बृहस्पति स्तोत्र (Brihaspati Stotra)

बृहस्पति स्तोत्र (Brihaspati Stotra) नवग्रहो में से एक बृहस्पति (गुरु) को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है। इस स्तोत्र का पाठ गुरुवार के दिन किया जाता है। बृहस्पति को एक शुभ देवता और ग्रह के रूप में जाना जाता है। जिसकी जन्म कुंडली में गुरु की स्तिथि अच्छी नहीं है वे इस स्तोत्र का पाठ करके गुरु की स्थिति में सुधार ला सकते है।

बृहस्पति स्तोत्र लिरिक्स (Brihaspati Stotra Lyrics)

गुरुर्बुहस्पतिर्जीवः सुराचार्यो विदांवरः।
वागीशो धिषणो दीर्घश्मश्रुः पीताम्बरो युवा।।

सुधादृष्टिः ग्रहाधीशो ग्रहपीडापहारकः।
दयाकरः सौम्य मूर्तिः सुराज़: कुङ्कमद्युतिः।।

लोकपूज्यो लोकगुरुर्नीतिज्ञो नीतिकारकः।
तारापतिश्चअङ्गिरसो वेद वैद्य पितामहः।।

भक्तया वृहस्पतिस्मृत्वा नामानि एतानि यः पठेत्।
आरोगी बलवान् श्रीमान् पुत्रवान् स भवेन्नरः।।

जीवेद् वर्षशतं मर्त्यः पापं नश्यति तत्क्षणात्।
यः पूजयेद् गुरु दिने पीतगन्धा अक्षताम्बरैः।।

पुष्पदीपोपहारैश्च पूजयित्वा बृहस्पतिम्।
ब्राह्मणान् भोजयित्वा च पीडा शान्ति:भवेद्गुरोः।।

बृहस्पति स्तोत्र अंग्रेजी में (Brihaspati Stotra Lyrics in English)

gururbuhaspatirjiivah suraachaaryo vidaanvarah.
vaagiisho dhishaṇo diirghashmashruah piitaambaro yuvaa..

sudhaadṛshṭiah grahaadhiisho grahapiiḍaapahaarakah.
dayaakarah sowmy muurtiah suraaz: kuṅkamadyutiah..

lokapuujyo lokagururniitijño niitikaarakah.
taaraapatishchaaṅgiraso ved vaidy pitaamahah..

bhaktayaa vṛhaspatismṛtvaa naamaani etaani yah paṭhet.
aarogii balavaan shriimaan putravaan s bhavennarah..

jiived varshashatam martyah paapam nashyati tatkshaṇaat.
yah puujayed guru dine piitagandhaa akshataambaraiah..

pushpadiipopahaaraishch puujayitvaa bṛhaspatim.
braahmaṇaan bhojayitvaa ch piiḍaa shaanti:bhavedguroah..

बृहस्पति स्तोत्र पीडीएफ (Brihaspati Stotra PDF)

बृहस्पति स्तोत्र वीडियो (Brihaspati Stotra Video)

बृहस्पति स्तोत्र विधि (Brihaspati Stotra Vidhi)

  1. बृहस्पति स्तोत्र का पाठ गुरुवार के दिन करना शुभ माना जाता है।
  2. सुबह स्नान करके स्वच्छ कपडे पहनने चाहिए।
  3. कपडे का रंग पीला होना चाहिए।
  4. आसन पर पिले रंग का कपडा बिछाकर उसपर बृहस्पति जी की प्रतिमा या फोटो को स्थापित करे।
  5. इसके बाद बृहस्पति जी का स्तोत्र का पाठ करना शुरू करे।
  6. जिस भी व्यक्ति का यदि बृहस्पति कमजोर हो उसे व्रत भी रखना चाहिए।
  7. केले के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए।

बृहस्पति स्तोत्र लाभ (Brihaspati Stotra Benefit)

  • बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य को ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है। वह पढ़ाई में सफलता प्राप्त करता है और उसके जीवन में सभी प्रकार के कार्य सिद्ध होते हैं।
  • बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य को विद्या और शिक्षा में सफलता मिलती है। वह किसी भी क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकता है और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
  • बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य के वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है। उसके वैवाहिक जीवन में कोई भी समस्या नहीं आती है और वह अपने जीवनसाथी के साथ सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करता है।
  • बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य के सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। वह किसी भी प्रकार के रोग, शोक, भय या अन्य कष्ट से मुक्त हो जाता है।
  • गुरु को उच्च शिक्षा का प्रतीक माना जाता है, और इस स्तोत्र के पाठ से विद्यार्थी उच्च शिक्षा में सफलता प्राप्त कर सकता है।
  • गुरु के शुभ प्रभाव से आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और व्यक्ति को सामाजिक संबंधों में भी लाभ हो सकता है।
  • बृहस्पति स्तोत्र का अभ्यास करने से व्यक्ति अध्यात्मिक और धार्मिक उन्नति में सहायक हो सकता है
  • ग्रहों के अनुकूल बनने के लिए इस स्तोत्र का जप किया जा सकता है, जिससे जातक को ग्रहों के दोषों से मुक्ति मिल सकती है।

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बृहस्पति स्तोत्र से सबंधित प्रश्न (Brihaspati Stotra FAQ)

बृहस्पति स्तोत्र क्या है?

बृहस्पति स्तोत्र (Brihaspati Stotra) नवग्रहो में से एक बृहस्पति (गुरु) को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है। इस स्तोत्र का पाठ गुरुवार के दिन किया जाता है।

बृहस्पति स्तोत्र का पाठ कब और कैसे करना चाहिए?

बृहस्पति स्तोत्र का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है। लेकिन वीरवार के दिन इसका पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करने के लिए किसी शांत और पवित्र स्थान पर बैठें। अपने सामने देवगुरु बृहस्पति की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। अपने हाथों में जल और फूल लेकर देवगुरु बृहस्पति का ध्यान करें। बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करें। पाठ के बाद देवगुरु बृहस्पति से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।

बृहस्पति स्तोत्र का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

बृहस्पति स्तोत्र (Brihaspati Stotra) का पाठ कम से कम एक बार करना चाहिए। लेकिन यदि आप अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आप इसे अधिक बार भी कर सकते हैं।

क्या इसे किसी विशेष विधि से किया जाता है?

इसे ध्यानपूर्वक और श्रद्धाभाव से किया जाना चाहिए। व्यक्ति किसी भी साधना या पूजा के लिए विचार सकता है जो उनकी आस्था के अनुसार हो।

क्या इसे किसी विशेष समय में करना चाहिए?

बृहस्पति स्तोत्र का जप विशेषकर बृहस्पतिवार को किया जाता है, लेकिन कोई भी समय उपयुक्त हो सकता है यदि व्यक्ति इसे नियमित रूप से करना चाहता है।

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