बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra)


बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) एक हिंदू स्तोत्र है जो भगवान बटुक भैरव की स्तुति करता है। वे एक बालक के रूप में चित्रित किए जाते हैं, उनके हाथों में त्रिशूल, खड्ग और डमरू धारण किये हुए होते है। वे सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए जाने जाते हैं।

बटुक भैरव स्तोत्र लिरिक्स (Batuk Bhairav Stotra Lyrics)

श्री बटुक-भैरव-अष्टोत्तर-शत-नाम-स्तोत्र
ध्यान

वन्दे बालं स्फटिक-सदृशम्, कुन्तलोल्लासि-वक्त्रम्।
दिव्याकल्पैर्नव-मणि-मयैः, किंकिणी-नूपुराढ्यैः।।
दीप्ताकारं विशद-वदनं, सुप्रसन्नं त्रि-नेत्रम्।
हस्ताब्जाभ्यां बटुकमनिशं, शूल-दण्डौ दधानम्।।

मूल-स्तोत्र
ॐ भैरवो भूत-नाथश्च, भूतात्मा भूत-भावनः।
क्षेत्रज्ञः क्षेत्र-पालश्च, क्षेत्रदः क्षत्रियो विराट्।।१

श्मशान-वासी मांसाशी, खर्पराशी स्मरान्त-कृत्।
रक्तपः पानपः सिद्धः, सिद्धिदः सिद्धि-सेवितः।।२

कंकालः कालः-शमनः, कला-काष्ठा-तनुः कविः।
त्रि-नेत्रो बहु-नेत्रश्च, तथा पिंगल-लोचनः।।३

शूल-पाणिः खड्ग-पाणिः, कंकाली धूम्र-लोचनः।
अभीरुर्भैरवी-नाथो, भूतपो योगिनी-पतिः।।४

धनदोऽधन-हारी च, धन-वान् प्रतिभागवान्।
नागहारो नागकेशो, व्योमकेशः कपाल-भृत्।।५

कालः कपालमाली च, कमनीयः कलानिधिः।
त्रि-नेत्रो ज्वलन्नेत्रस्त्रि-शिखी च त्रि-लोक-भृत्।।६

त्रिवृत्त-तनयो डिम्भः शान्तः शान्त-जन-प्रिय।
बटुको बटु-वेषश्च, खट्वांग-वर-धारकः।।७

भूताध्यक्षः पशुपतिर्भिक्षुकः परिचारकः।
धूर्तो दिगम्बरः शौरिर्हरिणः पाण्डु-लोचनः।।८

प्रशान्तः शान्तिदः शुद्धः शंकर-प्रिय-बान्धवः।
अष्ट-मूर्तिर्निधीशश्च, ज्ञान-चक्षुस्तपो-मयः।।९

अष्टाधारः षडाधारः, सर्प-युक्तः शिखी-सखः।
भूधरो भूधराधीशो, भूपतिर्भूधरात्मजः ।।१०

कपाल-धारी मुण्डी च, नाग-यज्ञोपवीत-वान्।
जृम्भणो मोहनः स्तम्भी, मारणः क्षोभणस्तथा ।।११

शुद्द-नीलाञ्जन-प्रख्य-देहः मुण्ड-विभूषणः।
बलि-भुग्बलि-भुङ्-नाथो, बालोबाल-पराक्रम ।।१२
सर्वापत्-तारणो दुर्गो, दुष्ट-भूत-निषेवितः।
कामीकला-निधिःकान्तः, कामिनी-वश-कृद्वशी ।।१३

जगद्-रक्षा-करोऽनन्तो, माया-मन्त्रौषधी-मयः।
सर्व-सिद्धि-प्रदो वैद्यः, प्रभ-विष्णुरितीव हि ।।१४

।।फल-श्रुति।।
अष्टोत्तर-शतं नाम्नां, भैरवस्य महात्मनः।
मया ते कथितं देवि, रहस्य सर्व-कामदम् ।।१५

य इदं पठते स्तोत्रं, नामाष्ट-शतमुत्तमम्।
न तस्य दुरितं किञ्चिन्न च भूत-भयं तथा ।।१६

