एक रूप है
क्रपालू ऐसे है के चित्त जप रहा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
समस्त प्राणियों में उनकी ही कृपाएं बह रही
भुजंग देवता के शीर्ष मणि प्रभाएँ कह रही
दशा दशा शिवः शिवम् दिशा दिशा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
वे देव देवताओं के अनादि से गढ़े हुए
समक्ष उनके धूल पुष्प शीर्ष पर चढ़े हुए
विभिन्न कामनाओ के है सम्पदा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
जो इंद्रा देवता के भी घमंड का दमन करें
जो कामदेव की समस्त कामना दहन करें
वही समस्त सिद्धियां वही महा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
विशाल भाल पट्टिका पे अग्नि वे जलाए हैं
वे भष्म काम देवता के शीर्ष पर लगाए हैं
है नंदनी के रुप की तरल छटा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
नविन श्याम मेघ कंठ पर सवार घर चले
वही तो बाल चंद्र नाग गंग शीश धर चले
सकल जगत का भार भी चले उठा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
है नील कंठ सौम्य नील पंकजा समान है,
मनुष्य क्या वे देवता के दंड का विधान है
समक्ष उनके काल स्वयं भज रहा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
सदैव सर्व मंगला,कला के शीर्ष देवता
वही विनाश काल है,वही जनक जनन सदा
नमन कृतज्ञ,प्राण यह जपे सदा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
प्रचंड ताण्डवः प्रभः स्वयं विलीन देख कर
की नित्य देवता को नृत्य में प्रलीन देख कर
मृदंग मुग्ध भावना से कह उठा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
समक्ष उनके देव जन का एक ही विधान है
समग्रता में उनकी दृष्टि उनकी एक ही समान है
नमन नमन समानता के देवता शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
है मात्र एक कामना है मात्र एक वंदना
उन्ही के दर्शनों से पूर्ण हो सभी उपासना
न जाने कब करेंगे हम पे यह कृपा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
चरण को जिनके अप्सराओं के पराग चूमते
शरण में जिनके इंद्रालोक और देव झूमते
अनादि से उमंग की परमरा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
प्रचंड अग्नि से समस्त पाप कर्म भष्म कर
महान अष्ट सिद्धि से सभी अधर्म भष्म कर
विजय के मूल मन्त्र की है साधना शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
वही अघोर नाथ है उन्ही से पूर्ण शुद्धता
निहित उनके जाप में मनुष्यता विशुद्धता
समस्त मोह नाश के हैं देवता शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
पूजा वसान ध्यान से करे जो पाठ स्तोत्र का
मुकुट बने वही मनुज परम विशिष्ट गोत्र का
उसी को देते है समस्त सम्पदा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
वे शेष है,अशेष है,प्रशेष है,विशेष है
जो उनको जैसा धार ले वो उसके जैसा वेष है
वे नेत्र सूर्य देवता का चंद्रमा का भाल है,
विलय भी वे प्रलय भी वे,अकाल,महाकाल है
उसी के नाथ हो गये,जो उनके साथ हो लिया,
वही के हो गये है वे जहाँ सुना शिवः शिवम्
डमड्ड मड्ड मड्ड डमरु कह रहा शिवः शिवम्,
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
तरल,अनल,गगन,पवन,धरा धरा शिवः शिवम्
हर हर महादेव
शिव तांडव स्तोत्रम् लिरिक्स अंग्रेजी में (Shiv Tandav Stotram Lyrics In English)
Jaṭaao se hai jinake jal pravaah maat gang kaa,
Gale men jin ke saj rahaa hai haar vish bhujang kaa
Ḍamaḍḍ maḍḍ maḍḍ ḍamaru kah rahaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Sajal lahar bhii ho gayii chapal chapal lalaaṭ para
Dhadhak rahaa hai svarṇ saa anal sakal lalaaṭ par
Lalaaṭ se hii ardh chandr kah uṭhaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Jo nanndanii ke vandaniiy,nanndanii svaruup hai,
Ve tiin lok ke pitaa,svaruup ek ruup hai
Krapaaluu aise hai ke chitt jap rahaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Samast praaṇiyon men unakii hii kṛpaaen bah rahii
Bhujang devataa ke shiirsh maṇi prabhaaen kah rahii
Dashaa dashaa shivah shivam dishaa dishaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Ve dev devataaon ke anaadi se gadhe hue
Samaksh unake dhuul pushp shiirsh par chadhe hue
Vibhinn kaamanaao ke hai sampadaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Jo indraa devataa ke bhii ghamanḍ kaa daman karen
Jo kaamadev kii samast kaamanaa dahan karen
Vahii samast siddhiyaan vahii mahaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Vishaal bhaal paṭṭikaa pe agni ve jalaae hain
Ve bhashm kaam devataa ke shiirsh par lagaae hain
Hai nandanii ke rup kii taral chhaṭaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Navin shyaam megh kanṭh par savaar ghar chale
Vahii to baal chandr naag gang shiish dhar chale
Sakal jagat kaa bhaar bhii chale uṭhaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Hai niil kanṭh sowmy niil pankajaa samaan hai,
