भोग लगाने का मंत्र (Bhog Lgane Ka Mantra)

भोग लगाने का मंत्र (Bhog Lgane Ka Mantra) एक संस्कृत मंत्र है जिसका उपयोग भगवान को भोग लगाने के समय किया जाता है यह मंत्र भगवान को समर्पण का प्रतीक है। यह एक ऐसा तरीका है जिससे हम अपने आराध्य देव को अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करते हैं। भोग लगाने के मंत्र का उच्चारण करते समय, हमारा मन पूरी तरह से भगवान में केंद्रित होना चाहिए। हमें यह विश्वास होना चाहिए कि भगवान हमारे द्वारा अर्पित भोग को स्वीकार करेंगे और हम पर प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद देंगे।

भोग लगाने का मंत्र (Bhog Lgane Ka Mantra)

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। 

गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

भोग लगाने का मंत्र अंग्रेजी में (Bhog Lgane Ka Mantra In English)

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Tvadiyam Vastu Govind Tubhyamev Samarpaye. 

Gṛhaaṇ Sammukho Bhutvaa Prasid Parameshvara ..

भोग लगाने का मंत्र का अर्थ (Meaning Of Bhog Lgane Ka Mantra)

हे भगवान गोविन्द, यह तुम्हारी वस्तु है। मैं इसे तुम्हें समर्पित करता हूँ। कृपया मेरे सामने स्वीकार करो और प्रसन्न रहो।

भोग लगाने का मंत्र वीडियो (Bhog Lgane Ka Mantra Video)

भोग लगाने का मंत्र की विधि (Bhog Lgane Ka Mantra ki vidhi)

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सर्वप्रथम हमें अपने आराध्य देव की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठना चाहिए।

हाथों को धो लें और एक साफ थाली में भोग तैयार करें।

भोग को भगवान की मूर्ति या तस्वीर के सामने रखें।

आपने दोनों हाथों को जोड़कर, भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करें।

भोग लगाने के मंत्र का उच्चारण करें।

भोग को भगवान के सामने अर्पित करें।

आपने दोनों हाथो को जोड़ कर भगवान से प्रार्थना करें कि वे आपके द्वारा अर्पित भोग को स्वीकार करें और आपको आशीर्वाद दें।

भोग मंत्र का उच्चारण करते समय इन बातों का ध्यान रखें-

मंत्र का उच्चारण स्पष्ट होना चाहिए।

मंत्र का उच्चारण करते समय, मन में भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखें।

भोग शुद्ध और ताजा होना चाहिए।

भोग लगाने का मंत्र का लाभ (Bhog Lgane Ka Mantra Benefit)

मन की शांति और स्थिरता:
जब हम भोग लगाने के मंत्र का उच्चारण करते हैं, तो हमारा मन पूरी तरह से भगवान में केंद्रित होता है। जिससे हमारे मन में शांति और स्थिरता आती है।


भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति में वृद्धि
:
भोग लगाने का मंत्र हमारे आराध्य देव के प्रति हमारी श्रद्धा और भक्ति को बढ़ाने में मदद करता है यह मंत्र हमें भगवान के प्रति अपनी समर्पण की भावना व्यक्त करने का एक तरीका प्रदान करता है। जब हम भोग लगाने के मंत्र का उच्चारण करते हैं, तो हम भगवान को यह बता रहे होते हैं कि हम उन्हें अपना सब कुछ समर्पित करते हैं। इससे हमारे मन में भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति बढ़ती है।

आध्यात्मिक उन्नति:
भोग लगाने का मंत्र हमें आध्यात्मिक उन्नति में मदद करता है जब हम भोग लगाने के मंत्र का उच्चारण करते हैं, तो हम भगवान के साथ अपनी आत्मा को जोड़ रहे होते हैं। इससे हमें आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ने में मदद मिलती है।

 आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद:
जब हम भगवान को भोग लगाते है तब हम इस मंत्र का जाप करते है जिससे भगवान प्रसन्न होकर हमें अपना आशीर्वाद देते करते है।

जीवन में सफलता:
भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करने से भगवान की कृपा हम पर बानी रहती है जिससे हमें जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

भोग लगाने का मंत्र पीडीएफ (Bhog Lgane Ka Mantra PDF)


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भोग लगाने का मंत्र से जुड़े कुछ प्रश्न (Bhog Lgane Ka Mantra FAQ)

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भोग लगाने का मंत्र (Bhog Lgane Ka Mantra) उच्चारण करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

मंत्र का उच्चारण स्पष्ट होना चाहिए।मंत्र का उच्चारण करते समय, मन में भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखनी चाहिए।भोग शुद्ध और ताजा होना चाहिए।

भोग लगाने का मंत्र (Bhog Lgane Ka Mantra) का उपयोग करते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए?

भोग लगाने का मंत्र का उपयोग करते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।भोग लगाने से पहले अपने हाथों को धो लेने चाहिए।भोग शुद्ध और ताजा होना चाहिए।भोग लगाते समय मन में भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखनी चाहिए।भोग लगाने के मंत्र का उच्चारण स्पष्ट करना चाहिए।

भोग लगाने का मंत्र (Bhog Lgane Ka Mantra) का जाप किसके लिए किया जा सकता है?

भोग लगाने का मंत्र जाप किसी भी देवी-देवता के लिए किया जा सकता है।

भोग लगाने के मंत्र (Bhog Lgane Ka Mantra) का उच्चारण किस समय करना चाहिए?

भोग लगाने के मंत्र का उच्चारण भगवान को भोग लगाने के समय किया जाना चाहिए। पूजा के दौरान भोग लगाने का मंत्र उच्चारण करना सबसे अच्छा माना जाता है।

भोग लगाने के मंत्र (Bhog Lgane Ka Mantra) का उच्चारण करने के बाद क्या करना चाहिए?

भोग लगाने के मंत्र का उच्चारण करने के बाद, भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए। कि वे आपके द्वारा अर्पित भोग को स्वीकार करें और आपको आशीर्वाद दें।

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Updated on May 11, 2024

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