न शत्रुभ्यो भयं किञ्चित्, प्राप्नुयान्मानवः क्वचिद्।
पातकेभ्यो भयं नैव, पठेत् स्तोत्रमतः सुधीः ।।१७

मारी-भये राज-भये, तथा चौराग्निजे भये।
औत्पातिके भये चैव, तथा दुःस्वप्नजे भये ।।१८

बन्धने च महाघोरे, पठेत् स्तोत्रमनन्य-धीः।
सर्वं प्रशममायाति, भयं भैरव-कीर्तनात्।।१९||

।।क्षमा-प्रार्थना।।
आवाहनङ न जानामि, न जानामि विसर्जनम्।
पूजा-कर्म न जानामि, क्षमस्व परमेश्वर।।
मन्त्र-हीनं क्रिया-हीनं, भक्ति-हीनं सुरेश्वर।
मया यत्-पूजितं देव परिपूर्णं तदस्तु मे।।

बटुक भैरव स्तोत्र लिरिक्स अंग्रेजी में (Batuk Bhairav Stotra Lyrics In English)

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shrii baṭuk-bhairav-ashṭottar-shat-naam-stotr
dhyaan

vande baalam sphaṭik-sadṛsham, kuntalollaasi-vaktram.
divyaakalpairnav-maṇi-mayaiah, kinkiṇii-nuupuraaḍhyaiah..
diiptaakaaram vishad-vadanam, suprasannam tri-netram.
hastaabjaabhyaan baṭukamanisham, shuul-daṇḍow dadhaanam..

muul-stotr
om bhairavo bhuut-naathashch, bhuutaatmaa bhuut-bhaavanah.
kshetrajñah kshetr-paalashch, kshetradah kshatriyo viraaṭ..१

shmashaan-vaasii maansaashii, kharparaashii smaraant-kṛt.
raktapah paanapah siddhah, siddhidah siddhi-sevitah..२

kankaalah kaalah-shamanah, kalaa-kaashṭhaa-tanuah kaviah.
tri-netro bahu-netrashch, tathaa pingal-lochanah..३

shuul-paaṇiah khaḍg-paaṇiah, kankaalii dhuumr-lochanah.
abhiirurbhairavii-naatho, bhuutapo yoginii-patiah..४

dhanadoऽdhan-haarii ch, dhan-vaan pratibhaagavaan.
naagahaaro naagakesho, vyomakeshah kapaal-bhṛt..५

kaalah kapaalamaalii ch, kamaniiyah kalaanidhiah.
tri-netro jvalannetrastri-shikhii ch tri-lok-bhṛt..६

trivṛtt-tanayo ḍimbhah shaantah shaant-jan-priya.
baṭuko baṭu-veshashch, khaṭvaang-var-dhaarakah..७

bhuutaadhyakshah pashupatirbhikshukah parichaarakah.
dhuurto digambarah showrirhariṇah paaṇḍu-lochanah..८

prashaantah shaantidah shuddhah shankar-priy-baandhavah.
ashṭ-muurtirnidhiishashch, jñaan-chakshustapo-mayah..९

ashṭaadhaarah shaḍaadhaarah, sarp-yuktah shikhii-sakhah.
bhuudharo bhuudharaadhiisho, bhuupatirbhuudharaatmajah ..१०

kapaal-dhaarii muṇḍii ch, naag-yajñopaviit-vaan.
jṛmbhaṇo mohanah stambhii, maaraṇah kshobhaṇastathaa ..११

shudd-niilaañjan-prakhy-dehah muṇḍ-vibhuushaṇah.
bali-bhugbali-bhuṅ-naatho, baalobaal-paraakram ..१२
sarvaapat-taaraṇo durgo, dushṭ-bhuut-nishevitah.
kaamiikalaa-nidhiahkaantah, kaaminii-vash-kṛdvashii ..१३

jagad-rakshaa-karoऽnanto, maayaa-mantrowshadhii-mayah.
sarv-siddhi-prado vaidyah, prabh-vishṇuritiiv hi ..१४

