मारुति स्तोत्र (Maruti Stotra) एक शक्तिशाली स्तोत्र है। यह जो हनुमान जी की स्तुति करता है। यह स्तोत्र हनुमान जी को समर्पित है। यह स्तोत्र प्राचीन कल से प्रचलित है मारुति स्तोत्र में हनुमान जी के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है। यह एक शक्तिशाली स्तोत्र है। मारुति स्तोत्र का पाठ करने से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त है जिससे हमारे सभी कार्य सफल होते है।
विषय सूची
मारुति स्तोत्र लिरिक्स (Maruti Stotra Lyrics)
भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुती।
वनारी अंजनीसूता, रामदूता प्रभंजना ।।1।।
महाबळी प्राणदाता, सकळां उठवीं बळें ।
सौख्यकारी शोकहर्ता, धूर्त वैष्णव गायका ।।2।।
दिनानाथा हरीरूपा, सुंदरा जगदंतरा।
पाताळ देवता हंता, भव्य सिंदूर लेपना ।।3।।
लोकनाथा जगन्नाथा, प्राणनाथा पुरातना ।
पुण्यवंता पुण्यशीला, पावना परतोषका ।।4।।
ध्वजांगे उचली बाहू, आवेशें लोटिला पुढें ।
काळाग्नी काळरुद्राग्नी, देखतां कांपती भयें ।।5।।
ब्रह्मांड माईला नेणों, आवळें दंतपंगती।
नेत्राग्नी चालिल्या ज्वाळा, भृकुटी त्राहिटिल्या बळें ।।6।।
पुच्छ तें मुरडिलें माथां, किरीटी कुंडलें बरीं।
सुवर्णकटीकासोटी, घंटा किंकिणी नागरा ।।7।।
ठकारे पर्वताऐसा, नेटका सडपातळू।
चपळांग पाहतां मोठें, महाविद्युल्लतेपरी ।।8।।
कोटिच्या कोटि उड्डाणें, झेपावे उत्तरेकडे ।
मंद्राद्रीसारिखा द्रोणू, क्रोधे उत्पाटिला बळें ।।9।।
आणिता मागुता नेला, गेला आला मनोगती ।
मनासी टाकिलें मागें, गतीस तूळणा नसे ।।10।।
अणूपासोनि ब्रह्मांडा, येवढा होत जातसे।
तयासी तुळणा कोठें, मेरुमंदार धाकुटें ।।11।।
ब्रह्मांडाभोंवते वेढे, वज्रपुच्छ घालूं शके।
तयासि तूळणा कैचीं, ब्रह्मांडीं पाहतां नसे ।।12।।
आरक्त देखिलें डोळां, गिळीलें सूर्यमंडळा ।
वाढतां वाढतां वाढे, भेदिलें शून्यमंडळा ।।13।।
धनधान्यपशुवृद्धी, पुत्रपौत्र समग्रही ।
पावती रूपविद्यादी, स्तोत्र पाठें करूनियां ।।14।।
भूतप्रेतसमंधादी, रोगव्याधी समस्तही ।
नासती तूटती चिंता, आनंदें भीमदर्शनें ।।15।।
हे धरा पंधराश्लोकी, लाभली शोभली बरी।
दृढदेहो निसंदेहो, संख्या चंद्रकळागुणें ।।16।।
रामदासी अग्रगण्यू, कपिकुळासी मंडण।
रामरूपी अंतरात्मा, दर्शनें दोष नासती ।।17।।
मारुति स्तोत्र लिरिक्स अंग्रेजी में (Maruti Stotra Lyrics In English)
Bhimarupi Maharudra, Vajr Hanuman Maruti.
Vanari Amjanisuta, Ramaduta Prabhanjana ..1..
Mahabali Pranadata, Sakalaam Uthavin Baleam .
Sowkhyakari Shokaharta, Dhurt Vaishnav Gayaka ..2..
Dinanatha Harirupa, Sundara Jagadantara.
Patal Devata Hanta, Bhavy Sindur Lepana ..3..
Lokanatha Jagannatha, Prananatha Puratana .
Punyavanta Punyashila, Pavana Paratoshaka ..4..
Dhvajange Uchali Bahu, Aaveshen LoṬIla Pudhen .
Kalagni Kalrudragni, Dekhatan Kanpati Bhayen ..5..
Brahmanḍ Maila Nenon, Aavaleam Dantapangati.
Netragni Chalilya Jvala, BhrkutIi TrahitIlya Baleam ..6..
Puchchh Ten MuradIlen Mathan, KiriṬIi Kundalen Barin.