Manushy kyaa ve devataa ke danḍ kaa vidhaan hai
Samaksh unake kaal svayam bhaj rahaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Sadaiv sarv mangalaa,kalaa ke shiirsh devataa
Vahii vinaash kaal hai,vahii janak janan sadaa
Naman kṛtajñ,praaṇ yah jape sadaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Prachanḍ taaṇḍavah prabhah svayam viliin dekh kar
Kii nity devataa ko nṛty men praliin dekh kara
Mṛdang mugdh bhaavanaa se kah uṭhaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Samaksh unake dev jan kaa ek hii vidhaan hai
Samagrataa men unakii dṛshṭi unakii ek hii samaan hai
Naman naman samaanataa ke devataa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Hai maatr ek kaamanaa hai maatr ek vandanaa
Unhii ke darshanon se puurṇ ho sabhii upaasanaa
N jaane kab karenge ham pe yah kṛpaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Charaṇ ko jinake apsaraaon ke paraag chuumate
Sharaṇ men jinake indraalok owr dev jhuumate
Anaadi se umang kii paramaraa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Prachanḍ agni se samast paap karm bhashm kar
Mahaan ashṭ siddhi se sabhii adharm bhashm kara
Vijay ke muul mantr kii hai saadhanaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Vahii aghor naath hai unhii se puurṇ shuddhataa
Nihit unake jaap men manushyataa vishuddhataa
Samast moh naash ke hain devataa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Puujaa vasaan dhyaan se kare jo paaṭh stotr kaa
Mukuṭ bane vahii manuj param vishishṭ gotr kaa
Usii ko dete hai samast sampadaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Ve shesh hai,ashesh hai,prashesh hai,vishesh hai
Jo unako jaisaa dhaar le vo usake jaisaa vesh hai
Ve netr suury devataa kaa chandramaa kaa bhaal hai,
Vilay bhii ve pralay bhii ve,akaal,mahaakaal hai
Usii ke naath ho gaye,jo unake saath ho liyaa,
Vahii ke ho gaye hai ve jahaan sunaa shivah shivam
Ḍamaḍḍ maḍḍ maḍḍ ḍamaru kah rahaa shivah shivam,
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Taral,anal,gagan,pavan,dharaa dharaa shivah shivam
Har har mahaadeva
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शिव तांडव स्तोत्रम् लिरिक्स पीडीएफ (Shiv Tandav Stotram Lyrics PDF)
शिव तांडव स्तोत्रम् से जुड़े कुछ प्रश्न (Shiv Tandav Stotram FAQ)
शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram) के रचयिता कौन हैं?
शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram) रावण द्वारा रचित माना जाता है।
शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram) में क्या वर्णन किया गया है?
उत्तर: शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram) में भगवान शिव के तांडव नृत्य के भयानक और विनाशकारी रूप का वर्णन किया गया है। यह नृत्य ब्रह्मांड को नष्ट करने और फिर से बनाने का प्रतीक है। स्तोत्रम् में भगवान शिव की शक्ति, महानता और सौंदर्य का भी वर्णन किया गया है।
शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram) का जाप क्यों किया जाता है?
उत्तर: शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram)को अक्सर शिव भक्तों द्वारा ध्यान लगाने और शिव की शक्ति का आह्वान करने के लिए जपा जाता है। यह स्तोत्रम् शिव के भक्तों को भय से मुक्ति और शक्ति प्राप्त करने में मदद करता है।
शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram) का जाप कैसे करें?
उत्तर: शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram) का जाप श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए। आप इसे किसी शिव मंदिर में या अपने घर पर भी जप सकते हैं। जाप करते समय आप बैठकर या खड़े होकर जप सकते हैं। आप अपने हाथों को प्रार्थना मुद्रा में रख सकते हैं या माला का प्रयोग कर सकते हैं।
शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram)का जाप करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर: शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram)का जाप करने के कई लाभ हैं,
शिव की कृपा प्राप्त होती है।
भय से मुक्ति मिलती है।
शक्ति और साहस प्राप्त होता है।
मन शांत होता है और बुद्धि तीक्ष्ण होती है।
नकारात्मक विचार दूर होते हैं और सकारात्मकता आती है।
जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram) किसको समर्पित है ?
शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram) भगवान शिव को समर्पित है |
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रेखा डनसेना इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर है और poojaaarti.com के मंदिर , त्यौहार और चालीसा के पोस्ट के अध्ययन और लेख में हमारा सहयोग करती है।