..phal-shruti..
ashṭottar-shatam naamnaan, bhairavasy mahaatmanah.
mayaa te kathitam devi, rahasy sarv-kaamadam ..१५

y idam paṭhate stotram, naamaashṭ-shatamuttamam.
n tasy duritam kiñchinn ch bhuut-bhayam tathaa ..१६

n shatrubhyo bhayam kiñchit, praapnuyaanmaanavah kvachid.
paatakebhyo bhayam naiv, paṭhet stotramatah sudhiiah ..१७

maarii-bhaye raaj-bhaye, tathaa chowraagnije bhaye.
owtpaatike bhaye chaiv, tathaa duahsvapnaje bhaye ..१८

bandhane ch mahaaghore, paṭhet stotramanany-dhiiah.
sarvam prashamamaayaati, bhayam bhairav-kiirtanaat..१९..

..kshamaa-praarthanaa..
aavaahanaṅ n jaanaami, n jaanaami visarjanam.
puujaa-karm n jaanaami, kshamasv parameshvara..
mantr-hiinam kriyaa-hiinam, bhakti-hiinam sureshvara.
mayaa yat-puujitam dev paripuurṇam tadastu me..


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बटुक भैरव स्तोत्र वीडियो (Batuk Bhairav Stotra Video)

बटुक भैरव स्तोत्र विधि (Batuk Bhairav Stotra Vidhi)

  • सबसे पहले, एक साफ और शांत स्थान पर बैठ जाएं।
  • अपने सामने भगवान बटुक भैरव की तस्वीर या मूर्ति रखें।
  • बटुक भैरव के मूर्ति या तस्वीर के सामने सरसो तेल का दिया जलाना चाहिए।
  • इस स्तोत्र का जाप दक्षिण दिशा की ओर मुख करके करे।
  • बटुक भैरव स्तोत्र का जाप रात में ही किया जाना चाहिए।
  • अब, अपने हाथों को जोड़कर भगवान बटुक भैरव का ध्यान करें और उनसे कृपा मांगें।
  • स्तोत्र का पाठ मन को एकाग्र करके करना चाहिएऔर भगवान बटुक भैरव की आराधना करनी चाहिए।
  • यह स्तोत्र का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है।

बटुक भैरव स्तोत्र लाभ (Batuk Bhairav Stotra Benefit)

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  • बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का पाठ करने से भक्तों को अपने जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने में मदद मिलती है।
  • बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का पाठ करने से भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं।
  • बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का पाठ करने से भक्तों के शत्रुओं का नाश होता है और उन्हें शत्रुओं से छुटकारा मिलता है।
  • बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का पाठ करने से भक्तों को धन-धान्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
  • बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का पाठ करने से भक्तों को आरोग्य और दीर्घायु प्राप्त होती है।

बटुक भैरव स्तोत्र PDF

बटुक भैरव स्तोत्र FAQ

बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का पाठ आप कितनी बार करना चाहते हैं, यह आप पर निर्भर करता है। आप रोजाना एक बार या फिर सप्ताह में एक बार भी पाठ कर सकते हैं। यदि आप अपने जीवन में किसी विशेष लाभ की इच्छा रखते हैं, तो आप उस विशेष इच्छा के लिए स्तोत्र का पाठ अधिक बार कर सकते हैं।

बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करने का सबसे अच्छा समय क्या है?

बटुक भैरव स्तोत्र (Batuk Bhairav Stotra) का पाठ करने का सबसे अच्छा समय शनिवार या भैरव अष्टमी का दिन है। इन दिनों स्तोत्र का पाठ करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।

बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

स्तोत्र का पाठ करते समय, अपने मन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावनाओं को नहीं आने देना चाहिए।
स्तोत्र का पाठ करते समय, अपने मन को एकाग्र रखें और भगवान बटुक भैरव की आराधना करनी चाहिए।
यदि आप स्तोत्र का पाठ पहली बार कर रहे हैं, तो आप किसी अनुभवी व्यक्ति से मार्गदर्शन लिया जा सकता है।

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Updated on May 11, 2024

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