SuvarnakaṬIikasotIi, Ghantaa KinkinIi Nagara ..7..
Ṭhakare Parvataaisa, Netaka Sadapatalu.
Chapalaamg Pahatan Mothen, Mahavidyullatepari ..8..
KotIchya KotI Uḍdanen, Jhepave Uttarekade .
Mandradrisarikha Dronu, Krodhe UtpatIla Baleam ..9..
AanItaa Maguta Nela, Gela Aala Manogati .
Manasi Ṭaakilen Magen, Gatis Tulna Nase ..10..
Anupasoni Brahmaanda, Yevadha Hot Jatase.
Tayasi Tulna Kothen, Merumandar Dhakuten ..11..
Brahmandabhonvate Vedhe, Vajrapuchchh Ghalun Shake.
Tayasi Tulna Kaichin, BrahmandIin Pahatan Nase ..12..
Aarakt Dekhilen Ḍolaam, Gililen Suryamandala .
Vadhatan Vadhatan Vadhe, Bhedilen Shunyamandala ..13..
Dhanadhanyapashuvrddhi, Putrapowtr Samagrahi .
Pavatii Rupavidyadi, Stotr Pathen Karuniyan ..14..
Bhutapretasamandhadi, Rogavyadhi Samastahi .
Nasatii Tutatii Chinta, Aananden Bhimadarshanen ..15..
He Dhara Pandharashloki, Labhali Shobhali Bari.
Dṛdhadeho Nisandeho, Sankhya Chandrakalagunen ..16..
Ramadasi Agraganyu, Kapikulasi Mandana.
Ramarupi Amtaratma, Darshanen Dosh Nasati ..17..
मारुति स्तोत्र वीडियो (Maruti Stotra Video)
मारुति स्तोत्र विधि (Maruti Stotra Vidhi)
- सर्वप्रथम स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर ले।
- साफ सुथरे और एकांत स्थान में बैठ जाये।
- आपने सामने हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर रखे।
- हनुमान जी को फूल, धुप, दीप आदि अर्पित करे।
- उसके बाद मारुति स्तोत्र का पाठ करे।
- मारुति स्तोत्र का पाठ शांत मन से करे।
- स्तोत्र समाप्त होने के बाद हनुमान जी से प्रार्थना करे की आपकी मनोकामना पूर्ण करे।
मारुति स्तोत्र लाभ (Maruti Stotra Benefits)
- मारुति स्तोत्र का पाठ करने से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- इस स्तोत्र के पाठ से सुख शांति की प्राप्ति होती है।
- मारुति स्तोत्र का पाठ करने से भय का नाश होता है।
- मारुति स्तोत्र का पाठ करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- मारुति स्तोत्र का पाठ करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
मारुति स्तोत्र पीडीएफ (Maruti Stotra PDF)
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मारुति स्तोत्र से जुड़े कुछ प्रश्न (Maruti Stotra FAQ)
मारुति स्तोत्र (Maruti Stotra) किसको समर्पित है ?
मारुति स्तोत्र हनुमान जी को समर्पित है।
मारुति स्तोत्र (Maruti Stotra) का पाठ कब करना चाहिए?
मारुति स्तोत्र का पाठ प्रातः काल स्नान करने के बाद करना चाहिए।
मारुति स्तोत्र (Maruti Stotra) का पाठ कैसे करना चाहिए?
मारुति स्तोत्र का पाठ शुद्ध स्थान में हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठ कर करना चाहिए। हाथ जोड़ कर और आंखें बंद कर के हनुमान जी ध्यान करना चाहिए। उसके बाद मारुती स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
मारुति स्तोत्र (Maruti Stotra) के पाठ से क्या लाभ प्राप्त होते हैं?
मारुति स्तोत्र के पाठ से कई लाभ प्राप्त होते हैं सुख-शांति की प्राप्ति होती है। भय का नाश होता है। सभी कष्टों का मुक्ति मिलती है। मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मारुति स्तोत्र (Maruti Stotra) का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
मारुति स्तोत्र का पाठ 108 बार करना चाहिए। यह बहुत शुभ मानी जाती है।
मारुति स्तोत्र (Maruti Stotra) का पाठ किस दिन करना चाहिए ?
मारुति स्तोत्र का पाठ मंगलवार को करना चाहिए।
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जीतू डनसेना स्नातक के अध्ययन से साथ साथ poojaaarti.com के भजन, चालीसा और आरती के पोस्ट में हमारा सहयोग करती है। उन्हें अध्यात्म के बारे में बारे जानना एवं उनके बारे में लेख लिखना बहुत पसंद है।