नवरात्रि हवन मंत्र (Nawratri Havan Mantra)

नवरात्रि हवन मंत्र (Nawratri Havan Mantra) नवरात्रि के दौरान हवन के समय उच्चारण में प्रयोग किये जाते है। इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए अग्नि में हवन सामग्री डाली जाती है। माना जाता है कि इससे अग्नि देवता, गणेश जी, गौरी देवी, नवग्रह और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।नवरात्रि के नवमी तिथि को हवन करके पूजा का समापन किया जाता है। इससे मन को शांति घर शुद्ध व सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

नवरात्रि हवन मंत्र (Nawratri Havan Mantra)

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः

नवरात्रि हवन मंत्र का अर्थ ( Meaning for Nawratri Havan Mantra)

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः ‘मंत्र का अर्थ है “हे चामुण्डा देवी, मैं आपको नमस्कार करता हूं।”एक शक्तिशाली मंत्र है जो देवी दुर्गा को समर्पित है। यह मंत्र देवी दुर्गा की शक्ति और कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। माना जाता है कि इस मंत्र का नियमित रूप से जप करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सफलता आती है।इस मंत्र का उपयोग हवन के प्रारंभ में किया जाता है। इसे 11 , 21 ,51 या 108 बार जाप करके आहुति दिया जाता है।

नवरात्रि हवन मंत्र के अक्षरों का अर्थ –

ऊं – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक

ऐं – ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक

ह्रीं – शक्ति और ऐश्वर्य का प्रतीक

क्लीं – माया और मोह का प्रतीक

चामुण्डयै – देवी दुर्गा का एक उग्र रूप

विच्चै – विनाश और संहार का प्रतीक

नमः – नमस्कार

नवरात्रि हवन मंत्र का वीडियो (Nawratri Havan Mantra Video)

नवरात्रि हवन के अन्य मंत्र ( Other Nawratri Havan Mantra)

आग्नेय नम: स्वाहा –
“हे अग्नि देवता, आपको नमस्कार।” यह मंत्र अग्नि देवता को समर्पित है। अग्नि देवता को देवताओं का दूत माना जाता है। वे देवताओं से मनुष्यों तक और मनुष्यों से देवताओं तक संदेश पहुंचाते हैं। अग्नि देवता को हवन के लिए भी आवश्यक माना जाता है।

गणेशाय नम: स्वाहा –
“हे गणेश जी, आपको नमस्कार।” यह मंत्र गणेश जी को समर्पित है। गणेश जी को बुद्धि और ज्ञान के देवता माना जाता है। वे सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक माने जाते हैं।

गौरियाय नम: स्वाहा –
“हे गौरी देवी, आपको नमस्कार।” यह मंत्र गौरी देवी को समर्पित है। गौरी देवी को मां दुर्गा का एक रूप माना जाता है। वे शुभता, मंगल और सुख-समृद्धि की देवी हैं।

नवग्रहाय नम: स्वाहा –
“हे नवग्रहों, आपको नमस्कार।” यह मंत्र नवग्रहों को समर्पित है। नवग्रहों को ज्योतिष में बहुत महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि नवग्रहों की स्थिति से मनुष्य के जीवन पर प्रभाव पड़ता है।

दुर्गाय नम: स्वाहा –
“हे मां दुर्गा, आपको नमस्कार।” यह मंत्र मां दुर्गा को समर्पित है। मां दुर्गा को शक्ति और भक्ति की देवी माना जाता है। वे सभी प्रकार के कष्टों और बाधाओं को दूर करने वाली देवी हैं।

इन मंत्रों के अलावा नवरात्रि के हवन में इन मंत्रों का भी जाप किया जा सकता है –

महाकालिकाय नम: स्वाहा – यह मंत्र महाकाली देवी को समर्पित है।

हनुमते नम: स्वाहा – यह मंत्र हनुमान जी को समर्पित है।

भैरवाय नम: स्वाहा – यह मंत्र भैरव जी को समर्पित है।

कुल देवताय नम: स्वाहा – यह मंत्र कुल देवता को समर्पित है।

स्थान देवताय नम: स्वाहा – यह मंत्र स्थान देवता को समर्पित है।

नवरात्रि हवन मंत्र करने की विधि व सामग्री (Nawratri Havan Mantra )

सामग्री

  • हवन कुंड
  • आम की लकड़ियां
  • रूई
  • घी
  • हवन सामग्री (जैसे कि धान, जौ, तिल, चावल, फूल, मेवा, आदि)

विधि

  1. सबसे पहले, हवन कुंड को साफ किया जाता है उसके उपे आम की लकड़िया रखी जाती है।
  2. रुई को घी से डूबकर लकड़ी के ऊपर रखा जाता है।
  3. इसके बाद, कपूर से हवनकुंड की अग्नि प्रज्जवलित किया जाता है।
  4. अब, हवन सामग्री को हवन मंत्रों का उच्चारण करते हुए अग्नि में आहुति दें।
Nawratri Havan Mantra Image English

हवन करते समय इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है –

  • हवन के मंत्रों का उच्चारण धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से करना चाहिए।
  • मंत्रों का उच्चारण करते समय मन में एकाग्रता बनाये रखना चाहिए।
  • मंत्रों का उच्चारण करते समय मन को पवित्र रखना चाहिए।

नवरात्रि हवन मंत्र के लाभ (Nawratri Havan Mantra Benefit)

  • नवरात्रि हवन करने से मां दुर्गा, नवग्रह और अन्य देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • नवरात्रि हवन करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  • नवरात्रि हवन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • नवरात्रि हवन करने से बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
  • नवरात्रि हवन से मन को शांति तथा एकाग्रता में वृद्धि होती है।

यह मंत्र भी देखे


नवरात्रि हवन मंत्र से सबंधित प्रश्न (Nawratri Havan Mantra FAQ)

हवन क्या है?

हवन एक प्राचीन भारतीय अनुष्ठान है जिसमें अग्नि में हवन सामग्री डाली जाती है। हवन को यज्ञ या होम भी कहा जाता है। हवन को एक पवित्र अनुष्ठान माना जाता है जो मनुष्य को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से लाभ प्रदान करता है।

नवरात्रि हवन मंत्र (Nawratri Havan Mantra) क्या है?

नवरात्रि हवन मंत्र उन मंत्रों को कहते हैं जो नवरात्रि के दौरान हवन के समय उच्चारित किए जाते हैं। इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए अग्नि में हवन सामग्री डाली जाती है। माना जाता है कि इससे अग्नि देवता, गणेश जी, गौरी देवी, नवग्रह और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

हवन के लाभ क्या हैं?

देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मन की शांति और एकाग्रता बढ़ती है।
कामनाएं पूर्ण होती हैं।
शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

हवन में कौन-सी सामग्री प्रयोग में लायी जाती है?

लकड़ी: आम, पीपल, अशोक, बेल, नीम, आदि
घी: शुद्ध घी
हवन सामग्री: चावल, जौ, तिल, गेहूं, फूल, मेवा, आदि
इत्र: अगरबत्ती, धूप, आदि

हवन क्यों किया जाता है?

देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए
कामनाओं की पूर्ति के लिए
शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए
धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए
वातावरण को शुद्ध करने के लिए
रोगाणु और विषाणुओं को नष्ट करने के लिए
मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
तनाव और चिंता को कम करने के लिए
मनुष्य में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए

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